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रिपोर्टर की डायरी

बिहार में बुलडोजर ऐक्शन : गरीबों ने कहा- ‘वोट लेकर सरकार ने बेघर किया’, सियासत गरमाई

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बांका में बुलडोजर चलने के दौरान बिजली का पोल गिरने से एक महिला गंभीर रूप से झुलस गई।
बांका में बुलडोजर चलने के दौरान बिजली का पोल गिरने से एक महिला गंभीर रूप से झुलस गई।

NDA सरकार का अतिक्रमण हटाओ अभियान : 

  • सम्राट चौधरी ने कोर्ट का आदेश बताया, LJP(रा) ने दिया समर्थन
  • NDA सहयोगी मांझी ने गरीबों पर कार्रवाई का लगाया आरोप
  • राजद व कांग्रेस ने बुलडोजर कार्रवाई पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है

पटना | हमारे संवाददाता 

बिहार में नई सरकार बनने के बाद एक गीत (Song) सोशल मीडिया पर काफी हिट रहा। गाने को पवन सिंह (Bhojpuri star Pawan Singh) ने गाया था..गाने के बोल थे- “बिहार में जोड़ी मोदी जी – नीतीश जी के हिट हो गईल।” एनडीए को भारी बहुत मिलने के बाद इस गाने की काफी सुर्खियां बटोरी थी…।

लेकिन चुनाव जीतने के बाद पहली बार गृह विभाग पाने वाली भाजपा ने बिहार में जिस तरह अतिक्रमण हटाने जाने के नाम पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू की हैं, उससे सवाल सीधे पीएम मोदी की इमेज पर उठ रहे हैं। हालांकि राज्य की मुख्य धारा मीडिया इन कार्रवाइयों का महिलामंडल ठीक उसी तर्ज पर कर रही हैं, जैसा पड़ोसी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बुलडोजर ऐक्शन को लेकर किया जाता रहा है। इन सबके बीच राज्य की सियासत भी गरमा गई है और NDA के अंदर से ही विरोध की आवाज भी उठ रही हैं।

कितने बाहुबलियों पर चला बुलडोजर ? 

सरकार का दावा है कि बुलडोजर ऐक्शन भू-माफिया और अवैध कब्जों पर हो रहे हैं लेकिन आंकड़े कुछ और कहते हैं। 1-6 दिसंबर तक विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में उठे सवालों में खुलासा हुआ कि बाहुबलियों या बड़े माफिया के सिर्फ 2-3 मामलों में कार्रवाई हुई, जबकि 80% से ज्यादा एक्शन छोटे घरों और दुकानों पर। सरकार भी इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दे सकी कि आखिर उसने कितने बाहुबलियों की जमीनों पर बुलडोजर चलाया है।
सभी 38 जिलों में चला अभियान

राज्य के सभी 38 जिलों में अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन चल रहा है लेकिन 9 जिलों में ये कार्रवाई ज्यादा है।

  • पटना के फुलवारी, दानापुर, खगौल, पटना शहर निगम क्षेत्र, पालीगंज, बिक्रम।
  • नालंदा जिले के बिहारशरीफ, सोहसराय किसान कॉलेज से लेकर वार्ड 17 तक।
  •  दरभंगा जिले के शहर क्षेत्र, दिल्ली मोड़ से एयरपोर्ट तक।
  • गया जिले के शहरी क्षेत्र, केपी रोड, पीरमंसूर रोड, कोयरी बारी, दिग्गी तालाब।
  • कटिहार जिले के कोढ़ा नगर पंचायत, गेड़बाड़ी क्षेत्र।
  • सीवान जिले के शहरी क्षेत्र, गोपालगंज मोड़ से तरवाड़ा मोड़ तक।
  • भोजपुर जिले के बिहिया नगर, राजाबाजार, बिहिया-बिहटा रोड तक।
  • मुजफ्फरपुर जिले के शहर क्षेत्र, मोतिझील मार्केट इलाका।
  • वैशाली जिले के हाजीपुर, त्रिमूर्ति चौक, जौहरी बाजार, रामाशीष चौक गोलंबर, छपरा-पटना पथ की बाबू बाजार।

CM के गृह जिले मेें दलित बस्तियों पर बुलडोजर

सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर पासवान और दलित समुदाय की बस्तियों पर बुलडोजर कार्रवाइयां हुईं, जो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना। यहां लोगों ने मीडिया से कहा कि “सरकार ने 10 हजार रुपये देकर हमारा वोट ले लिया और अब हमें बेघर कर रही है।” इस घटना के बाद जदयू नेताओं व पासवान वोटरबेस वाली NDA सहयोगी दल लोजपा(रामविलास) के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है।

