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चुनावी डायरी

पड़ताल : हर बड़ी-छोटी पार्टी पर टिकट बेचने के आरोप क्यों लग रहे हैं?

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  • RJD, कांग्रेस, BJP, JDU, LJP(R) और जनसुराज तक पर लगे 20 लाख से 6 करोड़ तक में वोट बेचने के आरोप

पटना | हमारे संवाददाता

आज बिहार विधानसभा के लिए दूसरे चरण के नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है और अब तक कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें वोट कटने से नाराज नेताओं ने अपनी ही पार्टियों पर करोड़ों रूपये में वोट बेचने का आरोप लगाया है। NDA से लेकर महागठबंधन तक सभी प्रमुख पार्टियां और छोटे दल भी टिकट बेचने के आरोपों से घिरे हैं।

असंतुष्ट विधायकों और नेताओं की ओर से ऊंचे दामों का सवाल उठाया जा रहा है, जबकि टिकट न मिलने पर भावुक होकर रोना या गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस करना आम हो गया है।  सवाल यह है कि इन नेताओं की साख के अलावा क्या दांव पर लगा है, जो उनका रिएक्शन इतना तीखा हो रहा है? विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे राजनीतिक महत्वाकांक्षा, आर्थिक निवेश और सत्ता की लालसा प्रमुख कारण हैं।

 

कांग्रेस : एयरपोर्ट पर हंगामा, नाराज नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की 

चुनाव की घोषणा से पहले ही कांग्रेस में बवाल शुरू हो गया। बिहार कांग्रेस के एक विधायक ने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर टिकट के बदले पैसे ऐंठने का आरोप लगाया, जिससे पटना एयरपोर्ट पर हंगामा हुआ।

बिहार कांग्रेस के बागी नेताओं ने टिकट वितरण को अनुचित बताते हुए राहुल गांधी के विजन से विश्वासघात का आरोप लगाया। बिहार कांग्रेस को इसके बाद रिवाइज लिस्ट जारी करनी पड़ी, लेकिन आंतरिक कलह नहीं थमी।

दोनों लिस्ट आने के बाद टिकट कटने से नाराज नेताओं ने इस्तीफा दिया और प्रदेेश अध्यक्ष पर मोटा रुपया लेकर टिकट देने का आरोप लगाया। इस मामले में पार्टी ने आरोपों से इनकार किया।

 

RJD : कुर्ता फाड़कर रोने लगे, 2.7 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप   

आरजेडी में ड्रामा और भी नाटकीय है। एक नेता ने पटना में लालू प्रसाद यादव के घर के बाहर कुर्ता फाड़कर रोते हुए 2.7 करोड़ रुपये में टिकट बेचने का आरोप तेजस्वी यादव के करीबी और राजद सांसद संजय यादव लगाया।

इससे पहले लालू और राबड़ी के आवास पर राजद कार्यकर्ताओं ने दो सिटिंग विधायकों से टिकट न देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था।

 

LJP(R) : टिकट न मिलने पर रो पड़े, संन्यास लेने की धमकी दी

एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं। एलजेपी(आर) के नेता अभय सिंह टिकट न मिलने पर कैमरे के सामने रो पड़े, पार्टी पर फेवरेटिज्म और करप्शन का आरोप लगाते हुए राजनीति से संन्यास की धमकी दी।

 

BJP : 6 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप, पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन

बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) को बीजेपी दफ्तर में भी खूब हंगामा हुआ। दरअसल औराई से पूर्व मंत्री रामसूरत राय का टिकट कटने से उनके समर्थक और कार्यकर्ता नाराज थे। रामसूरत राय इस सीट से विधायक हैं।

उनके समर्थक और स्थानीय नेता पटना स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे गए और हंगामा करने लगे। पार्टी दफ्तर के अंदर धरना-प्रदर्शन करने लगे। नारेबाजी करते हुए कहा कि इस बार की प्रत्याशी रमा निषाद को हराएंगे। आरोप लगाया कि छह करोड़ में नित्यानंद राय पार्टी का टिकट बेचा है।

