रिपोर्टर की डायरी
रोहतास : दो लड़कों की रील ने माहौल बिगाड़ा, RAF तैनात
- दो पक्षों में मारपीट, दुकान बंद कर रहे दुकानदार का सिर फूटा, तीन हिरासत में
- 5 दिनों से वीडियो वायरल, बवाल के बाद मौके पर रैपिड ऐक्शन फोर्स तैनात
रोहतास | अमित कुमार
दो युवा लड़कों की ओर से धार्मिक भावना भड़काने की मंशा से बनाई गई रील के चलते जिले में सोमवार की शाम आठ बजे से माहौल बिगड़ने लगा जो देर रात होते-होते वबाल में बदल गया। बाजार बंद होने के समय दो समुदाय के लोगों के बीच शुरू हुए वबाल में एक दुकानदार का सिर फट गया, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। तनावपूर्ण माहौल की संवेदनशीलता को देखते हुए रात एक बजे तक मौके पर पुलिस मौजूद रही और रैपिड ऐक्शन फोर्स ने गश्ती की।
‘मौके पर हिन्दू’ लिखे वीडियो को वायरल किया
जिले में एक वीडियो (रील) वायरल होना शुरू हुआ जिसमें बाइक चला रहा एक नवयुवक अन्य समुदाय के धार्मिक स्थल से गुजरते हुए गाली देता है। बाइक में पीछे बैठे दोस्त का चेहरा सेल्फी वीडियो में दिख रहा है जो अपने धार्मिक स्थल की ओर देखते हुए दोस्त की दी हुई गाली को दोहराता है। इस वीडियो के ऊपर ‘जय श्री राम’ व ‘Hindus Spotted in this area’ (मौके पर हिन्दू पहुंचे) लिखा हुआ है। आगामी चुनावों को देखते हुए इसे संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि कोई भी घटना इस समय माहौल को गंभीर बना सकती है।
वीडियो चार-पांच दिन से इलाके में वायरल
आम लोगों के मुताबिक, यह वीडियो चार-पांच दिनों से लोकल व्हाट्सऐप ग्रुपों व अन्य सोशल मीडिया मंचों पर सर्कुलेट हो रहा था, हालांकि रविवार को दो समुदायों के बीच बवाल हो जाने के बाद यह पुलिस के संज्ञान में आया। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह धार्मिक स्थल जिले में कहां पर है? अथवा जिले से संबंधित है भी या नहीं? इस मामले में पुलिस ने जांच करके जानकारी देने की बात कही है। हमारी ओर से वीडियो में दिख रहे इंस्टाग्राम हैंडिल को सर्च किया गया पर लगता है कि अब यह खाता डीएक्टिवेट हो चुका है।
वायरल वीडियो से गुस्साए लोग, दुकानदार का सिर फटा
बताया जाता है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने आरोप लगाया कि धर्म से जोड़कर एक वीडियो वायरल किया गया, जिसके बाद अफवाह फैल गई और एक पक्ष के कुछ लड़के इकट्ठे होकर शोर-शराबा करने लगे। इसी बीच अपनी दुकान बंद करके घरों को लौट रहे कुछ लोगों के साथ बदसलूकी एवं मारपीट हुई। इसी में सासाराम के धर्मशाला मोड पर स्थित एक रेडीमेड दुकानदार मनोज कुमार गुप्ता का सिर फट गया है। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने चोट लगने की शिकायत की है। सूचना पर भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची है तथा लोगों से शांति की अपील की है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण एवं शांतिपूर्ण हो गया है।
वीडियो के बारे में पूछताछ को तीन लोगों को उठाया
इस मामले पर अनुमंडल पुलिस अधिकारी दिलीप कुमार मंडल ने बताया कि एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसको जांच किया जा रहा है। फिलहाल इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
हालांकि पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि हिरासत में लिए गए लोग किस पक्ष के हैं। साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि दुकानदार की ओर से केस दर्ज किस पक्ष पर करवाया गया है। घटनास्थल पर भारी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स, पुलिस बल मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे शांति बनाए रखें। किया जा रहा शांति बनाने के लिए
(नोट — आगे सूचना आने पर इस खबर को अपडेट किया जा सकता है।)
रिपोर्टर की डायरी
जब नीतीश कुमार दसवीं बार CM बने, उसी दिन नालंदा विवि ने पूरे किए 75 वर्ष
- नव नालंदा महाविहार (Deemed University) ने 21 सितंबर को स्थापना के 75 वर्ष पूरे किए।
