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रिपोर्टर की डायरी

उत्तरकाशी : स्वतंत्र पत्रकार ने क्या कवरेज की थी.. जिसके बाद बैराज में मिला शव

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  • पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने जांच बैठाई
  • जिला अस्पताल के हालात पर कवरेज के अगले दिन हो गए थे लापता, बैराज में मिला शव
  • पत्नी का आरोप, वीडियो वायरल होने के बाद से राजीव को मिल रही थीं डिलीट करने की धमकियां

उत्तरकाशी |

जिले के स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप का शव रविवार को जिले के जोशियाड़ा बैराज (Joshiyara hydroelectric barrage) में मिला जो दस दिन से लापता थे। पत्रकार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। पत्रकार के शव का सोमवार को अंतिम संस्कार हुआ।

28 सितंबर को राज्य सरकार ने राजीव की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए (screen grab - @ukcmo)

28 सितंबर को राज्य सरकार ने राजीव की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए (screen grab – @ukcmo)

गौरतलब है कि जिला अस्पताल को ‘मदिरालय’ बताते हुए राजीव ने ग्राउंड रिपोर्ट की थी। अगले दिन वे लापता हो गए थे। राजीव जिले के एक स्वतंत्र पत्रकार थे जो यूट्यूब व फेसबुक पर ‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नामक चैनल चलाकर लोकल मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते थे।

30 सितंबर को राजीव के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी, सीने व पेट में अंदरुनी चोटों से मौत की पुष्टि हुई। विस्तार में खबर इस लिंक पर पढ़ें।
14 sep : ग्राउंड रिपोर्ट में जिला अस्पताल को ‘मदिरालय’ कहा  
राजीव ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर की छत पर खड़े होकर वहां बड़ी शराब की बोतलें दिखाते हुए रिपोर्ट की थी। रिपोर्टिंग के दौरान उन्होंने सवाल किया था कि यह अस्पताल है या मदिरालय? वीडियो के ऊपर चल रही पट्टी में भी लिखा हुआ है ‘अस्पताल या मदिरालय’।
खबर में अस्पताल में पड़ी गंदगी और सीढ़ियों पर घूमते कुत्ते को दिखाया था। सात मिनट के इस वीडियो में एक मरीज से भी बात करवाई गई थी, हालांकि अस्पताल प्रशासन का पक्ष इसमें नहीं दिखाया गया।
18 sep : खबर का असर कवर किया, सफाई का आदेश 
‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ नाम के अपने फेसबुक पेज पर राजीव ने ट्रामा सेंटर के सुधरे हालात का वीडियो डाला। इसमें कहा कि उनकी खबर को संज्ञान में लेते हुए सफाई कराने के आदेश हुए हैं।
18 सितंबर को खबर के असर पर अस्पताल से लाइव किया था।

18 सितंबर को खबर के असर पर अस्पताल से लाइव किया था।

 

‘दिल्ली-उत्तराखंड लाइव’ के फेसबुक पोस्ट में लिखा- “जिलाधिकारी प्रशांतकुमारआर्य और गंगोत्री विधायक सुरेशचौहान ने जनता की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए जिला अस्पताल की साफ़-सफ़ाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का तत्काल आदेश दिया है।”
19 sep : दोस्त की कार लेकर गए, कार मिली राजीव लापता

राजीव की पत्नी का कहना है कि बीते 18 सितंबर की रात पति राजीव प्रताप अपने एक दोस्त सोबन सिंह की कार लेकर ज्ञानसू से गंगोरी के लिए रवाना हुए। अगले दिन सुबह तक जब राजीव नहीं लौटे तो उनके दोस्त ने इसकी जानकारी पुलिस को देकर इसकी खोजबीन शुरू की।

19 सितंबर को स्यूणा गांव के समीप सोबन सिंह की कार भागीरथी नदी के बीच में मिली, पर राजीव का कोई पता नहीं लगा। इस पर परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की तहरीर नगर कोतवाली में दर्ज करवाई।
उत्तरकाशी पुलिस ने राजीव के लापता होने पर सार्वजनिक सूचना जारी की थी ( Screen grab - @uttarkashipol)

उत्तरकाशी पुलिस ने राजीव के लापता होने पर सार्वजनिक सूचना जारी की थी ( Screen grab – @uttarkashipol)

जिला पुलिस ने लापता राजीव के लिए इश्तिहार निकाला था।

 

