- राजद से जीतीं और भाजपा में चली गईं विधायक का भारी विरोध।
- जनसंपर्क करने गईं तो ग्रामीणों ने नारेबाजी की, तुरंत लौटना पड़ा।
- ग्रामीणों का कहना है कि विधायक ने पांच साल में कोई काम नहीं कराया।
कुदरा (कैमूर) | हमारे संवाददाता
बिहार में जनप्रतिनिधियों का हाल देखने लायक है, जनता की गहरी नाराजगी के बाद भी यहां के नेता एक पार्टी के टिकट पर जीतकर पांच साल विधायकी चला ले रहे हैं और दूसरी पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट भी दे दे रही है।
जब ये नेता जनसंपर्क के लिए पहुंच रहे हैं तो जनता का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। गनीमत है कि चुनाव के लिए नॉमिनेशन पूरा हो चुका है, पार्टी अपने प्रत्याशी से टिकट वापस नहीं ले सकती।
बिहार के कैमूर जिले में एक महिला विधायक के खिलाफ इतनी गहरी नाराजगी देखने को मिली कि विधायक को तुरंत गाड़ी में बैठकर लौटना पड़ गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विधायक ने कहा कि कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लड़कों ने उन्हें घेरने की कोशिश की।
मोहनिया विधानसभा की यह विधायक संगीता कुमारी 2020 में तेजस्वी यादव की पार्टी RJD से जीती थीं, फिर वे भाजपा में आ गईं और इस बार के चुनाव में उन्हें भाजपा ने इसी सीट से टिकट दे दिया है।
निवर्तमान विधायक जब चुनाव प्रचार के लिए 26 अक्तूबर को मोहनपुर गांव के गोवर्धनपुर व रामपुर टोला के पास पहुंचीं तो लोगों ने जमकर विरोध किया। जिसके बाद वे प्रचार करने की बजाय गाड़ी में बैठकर लौट गईं।
विरोध करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि उनके इलाके में न तो पांच साल में कभी विधायक आईं और न ही कोई विकास का काम हुआ है।