विधानसभा सत्र में गरमाया मुद्दा 

1 से 5 दिसंबर तक चले बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नई NDA सरकार के बुलडोजर ऐक्शन का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष संगठन महागठबंधन के सदस्यों ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और इसे गरीबों के खिलाफ कार्रवाई बताया।

सम्राट चौधरी का बचाव- ये कार्रवाइयां कोर्ट ऑर्डर पर

विपक्ष के आरोप पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार विधानसभा में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘यहां कोई बुलडोजर मामला नहीं है। बिहार में कोर्ट ने तय किया है, न्यायालय ने ये पूरी व्यवस्था खड़ी की है। जिला प्रशासन को निर्देश दिए। सभी जगह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है।

सम्राट चौधरी ने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई पर कहा,

“माफिया पर तो कार्रवाई होगी ही। चाहे वो जमीन माफिया हो, बालू माफिया हो या शराब माफिया हो। नीतीश कुमार के नेतृत्व में कोई बचेगा नहीं, इतना जरूर गारंटी देना चाहता हूं।”

NDA सहयोगी बंटे : चिराग पासवान ने समर्थन, मांझी ने विरोध 

एनडीए की सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (रा) ने इन कार्रवाइयों का समर्थन किया है जबकि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने प्रक्रिया पर सवाल उठाया है।

ठिकाना दिए बिना न हटाएं-  HAM पार्टी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जब तक उनको रहने के लिए वैकल्पिक इंतजाम ना कर दें तब तक उनको ना हटाएं, हालांकि जानकारी में आया है कि बिहार सरकार उनको बसाने का काम कर रही है।

कानून का डर होना चाहिए-चिराग पासवान की पार्टी के विधायक राजू तिवारी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सिर्फ वो लोग जो अवैध तरीके से जमीन कब्जा लेते हैं,  गरीबों के लिए तो सरकार की योजना हैं। कानून का भय लोगों में होना चाहिए।

तेजप्रताप ने सम्राट चौधरी को बताया धृतराष्ट्र

वहीं, तेज प्रताप यादव ने X पर लिखा, “सभी को पता है कि नवंबर से ठंड शुरू होती है और दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस मौसम में किसी का घर टूटने का दर्द क्या होता है, यह हम सभी समझ सकते हैं। क्या नए गृहमंत्री को नहीं दिख रहा कि छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़क पर रात बिताने को मजबूर हैं?”

बिहार कांग्रेस ने सड़क पर उतरकर जताया विरोध

बिहार कांग्रेस के कुछ नेता व कार्यकर्ताओं ने 30 नवंबर को के इनकम टैक्स गोलंबर पर धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस के दलित नेता आदित्य पासवान ने कहा कि सरकार ने गरीबों को 10 हजार देकर वोट ले लिया और अब इनका दमन कर रही है।

लोकसभा में सांसद पप्पू यादव ने उठाया मुद्दा

इस मामले में सबसे ज्यादा मुखर पूर्णिया के सांसद व कांग्रेस समर्थित नेता पप्पू यादव रहे हैं। नालंदा व पूर्णिया में हुए बुलडोजर ऐक्शन का उन्होंने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ विरोध किया बल्कि पीड़ितों को सहायता राशि भी दी है। उन्होंने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भी यह मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया, नोटिस या पुनर्वास की व्यवस्था किए सरकार ने पूरी बस्तियों को ही उजाड़ दिया है, सरकार बताए कि ये लोग ठंड में कहां जाएंगे?

राजद नेता बोले- गरीबों की झोपड़ी उजाड़ीं

राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों की झोपड़ी उजाड़ रही है। गरीबों की झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 2015 से 2024 तक अपराध में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन सरकार का उसे पर कोई ध्यान नहीं है सरकार सिर्फ गरीबों को हटाने के काम में जुटी हुई है।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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रिपोर्टर की डायरी

मुंगेर : नामी सर्जन ने बेटे का गलत ऑपरेशन किया.. परिवार कर्ज में डूबा, पिता की मौत; कैंसर पीड़ित मां ने 6 साल लड़ी लड़ाई, आखिर मिला इंसाफ

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मुंगेर : नामी सर्जन ने बेटे का गलत ऑपरेशन किया.. परिवार कर्ज में डूबा, पिता की मौत; कैंसर पीड़ित मां ने 6 साल लड़ी लड़ाई, आखिर मिला इंसाफ

  • 11 साल के बच्चे का गलत ऑपरेशन करने का मामला।

मुंगेर | प्रशांत कुमार

बिहार के मुंगेर में एक बच्चे का गलत ऑपरेशन होने के बाद पूरा परिवार बर्बाद हो गया। अपेंडिसाइटिस का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करने के नाम पर एक नामी सर्जन ने बच्चे का पेट गले से नाभि तक चीर डाला, उसकी जान बचाने के लिए परिवार को भारी कर्ज लेकर कोलकाता में ऑपरेशन कराना पड़ा। कर्ज के बोझ के चलते पिता की असमय मौत हो गई।

