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आज के अखबार

भाजपा सांसद के बिगड़े बोल, सीजेआई को ‘धार्मिक गृहयुद्ध’ का ज़िम्मेदार बताया

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1- ‘सुप्रीम कोर्ट सीमा लांघ रहा, देश में जारी ‘धार्मिक गृहयुद्धों’ के लिए सीजेआई संजीव खन्ना ज़िम्मेदार’ : भाजपा सांसद निशिकांत दूबे 

दो दिन पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि ये ख़ुद को सुपर संसद न समझे। वह मामला अभी ठंडा पड़ा नहीं कि अब भाजपा के दो सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। बीते शनिवार को झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने समाचार एजेंसी एएसआई (ANI) से कहा कि ”संसद को क़ानून बनाने का अधिकार है, सुप्रीम कोर्ट को क़ानून की व्याख्या का। मगर सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है, अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “इस देश में आज जितने गृह युद्ध हो रहे हैं उसके ज़िम्मेदार केवल चीफ़ जस्टिस ऑफ़ (CJI) इंडिया संजीव खन्ना साहब हैं।” दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने दूबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एएनआई से कहा कि ”भारत के संविधान के अनुसार, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देशित नहीं कर सकता है और राष्ट्रपति ने पहले ही इस पर (वक्फ संसोधन विधेयक) अपनी सहमति दे दी है, कोई भी राष्ट्रपति को चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं।”

दैनिक जागरण, 20 अप्रैल

दैनिक जागरण, 20 अप्रैल

भाजपा ने बयान से ख़ुद को अलग किया 

अखबारों ने यह भी लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अपनी पार्टी के दोनों सांसदों के बयान से पार्टी को अलग कर लिया। नड्डा ने एक्स पर लिखा कि भाजपा ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती है, हम न्यायपालिका के आदेशों का सम्मान करते हैं क्योंकि इससे लोकतंत्र मज़बूत होता है।’ इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह भी लिखा है कि पार्टी ने बयान का भले खंडन किया हो पर वह अपने सांसदों के ख़िलाफ़ अनुशासनहीनता की कार्रवाई का विचार नहीं कर रही है।

अखबारों की कवरेज :

हिन्दुस्तान ने अधूरे ढंग से ख़बर लगाई, द हिन्दू में ख़बर ही नहीं

दैनिक हिन्दुस्तान ने ख़बर को फ़ॉलोअप ढंग से बनाया जिसे पढ़ने पर बयान की गंभीरता नज़र नहीं आती। अख़बार ने इस ख़बर को अंदर के पेज पर लगाया है और कहीं भी भाजपा सांसद के पूरे बयान और उसके संदर्भ को ठीक से नहीं बताया गया है। दूसरी ओर, अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अख़बार द हिन्दू ने ये ख़बर ही नहीं छापी है। दूसरी ओर, दैनिक जागरण ने बयान को तो विस्तार में लगाया है पर इससे जुड़ी आंतरिक राजनीति और इस बयान के पीछे के राजनीतिक मकसद पर कोई विश्लेषण नहीं किया।

एक्सप्रेस ने दिए आगामी रणनीति के संकेत – संसद सत्र में जजों की नियुक्ति का मुद्दा उठेगा  

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि जब सांसद निशिकांत दूबे से उनके बयान पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विचार व्यक्त करने से पहले पार्टी से बात नहीं की थी। नड्डा के बयान पर उन्होंने कहा कि वे पार्टी के आज्ञाकारी कार्यकर्ता हैं, वे वहीं मानेंगे जो पार्टी की लाइन होगी। इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि निशिकांत ने एक अन्य वीडियो एक्स पर शेयर किया, जिसमें वे कह रहे हैं कि अगले संसद सत्र के दौरान जजों की नियुक्ति से जुड़े अधिनियम (राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग- NJAC)  जिसे 2014 में संसद ने पास कर दिया था, पर विस्तार में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति का परिवारवाद (नेपोटिज्म) और ज्यादा नहीं चलेगा। बता दें कि 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस क़ानून को अवैध करार दे दिया था।

द इंडियन एक्सप्रेस, 20 अप्रैल

द इंडियन एक्सप्रेस, 20 अप्रैल

 

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2- वीजा रद्द किए जाने को लेकर भारत ने अमेरिका से चिंता जताई 

