- नगर विधायक प्रो. चंद्रशेखर यादव दशहरा बिना निमंत्रण मुरहो मेले में पहुंचे।
- ग्रामीणों ने पूछा- इससे पहले कहां थे? पिछले 15 साल के काम पर सवाल उठाए।
- 45 मिनट तक जनता शिकायतें करती रही, बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
मधेपुरा | राजीव-रंजन
बिहार के मधेपुरा जिले के लगातार तीन बार के नगर विधायक को दशहरा के मौके पर मुरहो मेले में मौजूद जनता ने घेर लिया, और पूछा चुनाव से पहले वे कहां थे?
सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर यादव ने स्थिति संभालने की लाख कोशिश की पर नाराज जनता ने खूब खरी-खोंटी सुनाई, ये वीडियो किसी स्थानीय ने शूट करके फेसबुक पर डाल दिया जो शुक्रवार को वायरल हो गया।
गौरतलब है कि प्रो. चंद्रशेखर बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
दरअसल, गुरुवार (2 अक्तूबर) को दशहरा के मौके पर सदर प्रखंड के मुरहो गांव में लगे एक मेले सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर जा पहुंचे। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वे विधायक से काफी नाराज हैं और उन्होंने मेला के लिए निमंत्रण नहीं दिया था।
इस दौरान आयोजकों ने विधायक को कुर्सी पर बैठाकर सम्मान तो किया पर इस दौरान उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का खूब सामना करना पड़ा।
जैसे ही विधायक मेला स्थल पर पहुंचे, वहां मौजूद जनता ने सवाल खड़े कर दिए—”इतने दिनों से कहां थे?”
जनता 45 मिनट तक बिजली, पानी, रोड आदि स्थानीय समस्याओं की शिकायत करती रही।
इस दौरान कुछ लोगों ने पूरे प्रकरण का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया जो अब खूब वायरल हो रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप था कि चुनाव के समय ही विधायक जनता के बीच दिखाई देते हैं, बाकी समय वह क्षेत्र से गायब रहते हैं।
मेले में परिवार के साथ आए लोगों ने मीडिया के सामने कहा कि जिले में विकास से जुड़ी सरकारी योजनाओं पर बहुत धीमा काम हो रहा है।
विधायक नाराज जनता को समझाते रहे, नारे लगते रहे
बताया जाता है कि विधायक जैसे ही मेले का जायजा लेने पहुंचे, भीड़ में मौजूद कई युवाओं और ग्रामीणों ने बेरोजगारी, सड़क-नाली की बदहाल स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और किसानों की समस्याओं का मुद्दा उठाया। इस दौरान कई बार माहौल गर्म होता दिखा।
हालांकि विधायक ने भीड़ को समझाने की कोशिश की और भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा ही उनकी प्राथमिकता है और वे हर समस्या को दूर करने के लिए सरकार से बात करेंगे।
मेले में चर्चा से ज्यादा विधायक की फजीहत सुर्खियों में रही। ग्रामीणों की नाराज़गी ने साफ कर दिया कि आम जनता अपने प्रतिनिधियों से सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम चाहती है।