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महाराष्ट्र में 1800 करोड़ की जमीन को डिप्टी सीएम के बेटे को बेच दिया, खुलासे पर डील रद्द

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महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (फोटो - @AjitPawarSpeaks)
महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (फोटो - @AjitPawarSpeaks)

नई दिल्ली|

महाराष्ट्र में एक जमीन के सौदे से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें दलितों के लिए आरक्षित 1800 करोड़ रुपये की कीमत वाली जमीन को डिप्टी सीएम अजीत पवार के बेटे की कंपनी को बेच दिया गया। 40 एकड़ की यह जमीन पुणे में है, जिसे अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी एक कंपनी को 300 करोड़ में बेचा गया है।

इस मामले को सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार और अंजलि दमानिया ने स्थानीय मीडिया में उठाया, जिसके बाद इसने चर्चा पकड़ी। फिर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके इसे ‘जमीन चोरी’ कहा। अब खबर आयी है कि महाराष्ट्र सरकार ने यह सौदा रद्द करके जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में पिंपरी चिंचवाड़ के बावधन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है पर उसमें अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम नहीं है।

राहुल गांधी बोले- ‘वोट चोर सरकार ने जमीन चोरी कर ली’

इस मामले पर राहुल गांधी ने कहा है कि वोट चुराने वाली सरकार ने जमीन चोरी की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा-

“महाराष्ट्र में 1800 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन, जो दलितों के लिए आरक्षित थी, सिर्फ़ 300 करोड़ रुपये में मंत्री जी के बेटे की कंपनी को बेच दी गई। ऊपर से स्टांप ड्यूटी भी हटा दी गई. मतलब एक तो लूट, और उस पर क़ानूनी मुहर में भी छूट!” ये है ‘ज़मीन चोरी’, उस सरकार की जो खुद ‘वोट चोरी’ से बनी है, उन्हें पता है, चाहे जितना भी लूटें, वोट चोरी कर फिर सत्ता में लौट आएंगे।”

इस मामले में राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेकर कहा कि पीएम मोदी की चुप्पी बहुत कुछ कहती है।  राहुल गांधी ने उनसे पूछा, “क्या आप इसलिए खामोश हैं, क्योंकि आपकी सरकार उन्हीं लुटेरों पर टिकी है जो दलितों और वंचितों का हक़ हड़पते हैं?”

अजीत पवार बोले- ‘मेरा कोई लेना-देना नहीं’

इस पर अजित पवार ने कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने कभी भी ग़लत काम का समर्थन नहीं किया है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी। अगर कोई अनियमितता है तो कार्रवाई की जाएगी।

एक महीने में जांच रिपोर्ट, फिर ऐक्शन होगा – सरकार

इस मामले में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि एक उच्च स्तरीय समिति एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट भेजेगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी द्वारा पुणे में 300 करोड़ रुपये की जमीन के सौदे के बारे में सही जानकारी मिलेगी। ऐसे में उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे एक महीने तक प्रतीक्षा करें।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार : नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा, कल लेंगे CM पद की शपथ

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बिहार विधान मंडल के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुना गया। (साभार- नीतीश कुमार फेसबुक)
बिहार विधान मंडल के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुना गया। (साभार- नीतीश कुमार फेसबुक)

पटना |

एनडीए विधायक दल का नेता बनने के बाद बुधवार शाम (19 नवंबर) नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अब कल (20 नवंबर) को प्रसिद्ध गांधी मैदान में वे नई सरकार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

इस्तीफा देने के बाद पुरानी सरकार भंग हो गई है और अब राज्यपाल के आदेश पर नई सरकार के गठन तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया गया।

यह बैठक बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में हुई। इससे पहले भाजपा और जदयू के विधायक दल की अलग-अलग बैठक हुई थी। भाजपा की बैठक में जहां सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता चुना गया, वहीं नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता चुना गया।

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Delhi में कार ब्लास्ट करने वाला आतंकी डॉ. उमर, एक वीडियो में क्या प्रैक्टिस करता दिखा?

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आतंकी डॉ. उमर का वीडियो वायरल हो रहा है।
आतंकी डॉ. उमर का वीडियो वायरल हो रहा है।
  • अब मर चुके आतंकी डॉ. उमर के फोन से जांच एजेंसियों को एक वीडियो रिकवर हुआ है।

नई दिल्ली|

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को मुख्य संदिग्ध, फिदायीन हमलावर डॉक्टर उमर उन नबी (Dr. Umar un Nabi) का एक वीडियो मिला है, जिसमें वह अंग्रेजी (English) में ‘शहादत के ऑपरेशन’ (martyrdom operations) और ‘सुसाइड बॉम्बिंग’ (suicide bombing) की पैरवी (defending) करता दिखाई दे रहा है। यह वीडियो उसके भाई की एक गलती के कारण सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लग गया।

