- चुनाव से ठीक पहले पुल टूटने के चलते सत्ताधारी दल इस मुद्दे पर चुप।
- फारबिसगंज प्रखंड में परमान नदी पर बना कविलासी पुल धंस गया।
- साल 2019 में 3.80 करोड़ की कीमत से बना था यह पुल।
अररिया | हमारे संवाददाता
बिहार के अररिया में चुनाव से ठीक पहले एक पुल टूट गया जिसने जिले में विकास के दावे की पोल खोल दी है। यह पुल केवल 6 साल पहले करीब पौने चार करोड़ की लागत से बना था और कुछ ही साल में इसकी दशा इतनी खराब हो गई है कि 30 अक्तूबर को इसका एक पिलर टूट जाने से पुल त्रिकोण आकार में लटक गया है।
फारबिसगंज प्रखंड को कौआचार गांव से जोड़ने वाली परमान नदी पर बना कविलासी पुल धंस गया। इस पुल से तस्वीरें लोग सोशल मीडिया पर भी शेयर करके सरकार से बिहार के विकास पर सवाल पूछ रहे हैं।
चुनाव से ठीक पहले टूटे पुल पर सत्ताधारी नेताओं ने चुप्पी साध ली है और विभागीय अधिकारियों ने कह दिया है कि आचार संहिता लगे होने से निर्माण से जुड़े सभी काम बंद हैं। गौरतलब है कि एक साल पहले इसी जिले में सिकटी-कुर्साकांटा को जोड़ने वाले बकरा नदी पर बन रहा एक पुल निर्माण के दौरान ही धंस गया था।
फिलहाल जिले के फारबिसगंज ब्लॉक में बना यह पुल टूट जाने से कई इलाकों का सीधा संपर्क टूट गया है और लोगों को दूसरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है। यह पुल खवासपुर पंचायत के केवलासी गांव में बना है जो कौआचार, पटेगा, ताराबाड़ी, मदनुपर और कुर्साकांटा को जोड़ता है।
कौआचार गांव के लोगों का कहना है कि यह पुल बनने के वक्त ही काफी लापरवाही बरती गई थी, घटिया सामग्री लगाकर पुल बनाने से यह इतनी जल्दी टूट गया।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि उन्होंने बीते मई में पुल की एक प्लेट खिसक जाने की जानकारी विभाग को दी थी लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया।
अगर तब ही देख लिया गया होता तो आज पुल को पूरा बंद करने की नौबत नहीं आती।
इस मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता चन्द्रशेखर कुमार का कहना है कि पुल 2019 में बना था और इसकी गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी विभाग जांच कराई जाएगी।

