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15 साल की उम्र में पीएचडी पूरी करने वाले ‘छोटे आइंस्टाइन’ के बारे में जानिए

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Photo Credit - FB/Laurent Simons
15 साल की उम्र में पीएचडी करने वाले बेल्जियम के लॉरेन्ट सिमॉन्स (Credit - FB/Laurent Simons)
  • यूरोपीय देश बेल्जियम के 15 साल के छात्र हैं लॉरेंट सिमन्स। 
  • एंटवर्प विश्वविद्यालय से क्वांटम फिजिक्स में पीएचडी पूरी की।

नई दिल्ली |

प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती.. इसे बेल्जियम के एक किशोर ने साबित कर दिया जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में PhD की डिग्री हासिल की है। लॉरेंट सिमन्स (Laurent Simons) नाम के इस किशोर ने क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics) में PhD पूरी कर इतिहास रच दिया है, इन्हें स्थानीय लोग ‘छोटे आइंस्टाइन’ (Little Einstein) के नाम से पुकार रहे हैं। वह आधुनिक इतिहास के सबसे कम उम्र के PhD holders में से एक हैं। अब उनका लक्ष्य AI में दूसरी PhD करके Human Life Expectancy बढ़ाना और Super humans बनाना है।

गौरतलब है कि सबसे कम उम्र में Doctorate हासिल करने का रिकॉर्ड एक जर्मन न्यायविद् के नाम है। साल 1814 में जोहान हेनरिक फ्रेडरिक कार्ल विट्टे (Johann Heinrich Friedrich Karl Witte) ने मात्र 13 साल की उम्र में PhD की उपाधि हासिल की थी।

 

सिर्फ 18 महीने में ग्रेजुएशन किया
लॉरेंट सिमन्स ने यह डिग्री एंटवर्प विश्वविद्यालय (University of Antwerp) से प्राप्त की है। यहीं से उन्होंने तीन साल पहले मात्र 12 साल की उम्र में ग्रेजुएशन पूरा करके चर्चा पाई थी। उन्होंने फिजिक्स में बैचलर्स डिग्री हासिल करने में मात्र 18 महीनों का समय लिया था जबकि सामान्यत: इसे पूरा करने में तीन साल लगते हैं। 
15 साल की उम्र में पीएचडी करने वाले बेल्जियम के लॉरेन्ट सिमॉन्स (Credit - FB/Mubashir Maviya)

15 साल की उम्र में पीएचडी करने वाले बेल्जियम के लॉरेन्ट सिमॉन्स (Credit – FB/Mubashir Maviya)

साल के अंदर मास्टर्स पूरा किया
उसी साल उन्होंने क्वांटम फिजिक्स में मास्टर्स भी पूरा किया। उनकी मास्टर्स रिसर्च बोस-आइंस्टीन कंडेंसेट्स (Bose-Einstein condensates) पर आधारित थी, जो अल्ट्रा-कोल्ड तापमान पर ब्लैक होल्स (Black Holes) और बोसॉन स्टेट्स के बीच की समानता का अध्ययन करती थी। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट में क्वांटम ऑप्टिक्स (Quantum Optics) पर इंटर्नशिप भी की।
कोर्स अवधि के चलते इंजीनियरिंग छोड़ी
इससे पहले मात्र नौ साल की उम्र में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering) की पढ़ाई करने की ठानी पर जिस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, वहां कम अवधि में कोर्स पूरा कर लेने को लेकर सहमति नहीं बनने से उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ दी और फिर फिजिक्स में बैचलर किया। 
लॉरेंट ने अपने माता-पिता के साथ यह तस्वीर 2022 में फेसबुक पर साझा की है।

लॉरेंट ने अपने माता-पिता के साथ यह तस्वीर 2022 में फेसबुक पर साझा की है।

माता-पिता ने बड़े ऑफरों को ठुकराया
लॉरेंट ने मात्र आठ साल की उम्र में हाईस्कूल पूरा किया, वे बहुत छोटी उम्र से ही असाधारण बच्चे थे। लोग उन्हें “लिटिल आइंस्टीन” कहते हैं, उनका IQ 145 से ज्यादा है। उनकी प्रतिभा को देखते हुए अमेरिका और चीन की टेक दिग्गज (Tech Giants) कंपनियों ने उन्हें ऑफर दिए, पर उनके माता-पिता ने इन्हें स्वीकार नहीं किया क्योंकि वे चाहते थे कि उनका बेटा मेडिकल साइंस और इंसानी जीवन के क्षेत्र (Human Longevity) में योगदान दे।
इंसान की आयु बढ़ाना मकसद 
Laurent Simons का सपना इंसान की जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) बढ़ाना और जैविक अमरता (Biological Immortality) हासिल करना है। PhD पूरा करने के बाद उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा, “अब मैं अपने असली लक्ष्य की ओर बढ़ रहा हूं। मैं एआई (Artificial Intelligence) में दूसरी PhD करूंगा और महामानव (Superhumans) बनाऊंगा।”

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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पाकिस्तान में आत्मघाती हमले बढ़ने का कारण क्या है?

