पति के गुजरने के बाद करवाचौथ के मौके की टीस को कविता में बयां किया गया है। यह कविता जीवनसाथी की याद और बिछुड़न की कलात्मक अभिव्यक्ति है। इस कविता को लिखा और प्रस्तुत किया है शिवांगी ने। हमारी कविता श्रृंखला में आप जो भी कविताएं सुनेंगे.. वे सभी मूल सामग्री हैं। कविता सुनिए और अपना फीडबैक दीजिए।
करवाचौथ : इंतजार की अमावस्या …

अमावस्या
