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बिहार : TRE-4 टीचर भर्ती पर युवाओं के प्रदर्शन से पहले छात्र नेता को पकड़ा

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छात्र नेता
छात्र नेता दिलीप कुमार
  • TRE-4 प्रदर्शन से पहले छात्र नेता दिलीप कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया
  • टीचर रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन-4 का अब तक नोटिफिकेन न जारी होने से नाराज
दरभंगा|
बिहार में टीआरई-4 (टीचर रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन-4) भर्ती विज्ञापन जारी न होने से नाराज अभ्यर्थियों के प्रस्तावित प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले पुलिस ने छात्र नेता दिलीप कुमार को हिरासत में ले लिया।
यह कार्रवाई शुक्रवार रात दरभंगा के लहेरिया सराय से की गई, जिससे आंदोलन और सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
अभ्यर्थी इसे प्रशासन द्वारा दबाव बनाने की कोशिश बता रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीनों में इसको लेकर कई प्रदर्शन हो चुके हैं, जिसमें पटना में पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प भी हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, दिलीप कुमार को शुक्रवार रात उनके घर से पुलिस ने बिना किसी स्पष्ट कारण के हिरासत में लिया। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने यह भी बताया कि उनका प्रचार वाहन पटना में ज़ब्त कर लिया गया है। 
“पुलिस मेरे घर पर आई है और बिना कारण बताए मुझे हिरासत में ले रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि मुझे गिरफ्तार किया गया है या नहीं, लेकिन मुझे थाने ले जाया जा रहा है।” – दिलीप कुमार का वीडियो संदेश, छात्र नेता, दरभंगा
चार और छात्रों को भी कोतवाली ले गई पुलिस
 और चार अन्य छात्रों को भी कोतवाली थाना ले जाया गया है।TRE-4 प्रदर्शन की पृष्ठभूमिTRE-4 भर्ती विज्ञापन लंबे समय से लटका होने से अभ्यर्थी नाराज हैं।
छात्र नेता का कहना है कि शनिवार को बड़ा प्रदर्शन आयोजित करने की योजना थी, जिसमें सैकड़ों अभ्यर्थी शामिल होने वाले थे। इस कार्रवाई को प्रदर्शन को कुचलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस ने कारण नहीं बताया
जिला पुलिस ने अभी तक इस हिरासत के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है, जिससे अभ्यर्थियों और विपक्ष में नाराजगी बढ़ गई है। इससे पहले भी TRE-4 अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई की खबरें सामने आई थीं, जिसमें कई छात्र हिरासत में लिए गए थे। विपक्षी दल इसे सरकार पर दबाव बनाने का हथियार बता रहे हैं, खासकर चुनाव से पहले।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार विधानसभा चुनाव Live: दो फेज़ में 6-11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को रिजल्ट आएगा

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नई दिल्ली में सोमवार शाम चार बजे से मुख्य चुनाव आयोग ने प्रेस रऑन्
  • नई दिल्ली में चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार चुनाव को लेकर घोषणाएं कर रहा है।

नई दिल्ली |

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election 2025) को दो चरण में 6 और 11 नवंबर को कराया जाएगा। यानी बिहार में चुनाव छठ पर्व के एक सप्ताह में होने जा रहा है।

चुनाव का का रिजल्ट 14 नवंबर को आएगा, यानी इस दिन यह साफ हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी होगी।

चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में 6 अक्तूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा कर दी है।

इस बार के चुनाव में बिहार के 7.42 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें रिजर्व रहेंगी, जिसमें SC के लिए 38 और ST के लिए 2 सीटें रिजर्व की गई हैं।

अब भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकेंगे

चुनाव आयोग ने बिहार के लोगों के अपील की है कि वे नई जारी वोटर लिस्ट में अपना नाम जांचें। अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे जुड़वाया जा सकता है। इसके लिए उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के दस दिन पहले तक का समय रहेगा।