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  • Balochistan में FC हेडक्वार्टर पर आत्मघाती हमला, गेट उड़ाकर अंदर घुसे आतंकी
  • Quetta और डेरा मुराद में 24 घंटे के अंदर 7 धमाके, रेलवे ट्रैक भी उड़ाया

  • Global Terrorism Index में पाकिस्तान बना दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक देश

 

नई दिल्ली |

पाक में अर्द्धसेना मुख्यालय पर आत्मघाती हमला हुआ है। यह हमला पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत के नोककुंडी (Nokkundi) में स्थित फ्रंटियर कॉर्प्स (Frontier Corps – FC) के हेडक्वार्टर पर रविवार देर रात किया गया। ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सुसाइड बॉम्बर ने हेडक्वार्टर के मेन गेट पर खुद को उड़ा लिया। धमाका इतना जोरदार था कि गेट के परखच्चे उड़ गए, जिसके तुरंत बाद 6 हथियारबंद लड़ाके परिसर के अंदर घुस आए। यह हमला पाकिस्तान में लगातार हो रहे आत्मघाती हमले की कड़ी में सबसे नई और गंभीर घटना है। आइए जानते हैं कि आतंकवाद को सरपरस्ती देने वाले पाकिस्तान में आत्मघाती हमलों का कारण क्या है?

अर्द्धसैनिक मुख्यालय में घंटों चली गोलीबारी

बलूचिस्तान में स्थित अर्द्धसैनिक मुख्यालय में गेट टूटने के बाद अंदर घुसे आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें 3 हमलावर मारे गए। हालांकि, कुछ सूत्रों का दावा है कि मारे गए हमलावरों की संख्या 6 है। एफसी के प्रवक्ता ने दावा किया है कि यह हमला बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने किया है। इसी बीच, पंजगुर (Panjgur) जिले के गुरमाकन इलाके में भी एक एफसी चेकपोस्ट पर हमला हुआ है।

24 घंटे में 7 धमाकों से दहला बलूचिस्तान

हेडक्वार्टर पर हमले से कुछ घंटे पहले ही इसी इलाके में एक दिन के भीतर लगातार 7 धमाके हुए थे। उग्रवादियों ने क्वेटा (Quetta) और डेरा मुराद जमाली में कई जगहों को निशाना बनाया:

  • क्वेटा: यहां पुलिस चेकपोस्ट पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया और एंटी-टेररिज्म डिपार्टमेंट (ATD) की गाड़ी के पास आईईडी (IED) ब्लास्ट हुआ।

  • सरियाब रोड: निर्माण कंपनी के कैंप पर ग्रेनेड फेंके गए, जिसमें दो गार्ड घायल हो गए।

  • रेलवे ट्रैक: शहर के बाहरी हिस्से लोहर करेज के पास रेलवे ट्रैक को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया गया।

  • पुलिस स्टेशन: मनजूर शहीद पुलिस स्टेशन पर भी बाइक सवारों ने दो ग्रेनेड फेंके।

4 साल में 4000 सैनिक मारे गए

पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार (Ishaq Dar) ने शनिवार को एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया था। उन्होंने बताया कि पिछले 4 सालों में पाकिस्तान के 4,000 सैनिक मारे गए हैं और 20,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। उन्होंने इसका ठीकरा अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) शासन पर फोड़ते हुए कहा कि पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को सीमा पार पनाह मिल रही है, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हो रहा है।

दुनिया का दूसरा सबसे ‘आतंक प्रभावित’ देश

हालात कितने बदतर हैं, इसका अंदाजा ‘ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025’ (Global Terrorism Index 2025) की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है।

  • रैंकिंग: बुर्किना फासो के बाद पाकिस्तान अब दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित देश बन गया है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था। हालांकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को श्रेय देने के आरोप भी लगते रहे हैं और भारत के पहलगाम हमले का सीधा संबंध पाकिस्तान से निकला था।

  • हमलों में वृद्धि: रिपोर्ट के मुताबिक, TTP के हमलों में 90% और BLA के हमलों में 60% की बढ़ोतरी हुई है।

  • खतरनाक संगठन: TTP को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन बताया गया है। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसमें 558 मौतें हुईं। इस्लामिक स्टेट-खुरासान (IS-K) ने भी अब पाकिस्तानी शहरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

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Pakistan में क्यों मचा बवाल, Imran Khan जिंदा हैं या नहीं?

