रिपोर्टर की डायरी
सीवान : लड़के के प्रेम में झगड़ा, फंदे पर मिला किन्नर का शव
दरौंदा (सीवान) | रवींद्र कुमार गुप्ता
भारत में किन्नरों की आत्महत्या की दर पुरुष-महिलाओं की मौत की दर के मुकाबले कहीं अधिक है। इसी से जुड़ा एक मामला बिहार के सीवान जिले में सामने आया है। एक 19 वर्षीय किन्नर की फंदे पर लटकी लाश मिली जो एक ऑर्केस्ट्रा में डांसर थी और अपनी सुंदरता के लिए इलाके में मशहूर थी। ऑर्केस्ट्रा टीम ने पुलिस को बताया है कि किन्नर ने अपने ब्वॉयफ्रेंड से झगड़े के बाद सुसाइड किया है। हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सामने आएगी।
किराए के कमरे में लाश मिली
यह घटना जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के बगौरा गांव में रविवार रात की है जहां किन्नर सोनाली (पूर्व नाम शिवम विश्वास) किराए के घर में अपनी ऑर्केस्ट्रा टीम के साथ रहती थी। यही एक कमरे में उसकी लाश पुलिस को फंदे पर लटकी मिली, मौके पर एफएसएल की टीम ने पहुंचकर सैंपल लिए।
‘लड़के से था प्रेम संबंध, झगड़े के बाद फांसी लगाई’
ऑर्केस्ट्रा में काम करने वाले सहयोगियों का कहना है कि किन्नर सोनाली ने दरौंदा के ही रहने वाले एक युवक कल्लू से प्रेम संबंध के चलते आत्महत्या की है। इस म्यूजिकल ग्रुप के संचालक अशोक राय ने बताया, ‘किन्नर सोनाली का कल्लू से झगड़ा चल रहा था क्योंकि वो किसी लड़की से भी बात करता था। झगड़े के बाद भी दोनों के बीच लंबी बातें होती थीं और रविवार को बातचीत में कहा-सुनी हो गई और फिर उसने फांसी लगा ली। सोनाली को समझाया गया था कि कल्लू को तुम से प्यार नहीं है तो तुम उससे बात करना छोड़ दो, लेकिन वो नहीं मानी।’
‘सिगरेट पीने का कहकर चली गई’
अशोक राय के मुताबिक, झगड़े के बाद वह सिगरेट पीने का कहकर बगल के पुराने कमरे की ओर निकल गई। काफी देर तक वापस नहीं लौटने पर उसे फोन किया गया तो नंबर बंद था। खोजबीन के दौरान जब उसके साथी उस पुराने कमरे तक पहुंचे तो खिड़की से देखा कि उसकी साथी किन्नर सोनाली ने फांसी लगा ली थी। जिसके बाद साथियों ने पुलिस को जानकारी दी।
बतौर डांसर इलाके में फेमस हुई
किन्नर सोनाली का मूल नाम शिवम विश्वास था और वह कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) की रहने वाली थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, करीब एक-डेढ़ साल पहले ही वह सीवान आकर म्यूजिकल ग्रुप में बतौर डांसर काम करने लगी थी, जिसका नाम ‘नेहा म्यूजिकल ग्रुप’ था। वह अपनी सुंदरता और कला के जरिए जल्द ही इलाके में फेमस हो गई थी। उसके साथी डांसर भी एक साथ ही रहते थे।
कलकत्ता से आई थी सीवान
किन्नर सोनाली का शव उसके भाई शुभा विश्वास को सौंप दिया गया है जो कलकत्ता से सूचना पर आए थे। मृतक किन्नर के भाई शुभा विश्वास ने बताया कि कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वे शव को पैतृक गांव ले जाएंगे।
आंकड़ों की नजर में
- 825 ट्रांसजेंडर ही हैं पूरे बिहार में, नीतीश सरकार की ओर से करायी गई जाति जनगणना के मुताबिक।
- 42 हजार ट्रांसजेंडर थे 2011 की जनगणना के मुताबिक, नई जातिजनणना से समुदाय नाखुश।
(नोट – इस घटना पर अधिक जानकारी सामने आने पर स्टोरी को अपडेट किया जा सकता है।)
चुनावी डायरी
बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज
- होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।
इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।
लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रिपोर्टर की डायरी
अब बरेली में 41 मकानों को अवैध बताया, बुलडोजर चलेगा
- पीड़ित लोग बोले- जिन्हें वोट दिया, वही घर उजाड़ रहे।
- मेयर बोले- निगम की जमीन की कार्रवाई नहीं रोक सकते।
- शाहबाद और डेलापीर के कब्जेदारों को एक सप्ताह की और मोहलत दी।
बरेली | मोनू पांडे
यूपी के बरेली में 41 मकानों को एक सप्ताह बाद बुलडोजर से ढहा दिया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि शाहबाद और डेलापीर में उनकी जमीनों पर कई साल से अवैध कब्जा है और इसे हटाने के लिए कब्जेदारों को 15 दिनों का समय दिया था जिसकी मियाद 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। हालांकि 25 अक्तूबर तक अधिकांश घर खाली नहीं हो सके तो नगर निगम ने एक सप्ताह की मोहलत दे दी है।
शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों पर चलेगा बुलडोजर
बरेली के शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों को नोटिस गया था, यहां 25 अक्टूबर को नगर निगम ने अवैध निर्माण ढहाने के निर्देश दिए थे, हालांकि लोगों को एक सप्ताह के अंदर खुद ही कब्जा खाली करने की मोहलत दी गई है। यहां रहने वाले लोगों का भी कहना है कि हम लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। यहां एक प्रधानमंत्री आवास भी बना है, उस पर भी बुलडोजर चलेगा। यहां रहने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने 26 सितंबर को हुई हिंसा में गिरफ्तार भी किया है।