पत्नी बोली- वीडियो डिलीट करने की धमकी से परेशान थे

राजीव की पत्नी सोनम का कहना है कि “उनके पति की मौत अचानक कार के नदी में गिरने से नहीं हुई, उन्हें किसी ने अगवा करके मारा है।” उन्होंने बताया कि “18 सितंबर को रात 11 बजे उनकी पति से फोन पर बात हुई थी, तब उन्होंने कहा कि वे कुछ परेशान हैं क्योंकि उन्हें बार-बार फोन आ रहे हैं और धमकाया जा रहा है कि वीडियो डिलीट नहीं हुआ तो जान से मार डालेंगे”।

सोनम के मुताबिक, रात 11:50 पर भेजा उनका वीडियो अनडिलीवर्ड ही रहा और उसके बाद से उनका कोई पता नहीं लगा।

 

10वें दिन जोशियाड़ा बैराज से मिला शव

खोज-बचाव अभियान चला रही संयुक्त टीम को राजीव का शव रविवार को जोशियाड़ा हाईड्रोइलेक्ट्रिक बैराज में मिला। शव को बैराज से बाहर निकालकर पुलिस को सौंपा।

28 सितंबर को बैराज से मिली पत्रकार की बॉडी (तस्वीर - सुरेन्द्र लेलोटा देवजानी, काशीपुर)

28 सितंबर को बैराज से मिली पत्रकार की बॉडी (तस्वीर – सुरेन्द्र लेलोटा देवजानी, काशीपुर)

पुलिस ने शव का पंचनामा भर शिनाख्त व पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां पर मृतक के परिजनों ने शव की पहचान की।

इस दौरान राजीव की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। वे मान रही थीं कि राजीव को किसी ने धमकाने के लिए अगवा कर लिया है, पर उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके पति की मौत हो चुकी होगी।

 

मौत से ठीक पहले का CCTV मिला

एसपी सरिता डोभाल ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि घटना से कुछ मिनट पहले का एक CCTV फुटेज मिला है, जिसमें वह कार में अकेले दिखाई दे रहे हैं।
“परिवार ने मौत की वजह को लेकर आरोप लगाए हैं, मौत के कारणों की पुष्टि के लिए हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया राजीव की कार एक खड्ड में गिरने के बाद फिर नदी में गिरी, जो घटना के समय उफान पर थी।” – SP, उत्तरकाशी
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(उत्तरकाशी से सुरेन्द्र लेलोटा देवजानी के इनपुट के साथ)

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

रिपोर्टर की डायरी

lynching : UP में दलित युवक के परिवार से जल्द मिलेंगे राहुल गांधी, आज कांग्रेस डेलीगेशन पहुंचा

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7 अक्तूबर को फतेहपुर में दलित युवक की हत्या के मामले पर जांच रिपोर्ट बनाने आया कांग्रेस का SC/ST डेलीगेशन
7 अक्तूबर को फतेहपुर में दलित युवक की हत्या के मामले पर जांच रिपोर्ट बनाने आया कांग्रेस का SC/ST डेलीगेशन (तस्वीर-टीम बोलते पन्ने)
  • कांग्रेस डेलीगेशन फतेहपुर में मृतक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिला
  • राहुल गांधी का नाम लेने पर हमलावरों ने दलित युवक की लिंचिंग की थी

फतेहपुर | संदीप केसरवानी

यूपी के फतेहपुर जिले तुरावली पुरवा में आज कांग्रेस का डेलीगेशन हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचा। कांग्रेस के SC/ST विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यहां पहुंचकर मीडिया से कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अभी विदेश यात्रा पर गए हुए हैं, वे जल्द लौटकर हरिओम के परिवार से मिलने आएंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने ये मामला संज्ञान में आने पर 4 अक्तूबर को मृतक के पिता से फोन पर बात की थी।

बता दें कि फतेहपुर से रायबरेली जाते समय ऊंचाहार में हरिओम वाल्मीकि को कुछ लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला (lynching) था, मरते समय युवक ने ‘राहुल गांधी’ का नाम लिया था, जिसके बाद उसे क्रूरता से मार डाला गया था।

कांग्रेस का यह डेलीगेशन मृतक के परिवार से मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करके कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगा। पार्टी प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

राहुल ने संयुक्त बयान जारी किया 

आज (7 अक्तूबर) को राहुल गांधी ने एक्स हैंडल से कांग्रेस अध्यक्ष व अपना हस्ताक्षर किया एक संयुक्त बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने दलित समुदाय के ऊपर हो रहे अत्याचारों को ‘संस्थागत’ हत्या कहा। गौरतलब है कि आज वाल्मीकि जयंती है और उत्तर प्रदेश सरकार ने आज अवकाश रखा है।

