- CPI(ML) ने दिव्या गौतम को पटना की दीघा सीट से टिकट दिया।
- छात्रसंघ राजनीति में एक्टिव रहीं दिव्या गौतम महा-गठबंधन की प्रत्याशी।
- दिवंगत ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन हैं दिव्या गौतम ।
पटना |
पटना की दीघा विधानसभा सीट से लड़ने जा रहीं युवा नेता दिव्या गौतम इन दिनों चर्चा में हैं। महागठबंधन के सहयोगी दल भाकपा (माले) ने दिव्या को टिकट दिया और 15 अक्तूबर को नॉमिनेशन कराया है।
बिहार में भाकपा विपक्षी पार्टियों में से एक है। इस वामपंथी दल के छात्र संगठन ‘आइसा’ के लिए दिव्या गौतम ने 2012 में पटना यूनिवर्सिटी में चुनाव लड़ा था। वे अभी PHD कर रही हैं, BPSC क्लियर करने के बाद उन्होंने नौकरी नहीं की और राजनीति को चुना।
हालांकि मेन स्ट्रीम मीडिया में दिव्या गौतम की शुरुआती चर्चा, उनके ममेरे भाई व दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से रिश्तेदारी की वजह से शुरू हुई। फिर पिछले सप्ताह जब बिहार के IPS अफसर ओपी सिंह को हरियाणा में प्रभारी DIG बनाया गया तो भी दिव्या की चर्चाएं बढ़ीं क्योंकि वे उनके जीजा हैं।
दिव्या गौतम ने एक जुझारू नेता के रूप में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई है, वे अपने भाषणों में NDA सरकार को तानाशाह कहती हैं और महिला समानता, गरीबी हटाने जैसे मुद्दों पर मुखर हैं।
दिव्या गौतम जिस सीट से लड़ने जा रही हैं, वहां 2020 में भी CPI (ML) ने एक महिला उम्मीदवार शशि यादव ने उतारा था जो नंबर दो पर रहीं। तब इस सीट को बीजेपी के संजीव चौरसिया ने 46 हजार वोटोें के अंतर से जीता था। दिव्या को दो बार के विधायक संजीव चौरसिया से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। इस सीट पर महिला वोटरों को निर्णायक माना जाता है, ऐसे में देखना होगा कि दिव्या गौतम कितने लोगों को जमीन पर प्रभावित कर पाती हैं।

