आज के अखबार
पहलगाम आतंकी हमले पर अखबारी कवरेज
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा- अमेरिकी दौरे के बीच भारत में आतंकी हमलों का रहा है पैटर्न
इंडियन एक्सप्रेस ने लीड लगाई है – terrorists kill tourists in Kashmir यानी ‘कश्मीर में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया’। अखबार ने पहले पन्ने पर लगाई एक खबर में लिखा है कि बीते वर्षों में यह पैटर्न देखा गया है कि जब भी किसी अमेरिकी प्रतिनिधि की भारत यात्रा हुई है, आतंकियों ने उस मौके पर घटनाओं को अंजाम दिया है। अखबार ने साल 2000 में 32 ग्रामीणों को मार डालने व साल 2002 में दस बच्चों समेत 30 लोगों को गोलियों के भून डाला था। अखबार का कहना है कि ऐसे दौरों के बीच घटनाएं करके वे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा पा जाते हैं। अखबार ने यह भी लिखा है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल असर मुनीर ने कहा कि कश्मीर हमारी जीवन रेखा (जुगुलर वेन्स) है। अखबार ने सूत्र के हवाले से लिखा है कि लोकल हैंडलर की मदद से वे बैसरन घाटी तक पहुंचे और मौजूद पर्यकों पर फायरिंग शुरू कर दी। इनके पास M4 व AK47 रायफल थीं। इसकी जांच जल्द ही एनआईए को दे दी जाएगी।
द हिन्दी ने लिखा – कश्मीर की डेमोग्राफी ‘बदलने’ को टीआरएफ ने बताया हमले की वजह
द हिन्दू ने लिखा है कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले समूह ‘द रेजिस्टेंट ग्रुप’ (TRF) ने अपने बयान में दावा किया कि ”जम्मू-कश्मीर में 85 हज़ार ग़ैर स्थानीय लोगों को मूल निवास प्रमाणपत्र जारी किए गए जो कि वहां की डेमोग्राफी बदलने के तहत हुआ। हम ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा करेंगे जो वहां अवैध रुप से बसने की कोशिश करेंगे।” अख़बार ने बताया है कि टीआरएफ एक आतंकी समूह है जो कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे लश्कर-ए-तैएबा आतंकी संगठन का ही हिस्सा है।
आतंकी हमले की टाइम लाइन – HT
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, जंगलों से निकलकर आए चार आतंकियों ने 22 अप्रैल की दोपहर 1:50 बजे पर्यटकों पर खुली फायरिंग शुरू कर दी, जिससे बचने के लिए कई लोग फेन्स की ओर भागे। स्थानीय पोनी वाले और गाइडों ने सबसे पहले पर्यटकों को सुरक्षित निकालना शुरू किया, इसके बाद पुलिस व सेना पहुंची।
देश में दंगा कराने के मकसद से हुई धर्म देखकर हत्या – TOI
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पहले पन्ने की ख़बर में लिखा है कि आतंकवादियों का यह कृत्य जिसमें उन्होंने धार्मिक मान्यता के आधार पर लोगों को चुनकर मारा, यह संभवता देश में धार्मिक दंगे कराने की नीयत से किया गया था। अख़बार लिखता है कि इससे पहले तक पर्यटकों पर आतंकवादी गोलीबारी करने से बचते थे क्योंकि उनके ज़रिए ही इस केंद्रशासित प्रदेश में रूपया पहुंचता है।
मौत की संख्या अलग- पहलगाम नरसंहार को लेकर शुरूआती जानकारियां स्पष्ट नहीं थीं, मौत का आंकड़ा आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था, ऐसे में पहले दिन छपी ख़बर में मौत की संख्या में अंतर दिखता है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि पहलगाम नरसंहार में 28 की हत्या हुई जिसमें दो विदेशी मूल के पर्यटक थे। साथ ही, मौके पर बच गए लोगों के हवाले से लिखा है कि आतंकियों की संख्या छह तक थी। हालांकि अब हम जानते हैं कि कुल 26 की हत्या हुई जिसमें एक स्थानीय पोनीवाला कश्मीरी और बाकी 25 पर्यटक थे। इन पयर्टकों में एक नेपाली मूल के जबकि अन्य भारतीय थे।
आज के अखबार
अगले सप्ताह से वोटर लिस्ट की विशेष जांच, तमिलनाडु से शुरुआत क्यों?
- चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को SIR कराने की जानकारी दी।
- कहा- तमिलनाडु समेत सभी चुनावी राज्यों में सबसे पहले SIR होगा।
- पहले फेज में करीब 10 से 15 राज्य शामिल, आधिकारिक घोषणा जल्द।
नई दिल्ली |
देश के हर नागरिक को वोटर लिस्ट में अपने नाम को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक उसी तरह जैसे बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के दौरान किया गया। वोटर लिस्ट रिविजन की इस प्रक्रिया को SIR (Special intensive revision ) नाम से जाना जाता है जो अगले सप्ताह से तमिलनाडु में शुरू हो जाएगी।
चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि अगले सप्ताह से वह तमिलनाडु में Special intensive revision शुरू करेगी। साथ ही 2026 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया में सबसे पहले शामिल किया जाएगा।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के हवाले से हिन्दुस्तान अखबार ने लिखा है कि SIR के पहले चरण में 10 से 15 राज्यों में कराया जाएगा, जिसमें चुनाव वाले राज्य भी शामिल रहेंगे।
पांच राज्यों में होने हैं अगले साल चुनाव
आपको बता दें कि अगले साल देश के पांच राज्यों असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल व प. बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। यानी इन राज्यों में वोटर लिस्ट की जांच का काम सबसे पहले शुरू होगा।
जनसत्ता के मुताबिक, अगले सप्ताह में कभी भी इस प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
दैनिक हिन्दुस्तान के मुताबिक, पहले चरण में उन राज्यों को SIR से बाहर रखा जाएगा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या प्रस्तावित हैं।
26 अक्तूबर के हिन्दी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से लिया है। दैनिक हिन्दुस्तान ने इस खबर को लीड स्टोरी बनाया है। जबकि जनसत्ता, दैनिक जागरण और अमर उजाला ने इसे पहले पन्ने पर छापा है।
20 साल के बाद होने जा रहा वोटर रिविजन
SIR की रूपरेखा तय करने के लिए चुनाव आयोग, राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।
अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट दुरुस्त करने का काम दो दशकों के बाद होने जा रहा है, कई राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया 2002-2008 के बीच हुई थी, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई SIR के लिए आखिरी वोटर लिस्ट रिविजन के वर्ष को ही कटऑफ ईयर माना जाएगा।
चुनाव आयोग के निर्देश पर अधिकांश राज्यों की आखिरी SIR लिस्ट की मैपिंग करके उसे राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर दिया गया है।
आज के अखबार
ADGP और ASI का ‘सुसाइड’ : दोनों का Final नोट, सिर पर गोली और कोई Eye विटनेस नहीं
नई दिल्ली |
हरियाणा पुलिस में ADGP वाई पूरन सिंह की मौत के मामले में DGP समेत आठ बड़े पुलिस अफसरों के ऊपर जातिगत प्रताड़ना के आरोपों में केस दर्ज हुआ है। इस मामले ने 14 अक्तूबर को नाटकीय मोड़ ले लिया क्योंकि एक ASI ने कथिततौर पर आत्महत्या कर ली और मरने से पहले रिकॉर्ड करके एक वीडियो पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला। इस वीडियो में ADGP वाई पूरन सिंह को करप्ट बताया गया और DGP को ईमानदार।
रोहतक पुलिस की साइबर सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार की अपने गांव में मृत मिलने की खबर मिली, जो ADGP वाई पूरन सिंह से जुड़े एक करप्शन केस की जांच में शामिल थे।
दोनों मौतों में समानता : Indian express
इंडियन एक्सप्रेस ने 15 अक्तूबर की कवरेज में ADGP और ASI की मौत के तरीकों में समानता पाई है। अखबार ने लिखा है कि दोनों की मौत सिर में गोली लगने से हुई, दोनों ही मामले में कोई Eye witness नहीं था। साथ ही, दोनों के ही कथित सुसाइड नोट के ऊपर अंग्रेजी में ‘Final Note’ लिखा हुआ है। जबकि ADGP ने सुसाइड नोट अंग्रेजी में टाइप किया था, ASI ने हाथ से हिन्दी में लिखा है।