द हिन्दू ने लिखा है कि अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में वीजा रद्द किए जाने को लेकर भारत सरकार ने डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए चिंता ज़ाहिर की है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस अख़बार को यह बताने से इनकार कर दिया कि इस मामले को अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान उठाया जाएगा या नहीं। बता दें कि अमेरिकी अप्रवासी वकील असोसिएशन ने एक सर्वे में पाया कि पिछले दो महीने में जिन विदेशी विद्यार्थियों के वीजा रद्द किए गए हैं, उसमें 50% भारतीय विद्यार्थी हैं।

द हिन्दू, 20 अप्रैल

द हिन्दू, 20 अप्रैल

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3- मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप लगाए पर विपक्ष ने अपील दायर नहीं की 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी राजनीतिक दलों ने आरोप लगाए थे कि बड़ी संख्या में मतदाता सूची में नाम जोड़ व घटा दिए गए। इस आरोप के बावजूद विशेष सारांश मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद भी मतदाताओं को शामिल करने या बाहर करने के संबंध में राजनीतिक दलों की ओर से शायद ही कोई अपील दायर की गई है। द हिंदू ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) की ओर से दायर रिपोर्ट प्राप्त करके उसकी जाँच की गई है, जिसके मुताबिक– महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले 89 प्राथमिक अपीलें और केवल एक अंतिम अपील की गई है। 2024 में हुए लोकसभा चुनावों से लेकर इस साल 7 जनवरी को मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) के अंतिम प्रकाशन तक किसी भी अन्य राज्य में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा कोई अन्य अपील नहीं की गई। 

द हिन्दू, 20 अप्रैल

द हिन्दू, 20 अप्रैल

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4- बांग्लादेश में एक हिन्दू नेता की हत्या, भारत ने मुद्दा उठाया

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ किए जाने के बाद से वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। इसी कड़ी में एक प्रमुख हिन्दू नेता की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने के मामले को भारतीय विदेश मंत्रालय से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने उठाया है।

शेख हसीना पर रेड क्रॉस नोटिस जारी हो : दूसरी ओर, बांग्लादेश ने शेख हसीना को गिरफ़्तार करने के लिए इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की माँग की है। इन दोनों ही घटनाओं के बाद भारत व बांग्लादेश के संबंधों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। इस ख़बर को भी आज सभी अखबारों ने प्रमुखता से लगाया है।

दैनिक जागरण, 20 अप्रैल

दैनिक जागरण, 20 अप्रैल

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5- विदेश :  टेक्सास में बंद शरणार्थियों को उनके देश नहीं भेजा जाएगा – कोर्ट

अमेरिका के टेक्सास राज्य की अदालत ने ट्रंप की नीति को झटका देते हुए आदेश दिया है कि वहां के शरणार्थी कैंप में जो विदेशी बंद हैं, उन्हें उनके देश नहीं भेजा जाएगा। ये शरणार्थी वेनेजुएला देश के हैं, जिन्हें अदालत के आदेश के बाद फौरी राहत मिल गई है। हालांकि ट्रंप ने एक्स पर ट्वीट करके दोहराया कि अवैध रुप से आने वालों को वे उनके देश भेजकर ही रहेंगे।

अमर उजाला, 20 अप्रैल

अमर उजाला, 20 अप्रैल

 

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6- विदेश : परमाणु संधि पर वार्ता के लिए अगले सप्ताह फिर मिलेंगे अमेरिका-ईरान  

अमेरिका व ईरान के बीच इटली के रोम में दूसरे दौर की वार्ता पूरी हो गई और तीसरे दौर की वार्ता अगले सप्ताह शनिवार से शुरू हो जाएगी। इस ख़बर को द हिन्दू ने विदेश पेज पर प्रमुखता से लिया है। दूसरे दौर की बातचीत में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची शामिल हुए। दोनों देशों के बीच लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही है और इस संबंध में बीते 12 अप्रैल को तब थोड़ी नरमी आई जब दोनों देशों के प्रतिनिधि ओमान में पहली बातचीत के लिए मिले। इसकी मध्यस्थता ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने की थी।  इसके बाद दूसरे दौर की वार्ता इटली में हुई है, जिसकी मध्यस्थता भी ओमान ने की थी। ईरानी विदेश मंत्री के मुताबिक़, अब तीसरे दौर की वार्ता दोबारा ओमान में होगी।

द हिन्दू, 20 अप्रैल

द हिन्दू, 20 अप्रैल

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

आज के अखबार

अगले सप्ताह से वोटर लिस्ट की विशेष जांच, तमिलनाडु से शुरुआत क्यों?