इतना होने पर भी कैंसर पीड़ित मां ने अपने बेटे के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई नहीं रोकी और अब जाकर उन्हें न्याय मिला है। छह साल चले केस में जिला उपभोक्ता विभाग ने जिले के नामी सर्जन को आदेश दिया है कि वे पीड़ित को 16.51 लाख रुपये दें। साथ ही, कहा है कि अगर दोषी डॉक्टर ने आदेश की तारीख से 60 दिनों के अंदर भुगतान नहीं किया तो पूरी राशि पर नौ प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।

बेटे के पेट में दर्द उठा था, 5 दिन में हालत बिगाड़ दी

समर शेखर नाम के 11 साल के बच्चे के पेट में एक अगस्त 2019 को अचानक काफी तेज दर्द उठा। समर की मां के मुताबिक, उन्हें नीलम सिनेमा के पास स्थित एक प्रसिद्ध सर्जन के यहां ले गए। जहां सर्जन ने कुछ जांच कर मरीज को अपेंडिसाइटिस होने की बात कही और तुरंत लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी का सुझाव दिया। अगले दिन दो अगस्त 2009 को लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी किया गया जो असफल रहा।

परिवार की अनुमति बिना पेट चीड़ डाला

इसके बाद डॉक्टर ने अभिभावक की बिना सहमति से पूरे पेट में चीड़ा लगा दिया। इसके बाद भी मरीज को पांच दिनों में पीड़ा कम नहीं हुई तो डाक्टर ने मरीज को घर ले जाने का सलाह दी। स्वजन के काफी दबाव देने के बाद डाक्टर ने अस्पताल का खर्च लेकर मरीज को छह अगस्त 2019 को रेफर किया।

हायर सेंटर में इलाज से इनकार, कहा- बच्चा मौत के करीब

जहां से उसे भागलपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, पर वहां यह कहकर उसका इलाज करने से इंकार कर दिया गया कि बच्चे का आपरेशन इस प्रकार किया गया है कि उसे मृत्यु के करीब पहुंचा दिया गया है।

10 दिन वेंटिलेटर पर रखने के बाद जान बची

इसके बाद एमएमआरआई कोलकाता में बच्चे का आपरेशन कर उसकी जांच बचाई गई। यहां दस दिनों तक उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। इस प्रकार बच्चे के इलाज में आठ लाख से अधिक की रशि खर्च हो गई।

डॉक्टर का जवाब- अपेंडिक्स परफोरेशन के कारण खोला पेट
आयोग को दिए अपने लिखित जवाब में डॉक्टर ने कहा कि अपेंडिक्स परफोरेशन होने के आभास होने पर मरीज का पेट खोला गया। इसके अलावा आंतों पर फ्रिवीनस फ्लेक जमा हुआ था, व अपेंडिक्स के आसपास पस जैसा फ्लूड जमा था। ऐसा पाने के बाद जहां तक संभव था अपेंडिक्स काटकर निकाल दिया गया। वहीं, चिकित्सक ने यह स्वीकार किया कि कोलकाता में जो इलाज हुआ उसमें आंत में जो छेद था उसे बंद कर दिया और अपेंडिक्स के स्टम्प का फिर से आपरेशन कर शेष बचे अपेंडिक्स को बाहर कर दिया गया।

आयोग बोला- डॉक्टर ऑपरेशन नहीं, प्रयोग कर रहे थे

जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमण सिन्हा ने कहा: “आपातकाल के आभास पर पूरा पेट चीरना यह सिद्ध करता है कि डॉक्टर ऑपरेशन नहीं, प्रयोग कर रहे थे। अपेंडिसाइटिस में छोटा चीरा ही लगता है, यह अमानवीय है।” 

डॉक्टर को देने होंगे कुल 16.51 लाख रुपये

  • इलाज का खर्च 8.50 लाख + 6% ब्याज (2019 से)
  • मानसिक-शारीरिक कष्ट: 2 लाख
  • वाद व्यय: 50 हजार
  • बच्चे का शरीर पोस्टमार्टम की तरह चीरने का मुआवजा: 5 लाख
  • 60 दिन में भुगतान न हुआ तो पूरी राशि पर 9% सालाना ब्याज
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चुनावी डायरी

बिहार पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर नहीं, पहली बार EVM से होगी वोटिंग

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बिहार पंचायत चुनाव 2026:

पटना |

बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद अब 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने फैसला लिया है कि इस चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग होगा।

