Connect with us

रिपोर्टर की डायरी

बिहार : तैनाती वाले एरिया में ही पुलिसकर्मी की गला काटकर हत्या, वजह ने हैरान किया

Published

on

  • छठ की छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए सीवान आते समय हत्या।
  • थाने से सिर्फ दो किलोमीटर दूर शव मिला, डांसर से अवैध संबंध का मामला।
  • शादीशुदा था ASI, डांसर के पति ने गुस्से में प्लान बनाकर मार डाला।
दरौंगा (सीवान) |
बिहार का सीवान गंभीर अपराधिक घटनाओं के लिए जाना जाता है, चुनाव के चलते आचार संहिता में टाइट सिक्योरिटी के बीच भी यहां एक पुलिस कर्मी की हत्या कर दी गई। हैरान करने वाली बात यह है कि मरने वाला असिस्टेंड सब इंस्पेक्टर, जिस थाना में तैनात था, उसी थानाक्षेत्र में हत्या हुई। पुलिस को ASI का शव सीवान के दरौंदा थाने से मात्र 2 किलोमीटर दूरी पर 29 अक्तूबर को मिला।
(नोट – इस खबर को वीडियो पर देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें।)
ASI अनिरूद्ध कुमार छठ की छुट्ठियां बिताकर अपने घर दरभंगा से ड्यूटी के लिए सीवान लौट रहे थे, तभी अपराधियों ने हत्या कर दी। ASI के जूते की लेस से इनके दोनों पैरों को बांध दिया गया, मौके पर हाथ भी बंधे मिले और गला रेता गया था। 
इस मामले में 1 नवंबर को थाना पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि ASI की मौत अवैध संबंध को लेकर हुई है।
SP मनोज कुमार तिवारी ने SIT बनाकर इस मामले की जांच करवाई जिसमें पता लगा कि नेपाल के एक आदमी ने अपनी डांसर पत्नी से अफेयर के चलते ASI अनिरुद्ध कुमार की हत्या करवाई। 
पुलिस के मुताबिक, सीवान लौटते समय ASI अनिरूद्ध अकेले बाइक पर थे। शाम ढलते ही हमलावरों ने उन्हें बहाने से बुलाया। पहले झगड़ा हुआ फिर चाकू से गले पर वार किया। पुलिस को घटनास्थल से मात्र 200 मीटर दूर सड़क पर खड़ी पुलिसकर्मी की बाइक मिली थी।

पुलिस ने इस मामले में डांसर व उसके पति समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। डांसर का पति नेपाल का नागरिक है। पुलिस ने बताया कि दिवाली पर डांसर के पति को दोनों के अफेयर का पता लगा था, तब ASI के साथ उसका झगड़ा हुआ और उसके बाद उसने हत्या की योजना बनाई। 

गिरफ्तार हुए लोगों में डांसर का पति इमरान अंसारी , साथी समीर इदरीसी (नेपाल), राहुल कुमार यादव (दारोंडा), रंजन कुमार श्रीवास्तव (महराजगंज), संदीप सिंह (महराजगंज) व डांसर व एक अन्य महिला शामिल हैं। 

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

चुनावी डायरी

बिहार की इस एसेंबली सीट पर महागठबंधन और NDA ने उतारे दो-दो प्रत्याशी

Published

on

  • खगड़िया की बेलदौर विधानसभा सीट पर फ्रेंडली फाइट।
  • महागठबंधन ने कांग्रेस और IIP को टिकट दिया।
  • NDA ने जदयू और RLJP के प्रत्याशियों को उतारा।

 

खगड़िया | मो. जावेद

बिहार में एक ऐसी भी विधानसभा सीट भी है जहां से महागठबंधन ही नहीं NDA ने भी दो-दो प्रत्याशी उतार दिए हैं। ऐसे में इन प्रत्याशियों का सिरदर्द अपने ही सहयोगी दल के कंडिडेट से फ्रेंडली फाइट करना बन गया है। साथ ही उन्हें डर है कि कहीं इस तरह उनके वोटर न बंट जाएं।

