रिपोर्टर की डायरी
छपरा : पास में सो रहा था बच्चा, मां और मौसी का गला काटा, मां की मौत
अमनौर (सारण) | पंकज मिश्रा
अपनी ससुराल में छोटी बहन व 11 माह के नवजात संग सो रही 23 वर्षीय एक महिला की अज्ञात हमलावरों ने गला काटकर हत्या कर दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हमलावरों ने छोटी बहन के गले को भी काटने की कोशिश की और मोटरसाइकिल से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल छोटी बहन को पटना एम्स रेफर किया गया है। मृत महिला के बच्चे को चोट नहीं आई है। यह सनसनीखेज घटना अमनौर थानाक्षेत्र के पकड़ीडीह गांव में हुई है। पुलिस हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।
गला कटी मां के पास खून से लथपथ रो रहा था बच्चा
मृतका रूबी के ससुर मदन साह का कहना है कि उनकी बहू, अपनी बहन व बेटे के साथ घर के अंदर अपने कमरे में सो रही थी जबकि वह अपनी पत्नी माधुरी देवी के साथ घर के बाहर एक फूस के दलान में सोए हुए थे। ससुर के मुताबिक, “इस जघन्य अपराध की जानकारी उन्हें तब मिली, जब आधी रात को घायल निशा खून से लथपथ किसी तरह उठकर घर का दरवाजा खोलकर उनके बिस्तर के पास आकर गिर पड़ी, धमक और चीख की आवाज सुनकर वे उठे और घायल निशा को उठाकर शोर मचाया।”
ससुर का कहना है कि उन्होंने देखा “कुछ लोग बाइक चालू करके फरार हो गए और वे कम से कम तीन लोग थे। निशा बोलने की हालत में नहीं थी पर घर से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, वे भागकर घर के अंदर गए तो देखा कि बहू खून से लथपथ जमीन पर बेसुध पड़ी थी और उनका पोता भी खून से भीगा हुआ जोर-जोर से रो रहा था।” बता दें कि रविवार को मृतिका के शव का पोस्टमार्टम हुआ है, जिसकी रिपोर्ट आने के मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर वाहन में रखी महिला की लाश
बड़ी बहन के घर आई थी, अब जिंदगी के लिए जूझ रही
मृतका की पहचान रूबी कुमारी (23) के रूप में हुई है और उसकी छोटी बहन का नाम निशा कुमारी(18) है, जो छपरा शहर के भगवान बाजार थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर मुहल्ला निवासी टुनटुन साह की पुत्री बताई जा रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि रूबी की सास माधुरी देवी के हाथ की हड्डी टूट जाने के कारण घर के काम में मदद के लिए रूबी ने अपनी बहन निशा को अपने पास बुलाया था। जानलेवा हमले के बाद निशा को गंभीर हालत में छपरा सदर अस्पताल लाया गया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए पटना एम्स रेफर कर दिया। जबकि रूबी को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
बाहर नौकरी करता है पति
मृतिका महिला रूबी कुमारी (23 वर्ष) का मायका छपरा के बरहमपुर में है। उसकी शादी साल 2023 में हुई थी और उसका एक 11 माह का मासूम बच्चा भी है। उसके पति धनंजय गुप्ता नौकरी के सिलसिले में बाहर रहते हैं।

सनसनीखेज हत्या के बाद मृतका के घर के बाहर बैठे लोग
मौत की वजह तलाश रही पुलिस
घटनास्थल का जायजा लेने के लिए ग्रामीण एसपी और मढ़ौरा एसडीपीओ भी मौके पर पहुंचे। इससे पहले घटना की जानकारी मिलते ही अमनौर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और हत्यारे की तलाश में जुट गई है। अमनौर थाना अध्यक्ष हेमंत कुमार ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है कि यह हत्या कैसे और किन परिस्थितियों में की हुई। पुलिस हर एंगल से तफ्तीश करेगी क्योंकि ये मामला आपसी दुश्मनी का परिणाम या घरवालों की मिली-भगत भी हो सकता है।
नोट – इस घटना पर अधिक जानकारी सामने आने पर स्टोरी को अपडेट किया जा सकता है।
चुनावी डायरी
बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज
- होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।
इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।
लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रिपोर्टर की डायरी
अब बरेली में 41 मकानों को अवैध बताया, बुलडोजर चलेगा
- पीड़ित लोग बोले- जिन्हें वोट दिया, वही घर उजाड़ रहे।
- मेयर बोले- निगम की जमीन की कार्रवाई नहीं रोक सकते।
- शाहबाद और डेलापीर के कब्जेदारों को एक सप्ताह की और मोहलत दी।
बरेली | मोनू पांडे
यूपी के बरेली में 41 मकानों को एक सप्ताह बाद बुलडोजर से ढहा दिया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि शाहबाद और डेलापीर में उनकी जमीनों पर कई साल से अवैध कब्जा है और इसे हटाने के लिए कब्जेदारों को 15 दिनों का समय दिया था जिसकी मियाद 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। हालांकि 25 अक्तूबर तक अधिकांश घर खाली नहीं हो सके तो नगर निगम ने एक सप्ताह की मोहलत दे दी है।
शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों पर चलेगा बुलडोजर