डेलापीर तालाब किनारे 14 मकानों को अवैध बताया
नगर निगम ने डेलापीर तालाब के किनारे बसे 14 मकानों के अवैध बताते हुए 15 दिन पहले नोटिस भेजा था। हालांकि यहां के लोगों का कहना है कि वो लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं, जब हम लोग यहां रहने आए थे तब यहां घना जंगल था और बड़ा सा तालाब था।
उस वक्त यहां कोई मुफ्त में भी जगह नहीं लेना चाहता था। दिनदहाड़े लोगों को लूट लिया जाता था। धीरे-धीरे यहां कई कालोनियां बन गईं। अब यहां की जमीनें काफी महंगी हो गई हैं इसलिए नगर निगम अब हम लोगों को यहां से हटा रहा है।’
मजदूर वर्ग और दलित-ओबीसी परिवारों का इलाका
लोगों का कहना है कि हम सभी मजदूर वर्ग के हैं। सभी दलित और ओबीसी जाति के लोग हैं। रोज कमाने-खाने वाले हैं। 40-50 गज में सभी घर बने हुए हैं। यहां रहने वाले पुरुष रिक्शा चलाते हैं तो महिलाएं घरों में चौका-बर्तन करके पेट पालती हैं। हमने बहुत मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़कर अपने घरों में लाखों रुपये लगाए हैं। कुछ लोगों का जन्म यहीं हुआ तो कुछ महिलाओं की शादी यहीं होकर आई। शादी के 50 साल हो गए। बच्चे बड़े हो गए, उनकी भी शादी हो गई। कुछ लोगों की लड़कियां जवान हैं, शादी की उम्र है। लोगों का कहना है कि अब हम लड़कियों की शादी करेंगे या नई जगह मकान बनाएंगे? अब हम सब सड़क पर जाएंगे। हमारे पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है।
योगी से मिलने गए, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
लोगों का कहना है कि हम लोग गोरखपुर और लखनऊ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। यहां लोकल स्तर पर मंत्री डॉ. अरुण कुमार और मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास भी गए थे, लेकिन उन लोगों ने भी कोई मदद नहीं की। लोगों का कहना है कि मोदी हम सबको अपना परिवार कहते हैं, लेकिन अब अपने परिवार को ही उजाड़ रहे हैं। हम लोग गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
रिपोर्टर की डायरी
बेतिया के मेडिकल कॉलेज में डेडबॉडी को घेरकर प्रदर्शन क्यों कर रहे डॉक्टर?
- बेतिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टरों का प्रदर्शन।
- नाइट ड्यूटी के दौरान डॉक्टर न होने का आरोप, मरीज की मौत हुई।
- डॉक्टरों से मारपीट में मृतक की पत्नी व बहन घायल, इलाज जारी।
बेतिया | मनोज कुमार
बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के ऊपर लापरवाही के आरोप लगे तो उन्होंने एक डेडबॉडी को ही बंधक बनाकर धरना देना शुरू कर दिया।हालात ऐसे हुए कि मृतक के परिजनों को अस्पताल से भागना पड़ा, मृतक की पत्नी व बहन घायल हो गए हैं जिनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है।
दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने एक नर्स के साथ दुर्व्यवहार किया था। ये घटना बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के Government Medical college and Hospital की है, जिसे आपतौैर पर GMCH कहा जाता है।
शनिवार सुबह (25 अक्तूबर ) हुई इस घटना के बाद अस्पताल में तनाव की स्थिति बन गई, जिसके चलते SSB और नगर थाना पुलिस को तैनात किया गया।
दरअसल 24 नवंबर को बानूछपरा इलाके के एक गंभीर मरीज रंजय तिवारी को अस्पताल लाया गया। परिजनों का कहना है कि रंजय को तीन इंजेक्शन दिए गए, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने डॉक्टरों को खोजने की कोशिश की पर कोई भी डॉक्टर रात में मौजूद नहीं मिला, जिससे उनके मरीज की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
शनिवार सुबह जब डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तो गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया। आरोप है कि दोनों के बीच काफी मारपीट हुई और मारपीट के कारण मृतक की पत्नी तनुश्री और बहन छोटी कुमारी घायल हो गईं, जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक डेडबॉडी नहीं मिली है, उन्होंने पुलिस के शव दिलाने का अनुरोध किया है।
इस मामले में GMCH अधीक्षक सुधा भारती का कहना है कि उनके नर्सिंग व डॉक्टर स्टाफ में काफी नाराजगी है, वे मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ FIR चाहते हैं, उन्हें भी लगता है कि केस होना चाहिए। साथ ही उन्होंने बोला कि मरीज के अटेडेंट ने अपनी गलती मानी है। हालांकि डेडबॉडी सुपुर्द न करने को लेकर उनसे बात नहीं हो सकी।
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