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क्यों खुद को थका-हारा पा रही है एक सेरेबल पाल्सी ग्रस्त बच्चे की मां?

सदर अस्पताल में विकास की मां सरकार से बेटे के इलाज के लिए मदद मांगती..

सदर अस्पताल में विकास की मां सरकार से बेटे के इलाज के लिए मदद मांगती..

लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य

सदर अस्पताल में गंभीर स्थिति के मरीजों का आना सामान्य दृश्य है, पर कुछ मरीज हर किसी के लिए हैरानी और भावुकता का सबब बन जाते हैं। रविवार को लखीसराय जिला अस्पताल में 18 साल का एक युवक बेहोशी की हालात में आया, आम लोगों को देखने में वह किसी 15-16 साल के किशोर से बड़ा नहीं लग रहा था।

डॉक्टर मरीज की स्थिति समझ गए और मौके पर चार डॉक्टरों ने टीम ने उसे इमरजेंसी उपचार दिया। दरअसल ये सेरेबल पाल्सी बीमारी से ग्रस्त युवक है, जिसकी मां मीडिया से बात करते हुए रोने लगी और कहा… “अब मैं थक चुकी हूं, सरकार मदद करे।”

घर में पैदा हुआ था, जन्म पर रोया नहीं

बड़हिया प्रखंड के पाली दियारा गांव के कृष्णा साव ने बताया कि उनका बेटा 2006 में घर पर ही पैदा हुआ था, जन्म पर वह रोया ही नहीं तो तुरंत प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए थे, कई दिनों तक आईसीयू में रखा गया था। पर उस घटना से बेटे का विकास रुक गया।

बेटे का नाम विकास रखा…

पिता कृष्णा और मां मंजू ने अपने इस प्यारे बच्चे का नाम विकास रखा था।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में ले जाकर भी इलाज कराया, दर-दर की ठोकरें खाईं पर अब हमारे पास अब रूपया नहीं बचा है। सरकार हमारी मदद करे।

क्या बोले डॉक्टर – 

 हमारे पास सांस से जु़ड़ी शिकायत के साथ मरीज आया, वे एक खास बीमारी सेरेबल पाल्सी से ग्रस्त हैं। ऐसा तब होता है जब जन्म के समय बच्चा देरी से रोता है, ऐसे में मस्तिष्क विकसित नहीं हो पाया। – डॉ. प्रशांत कुमार, जिला अस्पताल, लखीसराय

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सेरेबल पाल्सी को समझें
सेरेबल पाल्सी (CP) एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो जन्म के समय या बचपन में मस्तिष्क की क्षति से होता है। यह मांसपेशियों की गतिशीलता, संतुलन और समन्वय को प्रभावित करता है।
 प्रमुख लक्षण- मांसपेशियों में अकड़न, कमजोरी, कंपकंपी, और विकास में देरी है।
कारण – जन्मजात (जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी), संक्रमण, या दुर्घटना।
इलाज- फिजियोथेरेपी, दवाएं, सर्जरी, और सहायक उपकरण।
भारत में 30 लाख से ज्यादा मरीज
NITI Aayog 2022-23 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सेरेबल पाल्सी से 30 लाख से अधिक मरीज ग्रस्त हैं। हर 1,000 जन्मों में 2.5-3 मामले इस बीमारी के होते हैं।
मदद के लिए सरकारी योजनाएं सीमित
  1. निरामय स्वास्थ्य बीमा: CP सहित विकलांगों के लिए ₹1 लाख कवर (राष्ट्रीय ट्रस्ट)।
  2. सक्षमांग कार्ड: विकलांगों को पेंशन (₹300/माह) और सहायता।
  3.  बिहार विकलांग कल्याण विभाग: CP मरीजों को फिजियोथेरेपी और उपकरण। 2025 में 50,000 CP मरीजों के लिए ₹100 करोड़ बजट।
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