7 अक्तूबर को वाल्मीकि जयंती के मौके पर राहुल गांधी ने इस मामले पर संयुक्त बयान जारी किया ।

7 अक्तूबर को वाल्मीकि जयंती के मौके पर राहुल गांधी ने इस मामले पर संयुक्त बयान जारी किया ।

 

भाजपा शासित राज्यों में दलितों का उत्पीड़न हो रहा : गौतम

जिले में आए कांग्रेस के डेलीगेशन में SC/ST अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि देश के पांच राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां 72 प्रतिशत दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सबसे ज्यादा यूपी में जहां 26.02 प्रतिशत उत्पीड़न दलितों का हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पकड़े गए दोषियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सजा होनी चाहिए। इस डेलीगेशन में सांसद तनुज पुनिया, तेलंगाना के मिनिस्टर विवेक वेंकट स्वामी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खबरी शामिल थे।

 

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चुनावी डायरी

जीतन राम मांझी : NDA की दलित ताकत, पर सीट शेयर में बड़ी अड़चन

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भाजपा, जदयू के साथ गठबंधन वाले NDA में 'हम' पार्टी की अहमियत पर विश्लेषण। (तस्वीर - @jitanrmanjhi)
जीतनराम मांझी (तस्वीर - @NandiGuptaBJP)
  • बिहार चुनाव में NDA से 15 से 20 सीटें चाहते हैं HAM चीफ माझी

नई दिल्ली|

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान में जीतन राम मांझी का नाम सबसे ऊपर है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री मांझी ने 15 से 20 सीटों की मांग रखी है, लेकिन BJP-JDU गठबंधन उन्हें 3-7 सीटें देने पर अड़ा है। क्या मांझी NDA के लिए महादलित-दलित वोटों की ‘मजबूत कड़ी’ हैं या उनकी बढ़ती महत्वाकांक्षा के बीच गठबंधन बचाना ‘मजबूरी’ और चुनौती बन गया है? आइए जानते हैं इस विश्लेषण में..


जीतनराम मांझी (तस्वीर - @NandiGuptaBJP)

जीतनराम मांझी (तस्वीर – @NandiGuptaBJP)

NDA में मांझी की ‘मजबूती’: दलित वोटों का मजबूत आधार

 हालिया बैठकों और बयानों से साफ है कि मांझी की मौजूदगी से NDA को जातीय समीकरण में मजबूती मिलती है। पर BJP के बार-बार मनाने पर भी वे अपनी मांग पर अड़े हैं, बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इसे उनकी ‘साफगोई’ कहा है। जातीय गणित की नजर से देखें तो मांझी NDA को कई सीटों पर मजबूती देते दिखते हैं-

  • महादलित-दलित वोट बैंक: बिहार में दलित (16%) और महादलित (मुसहर, डोम आदि) वोटरों पर मांझी की पकड़ मजबूत है। 2020 में HAM ने 7 सीटों पर 60% से ज्यादा स्ट्राइक रेट दिखाया, जो NDA की कुल 125 सीटों में योगदान देता है। चिराग पासवान (LJP) के साथ मिलकर वे पश्चिम चंपारण से गया तक दलित वोटों को एकजुट करते हैं।
  • नीतीश के पूरक: NDA का महादलित फोकस मांझी से मजबूत होता है। लोकसभा 2024 में NDA की 30/40 सीटों में मांझी का रोल सराहा गया।
  • केंद्रीय मंत्री के रूप में: MSME मंत्री के तौर पर वे केंद्र की रोजगार सृजन योजनाओं (जैसे PMEGP) को बिहार में लागू कर NDA की छवि चमकाते हैं।

NDA में मांझी की मजबूती –

 उदाहरण

जातीय समीकरण

महादलित (12%) वोटों पर पकड़; 2020 में 4/7 सीटें जीतीं।

रणनीतिक भूमिका

JDU-BJP के बीच दलित ब्रिज; चिराग के साथ मिलकर विपक्ष (RJD) को चुनौती।

परिवारिक प्रभाव

बेटाबहू के मंत्री/विधायक होने से स्थानीय स्तर पर मजबूती।

विवादास्पद अपील

गरीबी से सत्ता की कहानी दलित युवाओं को प्रेरित करती है।

 


जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

NDA के लिए ‘मजबूरी’: बढ़ती मांगें और बगावती तेवर

दूसरी तरफ, मांझी की महत्वाकांक्षा NDA के लिए सिरदर्द बनी हुई है:

