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पाकिस्तान में आत्मघाती हमले बढ़ने का कारण क्या है?

 

नई दिल्ली |

पाक में अर्द्धसेना मुख्यालय पर आत्मघाती हमला हुआ है। यह हमला पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत के नोककुंडी (Nokkundi) में स्थित फ्रंटियर कॉर्प्स (Frontier Corps – FC) के हेडक्वार्टर पर रविवार देर रात किया गया। ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सुसाइड बॉम्बर ने हेडक्वार्टर के मेन गेट पर खुद को उड़ा लिया। धमाका इतना जोरदार था कि गेट के परखच्चे उड़ गए, जिसके तुरंत बाद 6 हथियारबंद लड़ाके परिसर के अंदर घुस आए। यह हमला पाकिस्तान में लगातार हो रहे आत्मघाती हमले की कड़ी में सबसे नई और गंभीर घटना है। आइए जानते हैं कि आतंकवाद को सरपरस्ती देने वाले पाकिस्तान में आत्मघाती हमलों का कारण क्या है?

अर्द्धसैनिक मुख्यालय में घंटों चली गोलीबारी

बलूचिस्तान में स्थित अर्द्धसैनिक मुख्यालय में गेट टूटने के बाद अंदर घुसे आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें 3 हमलावर मारे गए। हालांकि, कुछ सूत्रों का दावा है कि मारे गए हमलावरों की संख्या 6 है। एफसी के प्रवक्ता ने दावा किया है कि यह हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने किया है। इसी बीच, पंजगुर (Panjgur) जिले के गुरमाकन इलाके में भी एक एफसी चेकपोस्ट पर हमला हुआ है।

24 घंटे में 7 धमाकों से दहला बलूचिस्तान

हेडक्वार्टर पर हमले से कुछ घंटे पहले ही इसी इलाके में एक दिन के भीतर लगातार 7 धमाके हुए थे। उग्रवादियों ने क्वेटा (Quetta) और डेरा मुराद जमाली में कई जगहों को निशाना बनाया:

4 साल में 4000 सैनिक मारे गए

पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार (Ishaq Dar) ने शनिवार को एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया था। उन्होंने बताया कि पिछले 4 सालों में पाकिस्तान के 4,000 सैनिक मारे गए हैं और 20,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। उन्होंने इसका ठीकरा अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) शासन पर फोड़ते हुए कहा कि पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को सीमा पार पनाह मिल रही है, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हो रहा है।

दुनिया का दूसरा सबसे ‘आतंक प्रभावित’ देश

हालात कितने बदतर हैं, इसका अंदाजा ‘ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025’ (Global Terrorism Index 2025) की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है।

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