 

वीडियो में क्या बोल रहा है आतंकी उमर?
1 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में डॉ. उमर एक कैमरे के सामने बैठकर तकरीर दे रहा है।
वह कहता है, “जिसे लोग सुसाइड बॉम्बिंग कहते हैं, इस्लाम में उसे ‘शहादत का ऑपरेशन’ कहते हैं… शहादत का ऑपरेशन वह होता है जब कोई व्यक्ति एक खास जगह और खास समय पर मरने के इरादे से जाता है।”
जांचकर्ताओं (Investigators) का मानना है कि यह वीडियो लोगों का ब्रेन वॉश (brainwash) करने के लिए बनाया गया था और इसका टोन (tone) पुलवामा हमले (Pulwama attack) के आतंकी आदिल डार (Adil Dar) के वीडियो जैसा ही है।

 

तकरीर देने की प्रैक्टिस कर रहा था

डॉ. उमर का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। द हिन्दू ने दावा किया है कि वीडियो कम से कम आठ महीने पहले शूट किया गया है। वीडियो में सुना जा सकता है कि डॉ. उमर सुसाइड बॉम्बिंग को लेकर अपने भड़कीले भाषण के लिए अभ्यास (practise) कर रहा है, वह वीडियो में कई बार अटकता है और स्क्रीन के पास से कुछ पढ़ने की कोशिश करता भी दिखता है और आखिर में अटक जाने के बाद वीडियो बंद कर देता है।

 

भाई ने ‘तालाब’ में फेंका था फोन
यह वीडियो एजेंसियों तक कैसे पहुंचा, इसकी कहानी भी दिलचस्प है।
1. कार ब्लास्ट से पहले, जब फरीदाबाद मॉड्यूल (Faridabad module) के अन्य डॉक्टर (मुजम्मिल, शाहीन और अदील) गिरफ्तार होने लगे तो उमर का भाई डर गया।
2. उमर ने अपना फोन अपने भाई के सुपुर्द किया था। गिरफ्तारी के डर से भाई ने वह फोन अपने घर के पास एक तालाब (pond) में फेंक दिया।
3. जांच के दौरान, एजेंसियों ने जब उमर के फोन की लोकेशन (location) ट्रेस (trace) की और उसके भाई से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने राज उगल दिया। एजेंसियों ने तालाब से फोन बरामद कर लिया और डेटा रिकवर कर लिया।

 

कौन था डॉक्टर उमर?
1. पेशा: मोहम्मद उमर पेशे से डॉक्टर था और फरीदाबाद (Faridabad) की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) के तौर पर तैनात था।
2. निवासी: वह जम्मू-कश्मीर (J&K) के पुलवामा (Pulwama) जिले का रहने वाला था।
3. साजिश: वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल (terror module) का हिस्सा था। 10 नवंबर को अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद, उसने लाल किले के पास कार में खुद को उड़ा लिया।
4. कनेक्शन: यह मॉड्यूल पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

 

‘पैनिक’ में नहीं, ‘सोची-समझी’ साजिश थी
शुरुआत में माना जा रहा था कि यह धमाका हड़बड़ी में हुआ था। लेकिन अब इस वीडियो के सामने आने के बाद, जांच एजेंसियों को यकीन हो गया है कि यह कोई पैनिक ब्लास्ट (panic blast) नहीं, बल्कि एक बेहद सोची-समझी और खतरनाक इरादों वाली आतंकी साजिश (terror conspiracy) थी।
(राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अब इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है और इसे दिल्ली में हुआ पहला ‘कार-बॉर्न सुसाइड अटैक’ (car-borne suicide attack) माना जा रहा है।

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SIR के खिलाफ दिल्ली में रैली करेगी कांग्रेस

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नई दिल्ली|

कांग्रेस ने चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली करने का फैसला किया है। यह फैसला मंगलवार को इंदिरा भवन में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी मौजूद थे।

कांग्रेस का कहना है कि एसआईआर के जरिए लोगों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। पार्टी का चुनाव आयोग पर आरोप है कि चुनाव आयोग बिहार की तरह ही बाकी राज्यों में भी इसी नीति को लागू कर रहा है। कांग्रेस ने बताया कि एसआईआर के खिलाफ चलाए गए राष्ट्रीय हस्ताक्षर अभियान में लगभग 5 करोड़ लोगों ने समर्थन दिया है।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया पर कई राज्यों ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने इसे स्थगित करने का प्रस्ताव भी पारित किया, लेकिन चुनाव आयोग ने किसी की बात नहीं मानी। वेणुगोपाल का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और एसआईआर के खिलाफ देशभर में लड़ाई जारी रखेगी। पार्टी का कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र और विपक्षी दलों को कमजोर करने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इससे पहले बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान करीब 47 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए थे। अब यही प्रक्रिया केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में शुरू की गई है, जहाँ 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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