चुनाव उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के लिए अंतिम तारीख 17 व 20 अक्तूबर रखी गई है।

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ओड़िशा : कटक में विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा, 36 घंटे का कर्फ्यू

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कटक शहर का दृश्य (फोटो क्रेडिट - विकीपीडिया)
कटक शहर का दृश्य (फोटो क्रेडिट - विकीपीडिया)
  • कटक में तीन अक्तूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो गुटों में झड़प, तीन दिन बाद भी तनाव जारी

नई दिल्ली |

ओडिशा के कटक में हुई ताजा हिंसा की घटनाओं व सामाजिक तनाव ने शांति को तार-तार कर दिया है। दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान 3 अक्तूबर को कुछ विवादित गीतों को तेज़ आवाज में बजाने को लेकर हुए झगड़े के बाद यहां तीसरे दिन भी तनाव जारी है।

बीते रविवार को प्रशासन ने 12 घंटों के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर बैन लगा दिया था। हालात काबू में न आने पर अगले 36 घंटों के लिए कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है।

सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध में बंद बुलाया, जिसके बाद हिंसा की ताजा घटनाओं की खबर है।

बता दें कि राज्य में भाजपा की सरकार है और प्रमुख विपक्षी दल ‘बीजू जनता दल’ (BJD) है।

मुख्यमंत्री मोहन माझी व विपक्षी दल बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक ने शांति की अपील की है।


 

लाइव अपडेट

  • कटक में तीन दिन का कर्फ्यू, 13 पुलिस क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू।
  • जिले में 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात, कई संपत्तियां तोड़ी गईं।
  • हिंसा के बाद बाजार और स्कूल बंद, लोग घरों में कैद।
  • 5 अक्टूबर को 12 घंटे का सोशल मीडिया बैन, इंटरनेट सेवा निलंबित।
  • VHP ने 6 अक्टूबर को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया।
  • हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल, सीएम मोहन माझी ने शांति की अपील की।

 

हिंसा कैसे शुरू हुई?

  • 3 अक्टूबर 2025: दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान समूहों के बीच झड़प, कटक में तनाव पैदा हुआ।
  • 5 अक्टूबर 2025: VHP रैली और कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया, आगजनी और पथराव की घटनाएं।
  • 6 अक्टूबर 2025: सरकार ने 36 घंटे का कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी का फैसला लिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोनम वांगचुक की हिरासत का आधार मांगा

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सोनम वांगचुक (फाइल फोटो)
सोनम वांगचुक (फाइल फोटो)
  • दस दिनों के भीतर केंद्र को जवाब देना है, अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी।
नई दिल्ली |
लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा कदम उठाया है।
उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो द्वारा दायर हेबियस कॉर्पस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
जिसमें सोनम की हिरासत के कारणों पर जवाब मांगा गया है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच (जस्टिस अरविंद कुमार और एनवी अंजारिया) ने सुनवाई की अगली तारीख 10 अक्तूबर तय की है।
 बता दें कि 26 सितंबर 2025 को सोनम वांगचुक को लद्दाख में प्रदर्शन के बाद NSA के तहत गिरफ्तार करके जोधपुर जेल में शिफ्ट किया गया था।

 

लाइव अपडेट

  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा, लद्दाख प्रशासन व जोधपुर जेल के अधीक्षक को भी नोटिस जारी किया।
  • गीतांजलि अंगमो ने NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत हिरासत को चुनौती दी, स्वास्थ्य जानकारी की मांग की।
  • सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक को हिरासत के आधार पहले ही दिए गए।

 

केंद्र का दावा: सरकार का कहना है कि वांगचुक की हिरासत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी थी, प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी।

याचिकाकर्ता का पक्ष:  पत्नी गीतांजलि ने कहा कि हिरासत के आधार नहीं दिए गए, स्वास्थ्य की जानकारी नहीं, NSA का दुरुपयोग हुआ। 

 

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