हालांकि अपने तीन दिवसीय दौरे पर अमित शाह ने रामसूरत से मुलाकात कर उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है। हालांकि बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने टिकट बंटवारे को लेकर महा-गठबंधन पर ‘पैसे का खेल’ करने का आरोप लगाया।

 

JDU : विधायक ने सीएम आवास के सामने धरना दिया, निदर्लीय लड़ेंगे

जेडीयू सांसद अजय मंडल ने टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाकर इस्तीफे की पेशकश की। वहीं, जदयू विधायक गोपाल मंडल ने टिकट नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर घंटों धरना प्रदर्शन किया।

नाराज विधायक ने टिकट नहीं मिलने पर गोपालपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर नामांकन पर्चा भी भर दिया है, जहां वे भाषण देते समय नीतीश कुमार के नारे लगाते हुए भावुक हो गए।

 

जनसुराज : प्रशांत किशोर पर टिकट के बदले मोटी रकम लेने का आरोप

जन सुराज पार्टी में भी संस्थापक सदस्य ने प्रशांत किशोर पर टिकट के बदले मोटी रकम लेने का आरोप लगा, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई। भोजपुर जिले की संदेश विधानसभा मेें पार्टी कार्यकर्ता संजीव सिंह उर्फ मियां सिंह ने दावा किया कि पार्टी की ओर से व्हाट्सएप कॉल पर उनसे 20 लाख रुपये देने पर टिकट देने की बात कही गई।

दूसरी ओर, जमुई में सिकंदरा सीट पर जनसुराज की ओर से लोजपा (आर) के नेता सुभाष पासवान को पार्टी से तोड़कर टिकट देने से जनसुराज कार्यकर्ता खफा हुए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने मूल्यों के समझौता किया।

 


ये रिएक्शन क्यों इतने आक्रामक?

  • राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, टिकट न सिर्फ साख का सवाल है, बल्कि राजनीतिक करियर का आधार है। एक विधायक बनने से सत्ता, प्रभाव और आर्थिक लाभ जुड़े हैं। कई नेता चुनाव में करोड़ों रुपये लगाते हैं जो प्रचार, रैलियों और ‘मैनेजमेंट’ पर खर्च होता है। टिकट न मिलने से यह निवेश डूब जाता है। इसके अलावा, परिवार की उम्मीदें, स्थानीय समर्थकों का दबाव और भविष्य की महत्वाकांक्षा दांव पर लगी होती है।

 

  • उदाहरण के तौर पर, बिहार जैसे राज्य में राजनीति अक्सर पारिवारिक विरासत पर टिकी होती है, जहां टिकट न मिलना पूरे कुनबे की हार जैसा लगता है। मनोवैज्ञानिक रूप से, यह अस्वीकृति का दर्द है जो सार्वजनिक रूप से फूटता है।

 

  • विश्लेषण करें तो ये विवाद चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हैं। असंतुष्ट नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस या सोशल मीडिया पर रोकर सहानुभूति बटोरते हैं, जो बाद में सौदेबाजी का आधार बन सकती है। हालांकि, इससे दलों की एकता कमजोर होती है।

 

सच्चा प्रतिनिधित्व दरकिनार ?

टिकट बेचे जाने के ये आरोप सभी दलों पर लग रहे हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वाकई ये टिकट उन्हें दिए जा रहे हैं जो इसे खरीदने की कुव्वत रखता है तो फिर जनता के प्रतिनिधित्व की कितनी गुंजाइश बची? ऐसे में जनता अगर जाति-धर्म से ऊपर उठकर भी चयन करे तो उसके पास भ्रष्ट और धनवान नेताओं में से कम भ्रष्ट को अपना प्रतिनिधि बनाने का ही विकल्प बचता है। इस कलह से चुनावी मैदान और रोचक हो गया है, लेकिन सत्ता की लड़ाई में नैतिकता कहां है?

