नई दिल्ली |
क्या आप नमक और चीनी के बिना अपने भोजन की कल्पना कर सकते हैं? ठीक इसी तरह क्या आप यह कल्पना भी कर पाएंगे कि भारतीय बाजारों में बिक रहे नमक व चीनी के अधिकांश ब्रांडों में प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण यानी माइक्रो प्लास्टिक मौजूद है? जी हां, ये बेहद चौंकाने वाले नतीजे एक वैज्ञानिक शोध से सामने आए हैं जिसके जरिए भारत में खाई जा रही चीनी और नमक की गुणवत्ता को परखा गया। इस जांच में पाया गया है कि ऐसा कोई मीठा-नमकीन खाद्य पदार्थ नहीं था जिसमें माइक्रो प्लास्टिक न पाई गई हो। माइक्रो प्लास्टिक से शरीर में कैंसर हो सकता है। यानी भोजन करते हुए हम अनजाने मेें कैंसर को दावत दे रहे हैं।
बाजार व ऑनलाइन बिकने वाली नमक व चीनी को जांचा
पर्यावरण अनुसंधान संगठन टाक्सिक्स लिंक ने 13 अगस्त को एक शोध रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक ‘नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक’ है। इस अध्ययन में भारतीय बाजारों में बिकने वाले दस तरह के नमक और पांच तरह की चीनी का परीक्षण किया गया। टॉक्सिक्स लिंक ने इस स्टडी के लिए सफेद नमक, सेंधा नमक, समुद्री नमक और कच्चा नमक सहित आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली नमक की 10 किस्मों और चीनी के 5 तरह के नमूनों को ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों से खरीदा। इनमें नमक के दो और चीनी के एक सैंपल को छोड़कर बाकी सभी ब्रांडेड थे। आर्गेनिक चीनी के सैंपल में इसकी मात्रा न्यूनतम पाई गई।
एक किलो नमक में प्लास्टिक के कण
– 6.71 से 89.15 टुकड़े माइक्रो प्लास्टिक के पाए गए नमक की अलग-अलग वैरायटी के नमूनों में।
– 89.15 टुकड़े माइक्रो प्लास्टिक के मिले, प्रति किलोग्राम आयोडीन युक्त नमक में जो सर्वाधिक है।
– 6.70 टुकड़े माइक्रो प्लास्टिक के मिले प्रति किलोग्राम ऑर्गेनिक रॉक सॉल्ट में, जो सबसे कम है।
एक किलो चीनी में प्लास्टिक के कण
चीनी के नमूनों में माइक्रो प्लास्टिक की मात्रा 11.85 से 68.25 टुकड़े प्रति किलोग्राम तक पाई गई, जिसमें सबसे अधिक मात्रा गैर-ऑर्गेनिक चीनी में पाई गई। यानी शोध के परिणामों के हिसाब से ऑर्गेनिक चीनी तुलनात्मक रूप से सेहत के लिए सुरक्षित है।
नमक-चीनी के सभी नमूनों में क्या मिला
- नमूनों में फाइबर, रेशों, छर्रों, टुकड़ों, पतली झिल्ली सहित कई रूपों में मौजूद मिली माइक्रो प्लास्टिक।
- यह प्लास्टिक आठ रंगों की थी जो पारदर्शी, सफेद, नीला, लाल, काला, बैंगनी, हरा और पीला शामिल हैं।
- नमक-चीनी के नमूनों में पाई गई माइक्रो प्लास्टिक का आकार 0.1 मिमी से लेकर 5 मिमी तक था।
आयोडीन युक्त नमक में सबसे ज्यादा माइक्रो प्लास्टिक
अध्ययन के मुताबिक, आयोडीन युक्त पैक किए हुए नमक में सबसे ज्यादा माइक्रो प्लास्टिक की मात्रा पाई गई। यह माइक्रो प्लास्टिक नमक के नमूनों में बहुरंगी पतले रेशों और फिल्मों के रूप में मौजूद मिली।
हमारे अध्ययन में नमक और चीनी के सभी नमूनों में माइक्रो प्लास्टिक की अच्छी खासी मात्रा का पाया जाना सबसे चिंताजनक है। मानव स्वास्थ्य पर माइक्रो प्लास्टिक के प्रभावों के बारे में तत्काल और व्यापक अनुसंधान की जरूरत है। – सतीश सिन्हा, एसोसिएट निदेशक, टाक्सिक्स लिंक
क्यों हुआ शोध
शोधकर्ता संस्था के मुताबिक, इस शोध के जरिए वे माइक्रो प्लास्टिक पर मौजूदा वैज्ञानिक डाटाबेस को विस्तार देना चाहते थे ताकि प्लास्टिक पर वैश्विक संधि के जरिए इस मामले पर ज्यादा केंद्रित होकर हल निकाला जा सके।