लाइव पन्ना
स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की मौत पेट व सीने पर चोटों से हुई : उत्तरकाशी पुलिस
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजीव के सीने व पेट पर अंदरुनी चोटें पाई गईं, जिससे मौत हुई
नई दिल्ली |
उत्तरकाशी के स्वतंत्र पत्रकार राजीव की मौत पेट और सीने पर अंदरुनी चोटों के चलते हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरकाशी पुलिस ने राजीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से ऐसा बताया है।
इससे राजीव की पत्नी की उस आशंका को बल मिलता है जिसमें उन्होंने कहा था कि “पति की गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ, बल्कि अगवा करके उनकी हत्या की गई और फिर नदी में कार फेंक दी गई।”
हालांकि पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कहा है कि “ये अंदरुनी चोटें एक्सीडेंट से भी आ सकती हैं।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर SP बोलीं –
“अटॉप्सी रिपोर्ट में राजीव के पेट व सीने के हिस्से में इंजरी मिली है जो एक्सीडेंट के दौरान हो सकती है। इस रिपोर्ट के हिसाब से मौत का संभावित कारण एक्सीडेंट हो सकता है। हालांकि मौत के कारणों की व्यापक जांच होगी।” – सरिता डोभाल, SP, उत्तरकाशी
DGP ने कहा- जांच के लिए SIT बनाई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है, हालांकि मौत के कारणों को जांचने के लिए डिप्टी SP की अध्यक्षता में एक जांच टीम बनाई गई है जो सभी साक्ष्यों को दोबारा जांचेगी। राजीव की फोनकॉल्स व अन्य साक्ष्यों को दोबारा जांचा जाएगा। – दीपक सेठ, DGP, उत्तराखंड
राजीव की पत्नी ने कहा- एक्सीडेंट नहीं हत्या हुई
पत्नी सोनम का कहना था कि “उनके पति की मौत अचानक कार के नदी में गिरने से नहीं हुई, उन्हें किसी ने अगवा करके मार डाला है।”
उन्होंने बताया कि “18 सितंबर को रात 11 बजे उनकी राजीव से फोन पर बात हुई थी, तब उन्होंने कहा कि वे कुछ परेशान हैं क्योंकि उन्हें बार-बार फोन आ रहे हैं और धमकाया जा रहा है कि वीडियो डिलीट नहीं हुआ तो जान से मार डालेंगे”।
उत्तरकाशी जिला अस्पताल को उजागर किया था
गौरतलब है कि राजीव ने 14 सितंबर को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पड़ीं शराब की बोतलों पर ग्राउंड रिपोर्ट की थी। 18 सितंबर को इसके असर की कवरेज की और उसी रात उनका नंबर रीच से बाहर चला गया था।
दरअसल 18 सितंबर की रात राजीव प्रताप अपने एक दोस्त सोबन सिंह की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी के लिए रवाना हुए। अगले दिन सुबह तक जब राजीव नहीं लौटे तो उनके दोस्त ने इसकी जानकारी पुलिस को देकर इसकी खोजबीन शुरू की।
लाइव पन्ना
बिहार : नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा, कल लेंगे CM पद की शपथ
पटना |
एनडीए विधायक दल का नेता बनने के बाद बुधवार शाम (19 नवंबर) नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अब कल (20 नवंबर) को प्रसिद्ध गांधी मैदान में वे नई सरकार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इस्तीफा देने के बाद पुरानी सरकार भंग हो गई है और अब राज्यपाल के आदेश पर नई सरकार के गठन तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया गया।
यह बैठक बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हुई। इससे पहले भाजपा और जदयू के विधायक दल की अलग-अलग बैठक हुई थी। भाजपा की बैठक में जहां सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता चुना गया, वहीं नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता चुना गया।
लाइव पन्ना
Delhi में कार ब्लास्ट करने वाला आतंकी डॉ. उमर, एक वीडियो में क्या प्रैक्टिस करता दिखा?
- अब मर चुके आतंकी डॉ. उमर के फोन से जांच एजेंसियों को एक वीडियो रिकवर हुआ है।
नई दिल्ली|
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को मुख्य संदिग्ध, फिदायीन हमलावर डॉक्टर उमर उन नबी (Dr. Umar un Nabi) का एक वीडियो मिला है, जिसमें वह अंग्रेजी (English) में ‘शहादत के ऑपरेशन’ (martyrdom operations) और ‘सुसाइड बॉम्बिंग’ (suicide bombing) की पैरवी (defending) करता दिखाई दे रहा है। यह वीडियो उसके भाई की एक गलती के कारण सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लग गया।
वीडियो में क्या बोल रहा है आतंकी उमर?