 

 

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज

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लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
  • होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।

लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य

बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।

इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।

लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

 

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चुनावी मंच से अनाउंसर ने चिराग का नाम लिया, पीएम मोदी ने इशारा करके नीतीश कुमार को भिजवाया

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अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
  • बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का पहला प्रचार दौरा।
  • समस्तीपुर में रैली के दौरान नीतीश कुमार को भाषण देने के लिए आगे किया।
  • चिराग पासवान के नाम का अनाउंसमेंट सबसे पहले हुआ पर फिर नहीं बुलाया।

 

समस्तीपुर | हमारे संवाददाता

पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (24 oct) को समस्तीपुर में NDA उम्मीदवार के प्रचार के लिए पहुंचे, इस दौरान पीएम मोदी ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को होने से बचा लिया। दरअसल दूधपुरा हवाई अड़्डा मैदान में हुई चुनावी जनसभा के दौरान अनाउंसर ने पीएम के भाषण से पहले सीएम नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को भाषण देने के लिए तरजीह दी।

भाषण देने के लिए चिराग पासवान के नाम की घोषणा के तुरंत मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बायीं ओर मौजूद सीएम नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए अनाउंसर को संकेत दिया कि उन्हें मंच पर बुलाया जाए।

इसके बाद अनाउंसर ने समझदारी दिखाते हुए न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को मंच पर बुलाया, उससे पहले ‘विकास पुरुष’ कहते हुए उनके जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। नीतीश कुमार ने मंच पर आकर दस मिनट का लिखा हुआ भाषण पढ़ा। और इसके बाद पीएम मोदी का 45 मिनट का भाषण हुआ।

 

चिराग को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया

हैरानी की बात यह रही कि चिराग पासवान को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके अब राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि बीजेपी के फेसबुक लाइव से इस हिस्से को काट दिया गया है। बीजेपी का लाइव वहां से शुरू होता है जब सीएम नीतीश को भाषण देने के लिए अनाउंसर आमंत्रित कर रहे हैं।

 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के मंच से नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को अगर आगे कर दिया गया होता, जैसा कि अनाउंस हो चुका था, तो ये स्थिति आगे जदयू और बीजेपी के बीच एक और क्लैश की वजह बन सकती थी, जिसे समय रहते पीएम मोदी ने बचा लिया। ये चुनावी जनसभा दूधपूरा ​​​​​​में NDA के प्रत्याशियों के समर्थन में की गई थी।

एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते चिराग पासवान।

चिराग पासवान। (फाइल फोटो)

चिराग को लेकर JDU की BJP से चल रही थी नाराजगी 

NDA  के दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के बाद जदयू, बीजेपी से नाराज हो गयी थी क्योंकि उसकी नौ सीटों को चिराग पासवान की लोजरा(रामविलास) को दे दिया गया था। तब राजनीतिक हलकों में खबरें थीं कि JDU की पारंपरिक सीटों पर लोजपा को आगे करके भाजपा उसे कमजोर करना चाहती है ताकि चुनाव के बाद JDU और नीतीश कुमार को साइडलाइन किया जा सके।

नीतीश कुमार

 CM चेहरे को लेकर अमित शाह के बयान ने नाराजगी बढ़ाई 

इसके सप्ताह भर बाद ही अमित शाह का एक बयान सामने आया, जिसने जदयू की नाराजगी और बढ़ा दी। टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था कि जीते हुए विधायक अपना सीएम चुन लेंगे। ये कहकर उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का बात टाल दी थी। इसके बाद चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का समर्थन किया था। फिर उनका एक और बयान सामने आया कि ‘वे भी बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं पर वे यह सब-कुछ तुरंत नहीं चाहते।’

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

पीएम ने नीतीश की तारीफ की, जनता को ‘जंगल राज’ याद दिलाया 

PM मोदी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार के दौरान हुए विकास को गिनाया। उन्होंने लोगों को अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने को कहा। फिर बोले- इस लाइट के सामने क्या किसी को लालटेन  की जरूरत है?  बता देें कि लालटेन RJD का चुनाव चिन्ह है।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

