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नेपाल में बाढ़ कैसे आई, अभी क्या हालात हैं?

नेपाल का दृश्य (फाइल फोटो)

नेपाल का दृश्य (फाइल फोटो)

नई दिल्ली|
नेपाल में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ से तबाही मची है, जिसमें अब तक कम से कम 52 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां तीन अक्तूबर से लगातार बारिश हो रही है जिसने बीते 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब तक 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। 
तेज बारिश के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी ढहने (landslide) से नदियों में मलबा बढ़ा और सप्तकोसी समेत कई नदियां उभार पर हैं। इससे कई गांव के गांव बह गए हैं। हाईवे बंद हैं,  कई सड़कों, पुलों को यह बाढ़ बहा ले गई है।
पहले से कमजोर चल रही नेपाल की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली सरकार हालात से निपटने में लगी है।
नेपाल की स्थिति को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दुख जताया और पड़ोसी राज्य में मदद कार्य के लिए आश्वासन दिया है।
Live Update 
  • नेपाल के 11 जिलों में भूस्खलन और बाढ़, 52 मौतों की पुष्टि, दर्जनों लापता। 100 से ज्यादा घर तबाह।
  •  काठमांडू, पोखरा, और पूर्वी नेपाल के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित, 5000 से अधिक विस्थापित।
  • काठमांडू में राहत कार्य तेज, सेना और पुलिस बचाव में जुटी, 200 से अधिक लोग प्रभावित।
  • नेपाली सरकार की ओर से चल रहे राहत कार्य में बारिश बड़ी बाधा बन गई है। 
  • भारी बारिश 3 अक्टूबर से शुरू, कोसी नदी उफान पर, बिहार सीमा पर खतरा
  • UN ने आपात सहायता की घोषणा, बीमारी फैलने का जोखिम बढ़ा।
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