Site icon बोलते पन्ने

बिहार चुनाव: क्या कांग्रेस अब भी फैक्टर, राहुल गांधी की मेहनत लाएगी रंग?

पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान संबोधन देते राहुल गांधी (क्रेडिट - @SupriyaShrinate)

पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान संबोधन देते राहुल गांधी (क्रेडिट - @SupriyaShrinate)

पटना| हमारे संवाददाता 

6 और 11 नवंबर को होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी चरम पर है। RJD के नेतृत्व वाला महागठबंधन और नीतीश कुमार की NDA के बीच कांटे की टक्कर है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाकर नया रंग जोड़ा है। राहुल गांधी की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ ने लाखों लोगों को जगाया, पर सवाल यह है कि क्या कांग्रेस बिहार में अब भी फैक्टर है या यह सिर्फ एक शोर बनकर सिमट जाएगी ? आइए जानते हैं इस विश्लेषण में..

‘वोट चोरी’ ने हवा बनाई, चुनाव तक मुद्दा रहेगा?


बिहार कांग्रेस के चुनावी वादों का एक पोस्टर (साभार X @INCBihar)

कांग्रेस का आधार और रणनीति

 

 

 

 


क्या कांग्रेस फैक्टर है?

राहुल और तेजस्वी की जोड़ी ने बिहार में युवाओं को अपील किया।

 

 

 


सासाराम में संबोधित करते तेजस्वी यादव (साभार – तेजस्वी एक्स हैंडल)

तेजस्वी को CM चेहरा न बनाना: सियासी चाल


 

NDA पर कांग्रेस ने चार्जशीट निकाली, क्या बदलेगा प्रचार

नौ अक्तूबर को तेजस्वी यादव ने ‘हर घर को एक सरकार नौकरी’ का वादा किया था, इसी दिन कांग्रेस ने पटना में NDA को ‘डबल इंजन’ (double engine)  नहीं ‘ट्रबल इंजन’ (trouble engine) सरकार बताया और 42 पन्नों की चार्जशीट जारी की। साथ ही, नीतीश के बीस साल को ‘विनाश काल’ कहा।

पटना में कांग्रेस की प्रेसवार्ता।

इससे संकेत मिले कि अब कांग्रेस एनडीए सरकार की भ्रष्टाचारी सरकार के रूप में प्रचारित करना चाहती है, ऐसे में सवाल है कि क्या इससे वोटर प्रभावित होगा और क्या प्रचार का फोकस ‘वोट चोरी’ से आगे बढ़ेगा?

कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा-

“जुलाई-2025 में CAG की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के 10 विभागों में 71 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। यह बिहार का भविष्य नहीं हो सकता।” – बिहार कांग्रेस

Exit mobile version