  • सीटों की मांग: बिहार विधानसभा चुनाव में 15-20 (कभी 25-40) सीटें मांग रहे हैं, ताकि HAM को ECI मान्यता (6% वोट/6 सीटें) मिले। लेकिन BJP-JDU उन्हें 3-7 सीटें देने को तैयार हैं। धर्मेंद्र प्रधान की 5 अक्टूबर 2025 की मीटिंग में मांझी को ‘3 से ज्यादा पर नहीं’ कहा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांझी ने धमकी दी- “अगर 15-20 न मिलीं तो 100 सीटों पर अकेले लड़ेंगे।”
  • नाराजगी का इतिहास: 2015 में BJP ने नीतीश के सामने मांझी को ‘अपमानित’ होने दिया। अब अप्रत्यक्ष अपमान (वोटर लिस्ट न देना) से नाराज हैं। News18 में मांझी ने कहा, “हम रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मान्यता नहीं—यह अपमान है।”
  • गठबंधन तनाव: NDA का फॉर्मूला लगभग तय है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- JDU को 102-108, BJP को 101से 107, LJP को 20से 22, HAM को 3से 7, RLM को 3से 5 सीटें देने का फॉर्मूला है। मांझी की मांग से JDU-BJP के बीच ‘100 सीटों की लड़ाई’ तेज हुई है। उपेंद्र कुशवाहा (RLM) ने भी 15 सीटों की मांग कर दी है जिससे NDA पर 35 सीटों को लेकर दवाब बढ़ गया है।
  • बगावत का जोखिम: अगर मांझी बगावत करें, तो दलित वोट बंट सकते हैं, जो महागठबंधन (RJD) को फायदा देगा। लेकिन NDA उन्हें ‘जरूरी बुराई’ मानता है—इग्नोर करने से वोट लॉस, मानने से सीट शेयरिंग बिगड़ेगी।

NDA के लिए मांझी की मजबूरी के पहलू

उदाहरण

सीट मांग का दबाव

20 मांगीं, 3-7 ऑफर; बगावत की धमकी।

पुराना अपमान

2015 में BJP-JDU नेछोड़ दिया‘; अब मान्यता की लड़ाई।

गठबंधन असंतुलन

JDU-BJP 200+ सीटें चाहते; छोटे दलों कोकुर्बानीदेनी पड़ रही।

विवादास्पद छवि

बयान गठबंधन को नुकसान पहुंचाते, लेकिन वोटरों को जोड़ते।

 


केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी

मजबूती ज्यादा, लेकिन मजबूरी नजरअंदाज नहीं

मांझी NDA के लिएमजबूतीज्यादा हैंउनके बिना दलित वोटों का 20-25% हिस्सा खिसक सकता है। लेकिन सीट बंटवारे की उनकी जिद गठबंधन कोमजबूरीमें डाल रही है, जहां BJP-JDU को छोटे दलों को मनाना पड़ रहा। 5 अक्टूबर की प्रधानमांझी बैठक में सहमति बनी, लेकिन अंतिम फॉर्मूला जूनजुलाई में तय होगा। अगर NDA 225+ सीटें जीतना चाहता है (जैसा मांझी दावा करते हैं), तो मांझी कोसम्मानजनकरखना जरूरी। वरना, बिहार का जातीय समीकरण फिर उलट सकता है। राजनीतिक पंडितों का मानना है: मांझीकरो या मरोके दौर में हैं, और NDA के लिए वेजरूरी सहयोगीसेसंभावित खतराबन सकते हैं।


 

मांझी की राजनीतिक यात्रा: बंधुआ मजदूरी से सत्ता तक 

जीतन राम मांझी बीते छह अक्तूबर को 81 बरस के हो गए। वे मुसहर समुदाय (महादलित) से आते हैं, जो बिहार के सबसे वंचित वर्गों में शुमार है। बचपन में बंधुआ मजदूरी करने वाले मांझी ने शिक्षा के बल पर 1966 में हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया और पोस्टल विभाग में नौकरी पाई।

जीतन राम माझी

जीतन राम माझी

1980 में कांग्रेस से राजनीति में कदम रखा, फिर RJD (लालू प्रसाद) और 2005 में JDU (नीतीश कुमार) से जुड़े। 2014 में लोकसभा चुनाव में JDU की करारी हार के बाद नीतीश ने इस्तीफा दिया और मांझी को मुख्यमंत्री बनाया—मकसद महादलित वोटों को साधना। लेकिन 9 महीने बाद (फरवरी 2015) विवादास्पद बयानों (जैसे डॉक्टरों के हाथ काटने की धमकी, चूहे खाने को जायज ठहराना) और नीतीश पर हमलों से JDU ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 18 विधायकों के साथ HAM बनाई।

