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सोनम वांगचुक हुए गिरफ्तार, लेह में इंटरनेट बंद

सोनम वांगचुक

सोनम वांगचुक

नई दिल्ली|

लद्दाख के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही लेह में इंटरनेट बंद कर दिया गया है और स्कूल-कॉलेज शनिवार तक बंद रहेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह में दो दिन पहले हुई हिंसा का जिम्मेदार माना था।

लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद से लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी कर्फ्यू जारी है। लेह में पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन 24 सितंबर को हिंसक हो गया था। यहां इंटरनेट सेवाएं 26 सितंबर को बंद कर दी गईं ताकि “गलत सूचना” न फैले। प्रशासन ने Section 163 BNSS के तहत प्रतिबंध लगाया।

लेह अपैक्स बॉडी ने गिरफ्तारी का विरोध किया

लेह अपैक्स बॉडी(LAB) ने शुक्रवार को वांगचुक को गिरफ्तार किए जाने के बाद दोहराया कि इस हिंसा के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार हाजी गुलाम मुस्तफा ने वांगचुक की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण और अविवेकपूर्ण बताया। साथ ही कहा कि सरकार का यह कदम लद्दाख में स्थिति को और बिगाड़ सकता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, LAB ने फैसला लिया है कि वह 29 सितंबर को एक डेलिगेशन दिल्ली भेजकर केंद्र सरकार के साथ पूर्ण राज्य की वार्ता को दोबारा शुरू कराने की गुजारिश करेगी।

गिरफ्तारी के विरोध में आप का कैंडल मार्च
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शुक्रवार को वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च किया। दूसरी ओर, भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) प्रमुख केटी रामा राव ने कहा कि वांगचुक देशभक्त हैं, उनकी गिरफ्तारी गलत और अवैध है।

प्रदर्शन को Gen Z कहने का आरोप

केंद्र सरकार का कहना है कि 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा में सोनम की भूमिका रही। आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शन को “Gen Z आंदोलन” कहकर युवाओं को भड़काया। इस हिंसा में 4 युवाओं की मौत हुई और 80 लोग घायल हो गए थे। इनमें 40 पुलिसकर्मी शामिल हैं। अब तक सरकार ने 60 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल है।

दो NGO पर कार्रवाई, सीबीआई जांच
सरकार ने सोनम के NGO का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और एक अन्य एनजीओ में सीबीआई जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि लद्दाख को 2019 में UT बनाया गया, लेकिन स्थानीय लोग राज्य दर्जा और छठी अनुसूची की मांग कर रहे हैं। आंदोलन 2021 से चल रहा है, जिसमें 5 दौर की बातचीत विफल रही। 10 सितंबर से शुरू 35-दिवसीय भूख हड़ताल 23 सितंबर को तबीयत बिगड़ने से हिंसा में बदली।
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