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https://cdn2.picryl.com/photo/2011/02/11/imran-khan-2023-cd1e4e-640.jpg
इमरान खान पाकिस्तान के 19वें प्रधानमंत्री रहे हैं व प्रसिद्ध भूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं।
  • Imran Khan के बेटे कासिम ने कहा- ‘6 हफ्तों से डेथ सेल में हैं पिता’।
  • पाक के रक्षा मंत्री बोले- ‘जेल में मखमली बिस्तर पर सो रहे हैं इमरान खान’।

नई दिल्ली |

पाकिस्तान (Pakistan) की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सलामती को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है। उनके बेटे कासिम खान ने सवाल उठाया है कि 2023 से रावलपिंडी की एक जेल में बंद उनके पिता जिंदा भी हैं या नहीं?

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके पिता को 845 दिन पहले गिरफ्तार (Arrest) किया गया था और पिछले 6 हफ्तों से उन्हें एक ‘डेथ सेल’ (Death Cell) में अकेले रखा गया है। परिवार को न तो उनसे मिलने दिया जा रहा है और न ही कोई खबर दी जा रही है।

इमरान की राजनीतिक पार्टी PTI (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) ने भी उनके साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए सरकार से इमरान की तबीयत पर स्पष्टीकरण मांगा है। पाकिस्तान के सोशल मीडिया में #WHEREISIMRANKHAN ट्रेंड कर रहा है।

इमरान से मिलने जा रहे CM को गिराकर पीटा

इमरान खान का हाल जानने के लिए रावलपिंडी की अडियाला जेल (Adiala Jail) पहुंचे खैबर-पख्तूनख्वा (KP) के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के साथ पुलिस ने जो सुलूक किया, उसने माहौल और गरमा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारी सुरक्षा के बीच पुलिस ने सीएम अफरीदी को न सिर्फ रोका, बल्कि उन्हें लात-घूंसों से मारा और सड़क पर गिराकर पीटा। आरोप है कि यह हमला सेना (Army) के आदेश पर किया गया है। अफरीदी ने चेतावनी दी है कि अगर इमरान को कुछ हुआ, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

अचानक क्यों होने लगी इमरान की बात?

इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर उनकी मौत की अफवाहें जंगल की आग की तरह फैल रही हैं।

  • वजह: अडियाला जेल में हर मंगलवार को मुलाकात का दिन होता है। लेकिन पिछले कई हफ्तों से इमरान की बहनों और पार्टी नेताओं को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा।

  • सख्ती: इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन परिवार को मिलने नहीं दे रहा है, जिससे शक गहरा गया है। इसी मुद्दे को लेकर 2 दिसंबर को PTI कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया है।

क्या बोला जेल प्रशासन

अडियाला जेल प्रशासन के हवाले से पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया हाउस डॉन ने लिखा है कि इमरान खान को जेल से शिफ्ट किए जाने की खबर गलत है, उनकी सेहत भी ठीक है।

बहन बोलीं- ‘परिवार डर में है’

इमरान की बहन नोरेन नियाजी ने कहा कि जेल प्रशासन की चुप्पी से परिवार बहुत डरा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को ऊपर से आदेश मिले हैं कि परिवार के साथ बदसलूकी की जाए। पीटीआई (PTI) ने भी साफ कर दिया है कि अगर उनके नेता को कुछ हुआ, तो वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

रक्षा मंत्री का दावा- ‘मजे में हैं इमरान’

विपक्ष के आरोपों के बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इमरान जेल में मजे कर रहे हैं। आसिफ ने दावा किया, “इमरान के पास डबल बेड, मखमली बिस्तर, टीवी और जिम का सामान है। उनका खाना बाहर से आता है। जब हम जेल में थे, तो हमें ठंडे फर्श पर सोना पड़ता था।”

क्यों जेल में हैं इमरान?

