- ‘सीएम महिला रोजगार योजना’ के तहत पात्र महिलाओं को सहायता राशि भेजने की तारीखों का ऐलान।
- 3 अक्तूबर से 26 दिसंबर तक 14 तारीखों पर सरकार की ओर से पात्र महिलाओं को रूपया दिया जाएगा।
पटना |
बिहार में NDA सरकार के कार्यकाल की वैधता आगामी 22 नवंबर, 2025 को खत्म हो जाएगी, पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि अगले 26 दिसंबर तक वह स्वरोजगार के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि भेजते रहेंगे।
गौरतलब है कि यही वह समय होगा जब बिहार की जनता अगले पांच साल के लिए अपनी सरकार चुन रही होगी।
सीएम महिला रोजगार योजना के तहत बिहार की कुल 1.4 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। बिहार में महिला वोटर ‘किंगमेकर’ मानी जाती हैं।
गौरतलब है कि बीते 26 सितंबर को इस योजना की पहली किश्त भेजी गई थी। अब सरकार ने आगामी 14 चरणों की तारीख घोषित की हैं। जिसमें 3 अक्तूबर से 26 दिसंबर तक 14 तारीखों पर सरकार की ओर से सभी पात्र महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे जाएंगे।
सरकार का कहना है कि यह राशि महिलाओं को स्वरोजगार या छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है।
3 अक्तूबर को नीतीश 25 लाख महिलाओं को भेजेंगे राशि
26 सितंबर को पहले चरण में पीएम मोदी के जरिए बिहार की 75 लाख महिलाओं को 10 हजार की राशि भेजी गई थी। अब अगली किश्त खुद नीतीश कुमार 3 अक्टूबर को पटना से भेजेंगे। राज्य की करीब 25 लाख महिलाओं के खाते में इसे सीधे ट्रांसफर किया जाएगा।
इस तरह बिहार की एक करोड़ महिलाओं को चुनाव घोषणा से पहले लाभ मिल जाएगा।
इसके लिए पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास में विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से यह राशि भेजेंगे। कार्यक्रम में दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
आचार संहिता के दौरान राशि वितरण, चुनाव आयोग की चुनौती
चुनाव आयोग को वर्तमान सरकार का कार्यकाल खत्म होने की तारीख (22 नवंबर) से पहले चुनाव कराकर रिजल्ट घोषित करने हैं। इस दौरान नीतीश सरकार की ओर से महिला स्वरोजगार योजना की पात्र लाभार्थियों को दस-दस हजार रुपये भेजे जाने की 8 तारीखें पडे़ंगी।
जबकि 22 नवंबर के बाद पांच तारीखों पर रुपये भेजे जाने हैं।
ऐसे में यह देखने योग्य होगा कि आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव आयोग, सरकार को यह राशि भेजने देता है या नहीं क्योंकि इससे महिला वोटरों के प्रभावित होने की भरपूर संभावना जतायी जा रही है।
आवेदन करके मदद पा सकती हैं महिलाएं
महिला लाभार्थी जीविका स्वयं सहायता समूह या ग्राम संगठन (VO) के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं किसी समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे निर्धारित तिथियों पर सीधे आवेदन जमा कर सकती हैं।
सरकार का कहा है कि यह राशि सीधे DBT के जरिए बैंक खाते में आएगी, बीच में कोई बिचौलिया नहीं होगा।
22 फीसदी महिला वोटरों को साधने की तैयारी
2020 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या करीब 3.39 करोड़ है। इनमें से लगभग 22 फीसदी महिलाओं को इस योजना का सीधा फायदा मिलेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना केवल आर्थिक सशक्तिकरण ही नहीं बल्कि महिला वोट बैंक को मजबूत करने की कवायद भी है।