खगड़िया जिले की बेलदौर सीट पर ऐसा ही हाल है।

यहां महागठबंधन ने कांग्रेस से मिथिलेश निषाद को टिकट दिया है जिनके ऊपर 25 साल से जीत रहे निवर्तमान जदयू विधायक पन्ना लाल पटेल को हराने का दारोमदार है।

पर कांग्रेस के लिए सिरदर्द उनकी ही सहयोगी पार्टी की प्रत्याशी तनीषा चौहान बन गई हैं। दरअसल, महागठबंधन में सातवें सहयोगी दल के रूप मेें एक नई पार्टी IIP यानी Indian Inclusive Party जुड़ी है। नई पार्टी होने के बाद भी इसे पूरे बिहार में तीन सीटें महागठबंधन से मिली हैं जिसमें बेलदौर भी शामिल है।

IIP ने बेलदौर प्रत्याशी तनीषा चौहान एक युवा हैं और उनकी रील स्थानीय सोशल मीडिया में खूब चल रही हैं।

बीते 25 साल से जदयू के टिकट पर जीत रहे निवर्तमान विधायक पन्ना लाल पटेल को उसने दोबारा लड़ाया है।

दूसरी ओर, रामविलास पासवान के भाई पारसनाथ वाली ‘राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी’ (RLJP) को भी NDA ने टिकट दिया है।

उनकी ओर से सुनीता शर्मा लड़ रही हैं जो 2005 में लोजपा की ओर से विधायक बनी थीं।

हालांकि तब रामविलास पासवान ने राजद-जदयू में से किसी दल का समर्थन नहीं किया था, जिससे बिहार में राष्ट्रपति शासन लग गया और दोबारा चुनाव हुए, जिसके बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और लगातार 20 साल से सीएम हैं।

इसके अलावा, इस सीट से जनसुराज के गजेंद्र सिंह निषाद को टिकट मिला है जो इलाके में विकल्प के तौर पर लोगों से वोट मांग रहे हैं।

Continue Reading

चुनावी डायरी

बिहार : टिकारी सीट से 4 बार जीते पर सड़क नहीं बनवायी, ग्रामीणों ने पथराव किया, विधायक घायल

Published

on

  • गयाजी जिले के टिकारी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों का गुस्सा फूटा।
  • चार बार जीत चुके निवर्तमान विधायक अनिल कुमार का विरोध किया।
  • सड़क न बनने से नाराज ग्रामीणों ने पत्थर फेंके, विधायक घायल।
गया | अजीत कुमार 
बिहार में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, लोगों की जनप्रतिनिधियों से भारी नाराजगी सामने आती जा रही है।
गया जी जिले में टिकारी विधानसभा से चार बार विधायकी जीत चुके अनिल कुमार के ऊपर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। अनिल कुमार टिकारी विधानसभा से अभी सिटिंग विधायक हैं और दोबारा यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं।
टिकारी ब्लॉक के दिघौरा गांव के ग्रामीणों ने विधायक के काफिले को न सिर्फ खदेड़ दिया, बल्कि वे हिंसक हो गए।
  विधायक के काफिले की कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए, विधायक से हाथापाई हुई जिसमें विधायक को चोटें आई हैं। विधायक अनिल कुमार ने इसे जानलेवा हमला बताया और कहा कि राजद के लोगों ने ऐसा किया, क्षेत्र की जनता तो उनके साथ है।
हालांकि इस मामले में दिघौरा गांव के लोग कह रहे हैं कि पांच साल में विधायक ने उनके गांव में एक सड़क तक नहीं बनवायी जबकि वे लगातार उनसे गुहार लगा रहे थे।
अनिल कुमार ने टिकारी सीट को 2005 में दो बार हुए विधानसभा चुनाव में जीता । 2010 में दोबारा यही की जनता ने उन्हें जिताया। फिर  2020 में जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के टिकट पर जीते। अब दोबारा इसी पार्टी से टिकारी सीट के लिए टिकट मिला है।
निवर्तमान विधायक के साथ यह घटना 29 अक्तूबर को हुई, इस मामले में 30 नवंबर को पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। विधायक की ओर से कहा गया है कि उनके साथ हुई मारपीट के बाद गार्ड ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। यह भी कहा जा रहा है कि ग्रामीणों की ओर से भी फायरिंग हुई।
इस घटना के बाद इलाके मेें तनाव फैला और दो दिनों तक पुलिस के बड़े अफसरों को कैंप करना पड़ा। अनिल कुमार भूमिहार समाज के नेता हैं और राज्य में आईटी मंत्री भी बने थे। जनता ने 15 साल जिनके ऊपर भरोसा किया, अब उनके खिलाफ जनता की नाराजगी सामने आ रही है।