बता दें कि पंचायत चुनावों में अब तक बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन 2026 में होने वाले इस चुनाव में ‘मल्टी पोस्ट ईवीएम’ का प्रयोग किया जाएगा, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इस बार लगने वाली मल्टी पोस्ट ईवीएम में एक कंट्रोल यूनिट (सीयू) और छह बैलेट यूनिट (बीयू) होंगी। इसका मतलब है कि मतदाता एक ही कंट्रोल यूनिट से जुड़े अलग-अलग छह पदों के लिए अलग-अलग बैलेट यूनिट में वोट डाल सकेंगे।

पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य, पंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और सरपंच, इन सभी छह पदों के लिए एक साथ अलग-अलग मशीनों पर मतदान होगा। इससे मतदान प्रक्रिया तेज होगी और मतगणना भी पहले की तुलना में अधिक सुविधाजनक एवं त्रुटिरहित होने की उम्मीद है।

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रिपोर्टर की डायरी

बेगूसराय (बिहार) : जदयू नेता पर सोते समय बेखौफ बदमाशों ने गोलियां बरसाईं, मौके पर मौत

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मौके पर बिलखती पत्नी, इनसेट में मृतक जदयू नेता नीलेश कुमार महतो।
मौके पर बिलखती पत्नी, इनसेट में मृतक जदयू नेता नीलेश कुमार महतो।

बेगूसराय (छौड़ाही) | धनंजय झा

बिहार में नई सरकार (Bihar NDA Government) आने का बाद भी कानून व्यवस्था को लेकर हालात जस के तस हैं। NDA सरकार से जुड़ी प्रमुख पार्टी जदयू (JDU) के एक नेता की रात में सोते हुए अपराधियों ने गोलियों से भूनकर (Open Firing) निर्ममता से हत्या कर दी।

वह पूर्व पंचायत अध्यक्ष थे और हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सक्रियता से प्रचार कर रहे थे। मृतक की पत्नी का कहना है कि करीब छह लोग रात में घर के बाहर बने जानवरों के बथान में घुस गए और वहीं बिस्तर पर सो रहे उनके पति के ऊपर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस मामले में अभी केस दर्ज नहीं हुआ है।

जानवरों के डेरे में सोए हुए थे

यह मामला छौड़ाही थाना क्षेत्र के पीर नगर गांव का है। यहां 9 अक्तूबर की देर रात बेखौफ अपराधी जदयू के पूर्व पंचायत अध्यक्ष (Former Panchayat head) नीलेश कुमार के घर घुस गए और उनके ऊपर गोलीबारी शुरु करके निर्मम हत्या (cold blooded murder) कर दी। तब नीलेश कुमार अपने डेरा (बथान) में सोए हुए थे। पत्नी शिल्पा कुमारी का कहना है कि हथियारबंद बदमाशों ने कुछ बोले बिना अचानक ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। गोलीबारी की आवाज सुनकर जब वे बथान की ओर दौड़े, तब तक अपराधी हथियार लहराते हुए फरार हो गए।

गले और छाती में गोली लगी

मृतक के भाई अखिलेश कुमार महतो का कहना है कि नीलेश के गले और छाती में गोली मारकर बदमाश भाग गए, वे तीन मोटरसाइकिलों पर आए थे। जब तक हम लोग पहुंचे, उनकी मौत हो चुकी थी।

पिता ने कहा- मौके पर गांव के ही लोग थे

मृतक के पिता रामबली महतो ने कहा कि वारदात के समय गांव के ही बृजेश कुमार और जयप्रकाश महतो सहित अन्य लोग हथियार लहराते हुए भागते देखे गए। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि हाल में कोई विवाद नहीं था, लेकिन कुछ साल पहले जमीन को लेकर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था।

खेतीबाड़ी करते थे, जमीनी नेता थे

पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद मृतक के भाई अखिलेश कुमार महतो ने कहा कि उनके भाई नीलेश कुमार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वे जदयू से लंबे समय से जुड़े थे और घर चलाने के लिए खेतीबाड़ी करते थे।

पार्टी की कोई प्रतिक्रिया नहीं 

पार्टी कार्यकर्ता की हत्या होने को लेकर अब तक जदयू की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और न ही मामले पर कोई केस दर्ज हुआ है। घटना की सूचना मिलने पर छौड़ाही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल भेज दिया गया है।

SP मनीष बोले- जमीन को लेकर था विवाद

बेगूसराय एसपी मनीष ने बताया कि शुरुआती जांच में जमीन विवाद की बात सामने आ रही है। 2019 में दोनों पक्षों ने इस मामले को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है और पुलिस टीम अन्य आरोपियों की तलाश में छापामारी कर रही है। वारदात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस पूरे मामले को कई एंगल से जांच रही है।

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