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चुनावी डायरी

चिराग को मिली सीटों पर नीतीश ने उम्मीदवार उतारे, JDU की पहली लिस्ट में 30 नए चेहरों पर दांव

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पटना |

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) ने NDA गठबंधन के सहयोगी दलों से तनातनी के बीच अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी। पहली सूची में 57 सीटों पर नामों की घोषणा हुई जिसमें वे सीटें भी हैं जो NDA ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को दी थीं।

NDA गठबंधन में JDU को इस बार कुल 101 सीटें मिली हैं। इसमें से 57 सीटों की लिस्ट में नीतीश कुमार ने 30 नए चेहरों पर दांव लगाया है। माना जा रहा है कि 20 साल लंबे शासन के चलते विरोधी लहर से बचने के लिए नए चेहरों को मौका दिया है।

जेडीयू की पहली लिस्ट में लवकुश समाज यानी कृषि प्रधान कुर्मी और कोइरी जाति के 23 उम्मीदवारों को टिकट मिला है जो नीतीश कुमार का कोर वोटर माना जाता है। दलित समाज से 12 और अति पिछड़ा के 9 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। महिलाओं के बीच गहरी पैठ वाली JDU ने सिर्फ चार महिला उम्मीदवारों को ही पहली सूची में जगह दी है।

नए चेहरों को टिकट दिए जाने की संभावनाओं के चलते कई सिटिंग विधायकों ने विरोध करना शुरू कर दिया था जो लिस्ट घोषित होने के बाद बढ़ गया है। इन नेताओं को साधना नीतीश कुमार के लिए चुनौती होगा। बता दें कि 14 अक्तूबर को सिटिंग विधायक टिकट की मांग लेकर सीएम आवास के सामने धरना देने बैठ गए थे। एक जदयू सांसद ने अपने उम्मीदवार को टिकट न मिलने पर इस्तीफे की धमकी देते हुए एक्स पर पोस्ट किया था।

नीतीश कुमार ने लोजपा को दी गईं सीटों में से छह पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं यानी NDA के ही दो दलों के बीच भिडंत की संभावना है। पार्टी ने तीन बाहुबली छवि वाले नेताओं अमरेंद्र सिंह, धूमल सिंह और अनंत सिंह को टिकट दिया है। तीन सीटों पर बड़े नेताओं के बच्चों को टिकट मिले हैं।

 

चिराग को मिली सीटों पर उम्मीदवार उतारे

जदयू की पहली सूची में गायघाट, हिलसा, राजगीर, सोनबरसा, मांझी व राजापाकर विधानसभा सीटों से उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। ये सीटें पारंपरिक रूप से जदयू की पैठ वाली रही हैं और BJP ने सीट बंटवारे में इन्हें चिराग पासवान की पार्टी को दे दिया था। 14 अक्तूबर को नीतीश के जब महागठबंधन में शामिल होने के चर्चे शुरू हुए तो बीजेपी ने ये सीटें लौटाईं।

 

तीन बाहुवली को टिकट –  पार्टी ने तीन बाहुबली छवि वाले नेताओं अमरेंद्र सिंह, धूमल सिंह और अनंत सिंह को टिकट दिया है।

 

तीन सीटों से नेताओं के बच्चों को टिकट

जेडीयू ने बड़े नेताओं के बेटी-बेटा को भी टिकट दिया है। मांझी सीट से पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह, गायघाट सीट से एमएलसी दिनेश सिंह की बेटी कोमल सिंह, कुशेश्वर स्थान ने पार्टी ने अतिरेक कुमार को टिकट दिया, जिनके पिता अशोक कुमार छह बार के कांग्रेस विधायक थे और इस साल अगस्त में जदयू का हाथ थामा।

 

सिर्फ 4 महिलाओं को मौका

BJP की तरह जेडीयू ने भी अपनी पहली लिस्ट में कम मात्र चार महिलाओं को ही मौका दिया। BJP ने 71 की लिस्ट में 7 महिलाएं उतारी हैं।

 