फिर वे बोले कि ‘कांग्रेस के शासन में मोबाइल बहुत महंगा था। विदेश से मंगवाना पड़ता था। उस वक्त मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ 2 फैक्ट्री थी, अब 200 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। NDA सरकार में डेटा भी सस्ता है। इस वजह से नौजवानों को कंटेंट क्रिएशन का नया मार्केट मिला है। आज बिहार में ये मोबाइल, ये प्रकाश हर कोई देख रहा है।’ अपने भाषण में उन्होंने 17 बार जंगलराज का जिक्र किया।

 

कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव भी गए

पीएम मोदी समस्तीपुर जिला में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक आवास कर्पूरीग्राम में माल्यार्पण करने पहुंचे, इसके बाद जनसभा को संबोधित किया। नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने-अपने भाषणों में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया। नीतीश कुमार ने पूरे समय लिखा हुआ भाषण पढ़ा। मोदी बोले कि कर्पूरी ठाकुर को NDA ने सम्मान दिया।

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बिहार में कांग्रेसी अपने ही नेता के खिलाफ ‘वोट चोर’ का नारा क्यों लगा रहे?

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पार्टी ऑफिस में धरना देते कांग्रेस कार्यकर्ता।
  • बिहार में कांग्रेस नेताओं की प्रदेश लीडरशिप के साथ नाराजगी बढ़ी।
  • एयरपोर्ट पर हंगामा, प्रेस कॉफ्रेंस के बाद अब पार्टी ऑफिस में धरना दे रहे।
  • बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रदेश प्रभारी पर टिकट बेचने का आरोप लगाया।

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार में कांग्रेसी अपनी ही प्रदेश लीडरशिप के खिलाफ ‘वोट चोर-बिहार छोड़’ का नारा लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान वोटर लिस्ट की जांच की SIR प्रक्रिया के खिलाफ वोट चोरी का नारा दिया था। गुरुवार को पटना में कांग्रेस पार्टी ऑफिस के अंदर धरना दे रहे नेताओं ने यही नारा राज्य के नेताओं के ऊपर लगाकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली।

23 अक्तूबर को कांग्रेस के नाराज नेताओं ने बिहार पार्टी हेडक्वार्टर सदाकत आश्रम में सामूहिक उपवास और धरना-प्रदर्शन किया। इससे पहले 15 अक्तूबर को टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता एयरपोर्ट पर अपने बिहार प्रभारी के खिलाफ प्रदर्शन और धक्का-मुक्की तक कर चुके हैं।

नाराजगी इतने पर भी नहीं रुकी, 18 अक्तूबर को नाराज कांग्रेसियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम व प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने विधानसभा टिकट मोटी रकम लेकर बेचे।

इस दौरान कांग्रेस रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष व प्रवक्ता आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

 

कांग्रेस प्रभारी को भाजपा का ‘स्लीपर सेल’ कहा

23 अक्तूबर को आनंद माधव समेत दर्जनभर नेताओं ने काली पट्टी बांधकर पार्टी ऑफिस में धरना दिया। इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद माधव ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू को बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ तक कह दिया।

उन्होंने कहा कि ‘कृष्णा अल्लावरू और उनकी टीम ने टिकट की खरीद फरोख्त की है। जब भारतीय जनता पार्टी का स्लीपर सेल यहां काम करेगा तो राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने बिना किसी पैरामीटर के एक दिन पहले उठाए लोगों को टिकट दे दिया।’

 

आरोपों पर क्या बोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष 

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि चुनावी वर्ष में टिकट बेचने के आरोप आम हैं, ये कार्यकर्ता पार्टी के अंदर धरना दे रहे हैं जो इनका हक है। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन अगर कोई गंभीर मामला सामने आता है, तो जांच जरूर होगी।

 

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