- लखीसराय में डिप्टी CM ने कहा था- बूथ चोरी हुई।
- खेसियारी गांव के लोग रोड न बनने से नारेबाजी कर रहे थे।
- सड़क न बनने से नाराज लोगों ने डिप्टी सीएम पर गोबर फेंका।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार के पहले चरण का चुनाव खत्म होते-होते NDA सरकार में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने RJD पर बूथ चोरी का बड़ा आरोप लगा दिया था, जिसे नेशनल मीडिया ने सत्ता के पक्ष में भुनाने की कोशिश की। इस पूरे नैरेटिव को लखीसराय जिलाधिकारी ने ही खारिज कर दिया।
लखीसराय के डीएम मिथिलेश मिश्र के बयान से साफ हो जाता है कि दरअसल ये पूरा मामला स्थानीय विधायक रहे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ जनता की नाराजगी का था।
डीएम ने साफ कहा कि बूथ पर न तो वोटिंग रुकी और न ही बूथ चोरी जैसा कोई मामला था। दरअसल विजय कुमार सिन्हा वोटिंग के दौरान जब खेसियारी गांव के बूथ पर जा रहे थे तो गांव के लोगों ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया, उनके व उनके समर्थकों के साथ गालीगलौज हुई और उनके ऊपर गोबर फेंका गया।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी का 6 नवंबर की शाम को मीडिया के सामने आया बयान काफी साहसिक माना जा रहा है क्योंकि नेशनल मीडिया में यह पूरा मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका था और कहा जा रहा था कि राजद के लोग दोबारा ‘जंगल राज’ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि बिहार में मतदान केंद्र को हथिया लेने जैसी घटनाएं बीते कई साल से दर्ज नहीं की गई हैं।
डीएम ने बताया कि डिप्टी सीएम को घेर लिए जाने की शिकायत मिलने पर जब हम वहां गए तो डिप्टी सीएम व उनके समर्थक गांव के बाहर मौजूद थे, उन्होंने बताया कि उन्हें अपशब्द कहे गए और गोबर फेेका गया।
डीएम ने कहा कि जब हम पहुंचे तो भी डिप्टी सीएम के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी और विरोध खुलेतौर पर दिख रहा था। लोगों का विरोध गांव की रोड की बदहाल स्थिति को लेकर था। वे बोले- चूंकि डिप्टी सीएम स्थानीय विधायक हैं इसलिए लोग विकास कार्य न होने से नाराज चल रहे थे। इस बूथ पर सुबह भी लोगों ने विरोध किया था तब एसपी वहां पहुंचे थे।
डीएम ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता को विरोध करने का अधिकार है, हालांकि वहां कोई पथराव नहीं हुआ।
बिहार में पांच साल चली सरकार के डिप्टी सीएम के खिलाफ जनता की ऐसी भारी नाराजगी ने NDA नेताओं के माथे पर बल जरूर डाले हैं। हालांकि इस मामले को NDA नेता बूथ कैप्चर करने की कोशिश के रूप में ही दर्शाते देखे गए।