2020 में NDA में वापसी हुई, जहां HAM को 7 सीटें मिलीं और 4 जीतीं। लोकसभा 2024 में गयासुर लोकसभा सीट जीतकर मांझी केंद्रीय मंत्री बने। उनके बेटे संतोष कुमार मांझी बिहार सरकार में मंत्री हैं, जबकि बहू दीपा मांझी इमामगंज से विधायक। यह पारिवारिक राजनीति NDA के लिए फायदेमंद रही, लेकिन मांझी के बयान (जैसे ताड़ी को ‘नेचुरल जूस’ कहना) अक्सर विवादों का सबब बने।

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चुनावी डायरी

बिहार : NDA से सीट बंटवारा अटक रहा, महागठबंधन में सीएम फेस पर सहमति नहीं

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कोलाज- बोलते पन्ने टीम
बिहार चुनाव (कोलाज- बोलते पन्ने टीम)

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लेकिन सबकी नजर NDA और महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर है। दोनों गठबंधन में बैठकों का दौर जारी है। सूत्रों की माने तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल हो चुकी है। CM फेस पर मामला फंस रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर आज भी महागठवंधन सहयोगी दलों की बैठक है।

दूसरी ओर, NDA में चिराग पासवान और जीतनराम माझी के दलों ने सीट बढ़वाने की डिमांड कर दी है, जिससे सीट बंटवारे पर ही बात अटकी हुई है। नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं के साथ बैठक की। खबर है कि टिकट और उम्मीदवार को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ सीएम ने 45 मिनट चर्चा की है। जदयू अपने कोटे की सीटों और उम्मीदवारों पर मंथन जारी है। मुख्यमंत्री आवास पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने कहा, ‘एनडीए पूरी मजबूती से खड़ा है और जल्द सीट शेयरिंग हो जाएगी।

इधर, सोमवार रात बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली गए हैं। वहां चिराग पासवान के साथ मीटिंग होनी है।

जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

5 अक्तूबर को जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

चिराग- 30, मांझी- 15 सीट पर अड़े

बिहार बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान लगातार सहयोगी दलों से सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इस बीच चिराग की पार्टी की ने एनडीए की मुसीबत बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, चिराग 25-30 सीटों पर अड़े हुए हैं। इधर, मांझी ने भी 15 सीटों की डिमांड कर गठबंधन में टेंशन बढ़ा दी है। दिल्ली में आज चिराग पासवान की धर्मेंद्र प्रधान के साथ मीटिंग है। जहां सीट बंटवारे पर बात होगी।

माना जा रहा है कि एनडीए अगले एक दो दिन में सीट बंटवारे का ऐलान कर सकता है।

सीटों पर फंस रहा पेंच
सूत्रों के मुताबिक एनडीए में सीटों के बंटवारे में दो मुद्दे हैं। पहला- सभी पार्टियों को मिलने वाली सीटों की संख्या तय करना। दूसरा- किसके खाते में कौन सी सीट जाएगी। चर्चा है कि एनडीए में सीटों की संख्या को लेकर काफी हद तक सहमति बन गई है, लेकिन किस पार्टी को कौन सी सीट मिलेगी इसको लेकर पेंच फंस रहा है।

कुछ सीटों पर लोजपा-रामविलास का दावा

चिराग की पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में जमुई लोकसभा सीट के तहत आने वाली चकाई और सिकंदरा विधानसभा सीट पर दावा किया था। चकाई से फिलहाल सुमित सिंह निर्दलीय विधायक हैं, जो नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। जबकि सिकंदरा विधानसभा सीट से फिलहाल हम पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में एक ही सीटों पर कई दलों के दावे से मामला फंस रहा है।

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव

महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल, CM चेहरे पर पेंच

सूत्रों की माने तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल है। रविवार की देर शाम मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव के आवास पर हुई मैराथन मीटिंग के बाद दावा किया था कि सब कुछ फाइनल हो गया है।

आज तेजस्वी आवास पर फिर से महागठबंधन नेताओं की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा और लेफ्ट की पार्टियों से बात होगी। साथ ही पशुपति पारस की पार्टी को कितनी सीटें दी जाए, इस पर चर्चा है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन में CM फेस पर पेंच फंसा है।

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