- चाइबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में चढ़ाया गया संक्रमित खून।
- हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर स्वास्थ्य सचिव को तलब किया।
- अगले दिन मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जन व दो अफसरों को सस्पेंड किया।
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चाइबासा | राहुल शर्मा
झारखंड में एक सरकारी ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित खून चढ़ा देने का मामला सामने आया है। इस घटना में पांच थैलेसीमिक बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए हैं। इस हैरान-परेशान करने वाली घटना पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जांच करायी। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिला सिविल सर्जन समेत अन्य अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।
इस मामले में झारखंड के विपक्षी दल भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है। दूसरी ओर, हैरानी की बात यह भी है कि ब्लड बैंक कर्मी पर बच्चे को जानबूझकर HIV पॉजिटिव खून चढ़ाने का आरोप परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाया है। इतना ही नहीं, जिस सामाजिक कार्यकर्ता माधव चंद्र कुंकल ने इस मामले का 24 अक्तूबर को स्थानीय मीडिया के सामने खुलासा किया, उन्हें 26 अक्तूबर को जिला पुलिस ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
ये पूरा मामला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाइबासा का है। यहां के जिला अस्पताल में एक थैलेसीमिया पीड़ित 7 साल के बच्चे की 18 अक्तूबर को हुई जांच में पाया गया कि उसके शरीर में HIV संक्रमण के लक्षण हैं। इस बच्चे को खून 13 सितंबर को चढ़ाया गया था। गौरतलब है कि इस बच्चे को इससे पहले 20 से अधिक बार जिला अस्पताल के ही ब्लड बैंक से खून चढ़ाया चुका था पर ऐसा कभी नहीं हुआ। इस घटना के बाद जिला प्रशासन से उसी अवधि में जिन और थैलेसीमिक बच्चों को खून चढ़ा था, उन्हें आइडेंटिफाई करके जांच करवाई जिसमें चार और बच्चे HIV संक्रमित पाए गए।
इस घटना ने पूरे हेल्थ सिस्टम पर सवाल उठा दिए हैं, सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य की सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराने का आदेश दिया है।
बीजेपी की ओर से इस HIV जांच रिपोर्ट को फेसबुक पर जारी किया गया, जिसमें 18 अक्तूबर को एक बच्चे की जांच हुई है।
7 साल के थैलेसीमिक बच्चे में मिले थे HIV लक्षण
ये पूरा मामला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाइबासा का है। यहां सदर अस्पताल (District Hospital Chaibasa) में एक थैलेसीमिया पीड़ित 7 साल के बच्चे की 18 अक्तूबर को हुई जांच में पाया गया कि उसके शरीर में HIV संक्रमण के लक्षण हैं। इस बच्चे को खून 13 सितंबर को चढ़ाया गया था। गौरतलब है कि इस बच्चे को इससे पहले 20 बार से अधिक बार जिला अस्पताल के ही ब्लड बैंक से खून चढ़ाया चुका था पर ऐसा मामला कभी नहीं आया।
इस घटना के बाद जिला प्रशासन से उसी अवधि में जिन और थैलेसीमिक बच्चों को खून चढ़ा था, उन्हें आइडेंटिफाई करके जांच करवाई जिसमें चार और बच्चे HIV संक्रमित पाए गए।
जानबूझकर गलत खून चढ़ाया गया : एक्टिविस्ट कुंकल
इस बात का खुलासा बीते 24 अक्तूबर को स्थानीय मीडिया के सामने एक सामाजिक कार्यकर्ता माधव चंद्र कुंकल ने किया जो कि मजदूर कामगार यूनियन के नेता भी हैं। एक्टिविस्ट माधव चंद्र कुंकल ने गंभीर आरोप लगाया कि
“ब्लड बैंक कर्मी मनोज कुमार ने बदले की भावना से चलते ऐसा किया क्योंकि उसके खिलाफ सात बर्षीय थैलेसीमिक बच्चे की बुआ ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर FIR दर्ज करवाई थी। ये मामला अदालत में चल रहा है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।” – माधव चंद्र कुंकल के आरोप
हाईकोर्ट की जांच से पता लगा 5 बच्चे संक्रमित हुए
स्थानीय मीडिया में मामला प्रकाशित होने के बाद इस मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से रिपोर्ट मांगी। तब 25 अक्तूबर को राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक के नेतृत्व में 5 सदस्यीय एक जांच टीम चाईबासा सदर अस्पताल पहुंची। स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने तब स्थानीय मीडिया को बताया कि इसी दिन 4 और बच्चों को खून चढ़ा था जिनकी रिपोर्ट भी HIV पॉजिटिव आई है। इनमें से दो बच्चे अभी भी सदर अस्पताल के पीकू वार्ड (पेडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती हैं।

