रिपोर्टर की डायरी
मिसाल : UP में बच्चे के पेट से आरपार हुई सरिया, लोगों ने चंदे से इलाज कराकर जान बचा ली
- छत से नीचे गिरे 5 साल के मासूम के पेट से सरिया आरपार हो गई।
- फतेहपुर के लोगों ने 24 घंटे के भीतर 2.75 लाख का चंदा जुटाया।
- बच्चे का कानपुर के निजी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, जान बची।
खागा (फतेहपुर) | संदीप केसरवानी
बदलते समय में सामाजिक जिम्मेदारी का भाव भले घट रहा हो पर अब भी कुछ ऐसी मिसालें मिल जाती हैं जो उम्मीद बंधा रही हैं कि इंसानियत जिंदा है। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में कुछ ऐसी ही मिसाल देखने को मिली जब पांच साल के एक बच्चे के पेट से आरपार हो गई सरिया को ऑपरेशन से निकलवाने के लिए लोगों ने एक दिन के भीतर ही 2 लाख, 75 हजार रुपये का चंदा इकट्ठा कर लिया।
बच्चे के शरीर से हादसे के 30 घंटे बाद डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन करके सरिया को बाहर निकाला, बच्चा अब खतरे से बाहर है।
दरअसल पांच साल का एक बच्चा अपनी मौसी की शादी में परिवार से संग नानी के घर आया था। जहां 26 अक्तूबर को घर की छत पर गुब्बारे से खेलते समय वह नीचे जा गिरा और एक सरिया पर उसका शरीर लटक गया, जो पड़ोस की एक निर्माणाधीन भवन से बाहर निकली हुई थी। चीख सुनकर लोगों का ध्यान जमीन से चार फिट ऊपर सरिया पर लटके खून से लथपथ बच्चे पर गया। लोगों ने समझदारी दिखाते हुए बच्चे को वहीं पर पकड़ा और ग्लाइडर लाकर सरिया काटी। फिर उसे अस्पताल ले गए, जहां से फर्स्ट ऐड के बाद बच्चे को कानपुर रेफर कर दिया गया। जहां एक निजी अस्पताल में बच्चे का सफल ऑपरेशन करके पेट से सरिया बाहर निकाली गई।
ये मामले फतेहपुर के खागा तहसील के खखरेड़ू कस्बे की है। बच्चे के पिता वकील अहमद ने मदद करने वाले सभी लोगोें का शुक्रिया अदा किया, ऑपरेशन में पांच लाख का खर्च आया।
रिपोर्टर की डायरी
भाईचारे की मिसाल: सहरसा में कई पीढ़ियों से छठ घाट की जिम्मेदारी उठा रहा मुस्लिम समुदाय
- ईदगाह के बराबर में बसे पोखर में छठ घाट का पूरा इंतजाम करते हैं स्थानीय मुस्लिम।
- कई पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा, समिति बनाकर कराते हैं सफाई व लाइटिंग।
सहरसा | सरफराज आलम
महापर्व छठ बिहार में हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है, यहां के सहरसा जिले में इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिला जहां छठ घाट की पूरी जिम्मेदारी मुस्लिम समाज कई दशकों से उठाता आ रहा है।
सहरसा बस्ती की बड़ी पोखर के छठ घाट पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हर साल की तरह इस बार भी विशेष इंतजाम कराए। तीन घाट बनाए गए, जिसमें नाव भी चली, व्रतियों के पूजा करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
यहां का मुस्लिम समाज न सिर्फ घाट की तैयारी में शामिल रहता है बल्कि पूरे छठ पर्व के दौरान हिंदू व्रतियों की मदद के लिए कैंप लगाकर समिति के सदस्य मौजूद रहते हैं।
जिले के मुस्लिम समुदाय के लोग इस लोकपर्व के लिए दिवाली के बाद से तैयारी शुरु कर देते हैं।
यह पोखर ईदगाह के ठीक बराबर में है, ये पूरा इलाका 52 बीघा जमीन पर बसा हुआ है। जहां एक ओर ईदगाह में ईद व बकरीद की नमाज होती है तो दूसरी ओर पोखर में हर शाम छठ पर सूर्य को अर्ध्य देकर पूजा की जाती है।
छठ के लिए इंतजाम करने वाली समिति का नेतृत्व स्थानीय पार्षद मो. अकबर करते हैं। उनका कहना है कि कई पीढ़ियों से उनका परिवार ये जिम्मा लेता आया है। मो. अकबर ने बताया कि दिवाली के बाद से वे पोखर की सफाई व सजावट में लग जाते हैं। लाइटिंग व पंडाल लगाने में पांच दिन लगते हैं।
चूंकि छठ में भारी संख्या में लोग जुटते हैं, ऐसे में ये ऑर्गनाइज तरीके से इसका इंतजाम करते हैं। इनकी पांच मुख्य सदस्यों की ‘नौजवान सहरसा बस्ती कमेटी’ है और इस टीम में 25 अन्य युवा शामिल हैं।
इस बार के छठ आयोजन को सफल बनाने में सहरसा बस्ती के मो. सज्जाद, मो. मंसूर, शेर अफगान मिर्जा, मो. शाहनवाज का प्रमुख योगदान रहा।
चुनावी डायरी
महागठबंधन का ‘तेजस्वी प्रण’: सरकारी नौकरी, शराब बंदी, OPS, वक्फ कानून पर अहम घोषणाएं कीं
- महागठबंधन ने मेनिफेस्टो जारी किया, इसे ‘तेजस्वी प्रण’ नाम दिया है।
- सरकार बनने पर हर घर को एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा प्रमुख।
- शराबबंदी कानून की समीक्षा और वक्फ कानून की रोक का वादा भी किया।
पटना |