बरेली के शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों को नोटिस गया था, यहां 25 अक्टूबर को नगर निगम ने अवैध निर्माण ढहाने के निर्देश दिए थे, हालांकि लोगों को एक सप्ताह के अंदर खुद ही कब्जा खाली करने की मोहलत दी गई है। यहां रहने वाले लोगों का भी कहना है कि हम लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। यहां एक प्रधानमंत्री आवास भी बना है, उस पर भी बुलडोजर चलेगा। यहां रहने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने 26 सितंबर को हुई हिंसा में गिरफ्तार भी किया है।
डेलापीर तालाब किनारे 14 मकानों को अवैध बताया
नगर निगम ने डेलापीर तालाब के किनारे बसे 14 मकानों के अवैध बताते हुए 15 दिन पहले नोटिस भेजा था। हालांकि यहां के लोगों का कहना है कि वो लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं, जब हम लोग यहां रहने आए थे तब यहां घना जंगल था और बड़ा सा तालाब था।
उस वक्त यहां कोई मुफ्त में भी जगह नहीं लेना चाहता था। दिनदहाड़े लोगों को लूट लिया जाता था। धीरे-धीरे यहां कई कालोनियां बन गईं। अब यहां की जमीनें काफी महंगी हो गई हैं इसलिए नगर निगम अब हम लोगों को यहां से हटा रहा है।’
मजदूर वर्ग और दलित-ओबीसी परिवारों का इलाका
लोगों का कहना है कि हम सभी मजदूर वर्ग के हैं। सभी दलित और ओबीसी जाति के लोग हैं। रोज कमाने-खाने वाले हैं। 40-50 गज में सभी घर बने हुए हैं। यहां रहने वाले पुरुष रिक्शा चलाते हैं तो महिलाएं घरों में चौका-बर्तन करके पेट पालती हैं। हमने बहुत मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़कर अपने घरों में लाखों रुपये लगाए हैं। कुछ लोगों का जन्म यहीं हुआ तो कुछ महिलाओं की शादी यहीं होकर आई। शादी के 50 साल हो गए। बच्चे बड़े हो गए, उनकी भी शादी हो गई। कुछ लोगों की लड़कियां जवान हैं, शादी की उम्र है। लोगों का कहना है कि अब हम लड़कियों की शादी करेंगे या नई जगह मकान बनाएंगे? अब हम सब सड़क पर जाएंगे। हमारे पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है।
योगी से मिलने गए, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
लोगों का कहना है कि हम लोग गोरखपुर और लखनऊ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। यहां लोकल स्तर पर मंत्री डॉ. अरुण कुमार और मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास भी गए थे, लेकिन उन लोगों ने भी कोई मदद नहीं की। लोगों का कहना है कि मोदी हम सबको अपना परिवार कहते हैं, लेकिन अब अपने परिवार को ही उजाड़ रहे हैं। हम लोग गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
रिपोर्टर की डायरी
बेतिया के मेडिकल कॉलेज में डेडबॉडी को घेरकर प्रदर्शन क्यों कर रहे डॉक्टर?
- बेतिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टरों का प्रदर्शन।
- नाइट ड्यूटी के दौरान डॉक्टर न होने का आरोप, मरीज की मौत हुई।
- डॉक्टरों से मारपीट में मृतक की पत्नी व बहन घायल, इलाज जारी।
बेतिया | मनोज कुमार
बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के ऊपर लापरवाही के आरोप लगे तो उन्होंने एक डेडबॉडी को ही बंधक बनाकर धरना देना शुरू कर दिया।हालात ऐसे हुए कि मृतक के परिजनों को अस्पताल से भागना पड़ा, मृतक की पत्नी व बहन घायल हो गए हैं जिनका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है।
दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने एक नर्स के साथ दुर्व्यवहार किया था। ये घटना बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के Government Medical college and Hospital की है, जिसे आपतौैर पर GMCH कहा जाता है।
शनिवार सुबह (25 अक्तूबर ) हुई इस घटना के बाद अस्पताल में तनाव की स्थिति बन गई, जिसके चलते SSB और नगर थाना पुलिस को तैनात किया गया।
दरअसल 24 नवंबर को बानूछपरा इलाके के एक गंभीर मरीज रंजय तिवारी को अस्पताल लाया गया। परिजनों का कहना है कि रंजय को तीन इंजेक्शन दिए गए, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने डॉक्टरों को खोजने की कोशिश की पर कोई भी डॉक्टर रात में मौजूद नहीं मिला, जिससे उनके मरीज की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।
शनिवार सुबह जब डॉक्टर अस्पताल पहुंचे तो गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया। आरोप है कि दोनों के बीच काफी मारपीट हुई और मारपीट के कारण मृतक की पत्नी तनुश्री और बहन छोटी कुमारी घायल हो गईं, जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक डेडबॉडी नहीं मिली है, उन्होंने पुलिस के शव दिलाने का अनुरोध किया है।
इस मामले में GMCH अधीक्षक सुधा भारती का कहना है कि उनके नर्सिंग व डॉक्टर स्टाफ में काफी नाराजगी है, वे मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ FIR चाहते हैं, उन्हें भी लगता है कि केस होना चाहिए। साथ ही उन्होंने बोला कि मरीज के अटेडेंट ने अपनी गलती मानी है। हालांकि डेडबॉडी सुपुर्द न करने को लेकर उनसे बात नहीं हो सकी।
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