- सासाराम के तिलौथी प्रखंड के एक निजी रेजिडेंशियल को-एजुकेशन स्कूल में रहकर पढ़ रही थी बच्ची
- 13 साल की बच्ची से गैंगरेप में 4 लोग गिरफ्तार, एसपी बोले- अभी न पुष्टि कर सकते हैं और न खंडन
- दुष्कर्म पीड़िता के मेडिकल को लेकर बाल कल्याण समिति पर सिविल सर्जन ने लगाया गंभीर आरोप
तिलौथू (सासाराम) | अमित कुमार
एक नामी निजी आवासीय स्कूल में पढ़ रही 13 साल की बच्ची से गैंगरेप की घटना सामने आई है, जिसमें पुलिस ने स्कूल के ही चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बुधवार सुबह एसपी रौशन कुमार ने कहा है कि ‘अभी तक की जांच के आधार पर न तो वे इस मामले की पुष्टि कर सकते हैं और न तो खंडन करना ही संभव है।’
एसपी ने कहा है कि ‘मामले की जांच बाल कल्याण समिति (CWC) की मदद से की जा रही है।’ बलात्कार के इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि जिस CWC पर पीड़ित बच्ची की सुरक्षा का जिम्मा है, उसने खांसी-जुकाम बताकर बच्ची को मेडिकल कराने जिला अस्पताल भेजा।
सिविल सर्जन बोले- ‘खांसी-जुकाम में मेडिको-लीगल कैसे करें’
सासाराम सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन ने बीते मंगलवार को मीडिया को बताया कि ‘समिति की ओर से बच्ची को हेल्थ चेक-अप के लिए इस दरख्वास्त के साथ भेजा गया कि उसे खांसी-बुखार-जुकाम है! ऐसे में किस तरह उसकी मेडिको-लीगल जांच की जा सकती थी?‘ सिविल सर्जन का कहना है कि जब सदर अस्पताल में बच्ची को इस कागज के साथ लाया गया तो उनकी टीम ने यह मामला उन्हें बताया, बाद में दरख्वास्त बदलकर लड़की की मेडिको-लीगल जांच की जा सकी। हालांकि इस जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई या नहीं..इस पर सिविस सर्जन ने जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह मामला उन्हें छेड़छाड़ का जान पड़ता है, न कि रेप का।
“हमारे हेल्थ मैनेजर ने बताया कि एक बच्ची को लेकर बाल सुधार गृह के अध्यक्ष संतोष कुमार ने एक पत्र लिखकर एक बच्ची का मेडिकल कराने को भेजा है, जिसमें लिखा है कि बच्ची का सर्दी, जुकाम-बुखार..इत्यादि मेडिकल जांच करके जांच प्रतिवेदन दें। उस पर हमारे डॉक्टर का कहना था कि इसमें कहां लिखा है कि बच्ची का रेप हुआ है कि हम मेडिको-लीगल करें? इसके बाद हमने अपने हेल्थ मैनेजर को बोला कि उनके कहो कि अगर मेडिकल कराना है तो दरख्वास्त को बदल दें।” – डॉ. मणिराज रंजन, सिविल सर्जन
हॉस्टल में रहकर कक्षा तीन में पढ़ती है मासूम बच्ची
तिलौथू प्रखंड के इंद्रपुरी थानाक्षेत्र में एक आवासीय स्कूल में यह बच्ची कक्षा तीन की छात्रा है। बच्ची की बुआ इसी स्कूल में चल रहे एक सिलाई-कढ़ाई केंद्र में काम करती है, जिनके जरिए बच्ची का दाखिला यहां हुआ। बच्ची के पिता का देहांत हो चुका है और मां व बड़ा भाई पटना में किराए के मकान में रहकर जैसे-तैसे जीवन चला रहे हैं। बच्ची की मां ने मीडिया को बताया कि अपनी ननद के जरिए उन्होंने बेटी का दाखिला इस स्कूल में कराया था।
थाने पहुंची मां ने घटना पर चुप्पी साधी
थाने पर मौजूद मां से मीडिया ने कई बार पूछा गया कि वे थाने पर किस कारण से आई हैं? इसके जवाब में महिला ने यही बताया कि उनके पास पुलिस का फोन आया था तब वे अपने बेटे संग यहां आई हैं और पुलिस के कहने पर एक आवेदन दिया है। महिला ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली कि आखिर पुलिस ने क्या सूचना देकर उन्हें थाने पर बुलाया। महिला ने बताया कि 15 दिन पहले ही वे अपनी बेटी को स्कूल छोड़ गई थीं जो छुट्टी में घर आई थी।
घटना के दो दिन बाद भी प्रशासन चुप
बच्ची से कथित रूप से गैंगरेप की घटना सोमवार रात की बतायी जाती है। इस बात का खुलासा मंगलवार की दोपहर तीन बजे के आसपास तब हुआ जब बच्ची के सदर अस्पताल में मेडिकल कराने की बात सामने आई। तब स्थानीय थानाध्यक्ष ने जानकारी दी कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मीडियाकर्मियों ने इस बाबत सिविल सर्जन से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट किया कि CWC की ओर से एक बच्ची को जांच के लिए भेजा गया है, फिर उन्होंने कागज में खांसी-जुकाम लिखे होने की जानकारी दी। इस बाबत मंगलवार की रात तक बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने चुप्पी साधे रखी और बुधवार की सुबह लिखित बयान आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप पर जारी किया, जिसमें घटना की कोई डिलेट नहीं बतायी गई है। अधिकारी का बयान –
इस मामले में बाल कल्याण समिति के सहयोग से सभी तकनीकी बिंदुओं पर अनुसन्धान जारी है। अभी तक के अनुसंधान से इस घटना की पुष्टि या खंडन स्पष्ट रूप से करना संभव नहीं है। तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण जारी है। विश्लेषण से स्थिति स्पष्ट होने पर अपडेट किया जाएगा। – रौशन कुमार, एसपी, रोहतास जिला
पॉस्को के तहत होनी चाहिए त्वरित कार्रवाई
चूंकि सामूहिक बलात्कार की पीड़ित बच्ची मात्र 13 साल की है, ऐसे में पॉस्को एक्ट के तहत बच्ची का त्वरित इलाज व मेडिकल जांच की जानी चाहिए। इस मामले में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने केस में पॉस्को की धारा जोड़ी हैं या नहीं।
पीड़ित बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है CWC