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UP : बरेली हिंसा के बाद तौकीर रज़ा गिरफ्तार, 48 घंटों के लिए इंटरनेट बैन

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बरेली स्टेशन रोड (फाइल फोटो- साभार इंटरनेट)
  • I love Muhammad को लेकर यूपी में हुईं पुलिस कार्रवाइयों के विरोध में बरेली में हुआ था प्रदर्शन।
  • तौकीर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया, 11 एफआईआर उपद्रवियों पर केस दर्ज किए गए हैं।
  • स्थानीय धर्म गुरू मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में जुटने की कॉल दी थी।
  • हिंसा के बाद डीएम ने जिले की स्थिति को शांतिपूर्ण बताकर शनिवार को स्कूल आदि बंद न करने को कहा था।

बरेली| मोनू पांडेय

बरेली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने शनिवार सुबह स्थानीय मुस्लिम धर्म गुरू (Claric) व नेता मौलाना तौकीर रजा खान को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, जिले में शनिवार दोपहर दो बजे से अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। बता दें कि बरेली में जुमे की नमाज के बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में जुटने लगे थे और फिर हिंसा हो गई थी। जिले में धारा 163 (BNS) लागू करके पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है।

जिले में इंटरनेट बैन से जुड़ा आदेश पत्र।

जिले में इंटरनेट बैन से जुड़ा आदेश पत्र।

गौरतलब है कि कल जिलाधिकारी ने हिंसा के बाद स्थिति नियंत्रण में होने की बात करते हुए आश्वस्त किया था कि पूरे जिले में शांति है और शनिवार को स्कूल-कॉलेज खुलेंगे। पर आज तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद जिलेभर में इंटरनेट बंद कर दिया गया। बरेली पुलिस प्रशासन का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने व माहौल को नियंत्रण में रखने का हवाला देकर 48 घंटों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

डीएम ने कहा था- गांवों से प्रदर्शन में कोई नहीं आया, सब शांत

बीते शुक्रवार को हिंसा के बाद डीएम ने मीडिया के सामने कहा था कि” बरेली की जनता अमन-चैन से रहना चाहती है, हमने अनुमति नहीं दी तो अधिकांश लोग अपने घरों को चले गए थे, ग्रामीण इलाकों से भी कोई प्रदर्शन में शामिल होने नहीं आया। कुछ लोगों ने ही प्रदर्शन करने की कोशिश की, जिले पुलिस बल ने काबू कर लिया।” जानकारों के मुताबिक, डीएम के इस बयान के अगले दिन पूरे जिले में इंटरनेट बंद हो जाना स्थिति के गंभीर होने का संकेत देता है।

तौकीर ने दी थी प्रदर्शन की कॉल

बरेली डीआईजी ने शुक्रवार को कहा था कि “कुछ लोग उनके पास प्रदर्शन करने की अनुमति मांगने आए थे जो नहीं दी गई थी। शुक्रवार को सुबह से ही पुलिस तैनात थी इसलिए 90% लोग बिना प्रदर्शन किए लौट गए पर चंद लोगों ने जबरन माहौल खराब करने की कोशिश की।”

मौलाना तौकीर रजा खान (फोटो - फेसबुक)

मौलाना तौकीर रजा खान (फोटो – फेसबुक)

बताया जाता है कि मौलाना तौकीर रज़ा की ओर से शुक्रवार को प्रदर्शन के लिए कॉल दी थी। फिर उनके नाम से एक पत्र स्थानीय सोशल मीडिया में शेयर होने लगा, जिसमें प्रदर्शन के लिए न आने को कहा गया। कहा यह भी जा रहा है कि फिर तौकीर की ही ओर से इस पत्र का खंडन हुआ और लोग प्रदर्शन करने के लिए शहर के इस्लामिया ग्राउंड की ओर जाने लगे तो पुलिस ने लाठियां चलाकर उन्हें खदेड़ा।

पुलिस ने तौकीर को दूसरे जनपद की जेल भेजा

सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि स्थानीय मौलाना को सुरक्षा कारणों से बरेली जेल में न रखकर अन्य जनपद की जेल के लिए भेजा गया है। हिंसा के बाद से ही तौकीर सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे और शनिवार को उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। बताया जाता है कि पुलिस उन्हें नंगे पैर ही घर से उठा ले आई। मौलाना तौकीर रज़ा पर जानलेवा हमला, बलवा समेत कई धाराओं 14 ,15 धारा दर्ज हुआ है। अब तक 11 एफआईआर उपद्रवियों पर दर्ज हो चुकी हैं और आठ हिरासत में लिए जा चुके हैं।

बरेलवी मसलक के मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है आला हज़रत दरगाह।

बरेलवी मसलक के मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है आला हज़रत दरगाह।

आला हज़रत के पोते हैं, राजनीति में बड़ा है कद

तौकीर रज़ा खान बरेली मसलक के एक धार्मिक नेता व धर्मगुरू हैं। उनकी पहचान आला हज़रत के पोते के रूप में है और वे एक राजनीतिक दल ‘इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद’ चलाते हैं। इसके अलावा वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जदीद) के प्रमुख भी हैं, जो देवबंदी मुसलमानों के भेदभाव का दावा करते हुए, ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ से अलग होकर बनाया गया था।