इन सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे  

  1. कविता साहा – मधेपुरा
  2. अतिरेक कुमार – कुशेश्वर स्थान
  3. ईश्वर मंडल – दरभंगा ग्रामीण
  4. कोमल सिंह – गायघाट
  5. अजय कुशवाहा – मीनापुर
  6. आदित्य कुमार – सकरा
  7. अजीत कुमार – कांटी
  8. मंजीत सिंह – बरौली
  9. भीष्म कुशवाहा – जीरादेई
  10. विकास कुमार –  रघुनाथपुर
  11. बड़हरिया – इंद्रदेव पटेल
  12. धूमल सिंह एकमा
  13. रणधीर सिंह-मांझी
  14. छोटेलाल राय – परसा
  15. महेंद्र राम – राजापाकर
  16. मांजरिक मृणाल – वारिसनगर
  17. रवीना कुशवाहा – विभूतिपुर
  18. अनंत सिंह – मोकामा
  19. श्याम रजक – फुलवारी शरीफ
  20. अरूण मांझी-मसौढी
  21. राधाचरण साह- संदेश
  22. भगवान सिंह कुशवाहा, जगदीशपुर
  23. राहुल सिंह, डुमरांव
  24. संतोष कुमार निराला –  राजपुर
  25. रूहेल रंजन – इस्लामपुर
  26. डॉ कुमार पुष्पंजय – बरबीघा
  27. नचिकेता मंडल – जमालपुर
  28. ब्बलू मंडल – खगड़िया
  29. राज कुमार सिंह – मटिहानी
  30. अभिषेक कुमार – चेरिया बरियारपुर

 

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज

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लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
  • होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।

लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य

बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।

इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।

लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

 

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चुनावी मंच से अनाउंसर ने चिराग का नाम लिया, पीएम मोदी ने इशारा करके नीतीश कुमार को भिजवाया

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अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
  • बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का पहला प्रचार दौरा।
  • समस्तीपुर में रैली के दौरान नीतीश कुमार को भाषण देने के लिए आगे किया।
  • चिराग पासवान के नाम का अनाउंसमेंट सबसे पहले हुआ पर फिर नहीं बुलाया।

 

समस्तीपुर | हमारे संवाददाता

पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (24 oct) को समस्तीपुर में NDA उम्मीदवार के प्रचार के लिए पहुंचे, इस दौरान पीएम मोदी ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को होने से बचा लिया। दरअसल दूधपुरा हवाई अड़्डा मैदान में हुई चुनावी जनसभा के दौरान अनाउंसर ने पीएम के भाषण से पहले सीएम नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को भाषण देने के लिए तरजीह दी।

भाषण देने के लिए चिराग पासवान के नाम की घोषणा के तुरंत मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बायीं ओर मौजूद सीएम नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए अनाउंसर को संकेत दिया कि उन्हें मंच पर बुलाया जाए।

इसके बाद अनाउंसर ने समझदारी दिखाते हुए न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को मंच पर बुलाया, उससे पहले ‘विकास पुरुष’ कहते हुए उनके जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। नीतीश कुमार ने मंच पर आकर दस मिनट का लिखा हुआ भाषण पढ़ा। और इसके बाद पीएम मोदी का 45 मिनट का भाषण हुआ।

 

चिराग को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया

हैरानी की बात यह रही कि चिराग पासवान को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके अब राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि बीजेपी के फेसबुक लाइव से इस हिस्से को काट दिया गया है। बीजेपी का लाइव वहां से शुरू होता है जब सीएम नीतीश को भाषण देने के लिए अनाउंसर आमंत्रित कर रहे हैं।

 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के मंच से नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को अगर आगे कर दिया गया होता, जैसा कि अनाउंस हो चुका था, तो ये स्थिति आगे जदयू और बीजेपी के बीच एक और क्लैश की वजह बन सकती थी, जिसे समय रहते पीएम मोदी ने बचा लिया। ये चुनावी जनसभा दूधपूरा ​​​​​​में NDA के प्रत्याशियों के समर्थन में की गई थी।

एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते चिराग पासवान।

चिराग पासवान। (फाइल फोटो)

चिराग को लेकर JDU की BJP से चल रही थी नाराजगी 

NDA  के दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के बाद जदयू, बीजेपी से नाराज हो गयी थी क्योंकि उसकी नौ सीटों को चिराग पासवान की लोजरा(रामविलास) को दे दिया गया था। तब राजनीतिक हलकों में खबरें थीं कि JDU की पारंपरिक सीटों पर लोजपा को आगे करके भाजपा उसे कमजोर करना चाहती है ताकि चुनाव के बाद JDU और नीतीश कुमार को साइडलाइन किया जा सके।

नीतीश कुमार

 CM चेहरे को लेकर अमित शाह के बयान ने नाराजगी बढ़ाई 

इसके सप्ताह भर बाद ही अमित शाह का एक बयान सामने आया, जिसने जदयू की नाराजगी और बढ़ा दी। टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था कि जीते हुए विधायक अपना सीएम चुन लेंगे। ये कहकर उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का बात टाल दी थी। इसके बाद चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का समर्थन किया था। फिर उनका एक और बयान सामने आया कि ‘वे भी बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं पर वे यह सब-कुछ तुरंत नहीं चाहते।’

