- गयाजी जिले के टिकारी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों का गुस्सा फूटा।
- चार बार जीत चुके निवर्तमान विधायक अनिल कुमार का विरोध किया।
- सड़क न बनने से नाराज ग्रामीणों ने पत्थर फेंके, विधायक घायल।
गया | अजीत कुमार
बिहार में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, लोगों की जनप्रतिनिधियों से भारी नाराजगी सामने आती जा रही है।
गया जी जिले में टिकारी विधानसभा से चार बार विधायकी जीत चुके अनिल कुमार के ऊपर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। अनिल कुमार टिकारी विधानसभा से अभी सिटिंग विधायक हैं और दोबारा यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं।
टिकारी ब्लॉक के दिघौरा गांव के ग्रामीणों ने विधायक के काफिले को न सिर्फ खदेड़ दिया, बल्कि वे हिंसक हो गए।
विधायक के काफिले की कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए, विधायक से हाथापाई हुई जिसमें विधायक को चोटें आई हैं। विधायक अनिल कुमार ने इसे जानलेवा हमला बताया और कहा कि राजद के लोगों ने ऐसा किया, क्षेत्र की जनता तो उनके साथ है।
हालांकि इस मामले में दिघौरा गांव के लोग कह रहे हैं कि पांच साल में विधायक ने उनके गांव में एक सड़क तक नहीं बनवायी जबकि वे लगातार उनसे गुहार लगा रहे थे।
अनिल कुमार ने टिकारी सीट को 2005 में दो बार हुए विधानसभा चुनाव में जीता । 2010 में दोबारा यही की जनता ने उन्हें जिताया। फिर 2020 में जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के टिकट पर जीते। अब दोबारा इसी पार्टी से टिकारी सीट के लिए टिकट मिला है।
निवर्तमान विधायक के साथ यह घटना 29 अक्तूबर को हुई, इस मामले में 30 नवंबर को पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। विधायक की ओर से कहा गया है कि उनके साथ हुई मारपीट के बाद गार्ड ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। यह भी कहा जा रहा है कि ग्रामीणों की ओर से भी फायरिंग हुई।
इस घटना के बाद इलाके मेें तनाव फैला और दो दिनों तक पुलिस के बड़े अफसरों को कैंप करना पड़ा। अनिल कुमार भूमिहार समाज के नेता हैं और राज्य में आईटी मंत्री भी बने थे। जनता ने 15 साल जिनके ऊपर भरोसा किया, अब उनके खिलाफ जनता की नाराजगी सामने आ रही है।
