- नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों की आलोचना करने वाले प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी पर विश्लेषण
पटना | हमारे संवाददाता
प्रशांत किशोर बिहार में नया सियासी प्रयोग हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर (पीके) की जन सुराज पार्टी (JSP) चर्चा का केंद्र बनी है।
हालांकि हालिया पोल उन्हें कम सीटें दिखाते हैं, लेकिन वोट बंटवारे से NDA-RJD को नुकसान संभव। अगर पीके युवा गुस्से को संगठित कर पाए, तो उलटफेर मुमकिन।
क्या वे गेम-चेंजर होंगे या वोट कटवा का तमग़ा मिलेगा ? आइए इस विश्लेषण के जरिए बिहार की सियासत में PK इफेक्ट (प्रभाव) को समझते हैं।
प्रशांत किशोर की ताकत: JSP की रणनीति और प्रभाव
- पृष्ठभूमि: पीके ने 2014 में मोदी और 2015 में नीतीश-लालू की जीत में रणनीति बनाई। 2022 में जनसुराज पार्टी (JSP) बनाकर सीधे सियासत में कूदे।
- मुख्य मुद्दे: शिक्षा, रोजगार, पलायन और भ्रष्टाचार पर फोकस। BPSC आंदोलन में शामिल होकर युवा गुस्से को भुनाया।
- वोट का दावा: 48% वोट जीतने का दावा करते हैं, जिसमें NDA व महागठबंधन से 10-10% वोट काटने और 28% ऐसा वोट पाने का गणित है, जो 2020 में इन दोनों गठबंधन की पार्टियों की जगह छोटे दलों को चला गया था।
- उम्मीदवारी: खुद चुनाव लड़ने की घोषणा की है, नौ अक्टूबर को उम्मीदवार सूची जारी करेंगे।
- 60-40 फॉर्मूला: 40% हिंदू (नॉन-यादव OBC, EBC, अगड़ी जातियां) + 20% मुस्लिम वोट।
नीतीश-तेजस्वी दोनों पर हमलावर
- नीतीश पर निशाना: पीके का दावा है कि ‘JDU को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी, वरना राजनीति छोड़ देंगे।’ नीतीश को ‘शारीरिक रूप से थका’ बताया।
- तेजस्वी पर तंज: पीके का कहना है कि तेजस्वी का ’10 लाख नौकरी’ का वादा खोखला। युवा वोटरों को साधने की कोशिश जो बिहार की 60% आबादी।
- मुस्लिम रणनीति: RJD को ऑफर— मुस्लिम उम्मीदवारों पर टकराव न हो, जहां वे मुस्लिम उतारें, वहां जनसुराज नहीं उतारेगी। पर ऐसा शर्त के साथ। यह लालू के MY समीकरण को चुनौती।
जनसुराज : चुनौतियां और जोखिम
- कमजोर संगठन: JSP का ग्राउंड नेटवर्क कमजोर। BJP-JDU-RJD की तुलना में कैडर सीमित।
- वोट कटवा टैग: कई प्री सर्वे JSP को 2-5 सीटें देते हैं, इससे JDU-RJD को ज्यादा नुकसान संभव।
- हिन्दू वोट प्रभावित : केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में रैलियां करने पर उन्हें मुस्लिम समर्थन मिला पर कहा जाता है कि हिन्दू अपरकास्ट वोट छिटका।
सर्वे और संभावनाएं
सर्वे/स्रोत |
NDA सीटें |
महागठबंधन |
JSP |
अन्य |
मैट्रिक्स–आईएएनएस |
150-160 |
70-85 |
2-5 |
5-10 |
इंडिया टुडे |
145-155 |
75-90 |
1-3 |
5-8 |
- वोट प्रभाव: JSP शहरी और युवा वोटरों में लोकप्रिय। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव सीमित।
- गठबंधन की अटकलें: चिराग पासवान (LJP) के साथ गठजोड़ की अफवाह। दोनों 243 सीटों पर लड़ सकते हैं।
- AAP का प्रवेश: आप की 243 सीटों पर दावेदारी JSP के कैडर को प्रभावित कर सकती है।
बिहार के जातीय समीकरण पर PK की रणनीति
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1990 में लालू का MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण। 2005 में नीतीश का लव-कुश (EBC, महिलाएं) फॉर्मूला।
- PK की रणनीति: जाति से ऊपर विकास पर जोर। EBC, मुस्लिम और युवा वोटरों को साधने की कोशिश। MY और लव-कुश समीकरणों को तोड़ने की चुनौती। मुस्लिम वोट बंटवारा RJD के लिए खतरा।
क्या कहते हैं आलोचक?
- विपक्षी: पीके को ‘राजनीतिक पर्यटक’ कहकर खारिज करते हैं। संगठन की कमी पर सवाल।
- समर्थक: बिहार के बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘बिहार का बेटा’ की आवाज।
- BJP की चिंता: दिल्ली की बैठकों में JSP के ‘खौफ’ की चर्चा। त्रिकोणीय मुकाबला संभव।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय