- पूर्व IRS व भाजपा के वरिष्ठ नेता बिनोद चौबे बोले- बक्सर में चाणक्य विश्वविद्यालय की हो स्थापना
- कहा- 50 एकड़ जमीन देकर यूनिवर्सिटी बने जिसमें वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ाए जाएं।
पटना | मंगेश्वर कुमार
बिहार के बक्सर जिले में चाणक्य विश्वविद्यालय की मांग सामने आई है। मांग उठाने वाले भाजपा पार्टी के प्रमुख नेता बिनोद चौबे हैं जो पूर्व में आईआरएस अफसर रह चुके हैं। चौबे ने शनिवार को पटना के गांधी मैदान स्थित IMA हॉल में प्रेस वार्ता करके यह मांग उठाई। गौरतलब है कि बक्सर का चाणक्य से कोई सीधा ऐतिहासिक संंबंध चौबे अपनी मांग के समर्थन में नहीं बता पाए।
बिनोद चौबे ने कहा कि बक्सर जिले को धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर वे दोबारा राज्यपाल और सरकार को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे। गौरतलब है कि वह बक्सर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के भी दावेदार माने जा रहे हैं। NDA के सहयोगी हम ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है।
‘वेद-पुराण पढ़ाने के लिए 50 एकड़ जमीन दी जाए’
बक्सर में चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना पर बल देते हुए चौबे ने कहा कि इसके लिए कम से कम 50 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाए, जहाँ वेद, पुराण, उपनिषद, धर्मग्रंथ, खगोल शास्त्र और प्राचीन भाषाओं की शिक्षा दी जा सके। साथ ही इन विषयों पर शोध कार्य के लिए एक अनुसंधान संस्थान (Research Institute) की स्थापना भी आवश्यक है।
पहली बार उठी चाणक्य विवि की मांग
राज्य में इससे पहले कभी चाणक्य विश्वविद्यालय की मांग नहीं उठी है। इससे पहले न तो भाजपा और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल ने ऐसी मांग उठाई। इस मामले में विपक्षी दल कह रहे हैं कि आगामी चुनाव में बक्सर की जनता को भरमाने के लिए भाजपा नेता ने यह मांग उठाई है।
‘हम’ का साथ मिला
बक्सर हमारी आस्था और संस्कृति का केंद्र है। यहाँ चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण होगी और युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा व शोध का अवसर देगी। हमारा दल चौबे जी की मांगों का समर्थन करता है। – श्याम सुंदर शरण, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम (सेक्युलर)
सरकार ने बनवाया था चंद्रगुप्त मैनेजमेंट कॉलेज
हालांकि बिहार सरकार द्वारा पटना में चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना (CIMP) की वर्ष 2008 में स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य बिहार में उच्चस्तरीय मैनेजमेंट शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देना है। यह AICTE से मान्यता प्राप्त है और बिहार सरकार का स्वायत्त संस्थान है।
बक्सर में सनातन सम्मेलन कर चुके हैं चौबे
बीती 4 जुलाई को चौबे समेत अन्य भाजपा नेताओं ने बक्सर में सनातन महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। उनका कहना है कि इसमें बड़ी संख्या में समाज के “सभी वर्गों” की भागीदारी रही। तब उन्होंने पुजारियों के लिए मासिक भत्ता की मांग उठाई थी और कहा था कि बक्सर को काशी, प्रयागराज और अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए। चौबे के मुताबिक, इसके लेकर उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद को एक ज्ञापन भी सौंपा था।
सवर्ण वोट को साधने की कोशिश में BJP
बक्सर जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं: ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर। ये सीटें मिलकर बक्सर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। बीते दो विधानसभा चुनावों से यहां सवर्ण वोटरों को साधकर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। जबकि इससे पहले 2010 में यह सीट भाजपा के पास थी। इस बार का चुनाव बीजेपी के लिए चुनौती और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत मतदाता बड़ी संख्या में हैं, जिसका दो बार से कांग्रेस को वोट मिला है। साथ ही, बक्सर में मुस्लिम और दलित वोटर भी हैं, जो पारंपरिक रूप से कांग्रेस या राजद की ओर झुकते हैं।
तथ्य जानें :
1- पुराणों में बक्सर का वर्णन; चौसा का युद्ध हुआ
जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यहां का चाणक्य से संबंध होने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। बक्सर का प्राचीन महत्व ब्रम्ह पुराण और वारह पुराण जैसे प्राचीन महाकाव्यों में वर्णित है। मुगल काल के दौरान हुमायूं और शेर शाह के बीच हुई ऐतिहासिक चोसा के युद्ध (1539 ईसवी) के लिए बक्सर की जाना जाता है।
2- मगध क्षेत्र से है चाणक्य का संबंध