अमेरिका फिर से बनाएगा परमाणु हथियार, दुनिया के लिए कितना बड़ा खतरा?
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शांति के प्रतीक स्टेचू ऑफ लिवर्टी और परमाणु हथियार के परीक्षण से निकलता आग का विध्वंसक गोला।
डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने युद्ध विभाग को परमाणु हथियारों का परीक्षण तुरंत शुरू करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने दुनिया के सबसे विनाशकारी परमाणु हथियारों (nuclear weapons) का परीक्षण तुरंत फिर से शुरू करने का आदेश दिया है। अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति के साथ होने वाली मुलाकात से ठीक पहले की।
ट्रंप का कहना है कि “वे ऐसा करना नहीं चाहते थे पर चीन जिस तेजी से हथियार बना रहा है, वह अगले पांच साल में अमेरिका की बराबरी पर आ जाएगा इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि
“परमाणु हथियारों की ‘भारी विनाशकारी ताकत’ के कारण वे इसे दोबारा शुरू नहीं करना चाहते थे, लेकिन “उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप
गौरतलब है कि अभी इस मामले पर चीन व रूस जैसे ज्यादा परमाणु हथियार रखने वाले देशों व अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्थाओं की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
33 साल बाद टूटेगी परीक्षण प्रतिबंध संधि
अमेरिकी सरकार का यह फैसला परमाणु परीक्षणों की रोकने के 33 साल से जारी वैश्विक प्रयासों को झटका है। 1992 में व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) के तहत अमेरिका ने परमाणु परीक्षण रोके थे, जो अब तक प्रभावी था।
1952 में एनिवेटोक में अमेरिका का परमाणु हथियार परीक्षण (credit – US Government)
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला चीन और रूस की ओर से बढ़ते परमाणु खतरे के बीच आया है, जो वैश्विक हथियार दौड़ को भड़का सकता है और दुनिया को पूर्ण विनाश की कगार पर ला खड़ा कर सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे गैर-प्रसार संधि (NPT) कमजोर होगी, और एशिया से यूरोप तक तनाव बढ़ेगा।
नागासाकी के ए-बॉम्ब म्यूजियम में रखा यह प्रदर्शन दिखाता है कि आज दुनिया में कितने परमाणु हथियार बचे हैं। (तस्वीर 2012, Credit: Tim Wright/ICAN via flickr)
‘चीन तीसरे नंबर पर, 5 साल में बराबरी कर लेगा’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने रक्षा विभाग को अन्य परमाणु शक्तियों के साथ “समान आधार” (equal basis) बनाए रखने के लिए परमाणु हथियार परीक्षण को तुरंत फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि “अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश के मुक़ाबले अभी ज़्यादा परमाणु हथियार हैं, रूस इस सूची में दूसरे स्थान पर है और चीन तीसरे स्थान पर है, लेकिन चीन अगले पांच साल में बराबरी पर पहुंच सकता है।”
वे बोले कि “सबसे ज्यादा परमाणु हथियार की उपलब्धि मेरे पहले कार्यकाल के दौरान हासिल हुई, तब हमने मौजूदा हथियारों को पूरी तरह आधुनिक और नया किया था।”
हाइड्रोजन बम का अपग्रेड शामिल
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि ट्रंप ने परमाणु कार्यक्रम को ‘रैंप-अप’ करने का आदेश दिया, जिसमें नए विनाशकारी हथियारों का विकास शामिल है—जैसे हाइड्रोजन बम को अपग्रेड करना।
ड्रैगन कहे जाने वाले चीन ने परमाणु हथियारों के पहले उपयोग न करने की नीति के प्रति प्रतिबद्धता जतायी है। Credit: Stefano Borghi
चीन ने एक साल में 500 परमाणु हथियार बनाए
बीबीसी के मुताबिक, चीन का परमाणु विस्तार (2024 में 500 से अधिक वारहेड्स) अमेरिका को उकसा रहा है, लेकिन परीक्षण फिर शुरू होने से रूस और उत्तर कोरिया जैसे देश भी परीक्षण कर सकते हैं, जिससे हथियार दौड़ तेज हो।
रूस ने हाल में 9M730 बुरेवेस्टनिक का प्रक्षेपण किया
रूस ने पिछले सप्ताह क्रूज मिसाइल को टेस्ट किया
ट्रंप की यह उस घोषणा ऐसे समय में आई है, जब पिछले सप्ताह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने अपनी परमाणु-संचालित बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
यह एक परमाणु-सक्षम हथियार है। रूस का दावा है कि यह किसी भी रक्षा प्रणाली को चकमा दे सकता है, और यूक्रेन युद्ध के बीच देश इसका तैनाती आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है।