मेरी सुनो
नौकरी के लिए बिहार नहीं छोड़ा, यूट्यूब से सीखकर बतख पालन शुरू किया.. अब अच्छी कमाई कर रहे!
- सहरसा जिले के सितनाबाद गांव के मो. बिलाल ने यूट्यूब से सीखा बतख पालन
- बाहर इंजीनियरिंग की नौकरी करने की जगह अपने गांव में नया रोजगार शुरू किया।
- 1200 बतखों का है फार्म, हर दिन 400 अंडे को स्थानीय बाजार में बेच रहे।
मेरी सुनो
गंगा में कटान से चौथी बार विस्थापन का संकट झेल रहे मुंगेर के किसान परिवार
- मुंगेर के सदर ब्लॉक के कुतलूपुर व जाफरनगर गांव में कटान तेज।
- 100 एकड़ से ज्यादा फसलें व सैकड़ों बीघा जमीन नदी में समाई।
- 15 से अधिक घरों पर मंडरा रहा खतरा, लोग फिर से पलायन कर रहे।
मुंगेर | प्रशांत कुमार
बिहार में चुनाव संपन्न हो गए और एक नई सरकार बनने जा रही है, इन सबके बीच आम लोगों के जीवन को देखें तो वे हर दिन उन्हीं समस्याओं से जूझ रहे हैं जो वर्षों से बनी हुई हैं।
बिहार के मुंगेर में गंगा नदी कटान पर है जिससे सदर ब्लॉक के जाफरनगर में कई किसान परिवार चौथी बार विस्थापित होने की कगार पर हैं। यहां अब तक 100 बीघा से ज्यादा जमीन नदी में समा चुकी है।
दूसरी ओर, इसी ब्लॉक के कुतलूपुर पंचायत के वार्ड संख्या 6 में भी हालात बिगड़ गए हैं। यहां 15 नवंबर की सुबह अचानक गंगा का बहाव तेज होने से भीषण कटाव शुरू हो गया है।
पूरा टोला संकट में, लोग घर छोड़ने को मजबूर
कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि लोग मान रहे हैं कि रात होते-होते करीब 15 मकान इसमें समा जाएंगे, अभी इस इलाके में 6 से ज्यादा घर गंगा में समा चुके हैं। लोग अपना जरूरी सामान इकट्ठा करके इलाका छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि गंगा का पानी घटने के बाद दियारा इलाके में लगभग 100 एकड़ खेत में चना, गेहूं और रबी फसलें बोई थीं लेकिन नदी के अचानक तेज बहने से फसलें बह गई हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले भी कई बार प्रशासन से कटाव को थामने से जुड़े काम करवाने की मांग की थी। उनका कहना है कि कटाव की तुरंत रोकथाम नहीं हुई तो कुतलूपुर पंचायत का यह पूरा टोला गंगा में समा सकता है।
मुखिया बोले- हमारी जमीनें नदी में समा गईं
जाफरनगर पंचायत के मुखिया अरुण यादव का कहना है, “हम कई महीनों से कटाव रोकने के लिए प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं।
लेकिन जाफरनगर में अभी तक कोई ठोस कटावरोधी काम शुरू नहीं हुआ। दर्जनों किसानों की जमीन नदी में समा गई है।”
यहां के ग्रामीण विकास कुमार, महेश यादव, आनंद कुमार आदि ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
क्या बोले जिलाधिकारी
जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पीणीकर ने कहा कि कुतलूपुर में तुरंत निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं और जाफरनगर के लिए कटाव रोकने की योजना तैयार कर ली गई है और बहुत जल्द काम किया जाएगा।
चुनावी डायरी
बिहार : डुमरा में टूटी रोड नहीं बनी, पानी भरने से परेशान लोगों ने वोट बहिष्कार किया
- डुमरा के वार्ड संख्या 12 और 13 के लोगों ने सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया।
- सीतामढ़ी विधानसभा सीट पर आगामी 11 नवंबर को दूसरे चरण में चुनाव होगा।
डुमरा | रंजीत कुमार
बिहार में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, लोगों का अपने इलाके की समस्याओं को लेकर गुस्सा वोट बहिष्कार के रूप में बदलता जा रहा है। सीतामढ़ी जिले में बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों ने प्रशासन के सामने ऐलान कर दिया कि जब तक रोड नहीं बनेगा, वे वोट नहीं करेंगे।
बैनर पर बड़े शब्दों में लिखा कि इस रोड पर नेताओं का आना मना है, यह नेता वर्जित क्षेत्र है।
साथ ही नारा लगाया- ‘नगर निगम चोर है, वार्ड पार्षद चोर है।’
(नोट – इस खबर को वीडियो पर देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।)
इस इलाके में 11 नवंबर को मतदान होना है और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी 100% मतदान कराने की है।
सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र के वार्ड संख्या 12 और 13 के लोगों ने 3 नवंबर को सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीतामढ़ी से मेला रोड़ जाने वाली सड़क कई वर्षों से खराब है, नाला न होने से सड़क पर गंदा पानी जमा हो जाता है। हाल में हुई बारिश के बाद यहां पानी भर गया और ऐसा अक्सर थोड़ी सी बारिश में भी हो जाता है।
यह रोड एक पौराणिक काल के प्रसिद्ध हलेश्वर नाथ मंदिर को जाता है इसलिए स्थानीय लोग चाहते हैं कि रोड बन जाए ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में समस्या न आए।
प्रदर्शनकारियों ने बैनर पर लिखा – ‘जब सड़क नहीं बनी तो हम वोट क्यों दें?’
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस रोड से गुजरते हुए अक्सर बाइक और ई-रिक्शा पलट जाते हैं, जिससे कई बार लोग घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद अब तक जनप्रतिनिधियों ने उनकी मांग नहीं सुनी।
गुस्साए लोगों ने नगर निगम और वार्ड पार्षद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मेरी सुनो
इनसे सीखो : बच्चे बिहार से बाहर हैं इसलिए कम मेहनत वाली खेती अपनाई, अब लाखों कमा रहे
- गैर पारंपरिक खेती अपनाकर मिसाल बने शेखपुरा के किसान चंद्रशेखर।
- दो बीघा जमीन में नीबू की खेती कर रहे, पहले धान बोते थे किसान।
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoअलविदा डॉ. झा : एक शिक्षक जिसने जिला बनने से पहले बनाया ‘अररिया कॉलेज’
-
रिपोर्टर की डायरी3 months agoछपरा : पास में सो रहा था बच्चा, मां और मौसी का गला काटा, मां की मौत
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoBihar : रास्ते में पोती से छेड़छाड़, विरोध करने पर दादा की पीट-पीटकर हत्या
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoदुनिया से विदा ले गया वो CBI चीफ.. जिसने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था
-
मेरी सुनो2 months agoSSC online पेपर की बदइंतजामी से परेशान Aspirant ने फांसी लगाई, पुलिस ने बचाया
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoउत्तरकाशी : स्वतंत्र पत्रकार ने क्या कवरेज की थी.. जिसके बाद बैराज में मिला शव
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoबिहार : मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस का लाठी चार्ज, भगदड़ से युवक तालाब में डूबा, नवादा में तनाव
-
रिपोर्टर की डायरी2 months agoनवादा : दुर्गा पूजा में ससुराल आए युवक की मौत, पत्नी पर हत्या कराने का आरोप