 

Continue Reading

चुनावी डायरी

नेता आए, शहर ठप: अमित शाह के प्रचार में 6 घंटे का ‘कर्फ्यू’, जनता पैदल!

Published

on

लखीसराय में रैली को संबोधित करते अमित शाह
लखीसराय में रैली को संबोधित करते अमित शाह
  • लखीसराय में अमित शाह के दौरे के लिए छह घंटे आवागमन बंद।
  • सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक दोपहिया वाहनों तक की एंट्री बंद।
  • मुख्य मार्ग बंद होने से आम लोगों को पैदल सफर करना पड़ा।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार चुनाव प्रचार के बीच नेताओं के दौरे शहर को कर्फ्यू जैसा बना देते हैं। लखीसराय जिले में ऐसा ही नजारा दिखा, जब गृह मंत्री अमित शाह के आगमन ने मुख्य सड़क को घंटों ब्लॉक कर दिया। शहर का वातावरण और लोगों का आना-जाना रुक गया। बिहार में यह दृश्य इन दिनों लगभग हर जिले में आम है क्योंकि बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरे हो रहे हैं। 
अमित शाह को सुबह 10 बजे पहुंचना था पर वे दो घंटे की देरी से दोपहर 12 बजे जनसभा स्थल आरके उच्च विद्यालय के प्रांगण में पहुंचे, जहां उन्होंने 45 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान पूरे शहर में आवागमन पूरी तरह बंद रहा और लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। जमुई मार्ग से लखीसराय शहीद द्वार तक 3 किमी का मुख्य बाजार का रास्ता लोगों को पैदल पार करना पड़ा। ये रास्ता रेलवे स्टेशन, जमुई, सिकंदरा और मुंगेर-पटना जाने वाला इकलौता रूट है। यह रूट तीन घंटे से ज्यादा ब्लॉक रहा।
बाजार में दुकानें बंद रहीं, लोग पैदल 3 किमी तक चलकर मंजिल तक पहुंचे। दोपहर दो बजे के बाद पूरी तरह ट्रैफिक सामान्य हो सका।
मीडिया के दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा तक रोके गए। जमुई मोड़, पचना रोड चौक, कबैया मोड़, शहीद द्वार और मच्छलहटा तक जिला पुलिस व CISF के जवान बैरिकेडिंग पर तैनात रहे।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 29 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की थी कि अमित शाह के दौरे को लेकर 30 अक्तूबर को सुबह आठ बजे से दोपहर 2 बजे तक दुपहिया वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी। 
30 अक्तूबर की सुबह मुख्य रूट चेंज किया, जिसमें वायपास, पुराना अस्पताल, शहीद द्वार से बालिका विधायी संस्थान रूट तक बदलाव किया गया। 
शाह के जाने के बाद ही रास्ता खुला।
इस मामले में प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री की सुरक्षा के प्रोटोकॉल के चलते ऐसा किया गया और जिला वासियों ने सहयोग किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने रैली में ‘जंगल राज’ पर तंज कसा, जिले में पैदल जाने को मजबूर लोगों ने शिकायत की कि इस वीवीआईपी कल्चर के चलते आम जनता परेशान रहती है पर नेता उस पर चुप रहते हैं।
गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव के चलते प्रचार चरम पर है, ऐसे में बिहार में ऐसे ‘कर्फ्यू’ अब आम हैं, प्रचार की चमक में जनजीवन की फिक्र भूल जाती है।
Continue Reading
Advertisement

Categories

Trending