- सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में फेंकी पाई गईं पर्चियों को प्रशासन ने जब्त किया।
- चुनाव आयोग ने कहा- मॉक पोल की पर्चियां थीं, चुनाव की शुचिता बरकरार।
समस्तीपुर |
बिहार के समस्तीपुर में 6 नवंबर को हुए चुनाव के बाद कचरे में बड़ी संख्या में वीवीपैट पर्चियां (VVPAT) मिलने का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र (Sarairanjan Assembly Constituency) में ये पर्चियां फेंके जाने का वीडियो जब वायरल हुआ तो मौके पर पहुंचकर प्रशासन ने पर्चियों को जब्त किया। हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि मॉक पोल (mock Poll) की वीवीपैट पर्चियां हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की शुचिता (sanctity) बरकरार है।
कचरे में मिलीं सैंकड़ों फटी हुई और साबुत पर्चियां
जिले के सरायरंजन प्रखंड (Sarairanjan Block) के झाखरा और शीतलपट्टी गांव में वीवीपैट पर्चियां भारी मात्रा में कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं। इसमें काफी मात्रा में पर्चियां ऐसी थीं जो पूरी तरह से फटी हुई थीं, जिसे संभवत: पेपर फाड़ने की मशीन (paper shredding machine) से फाड़ा गया था।
कूड़े में बड़ी संख्या में नष्ट की हुईं पर्चियां भी मिलीं जो कि नियमानुसार सही है, पर इसमें साबुत पर्चियां मिलने से हंगामा हुआ।
पर हैरानी की बात यह है कि काफी मात्रा में साबुत VVPAT पर्चियां भी मिलीं, जिन पर अंकित प्रत्याशी का नाम व चुनाव सिंबल साफ देखा जा सकता है। बता दें कि वोटिंग के बाद ईवीएम मशीन से प्रिंट होकर निकलने वाली पर्ची को VVPAT पर्ची कहते हैं।
DM ने प्रत्याशियों के सामने पर्चियां जब्त कीं
इस मामले में समस्तीपुर डीएम (Samastipur DM) रोशन कुशवाहा ने मौके पर पहुंचकर बताया कि डिस्पैच सेंटर के पास हमें फटी हुईं पर्चियां (shredded slips) मिलीं, जिसमें कुछ साबुत पर्चियां (Unshredded slips) भी मिली हैं। इन पर्चियों को हमने प्रत्याशियों की मौजूदगी में कब्जे में ले लिया है और जांच कराकर पता किया जाएगा कि ये पर्चियां किस समय की हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में संबंधित ARO को लापरवाही के लिए निलंबित किया जा रहा है और एफआईआर दर्ज की जा रही है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कमीशनिंग के दौरान 5% मशीनों पर 1000-1000 वोट का मॉक पोल होता है और सभी प्रत्याशियों के प्रतीक की लोडिंग जांचने के लिए बटन दबाकर परीक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्थल पर काफी संख्या में कटी हुई पर्चियां भी मिली हैं, जिसकी जांच जारी है।
EVM पर बटन दबाने के बाद निकली है वीवीपैट पर्ची
जिस VVPAT पर्ची के लावारिस हालत में पड़े होने के बाद हड़कंप मच गया है, उसकी अहमियत समझ लेना जरूरी है। दरअसल, 2019 से हर चुनाव में वीवीपैट को लागू कर दिया गया था ताकि वोटर को यह सुनिश्चित हो सके कि जिस प्रत्याशी के नाम के आगे उन्होंने बटन दबाया है, उनका वोट उसी को गया है या नहीं। VVPAT का पूरा नाम वोटर वेरिफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल है। इस व्यवस्था के तहत वोट डालने के तुरंत बाद काग़ज़ की एक पर्ची बनती है, जिस पर उम्मीदवार का नाम व चुनाव चिह्न छपा होता है। यह पर्ची सात सेकंड के लिए ईवीएम मशीन पर दिखने के बाद अंदर चली जाती है। ईवीएम पर पड़े वोट और वीवीपैट पर्चियों का मिलान करके यह पता किया जा सकता है कि वोटिंग में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है।