महागठबंधन ने बिहार चुनाव को लेकर अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया, जिसे ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ नाम दिया गया है। मेनिफेस्टो बुकलेट में तेजस्वी यादव की एक बड़ी तस्वीर लगाई है। मेनिफेस्टो के नाम व तस्वीर से साफ संकेत दिया गया है कि महागठबंधन तेजस्वी यादव के नाम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगा।
मेनिफेस्टो में तेजस्वी यादव की रोजगार से जुड़ी उन सभी बड़ी घोषणाओं को शामिल किया है, जो उन्होंने हाल में की हैं। इसके अलावा, एक अहम घोषणा शराब बंदी कानून को लेकर की गई है कि सरकार बनने पर इसकी समीक्षा की जाएगी।
मेनिफेस्टो में ‘हर घर को एक सरकारी नौकरी’ (one gov job for each household) देने का वादा, जीविका दीदियोें की सेवा शर्तों में सुधार, संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी (Permanent job) का वादा, महिलाओं के लिए “माई-बहिन योजना” की घोषणा प्रमुख है।
साथ ही, यह भी घोषणा की गई है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) वापस लाएंगे और वक्फ संशोधन कानून (Waqf Bill) पर रोक लगाई जाएगी।
इसके अलावा, गरीबों को पांच सौ रुपये में गैस सिलेंडर देने, हर घर को 200 यूनिट तक फ्री बिजली (Free electricity) देने, मनरेगा की मजदूरी को प्रतिदिन 255 की जगह तीन सौ रुपये करने का वादा किया है।
इसके अलावा, कहा गया है कि आइटी पार्क, स्पेशल इकोनोमिक जोन, डेयरी एवं कृषि आधारित उद्याेग, स्वास्थ्य सेवा ,फूड प्राेसेसिंग आदि की नीति बनाई जाएगी।
इन घोषणाओं के साथ तेजस्वी ने फिर से सवाल उठाया है कि NDA गठबंधन का रोडमैप क्या है और वे किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे? गौरतलब है कि NDA की ओर से कहा गया है कि वे अपने घोषणापत्र को 30 अक्तूबर को जारी करेंगे।
उप-मुख्यमंत्री उम्मीदवार मुकेश साहनी बोले- यह ‘संकल्प पत्र’
वीआईपी पार्टी के प्रमुख और महागठबंधन के उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने घोषणापत्र को ‘संकल्प पत्र’ बताते हुए एक नए बिहार के निर्माण का आह्वान किया। गौरतलब है कि अपने मेनिफेस्टो को भाजपा लगातार ‘संकल्पपत्र’ कहती आई है।
उन्होंने वादा किया कि महागठबंधन अगले 30-35 वर्षों तक बिहार के लोगों की सेवा में समर्पित रहेगा और जनता की सभी इच्छाओं तथा वादों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन के पास जनता के लिए कोई स्पष्ट ‘संकल्प’ या वादा नहीं है।
आज के अखबार
प्रशांत किशोर के पास दो वोटर कार्ड, चुनाव आयोग ने 3 दिन में जवाब मांगा
- प्रशांत किशोर का बिहार व पश्चिम बंगाल में भी वोटर कार्ड पाया गया।
- चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को नोटिस भेजकर तीन दिनों में जवाब मांगा।
- प्रशांत किशोर के दो वोटर कार्ड का खुलासा इंडियन एक्सप्रेस ने किया।
पटना/नई दिल्ली |
प्रशांत किशोर के पास दो राज्यों की वोटर आईडी कार्ड है, इस मामले का खुलासा आज एक मीडिया रिपोर्ट में हुआ। इसके बाद चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को एक नोटिस जारी करके इस मामले मेें तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।
इस मामले में रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी की ओर से मंगलवार को नोटिस जारी किया गया है क्योंकि बिहार में प्रशांत किशोर इसी क्षेत्र से वोटर हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत के पास पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा से भी वोटर कार्ड है।
गौरतलब है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं करा सकता है, यह दंडनीय अपराध है। ऐसे में देखना होगा कि चुनाव के ठीक पहले उजागर हुए इस मामले पर प्रशांत किशोर की ओर से क्या कहा जाता है और चुनाव आयोग क्या कदम उठाएगा।
PK ने TMC के पते पर बनवाया था वोटर कार्ड – इंडियन एक्सप्रेस
आपको बता दें कि 28 अक्तूबर के एडिशन में द इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत खबर छापी, जिसमें अखबार ने लिखा कि प्रशांत किशोर ने 2021 में प. बंगाल की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाया था। तब वे तृण मूल कांग्रेस (TMC) पार्टी के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे थे,
अखबार ने लिखा कि प्रशांत किशोर ने जिस पते पर वोटरकार्ड बनवाया, वह कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है और TMC का पार्टी ऑफिस है। इस मामले में प्रशांत किशोर और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
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