1 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में डॉ. उमर एक कैमरे के सामने बैठकर तकरीर दे रहा है।
वह कहता है, “जिसे लोग सुसाइड बॉम्बिंग कहते हैं, इस्लाम में उसे ‘शहादत का ऑपरेशन’ कहते हैं… शहादत का ऑपरेशन वह होता है जब कोई व्यक्ति एक खास जगह और खास समय पर मरने के इरादे से जाता है।”
जांचकर्ताओं (Investigators) का मानना है कि यह वीडियो लोगों का ब्रेन वॉश (brainwash) करने के लिए बनाया गया था और इसका टोन (tone) पुलवामा हमले (Pulwama attack) के आतंकी आदिल डार (Adil Dar) के वीडियो जैसा ही है।
तकरीर देने की प्रैक्टिस कर रहा था
डॉ. उमर का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। द हिन्दू ने दावा किया है कि वीडियो कम से कम आठ महीने पहले शूट किया गया है। वीडियो में सुना जा सकता है कि डॉ. उमर सुसाइड बॉम्बिंग को लेकर अपने भड़कीले भाषण के लिए अभ्यास (practise) कर रहा है, वह वीडियो में कई बार अटकता है और स्क्रीन के पास से कुछ पढ़ने की कोशिश करता भी दिखता है और आखिर में अटक जाने के बाद वीडियो बंद कर देता है।
भाई ने ‘तालाब’ में फेंका था फोन
यह वीडियो एजेंसियों तक कैसे पहुंचा, इसकी कहानी भी दिलचस्प है।
1. कार ब्लास्ट से पहले, जब फरीदाबाद मॉड्यूल (Faridabad module) के अन्य डॉक्टर (मुजम्मिल, शाहीन और अदील) गिरफ्तार होने लगे तो उमर का भाई डर गया।
2. उमर ने अपना फोन अपने भाई के सुपुर्द किया था। गिरफ्तारी के डर से भाई ने वह फोन अपने घर के पास एक तालाब (pond) में फेंक दिया।
3. जांच के दौरान, एजेंसियों ने जब उमर के फोन की लोकेशन (location) ट्रेस (trace) की और उसके भाई से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने राज उगल दिया। एजेंसियों ने तालाब से फोन बरामद कर लिया और डेटा रिकवर कर लिया।
कौन था डॉक्टर उमर?
1. पेशा: मोहम्मद उमर पेशे से डॉक्टर था और फरीदाबाद (Faridabad) की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) के तौर पर तैनात था।
2. निवासी: वह जम्मू-कश्मीर (J&K) के पुलवामा (Pulwama) जिले का रहने वाला था।
3. साजिश: वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल (terror module) का हिस्सा था। 10 नवंबर को अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद, उसने लाल किले के पास कार में खुद को उड़ा लिया।
4. कनेक्शन: यह मॉड्यूल पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
‘पैनिक’ में नहीं, ‘सोची-समझी’ साजिश थी
शुरुआत में माना जा रहा था कि यह धमाका हड़बड़ी में हुआ था। लेकिन अब इस वीडियो के सामने आने के बाद, जांच एजेंसियों को यकीन हो गया है कि यह कोई पैनिक ब्लास्ट (panic blast) नहीं, बल्कि एक बेहद सोची-समझी और खतरनाक इरादों वाली आतंकी साजिश (terror conspiracy) थी।
(राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अब इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है और इसे दिल्ली में हुआ पहला ‘कार-बॉर्न सुसाइड अटैक’ (car-borne suicide attack) माना जा रहा है।
लाइव पन्ना
SIR के खिलाफ दिल्ली में रैली करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली|
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली करने का फैसला किया है। यह फैसला मंगलवार को इंदिरा भवन में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी मौजूद थे।
कांग्रेस का कहना है कि एसआईआर के जरिए लोगों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। पार्टी का चुनाव आयोग पर आरोप है कि चुनाव आयोग बिहार की तरह ही बाकी राज्यों में भी इसी नीति को लागू कर रहा है। कांग्रेस ने बताया कि एसआईआर के खिलाफ चलाए गए राष्ट्रीय हस्ताक्षर अभियान में लगभग 5 करोड़ लोगों ने समर्थन दिया है।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया पर कई राज्यों ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने इसे स्थगित करने का प्रस्ताव भी पारित किया, लेकिन चुनाव आयोग ने किसी की बात नहीं मानी। वेणुगोपाल का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और एसआईआर के खिलाफ देशभर में लड़ाई जारी रखेगी। पार्टी का कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र और विपक्षी दलों को कमजोर करने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इससे पहले बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान करीब 47 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए थे। अब यही प्रक्रिया केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में शुरू की गई है, जहाँ 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoअलविदा डॉ. झा : एक शिक्षक जिसने जिला बनने से पहले बनाया ‘अररिया कॉलेज’
-
रिपोर्टर की डायरी3 months agoछपरा : पास में सो रहा था बच्चा, मां और मौसी का गला काटा, मां की मौत
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoBihar : रास्ते में पोती से छेड़छाड़, विरोध करने पर दादा की पीट-पीटकर हत्या
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoदुनिया से विदा ले गया वो CBI चीफ.. जिसने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था
-
मेरी सुनो2 months agoSSC online पेपर की बदइंतजामी से परेशान Aspirant ने फांसी लगाई, पुलिस ने बचाया
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoउत्तरकाशी : स्वतंत्र पत्रकार ने क्या कवरेज की थी.. जिसके बाद बैराज में मिला शव
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoबिहार : मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस का लाठी चार्ज, भगदड़ से युवक तालाब में डूबा, नवादा में तनाव
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoनवादा : दुर्गा पूजा में ससुराल आए युवक की मौत, पत्नी पर हत्या कराने का आरोप


Pingback: उत्तरकाशी : स्वतंत्र पत्रकार ने क्या कवरेज की थी.. जिसके बाद बैराज में मिला शव - बोलते पन्ने