यह संयोग एक संदेश भी लाया। एक तरफ बिहार की नई सरकार शपथ ले रही है जो बार-बार दावा करती है कि वे शिक्षा क्रांति लाएंगे।
दूसरी तरफ उसी बिहार का नालंदा खड़ा है जो 1600 साल पहले दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय था, जिसे ह्वेनसांग ने “ज्ञान का संयुक्त राष्ट्र” कहा था और जिसे आज फिर से जीवित किया जा रहा है।
“नव नालंदा महाविहार को ‘ज्ञान भारतम् मिशन’ का क्लस्टर सेंटर बनाया जा रहा है, प्राचीन पांडुलिपियों का AI से डिजिटलीकरण होगा।”
चुनावी डायरी
दो सीटें जीतने के बाद भी NDA सरकार में सीमांचल को सीमित प्रतिनिधित्व, अररिया की जनता नाराज
- अररिया जिले को NDA सरकार के मंत्रीमंडल में कोई मंत्री नहीं मिला जबकि पहले हर सरकार यहां से मंत्री बनाती आई है।
फारबिसगंज(अररिया) | मुबारक हुसैन
नई सरकार के गठन के साथ एनडीए समर्थकों में जहां उत्साह का माहौल है, वहीं अररिया जिले में निराशा गहराती दिख रही है। इसका कारण है कि जिले से किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, जबकि हर सरकार में अररिया से कैबिनेट मंत्री बनते आए हैं। इस बार पूर्णिया से विधायक लेशी सिंह को जरूर मंत्री बनाया गया है पर NDA मंत्रीमंडल में घटे सीमांचल के प्रतिनिधित्व से आम लोग नाराज हैं।
बीजेपी ने दो सीट जीतीं फिर भी उपेक्षित
अररिया जिले की कुल छह विधानसभा सीटों में से नरपतगंज और सिकटी में भाजपा ने जीत दर्ज की। खासकर सिकटी से लगातार हैट्रिक के साथ छठी बार विधानसभा पहुंचे वरिष्ठ भाजपा नेता विजय मंडल के मंत्री बनने की अटकलें तेज थीं। पिछली सरकार में उन्होंने बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में कार्य किया था और सीमांचल सहित कोसी अंचल के मुद्दों को मजबूती से उठाया था। ऐसे में माना जा रहा था कि अनुभव और लगातार जीत के आधार पर उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन इस बार उन्हें भी बाहर रखा गया, जिससे जिले में मायूसी और राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
एनडीए का कमजोर प्रदर्शन भी बनी वजह?
पिछले दो चुनावों की तुलना में इस बार जिले में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा है। फारबिसगंज और रानीगंज जैसी परंपरागत सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। दो दशक से अधिक समय तक इन दोनों सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा था। रानीगंज में जहां जदयू विजयी होती रही, वहीं फारबिसगंज भाजपा की सुरक्षित मानी जाने वाली सीट रही है। विश्लेषकों का कहना है कि छह में से सिर्फ दो सीटें जीत पाने की स्थिति एनडीए के लिए अनुकूल नहीं रही, जिसका असर मंत्री पद के चयन में दिखा है।
अररिया को मिलता रहा है प्रतिनिधित्व
स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चाहे राज्य में महागठबंधन सरकार रही हो या एनडीए की, अररिया को हमेशा मंत्री पद के स्तर पर प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। जिले के दिग्गज नेताओं जैसे सरयू मिश्रा, मोइदुर रहमान, अजीमुद्दीन, तस्लीमुद्दीन, सरफराज आलम, शाहनवाज आलम, शांति देवी और रामजी दास ऋषिदेव आदि ने पूर्व में मंत्री पद संभालकर जिले का प्रतिनिधित्व किया है। इसी क्रम को पिछले कार्यकाल में विजय कुमार मंडल ने आगे बढ़ाया पर इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।
सीमांचल की आवाज़ कमजोर होने की आशंका
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीमांचल क्षेत्र पहले से ही विकास के मामले में पिछड़ा माना जाता है। ऐसे में मंत्री पद जैसा प्रतिनिधित्व जिले की समस्याओं को सरकार तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाने का साधन रहा है। इस बार किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से आम लोगों में चिंता है कि जिले की आवाज राजधानी में कमजोर पड़ सकती है।
क्या कहते हैं पार्टी कार्यकर्ता
