प्रशासन ने अधिसूचना जारी करके सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक दोपहिया वाहनों तक की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार चुनाव प्रचार के बीच नेताओं के दौरे शहर को कर्फ्यू जैसा बना देते हैं। लखीसराय जिले में ऐसा ही नजारा दिखा, जब गृह मंत्री अमित शाह के आगमन ने मुख्य सड़क को घंटों ब्लॉक कर दिया। शहर का वातावरण और लोगों का आना-जाना रुक गया। बिहार में यह दृश्य इन दिनों लगभग हर जिले में आम है क्योंकि बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरे हो रहे हैं।
अमित शाह सुबह 10 बजे पहुंचे, लेकिन दोपहर 12 बजे आरके उच्च विद्यालय के प्रांगण में 45 मिनट की अभिवादन तक भारी समस्या बनी रही। जमुई मार्ग से लखीसराय शहीद द्वार तक 3 किमी का मुख्य बाजार का रास्ता लोगों को पैदल पार करना पड़ा। ये रास्ता रेलवे स्टेशन, जमुई, सिकंदरा और मुंगेर-पटना जाने वाला इकलौता रूट है। यह रूट तीन घंटे से ज्यादा ब्लॉक रहा।
बाजार में दुकानें बंद रहीं, लोग पैदल 3 किमी तक चलकर मंजिल तक पहुंचे। दोपहर दो बजे के बाद पूरी तरह ट्रैफिक सामान्य हो सका।
मीडिया के दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा तक रोके गए। जमुई मोड़, पचना रोड चौक, कबैया मोड़, शहीद द्वार और मच्छलहटा तक जिला पुलिस व सीआईएसएफ के जवान बेरिकेडिंग पर तैनात रहे।
जिला प्रशासन ने 29 अक्तूबर की तारीख में अधिसूचना जारी की पर इसे मीडिया को 30 अक्तूबर की सुबह जारी किया गया। इसके दो घंटे के बाद मुख्य रूट चेंज किया, जिसमें वायपास, पुराना अस्पताल, शहीद द्वार से बालिका विधायी संस्थान रूट तक बदलाव किया गया।
शाह के जाने के बाद ही रास्ता खुला।
वरिष्ठ अधिकारी से बात पर ‘कॉपरेट’ करने की बात कही गई। शाह ने रैली में ‘जंगल राज’ पर तंज कसा, लेकिन आमजन की परेशानी पर चुप्पी। बिहार में ऐसे ‘कर्फ्यू’ अब आम हैं—प्रचार की चमक में जनजीवन की फिक्र भूल जाती है।