ADGP के गनर की जांच में था शामिल
द हिन्दू के मुताबिक, ASI संदीप कुमार, उस टीम में शामिल था जिसने ADGP के गनर सुशील कुमार के ऊपर शराब व्यापारी से मनी एक्सटॉर्शन के आरोपों की जांच की थी। इस गनर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद 7 अक्तूबर को ADGP पूरन की मौत हो गई थी, जिसे आत्महत्या बताया जा रहा है।
‘लोगों को जगाने के लिए सुसाइड’
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि ASI ने मरने के पहले एक वीडियो बनाकर दावा किया कि “ADGP पूरन का सुसाइड जातिगत भेदभाव का नहीं था, उन्होंने परिवार के सामने शर्मिंदा होने से बचने के लिए आत्महत्या की।” साथ ही ASI के ‘फाइनल नोट’ में लिखा है कि “वह लोगों को जगाने के लिए भगत सिंह की तरह अपना बलिदान दे रहा है।”
शव के पास ही वीडियो और फाइनल नोट मिलने का दावा
अखबार ने ये बात भी हाईलाइट की है कि रोहतक पुलिस के मुताबिक एएसआई संदीप का शव उन्हें रोहतक के एक गांव में उसके मामा के ट्यूबवेल रूम में मिला, वही पर उसका वीडियो और एक ‘फाइनल नोट’ मिला।
बता देेें कि ASI के ये आरोप, ADGP वाई पूरन सिंह के ‘फाइनल नोट’ के आरोपों से एकदम उलट हैं। ADGP पूरन ने DGP, SP समेत 8 अफसरों पर उनके साथ जातिवादी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे, हाल में FIR दर्ज करके हरियाणा सरकार ने DGP को छुट्टी पर भी भेज दिया है।
इस खबर को देश के सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर छापा है।
आज के अखबार
हरियाणा ASI का सुसाइड, माओवादी सरेंडर और दिल्ली की खराब हवा को मिली प्रमुखता
- भारत के अधिकांंश अखबारों ने 15 अक्तूबर को अलग-अलग मुद्दों को प्रमुख खबर बनाया।
नई दिल्ली |
आज (15 oct) के अखबारों ने अलग-अलग मामलों को लीड स्टोरी बनाया, हालांकि सभी अखबारों ने हरियाणा में एक ASI के आत्महत्या करने के मामले को प्रमुखता से लगाया है। इसके अलावा, दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने, माओवादी पार्टी के पॉलिटिक ब्रेन कहे जाने वाले एक नक्सली के सरेंडर की खबर को अखबारों ने प्रमुखता से लिया। इस दिन के अधिकांश अखबारों ने अलग-अलग खबर लीड लगाई है।
हरियाणा में ADGP पूरण कुमार की आत्महत्या के बाद अब एक ASI ने गोली मार सुसाइड कर लिया और उन्होंने मरने से पहले एक वीडियो बनाकर ADGP को भ्रष्ट भी बताया। इस खबर को अमर उजाला ने पहली खबर बनाया है।
दैनिक भास्कर ने भी इसी खबर को लीड स्टोरी बनाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इसी खबर को पहली खबर बनाया।
दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा खराब, 14 अक्तूबर से GRAP के पहले चरण के प्रतिबंध लागू हुए। इस खबर को दैनिक हिन्दुस्तान ने पहली खबर बनाया है।
मंदिरों की दान धनराशि के दुरुपयोग से जुड़ा एक आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है, जिसको दैनिक जागरण ने पहली खबर बनाया।
शीर्ष माओवादी कमांडर भूपति ने 60 अन्य नक्सलियों के साथ महाराष्ट्र के गड़चिरौली में सरेंडर कर दिया। इस खबर को माओवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका और गृहमंत्रालय के लिए बड़ी सफलता बताते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने पहली खबर बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु शराब घोटाले में ED की जांच पर उठाए और पूछा कि जब राज्य सरकार जांच कर रही है, तो ED को हस्तक्षेप का क्या अधिकार है? सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया है, इस खबर को द हिन्दू ने पहली खबर बनाया।
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