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  • चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को SIR कराने की जानकारी दी।
  • कहा- तमिलनाडु समेत सभी चुनावी राज्यों में सबसे पहले SIR होगा।
  • पहले फेज में करीब 10 से 15 राज्य शामिल, आधिकारिक घोषणा जल्द।

नई दिल्ली |

देश के हर नागरिक को वोटर लिस्ट में अपने नाम को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक उसी तरह जैसे बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के दौरान किया गया। वोटर लिस्ट रिविजन की इस प्रक्रिया को SIR (Special intensive revision ) नाम से जाना जाता है जो अगले सप्ताह से तमिलनाडु में शुरू हो जाएगी।

चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि अगले सप्ताह से वह तमिलनाडु में Special intensive revision शुरू करेगी। साथ ही 2026 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया में सबसे पहले शामिल किया जाएगा।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के हवाले से हिन्दुस्तान अखबार ने लिखा है कि SIR के पहले चरण में 10 से 15 राज्यों में कराया जाएगा, जिसमें चुनाव वाले राज्य भी शामिल रहेंगे।

 

पांच राज्यों में होने हैं अगले साल चुनाव

आपको बता दें कि अगले साल देश के पांच राज्यों असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल व प. बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। यानी इन राज्यों में वोटर लिस्ट की जांच का काम सबसे पहले शुरू होगा।

जनसत्ता के मुताबिक, अगले सप्ताह में कभी भी इस प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।

दैनिक हिन्दुस्तान के मुताबिक, पहले चरण में उन राज्यों को SIR से बाहर रखा जाएगा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या प्रस्तावित हैं।

26 अक्तूबर के हिन्दी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से लिया है। दैनिक हिन्दुस्तान ने इस खबर को लीड स्टोरी बनाया है। जबकि जनसत्ता, दैनिक जागरण और अमर उजाला ने इसे पहले पन्ने पर छापा है।

 

20 साल के बाद होने जा रहा वोटर रिविजन

SIR की रूपरेखा तय करने के लिए चुनाव आयोग, राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।

अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट दुरुस्त करने का काम दो दशकों के बाद होने जा रहा है, कई राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया 2002-2008 के बीच हुई थी, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई SIR के लिए आखिरी वोटर लिस्ट रिविजन के वर्ष को ही कटऑफ ईयर माना जाएगा।

चुनाव आयोग के निर्देश पर अधिकांश राज्यों की आखिरी SIR लिस्ट की मैपिंग करके उसे राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर दिया गया है।

 

 

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आज के अखबार

ADGP और ASI का ‘सुसाइड’ : दोनों का Final नोट, सिर पर गोली और कोई Eye विटनेस नहीं

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हरियाणा IDGP की हत्या के सात दिन के बाद ASI ने हत्या कर ली।
हरियाणा IDGP की हत्या के सात दिन के बाद ASI ने हत्या कर ली।

नई दिल्ली |

हरियाणा पुलिस में ADGP वाई पूरन सिंह की मौत के मामले में DGP समेत आठ बड़े पुलिस अफसरों के ऊपर जातिगत प्रताड़ना के आरोपों में केस दर्ज हुआ है। इस मामले ने 14 अक्तूबर को नाटकीय मोड़ ले लिया क्योंकि एक ASI ने कथिततौर पर आत्महत्या कर ली और मरने से पहले रिकॉर्ड करके एक वीडियो पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला। इस वीडियो में ADGP वाई पूरन सिंह को करप्ट बताया गया और DGP को ईमानदार।

रोहतक पुलिस की साइबर सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार की अपने गांव में मृत मिलने की खबर मिली, जो ADGP वाई पूरन सिंह से जुड़े एक करप्शन केस की जांच में शामिल थे।

दोनों मौतों में समानता : Indian express 

इंडियन एक्सप्रेस ने 15 अक्तूबर की कवरेज में ADGP और ASI की मौत के तरीकों में समानता पाई है। अखबार ने लिखा है कि दोनों की मौत सिर में गोली लगने से हुई, दोनों ही मामले में कोई Eye witness नहीं था। साथ ही, दोनों के ही कथित सुसाइड नोट के ऊपर अंग्रेजी में ‘Final Note’ लिखा हुआ है। जबकि ADGP ने सुसाइड नोट अंग्रेजी में टाइप किया था,  ASI ने हाथ से हिन्दी में लिखा है।

इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस

ADGP के गनर की जांच में था शामिल

द हिन्दू के मुताबिक, ASI संदीप कुमार, उस टीम में शामिल था जिसने ADGP के गनर सुशील कुमार के ऊपर शराब व्यापारी से मनी एक्सटॉर्शन के आरोपों की जांच की थी। इस गनर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद 7 अक्तूबर को ADGP पूरन की मौत हो गई थी, जिसे आत्महत्या बताया जा रहा है।

द हिन्दू

द हिन्दू

‘लोगों को जगाने के लिए सुसाइड’

टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि ASI ने मरने के पहले एक वीडियो बनाकर दावा किया कि “ADGP पूरन का सुसाइड जातिगत भेदभाव का नहीं था, उन्होंने परिवार के सामने शर्मिंदा होने से बचने के लिए आत्महत्या की।” साथ ही ASI के ‘फाइनल नोट’ में लिखा है कि “वह लोगों को जगाने के लिए भगत सिंह की तरह अपना बलिदान दे रहा है।”

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया

 

शव के पास ही वीडियो और फाइनल नोट मिलने का दावा

अखबार ने ये बात भी हाईलाइट की है कि रोहतक पुलिस के मुताबिक एएसआई संदीप का शव उन्हें रोहतक के एक गांव में उसके मामा के ट्यूबवेल रूम में मिला, वही पर उसका वीडियो और एक ‘फाइनल नोट’ मिला।

बता देेें कि ASI के ये आरोप, ADGP वाई पूरन सिंह के ‘फाइनल नोट’ के आरोपों से एकदम उलट हैं। ADGP पूरन ने DGP, SP समेत 8 अफसरों पर उनके साथ जातिवादी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे, हाल में FIR दर्ज करके हरियाणा सरकार ने DGP को छुट्टी पर भी भेज दिया है।

इस खबर को देश के सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर छापा है।

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आज के अखबार

हरियाणा ASI का सुसाइड, माओवादी सरेंडर और दिल्ली की खराब हवा को मिली प्रमुखता

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  • भारत के अधिकांंश अखबारों ने 15 अक्तूबर को अलग-अलग मुद्दों को प्रमुख खबर बनाया।

नई दिल्ली |

आज (15 oct) के अखबारों ने अलग-अलग मामलों को लीड स्टोरी बनाया, हालांकि सभी अखबारों ने हरियाणा में एक ASI के आत्महत्या करने के मामले को प्रमुखता से लगाया है। इसके अलावा, दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने, माओवादी पार्टी के पॉलिटिक ब्रेन कहे जाने वाले एक नक्सली के सरेंडर की खबर को अखबारों ने प्रमुखता से लिया। इस दिन के अधिकांश अखबारों ने अलग-अलग खबर लीड लगाई है।

 

हरियाणा में ADGP पूरण कुमार की आत्महत्या के बाद अब एक ASI ने गोली मार सुसाइड कर लिया और उन्होंने मरने से पहले एक वीडियो बनाकर ADGP को भ्रष्ट भी बताया। इस खबर को अमर उजाला ने पहली खबर बनाया है।

अमर उजाला 15 अक्तूबर

अमर उजाला 15 अक्तूबर

दैनिक भास्कर ने भी इसी खबर को लीड स्टोरी बनाया है।

दैनिक भास्कर

दैनिक भास्कर

टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इसी खबर को पहली खबर बनाया।

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया

दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा खराब, 14 अक्तूबर से GRAP के पहले चरण के प्रतिबंध लागू हुए। इस खबर को दैनिक हिन्दुस्तान ने पहली खबर बनाया है।

दैनिक हिन्दुस्तान

दैनिक हिन्दुस्तान 15 अक्तूबर

मंदिरों की दान धनराशि के दुरुपयोग से जुड़ा एक आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है, जिसको दैनिक जागरण ने पहली खबर बनाया।

दैनिक जागरण

दैनिक जागरण

शीर्ष माओवादी कमांडर भूपति ने 60 अन्य नक्सलियों के साथ महाराष्ट्र के गड़चिरौली में सरेंडर कर दिया। इस खबर को माओवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका और गृहमंत्रालय के लिए बड़ी सफलता बताते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने पहली खबर बनाया है।

इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु शराब घोटाले में ED की जांच पर उठाए और पूछा कि जब राज्य सरकार जांच कर रही है, तो ED को हस्तक्षेप का क्या अधिकार है? सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया है, इस खबर को द हिन्दू ने पहली खबर बनाया।

द हिन्दू

द हिन्दू

 

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