Site icon बोलते पन्ने

स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की मौत पेट व सीने पर चोटों से हुई : उत्तरकाशी पुलिस

राजीव प्रताप ने 18 सितंबर को जिला अस्पताल में सफाई की खबर का असर बताया और उसी रात लापता हो गए थे। (फोटो - दिल्ली-उत्तराखंड लाइव फेसबुक पेज)

राजीव प्रताप ने 18 सितंबर को जिला अस्पताल में सफाई की खबर का असर बताया और उसी रात लापता हो गए थे। (फोटो - दिल्ली-उत्तराखंड लाइव फेसबुक पेज)

नई दिल्ली |

उत्तरकाशी के स्वतंत्र पत्रकार राजीव की मौत पेट और सीने पर अंदरुनी चोटों के चलते हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरकाशी पुलिस ने राजीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से ऐसा बताया है।

इससे राजीव की पत्नी की उस आशंका को बल मिलता है जिसमें उन्होंने कहा था कि “पति की गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ, बल्कि अगवा करके उनकी हत्या की गई और फिर नदी में कार फेंक दी गई।”

हालांकि पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कहा है कि “ये अंदरुनी चोटें एक्सीडेंट से भी आ सकती हैं।”

 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर SP बोलीं –

“अटॉप्सी रिपोर्ट में राजीव के पेट व सीने के हिस्से में इंजरी मिली है जो एक्सीडेंट के दौरान हो सकती है। इस रिपोर्ट के हिसाब से मौत का संभावित कारण एक्सीडेंट हो सकता है। हालांकि मौत के कारणों की व्यापक जांच होगी।” – सरिता डोभाल, SP, उत्तरकाशी

DGP ने कहा- जांच के लिए SIT बनाई

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है, हालांकि मौत के कारणों को जांचने के लिए डिप्टी SP की अध्यक्षता में एक जांच टीम बनाई गई है जो सभी साक्ष्यों को दोबारा जांचेगी। राजीव की फोनकॉल्स व अन्य साक्ष्यों को दोबारा जांचा जाएगा। – दीपक सेठ, DGP, उत्तराखंड

राजीव की पत्नी ने कहा- एक्सीडेंट नहीं हत्या हुई

पत्नी सोनम का कहना था कि “उनके पति की मौत अचानक कार के नदी में गिरने से नहीं हुई, उन्हें किसी ने अगवा करके मार डाला है।”

उन्होंने बताया कि “18 सितंबर को रात 11 बजे उनकी राजीव से फोन पर बात हुई थी, तब उन्होंने कहा कि वे कुछ परेशान हैं क्योंकि उन्हें बार-बार फोन आ रहे हैं और धमकाया जा रहा है कि वीडियो डिलीट नहीं हुआ तो जान से मार डालेंगे”।

उत्तरकाशी जिला अस्पताल को उजागर किया था 

गौरतलब है कि राजीव ने 14 सितंबर को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पड़ीं शराब की बोतलों पर ग्राउंड रिपोर्ट की थी। 18 सितंबर को इसके असर की कवरेज की और उसी रात उनका नंबर रीच से बाहर चला गया था।

दरअसल 18 सितंबर की रात राजीव प्रताप अपने एक दोस्त सोबन सिंह की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी के लिए रवाना हुए। अगले दिन सुबह तक जब राजीव नहीं लौटे तो उनके दोस्त ने इसकी जानकारी पुलिस को देकर इसकी खोजबीन शुरू की।

 

भागीरथी नदी में कार मिली, बैराज में राजीव का शव
19 सितंबर को स्यूणा गांव के समीप सोबन सिंह की कार भागीरथी नदी के बीच में मिली, पर राजीव का कोई पता नहीं लगा। इसके बाद 28 सितंबर को राजीव का शव बैराज से मिला था।
CCTV फुटेज में अकेले कार चलाते दिखे थे राजीव
इस पर परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की तहरीर नगर कोतवाली में दर्ज करवाई।
घटनास्थल से ठीक पहले के एक सीसीटीवी फुटेज में राजीव कार में अकेले जाते दिख रहे थे, इसके आधार पर SP ने घटना को प्रथम दृष्टया दुर्घटना होना बताया था और अटॉप्सी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही थी।
Exit mobile version