- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की ओर से लगाई तत्काल आदेश स्थगन की याचिका खारिज की।
- संभल के रायन बुझुर्ग गांव की मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर विध्वंस करने का नोटिस जारी किया था।
- मस्जिद कमेटी ने डीएम से चार दिन की मोहलत मांगी, मस्जिद के कुछ हिस्से को खुद ही हैमर से तोड़ा।
नई दिल्ली|
संभल जिले से 10 किलोमीटर दूर रायन बुझुर्ग गांव की मस्जिद को स्थानीय प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बताकर तोड़ने का आदेश दिया है।
चार दिन की मोहलत के बाद शुक्रवार (3 अक्तूबर) को मस्जिद में जुमा नमाज़ हुई, और समाज के कुछ लोगों ने हैमर से इसके कुछ हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया। मस्जिद कमेटी का कहना है कि हमने पहले ही उस हिस्से को तोड़ दिया है जो सरकारी जमीन पर था।
इस बीच, मस्जिद प्रबंधन की तुरंत सुनवाई की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार (4 अक्तूबर) को खारिज कर दिया।
दशहरा के अवकाश के बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष बेंच ने इस याचिका पर दो दिन सुनवाई की। जिसके बाद शनिवार को हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि पूरे देश में बुलजोडर कार्रवाई के खिलाफ जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ।
याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। जिले में कुछ संगठनों के संभावित विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 200 पुलिस बल तैनात किया गया है, जिले में शांति भंग की धारा लागू कर दी गई है।
साथ ही जिला प्रशासन संभावित इंटरनेट बंदी के विकल्प पर भी विचार कर रहा है।
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लाइव अपडेट
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद प्रबंधन की याचिका खारिज की, जिसमें विध्वंस नोटिस पर रोक लगाने की मांग थी। कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया वैध है, हालांकि याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट व अन्य समाधानों के विकल्प अपनाने को सलाह दी है।
- मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही, वकील ने कहा- “हम कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे”।
- UP सरकार का दावा- मस्जिद कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध निर्माण, नोटिस 30 सितंबर 2025 को जारी।
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घटना का घटनाक्रम
- 26 जून 2025: पहला नोटिस जारी, मस्जिद प्रबंधन को जमीन के कागजात पेश करने को कहा गया, याची ने इस नोटिस को चुनौती दी।
- 2 सितंबर 2025: कारण बताओ नोटिस जारी, याचिकाकार्ताओं का दावा है कि उन्हें नोटिस सर्व नहीं किया गया था।
- 30 सितंबर 2025: दूसरा नोटिस जारी जिसमें विध्वंस की चेतावनी दी गई। सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर 2024 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया। याची ने इसे भी चुनौती दी है।
- 2 अक्तूबर 2025: मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, सुनवाई शुक्रवार व शनिवार को हुई।
- 4 अक्तूबर 2025: हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की।
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दोनों पक्ष के दावे
- सरकारी दावा: दो सितंबर 2025 को जारी आदेश के मुताबिक, असमौली थाने के रायन बुजुर्ग गांव की मस्जिद कब्रिस्तान की जमीन पर बनी, जो 2006 के राजस्व संहिता के तहत अवैध है।
- मस्जिद समिति का पक्ष: समिति ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देकर विध्वंस पर रोक मांगी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। समिति का दावा- नोटिस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए।