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

पीएम ने नीतीश की तारीफ की, जनता को ‘जंगल राज’ याद दिलाया 

PM मोदी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार के दौरान हुए विकास को गिनाया। उन्होंने लोगों को अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने को कहा। फिर बोले- इस लाइट के सामने क्या किसी को लालटेन  की जरूरत है?  बता देें कि लालटेन RJD का चुनाव चिन्ह है।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

फिर वे बोले कि ‘कांग्रेस के शासन में मोबाइल बहुत महंगा था। विदेश से मंगवाना पड़ता था। उस वक्त मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ 2 फैक्ट्री थी, अब 200 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। NDA सरकार में डेटा भी सस्ता है। इस वजह से नौजवानों को कंटेंट क्रिएशन का नया मार्केट मिला है। आज बिहार में ये मोबाइल, ये प्रकाश हर कोई देख रहा है।’ अपने भाषण में उन्होंने 17 बार जंगलराज का जिक्र किया।

 

कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव भी गए

पीएम मोदी समस्तीपुर जिला में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक आवास कर्पूरीग्राम में माल्यार्पण करने पहुंचे, इसके बाद जनसभा को संबोधित किया। नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने-अपने भाषणों में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया। नीतीश कुमार ने पूरे समय लिखा हुआ भाषण पढ़ा। मोदी बोले कि कर्पूरी ठाकुर को NDA ने सम्मान दिया।

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चुनावी डायरी

बिहार में कांग्रेसी अपने ही नेता के खिलाफ ‘वोट चोर’ का नारा क्यों लगा रहे?

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पार्टी ऑफिस में धरना देते कांग्रेस कार्यकर्ता।
  • बिहार में कांग्रेस नेताओं की प्रदेश लीडरशिप के साथ नाराजगी बढ़ी।
  • एयरपोर्ट पर हंगामा, प्रेस कॉफ्रेंस के बाद अब पार्टी ऑफिस में धरना दे रहे।
  • बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रदेश प्रभारी पर टिकट बेचने का आरोप लगाया।

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार में कांग्रेसी अपनी ही प्रदेश लीडरशिप के खिलाफ ‘वोट चोर-बिहार छोड़’ का नारा लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान वोटर लिस्ट की जांच की SIR प्रक्रिया के खिलाफ वोट चोरी का नारा दिया था। गुरुवार को पटना में कांग्रेस पार्टी ऑफिस के अंदर धरना दे रहे नेताओं ने यही नारा राज्य के नेताओं के ऊपर लगाकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली।

23 अक्तूबर को कांग्रेस के नाराज नेताओं ने बिहार पार्टी हेडक्वार्टर सदाकत आश्रम में सामूहिक उपवास और धरना-प्रदर्शन किया। इससे पहले 15 अक्तूबर को टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता एयरपोर्ट पर अपने बिहार प्रभारी के खिलाफ प्रदर्शन और धक्का-मुक्की तक कर चुके हैं।

नाराजगी इतने पर भी नहीं रुकी, 18 अक्तूबर को नाराज कांग्रेसियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम व प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने विधानसभा टिकट मोटी रकम लेकर बेचे।

इस दौरान कांग्रेस रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष व प्रवक्ता आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

 

कांग्रेस प्रभारी को भाजपा का ‘स्लीपर सेल’ कहा

23 अक्तूबर को आनंद माधव समेत दर्जनभर नेताओं ने काली पट्टी बांधकर पार्टी ऑफिस में धरना दिया। इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद माधव ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू को बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ तक कह दिया।

उन्होंने कहा कि ‘कृष्णा अल्लावरू और उनकी टीम ने टिकट की खरीद फरोख्त की है। जब भारतीय जनता पार्टी का स्लीपर सेल यहां काम करेगा तो राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने बिना किसी पैरामीटर के एक दिन पहले उठाए लोगों को टिकट दे दिया।’

 

आरोपों पर क्या बोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष 

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि चुनावी वर्ष में टिकट बेचने के आरोप आम हैं, ये कार्यकर्ता पार्टी के अंदर धरना दे रहे हैं जो इनका हक है। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन अगर कोई गंभीर मामला सामने आता है, तो जांच जरूर होगी।

 

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