- जम्मू-कश्मीर की 4 राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव पर विवाद।
- नेशनल कांग्रेस ने चार और भाजपा ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारा।
- भाजपा ने इकलौती सीट जीत ली, नेशनल कांग्रेस ने बाकी 3 सीटें जीतीं।
नई दिल्ली |
2019 में जम्मू-कश्मीर के टूटकर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार हुए राज्यसभा चुनाव के रिजल्ट ने सबको चौंका दिया। चार सीटों पर लड़े गए चुनाव में भाजपा (BJP) ने सिर्फ एक सीट पर उम्मीदवार उतारा और वो सीट जीत ली, जबकि बाकी तीन सीटें सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कांग्रेस (NC) ने जीतीं, जिसने चारों सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे।
इस रिजल्ट को लेकर अन्य विपक्षी दल जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (JNC) के नेता व विधायक सज्जाद लोन ने नेशनल कांग्रेस व भाजपा पर ‘मैच फिक्सिंग’ (साठगांठ) का आरोप लगाया है। बता दें कि लोन ने इस चुनाव से खुद को अलग (abstain) कर लिया था।
लोन के आरोप को सत्तारुढ़ दल नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने खारिज किया है। हालांकि उन्होंने एक दावा भी किया कि ‘बीजेपी एक सीट बिना लड़े दिए जाने का ऑफर लेकर उनके पास आई थी पर उन्होंने साफ इनकार कर दिया था और चारों सीटों पर लड़ाई लड़ी।’ बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है।
BJP के 28 विधायक, 32 के वोट मिले
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के 90 निर्वाचित सदस्यों ने मतदान के जरिए चार राज्यसभा सदस्यों को चुना। नेशनल कांग्रेेस (NC) के तीन उम्मीदवार आसानी से जीत गए, लेकिन चौथा उम्मीदवार सिर्फ 21 वोट ही जुटा सका और इस तरह चौथी सीट से भाजपा के उम्मीदवार ने जीत हासिल कर ली। भाजपा के उम्मीदवार व पार्टी अध्यक्ष सत शर्मा ने नेशनल कांग्रेस के इमरान नबी डार को 32 वोटों से हरा दिया, जबकि भाजपा के असेंबली में 28 ही विधायक हैं। इससे साफ है कि एक सीट पर NC या उसके समर्थक दल में से किन्हीं सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की।
नेशनल कांग्रेस ने 7 वोट गिफ्ट कर दिए : लोन
बीती शनिवार (25 अक्तूबर) को श्रीनगर में प्रेसकॉन्फ्रेंस करके ‘पीपुल्स कॉन्फ्रेंस’ पार्टी के प्रमुख सजाद लोन ने राज्यसभा चुनाव को ‘Fixed match’ करार दिया। कश्मीर ऑब्जर्वर के मुताबिक, लोन ने कहा कि ‘यह क्रॉसवोटिंग किसी और पार्टी ने नहीं की, सीधे NC के ही 7 विधायकों ने भाजपा के लिए वोटिंग की, सात वोट गिफ्ट कर दिए गए।
‘BJP ने एक सीट का ऑफर लायी, हमने ठुकराया’ : अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने सजाद लोन के आरोपों को ‘प्रोपगैंडा’ बताते हुए खारिज किया। द हिन्दू के मुताबिक, उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसा होता है, हमारे ही किसी सहयोगी ने भाजपा को चौथी सीट पर जिता दिया। साथ ही उन्होंने सीटों को लेकर एक और दावा किया, उन्होंने कहा,
“हमने भाजपा का ऑफर ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि हम तीन सीटें ले लें और एक उन्हें दे दें, लेकिन हमने कहा-नहीं, हम कंटेस्ट करेंगे और मैदान पर फैसला होगा।”
अब्दुल्ला ने तर्क दिया कि अगर वोट ‘गिफ्ट’ किए होते, तो एनसी का चौथा उम्मीदवार 21 वोट कैसे पाता? उन्होंने कहा, “अगर हम गिफ्ट देते, तो हमारा चौथा उम्मीदवार 21 वोट कैसे पाता? हमने कोई गिफ्ट नहीं दिया।”
अबदुल्ला के दावे पर लोन ने कहा कि “इस दावे का मतलब है कि दोनों पार्टियों के बीच संवादतंत्र है औ उन्होंने राज्यसभा सीटों पर बातचीत की पर क्या उन्होंने इसके बारे में अपने सहगोगियों को जानकारी दी? क्या ये फिक्स्ड मैच नहीं है?”
भाजपा बोली- ‘यह जीत दर्शाती है कि सरकार से लोग नाखुश’
विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने सात विधायकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने सत शर्मा को समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “हम उन्हें नहीं जानते, लेकिन एक बात साफ है कि उन्होंने NC सरकार को ठुकरा दिया और उन्हें चेतावनी दी।”
सत शर्मा ने स्पष्ट किया कि भाजपा ने किसी विधायक से संपर्क नहीं किया, बल्कि उन्होंने नेशनल कांग्रेस सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों को खारिज करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “भाजपा ने यह सीट इन्हीं सात विधायकों की वजह से जीती। शायद इससे ज्यादा लोग हों जो सरकार से नाखुश हैं।