इमरान खान पर 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। उन्हें तोशाखाना केस (Toshakhana Case) और सरकारी सीक्रेट लीक करने के मामले में 14 साल की सजा हुई है। सबसे बड़ा मामला ‘अल-कादिर ट्रस्ट’ (Al-Qadir Trust) का है, जिसे 50 अरब रुपये का स्कैम बताया जा रहा है।

  • आरोप: इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर आरोप है कि उन्होंने ब्रिटेन से आए 190 मिलियन पाउंड (50 अरब पाकिस्तानी रुपये) को सरकारी खजाने में जमा करने के बजाय लैंड माफिया मलिक रियाज को दे दिया और बदले में जमीन और हीरे की अंगूठी ली।

 

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Rupee vs Dollar : महंगाई की मार के बीच रुपया हुआ ‘धड़ाम’! एशिया में सबसे बुरा हाल, जानें 4 बड़े कारण

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डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। (तस्वीर - प्रतीकात्मक)
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। (तस्वीर - प्रतीकात्मक)
  • 2025 में 4.3% टूटा रुपया, बना एशिया की ‘सबसे खराब’ प्रदर्शन करने वाली करेंसी
  • US टेरिफ और गोल्ड इंपोर्ट ने बिगाड़ा खेल, डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर तक गिरने का खतरा

  • RBI ने बचाने के लिए झोंके $38 बिलियन, अब ‘ट्रेड डील’ पर टिकी हैं उम्मीदें

 

नई दिल्ली |

भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। कैलेंडर वर्ष 2025 (जनवरी-दिसंबर) में अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले भारतीय रुपया (INR) (Rupee) 4.3% की भारी गिरावट के साथ एशिया (Asia) की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया है।

विदेशी मुद्रा विश्लेषकों (Forex Analysts) ने चेतावनी दी है कि अगर निकट भविष्य में अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं होता है, तो रुपया और गिरकर 90 प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी टेरिफ, विदेशी निवेश की निकासी और सोने के आयात में भारी उछाल बताया जा रहा है।

21 नवंबर को छुआ था अब तक का निचला स्तर

रुपये की हालत खस्ता बनी हुई है। 21 नवंबर 2025 को यह 89.66 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके बाद थोड़ी रिकवरी हुई और मंगलवार को यह 89.22 के आसपास कारोबार कर रहा था। विश्लेषकों का कहना है कि रुपये की चाल अब घरेलू बुनियादी ढांचे से ज्यादा डॉलर की वैश्विक मजबूती (Global Dollar Strength) पर निर्भर कर रही है। जहां इंडोनेशियन रुपिया (Indonesian Rupiah) में 2.9% और फिलीपीन पेसो (Philippine Peso) में 1.3% की गिरावट आई है, वहीं भारतीय रुपये ने 4% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है।

क्यों रसातल में जा रहा है रुपया? (4 बड़े कारण)

विशेषज्ञों ने रुपये की इस दुर्दशा के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया है:

  1. अमेरिकी टेरिफ की मार: ट्रम्प प्रशासन (Trump Administration) द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टेरिफ ने निर्यात को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके चलते अक्टूबर में व्यापार घाटा (Trade Deficit) रिकॉर्ड 41.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ गया।

  2. सोने की चमक ने बढ़ाई मुश्किल: इस साल सोने की कीमतों में उछाल ने लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया। अक्टूबर में सोने की मांग 200% बढ़ गई, जिससे गोल्ड इंपोर्ट बिल (Gold Import Bill) 14.72 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

  3. विदेशी निवेशकों का मोहभंग: शेयर बाजार (Stock Market) में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली ने भी पूंजी के बहिर्वाह (Capital Outflows) के जरिए रुपये को कमजोर किया है।

  4. ट्रेड डील में देरी: भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते में हो रही देरी ने बाजार की भावनाओं को आहत किया है।

RBI ने बचाने के लिए खर्च किए $38 बिलियन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये को बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने जनवरी से सितंबर 2025 के बीच स्पॉट मार्केट में रिकॉर्ड 38 बिलियन डॉलर की बिक्री की है ताकि मुद्रा को संभाला जा सके। यह पिछले तीन सालों में सबसे बड़ा हस्तक्षेप है।

क्या सुधरेंगे हालात?

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स (Geojit Investments) के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि अगर भारत पर उचित टेरिफ के साथ व्यापार समझौता जल्द हो जाता है, तो रुपये में वापसी हो सकती है। अनुमान है कि रुपया पहले 90 तक गिर सकता है और फिर 2026 की पहली तिमाही में सुधरकर 88.50 के आसपास आ सकता है। हालांकि, इसके लिए अमेरिका के साथ संबंधों और वैश्विक बाजार की स्थिरता अहम होगी।

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