अररिया को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर NDA के घटक दलों के कार्यकर्ताओं का मानना है कि इससे राजनीतिक रूप से गलत संदेश जा सकता है। हालांकि कार्यकर्ता यह भी कह रहे हैं कि अगर 5 साल के कार्यकाल में NDA अपना कैबिनेट विस्तार करती है तो जरूर अररिया को मंत्री मिलेगा।
NDA सरकार के जिलावार कैबिनेट मंत्रियों की सूची
1. सहयोगी कोटा – संतोष सुमन – HAM – (गया)
2. सहयोगी कोटा – संजय पासवान – LJPR- (बेगूसराय)
3. सहयोगी कोटा – संजय सिंह – LJPR – ( वैशाली)
4. सहयोगी कोटा – दीपक प्रकाश – RLM – ( वैशाली )
5. भाजपा कोटा – रामकपाल यादव – BJP ( पटना)
6. भाजपा कोटा – संजय सिंह टाइगर – BJP ( आरा )
7. भाजपा कोटा – अरुण शंकर प्रसाद – BJP ( मधुबनी)
8. भाजपा कोटा – सुरेन्द्र मेहता – BJP, ( बेगूसराय)
9. भाजपा कोटा – नारायण प्रसाद – BJP ( पश्चिम चंपारण)
10. भाजपा कोटा – सम्राट चौधरी – डिप्टी सीएम ( मुंगेर )
11. भाजपा कोटा – विजय सिन्हा – डिप्टी सीएम – ( लखीसराय)
12. भाजपा कोटा – दिलीप जायसवाल – BJP ( किशनगंज )
13. भाजपा कोटा – मंगल पांडेय – BJP ( सीवान)
14. भाजपा कोटा – नितिन नवीन – BJP ( पटना)
15. भाजपा कोटा – रमा निपद – BJP ( मुजफ्फरपुर)
16. भाजपा कोटा – लखेंद्र पासवान – BJP ( वैशाली)
17. भाजपा कोटा – श्रेयसी सिंह – BJP ( जमुई )
18. भाजपा कोटा – प्रमोद कुमार चंद्रवंशी – BJP ( जहानाबाद)
19. JDU कोटा – नीतीश कुमार – मुख्यमंत्री ( नालंदा)
20. JDU कोटा – विजय कुमार चौधरी – JDU ( समस्तीपुर)
21. JDU कोटा – अशोक चौधरी – JDU (शेखपुरा)
22. JDU कोटा – विजेन्द्र यादव – JDU ( सुपौल)
23. JDU कोटा – श्रवण कुमार – JDU ( नालंदा)
24. JDU कोटा – जमा खान – JDU ( कैमूर)
25. JDU कोटा – लेशी सिंह – JDU ( पूर्णिया)
26. JDU कोटा – मदन सहनी – JDU ( दरभंगा)
चुनावी डायरी
बिहार : नई सरकार की शपथ के दिन मौन व्रत पर बैठे प्रशांत किशोर
- 20 नवंबर सुबह 11:14 मिनट से मौन व्रत शुरू हुआ तो 21 नवंबर को सुबह 11:15 बजे तक चलेगा।
बेतिया (पश्चिमी चंपारण) |
बिहार में गुरुवार को नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इसी दिन को प्रशांत किशोर ने जनसुराज की चुनावी रणनीति की गड़बड़ियों से जुड़े प्रायश्चित के लिए चुना।
दो दिन पहले जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोेर ने मीडिया के सामने कहा था कि वे जनता तक अपने संदेश को ठीक ढंग से पहुंचा नहीं पाए, जिसके लिए वे प्रायश्चित स्वरूप एक दिन का मौत व्रत रखेंगे।
इसके तहत प्रशांत किशोर ने आज (20 नवंबर) सुबह सबा 11 बजे पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में मौन उपवास शुरू किया जो अगले दिन इसी समय तक चलेगा। अपने सहयोगियों के साथ वे गांधी प्रतिमा के पास बैठे मौत उपवास अकेले कर रहे हैं।
जनसुराज पार्टी ने एक्स पर प्रशांत किशोर की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा ‘गांधी आश्रम , भितिहरवा में एक दिन के मौन उपवास के साथ बिहार में बदलाव की नई शुरुआत।’
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी और उन्हें 3.34 प्रतिशत वोट मिला।
गांधी के आंदोलन के खिलाफ रहे हैं PK
गांधी के रास्ते पर चलते हुए मौन व्रत करके आत्मबल और आत्म चिंतन कर रहे प्रशांत किशोर कुछ मामलों में गांधीवादी विचारधारा से उलट राय रखते हैं। प्रशांत किशोर अक्सर अपने भाषणों में कहते रहे हैं कि वे महात्मा गांधी के आंदोलन करने के तरीकों का समर्थन नहीं करते।
वे कहते हैं कि दीर्घकालिक विकास और व्यवस्था में बदलाव के लिए आंदोलन आधारभूत तरीका नहीं है, बल्कि वे ऐसी चुनावी प्रक्रिया के समर्थक हैं जिसमें सही लोग चुनकर नेतृत्व करें।
उनका कहना है कि फ्रांस रेवोल्यूशन को छोड़कर इतिहास में किसी भी आंदोलन या क्रांति ने किसी भी देश में लंबे समय तक टिकने वाले विकास का रास्ता नहीं बनाया है।
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