भारी पुलिस बल की तैनाती
बरेली शहर को छावनी में बदल दिया गया है। 800 महिला पुलिसकर्मी, 5 कंपनी पीएसी और 1 कंपनी आरएफ की तैनाती की गई है। दूसरी ओर,  शहर में फ्लैग मार्च के दौरान आलम गिरिगंज इलाके में व्यापारियों ने डीआईजी पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार विधानसभा चुनाव Live: दो फेज़ में 6-11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को रिजल्ट आएगा

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नई दिल्ली में सोमवार शाम चार बजे से मुख्य चुनाव आयोग ने प्रेस रऑन्
  • नई दिल्ली में चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार चुनाव को लेकर घोषणाएं कर रहा है।

नई दिल्ली |

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election 2025) को दो चरण में 6 और 11 नवंबर को कराया जाएगा। यानी बिहार में चुनाव छठ पर्व के एक सप्ताह में होने जा रहा है।

चुनाव का का रिजल्ट 14 नवंबर को आएगा, यानी इस दिन यह साफ हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी होगी।

चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में 6 अक्तूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा कर दी है।

इस बार के चुनाव में बिहार के 7.42 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें रिजर्व रहेंगी, जिसमें SC के लिए 38 और ST के लिए 2 सीटें रिजर्व की गई हैं।

अब भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकेंगे

चुनाव आयोग ने बिहार के लोगों के अपील की है कि वे नई जारी वोटर लिस्ट में अपना नाम जांचें। अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे जुड़वाया जा सकता है। इसके लिए उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के दस दिन पहले तक का समय रहेगा।

चुनाव उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के लिए अंतिम तारीख 17 व 20 अक्तूबर रखी गई है।

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ओड़िशा : कटक में विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा, 36 घंटे का कर्फ्यू

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कटक शहर का दृश्य (फोटो क्रेडिट - विकीपीडिया)
कटक शहर का दृश्य (फोटो क्रेडिट - विकीपीडिया)
  • कटक में तीन अक्तूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो गुटों में झड़प, तीन दिन बाद भी तनाव जारी

नई दिल्ली |

ओडिशा के कटक में हुई ताजा हिंसा की घटनाओं व सामाजिक तनाव ने शांति को तार-तार कर दिया है। दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान 3 अक्तूबर को कुछ विवादित गीतों को तेज़ आवाज में बजाने को लेकर हुए झगड़े के बाद यहां तीसरे दिन भी तनाव जारी है।

बीते रविवार को प्रशासन ने 12 घंटों के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर बैन लगा दिया था। हालात काबू में न आने पर अगले 36 घंटों के लिए कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है।

सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध में बंद बुलाया, जिसके बाद हिंसा की ताजा घटनाओं की खबर है।

बता दें कि राज्य में भाजपा की सरकार है और प्रमुख विपक्षी दल ‘बीजू जनता दल’ (BJD) है।

मुख्यमंत्री मोहन माझी व विपक्षी दल बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक ने शांति की अपील की है।


 

लाइव अपडेट

  • कटक में तीन दिन का कर्फ्यू, 13 पुलिस क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू।
  • जिले में 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात, कई संपत्तियां तोड़ी गईं।
  • हिंसा के बाद बाजार और स्कूल बंद, लोग घरों में कैद।
  • 5 अक्टूबर को 12 घंटे का सोशल मीडिया बैन, इंटरनेट सेवा निलंबित।
  • VHP ने 6 अक्टूबर को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया।
  • हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल, सीएम मोहन माझी ने शांति की अपील की।

 

हिंसा कैसे शुरू हुई?

  • 3 अक्टूबर 2025: दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान समूहों के बीच झड़प, कटक में तनाव पैदा हुआ।
  • 5 अक्टूबर 2025: VHP रैली और कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया, आगजनी और पथराव की घटनाएं।
  • 6 अक्टूबर 2025: सरकार ने 36 घंटे का कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी का फैसला लिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोनम वांगचुक की हिरासत का आधार मांगा

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सोनम वांगचुक (फाइल फोटो)
सोनम वांगचुक (फाइल फोटो)
  • दस दिनों के भीतर केंद्र को जवाब देना है, अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी।
नई दिल्ली |
लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा कदम उठाया है।
उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो द्वारा दायर हेबियस कॉर्पस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
जिसमें सोनम की हिरासत के कारणों पर जवाब मांगा गया है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच (जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया) ने सुनवाई की अगली तारीख 10 अक्तूबर तय की है।
 बता दें कि 26 सितंबर 2025 को सोनम वांगचुक को लद्दाख में प्रदर्शन के बाद NSA के तहत गिरफ्तार करके जोधपुर जेल में शिफ्ट किया गया था।

 

लाइव अपडेट

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा, लद्दाख प्रशासन व जोधपुर जेल के अधीक्षक को भी नोटिस जारी किया।
  • गीतांजलि अंगमो ने NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत हिरासत को चुनौती दी, स्वास्थ्य जानकारी की मांग की।
  • सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक को हिरासत के आधार पहले ही दिए गए।

 

केंद्र का दावा: सरकार का कहना है कि वांगचुक की हिरासत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी थी, प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी।

याचिकाकर्ता का पक्ष:  पत्नी गीतांजलि ने कहा कि हिरासत के आधार नहीं दिए गए, स्वास्थ्य की जानकारी नहीं, NSA का दुरुपयोग हुआ। 

 

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