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रिपोर्टर की डायरी

बिहार : कई जिलों में फोटो प्रदर्शनी लगाकर मोदी सरकार का हो रहा प्रचार

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लखीसराय में मोदी सरकार के 11 साल के चित्रण के लिए लगी प्रदर्शनी (तस्वीर - गोपाल प्रसाद आर्य)
लखीसराय में मोदी सरकार के 11 साल के चित्रण के लिए लगी प्रदर्शनी (तस्वीर - गोपाल प्रसाद आर्य)
  • मोदी के 11 साल पूरे होने को ‘विकसित भारत का अमृत काल’ नाम से कई जिले में फोटो प्रदर्शनी
  • तीन दिन व पांच दिन की फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, आम जनता के लिए फ्री एंट्री की व्यवस्था
नई दिल्ली |
बिहार में बीते तीन सप्ताह से कई जिले में तीन से पांच दिनों की फोटो प्रदर्शनियां लगाई जा रही हैं, जिसमें आम लोगों का प्रवेश फ्री है। प्रदर्शनी का मकसद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर उनके शासन की 11 प्रमुख उपलब्धियां तस्वीरों के जरिए लोगों तक पहुंचाना है।
रविवार को लखीसराय में ऐसी ही पांच दिनी फोटो प्रदर्शनी का समापन हुआ, बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे।
इस चित्र प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम को नाम दिया गया है – “विकसित भारत का अमृत काल: सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण”।
बिहार के हर जिले में स्थानीय जिला प्रशासन की इस आयोजन में भागीदारी है और इसे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) की ओर से आयोजित किया जा रहा है। 
कार्यक्रम 23 से 28 सितंबर तक चलेगा, जिसमें केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे PMAY, स्मार्ट सिटी, GST कमी, और J&K में Article 370 हटाने जैसे कार्यों को चित्रों से दर्शाया गया है।
हर जिले में चित्र प्रदर्शनी, आम लोगों की शिरकत 
राज्य के हर जिले में बीते सप्ताह या फिर सप्ताह ऐसी प्रदर्शनी आयोजित हुईं या जारी हैं। इन फोटो प्रदर्शियों में सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं, लखीसराय में कॉफी टेबल भी लगाई गई है। आकर्षक फोटो के चित्रण वाली इन प्रदर्शनियों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जुड़ रही है।
  • लखीसराय (गोपाल प्रसाद आर्य) : 23 से 28 सितंबर 2025 तक KR मैदान में लगी। DM मिथिलेश मिश्र और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने उद्घाटन किया। PMAY, स्मार्ट सिटी, GST कमी जैसे कार्यों का प्रदर्शन।
  • बिहारशरीफ: यहां यह फोटो प्रदर्शनी 30 अगस्त से 3 सितम्बर तक चली, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने उद्घाटन किया था। PMAY-G के 3.07 लाख पूर्ण घरों पर फोकस।
  • नवादा: 18 सितंबर को यहां तीन दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हुई, जिसमें केंद्रीय संचार ब्यूरो पटना के कार्यालय प्रमुख कुमार सौरभ मौजूद थे। एमएलसी अशोक यादव ने कहा कि नवादा-गया रेलवे लाइन दोहरीकरण और वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ ने इस क्षेत्र की प्रगति को नयी दिशा दी है

 

  • पटना: गांधी मैदान में CM नीतीश कुमार ने 21 मार्च 2025 को बिहार दिवस पर समान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो इस श्रृंखला का प्रारंभिक भाग था।

 

  • समस्तीपुर : यहां के कल्याणपुर स्थि प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में 27 अगस्त को तीन दिवसीय प्रदर्शनी की शुरुआत हुई थी, यह बिहार के सबसे पहले जिले हैं जहां से इस प्रदर्शनी को शुरु किया गया था।
MIB के प्रादेशिक कार्यालय पटना ने इसे आयोजित किया, ताकि आम जनता तक उपलब्धियां पहुंचें।
प्रदर्शनी में मोदी सरकार की 11 उपलब्धियों का चित्रण 
  1. शहरी विकास: 200 ई-बस शुरू, स्मार्ट सिटी में 261 परियोजनाएं स्वीकृत (26 कार्यरत)।
  2. ग्रामीण विकास: PMAY-G के तहत 3.35 लाख यूनिट्स स्वीकृत, 3.07 लाख पूर्ण; 100% गांव ODF प्लस, 477 भूमिहीन परिवारों को 5-5 मरला जमीन।
  3. सड़क संपर्क: ₹61,528 करोड़ निवेश, यात्रा आसान।
  4. J&K में परिवर्तन: हवाई यात्रा दोगुनी, श्रीनगर रात सेवा, बारामुला-श्रीनगर-बनिहाल रेल विद्युतीकरण।
  5. OBC आरक्षण: 15 नई जातियां, 205 कानून रद्द, 130 सुधार।
  6. सिंचाई: झेलम नदी परियोजना फेज 1 (₹399 करोड़) पूर्ण, फेज 2 (₹1,623 करोड़) चल रहा।
  7. हाइड्रो प्रोजेक्ट: 3,014 MW क्षमता 2026 तक।
  8. स्वास्थ्य: 3,104 वेलनेस सेंटर, 270 औषधि केंद्र।
  9. अन्य: Article 370 हटाना, विक्रम साराभाई, DBT, Ayushman Bharat, 79वें स्वतंत्रता दिवस, VibraX सम्मेलन, PM विदेश यात्राएं।

डिप्टी सीएम बोले- ये है विकास की गाथा

लखीसराय में उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा, “प्रदर्शनी बिहार के विकास आयामों को चित्रों से दिखाती है।” DM मिश्र ने कहा, “11 वर्षों की उपलब्धियां आम जनता तक पहुंच रही हैं।” बिहारशरीफ में स्वास्थ्य मंत्री सुनील कुमार ने कहा, “योजना जागरूकता से लाभार्थी बढ़ेंगे।” नवादा DM ने कहा, “प्रदर्शनी उपयोगी है, जनता अवलोकन करे।” पटना में CM नीतीश ने बिहार दिवस पर कहा, “विकास का अमृत काल बिहार को मजबूत करेगा।”

अन्य राज्यों के चुनिंदा शहरों में प्रदर्शनी
 राष्ट्रीय स्तर पर इसे Sewa Parv 2025 के तहत देश के 75 शहरों में पेंटिंग वर्कशॉप और प्रदर्शनियां लगाकर मनाया जा रहा है। जैसे- बेंगलुरु में 24 सितंबर 2025 को NGMA में “Viksit Bharat ke Rang, Kala ke Sang” थीम पर वर्कशॉप। यूपी के गोरखपुर में 24 सितंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम। बारमेर (राजस्थान), रांची (झारखंड): 24 सितंबर को आर्ट वर्कशॉप। MyGov पोर्टल पर 75 शहरों में इवेंट्स के जरिए 5 करोड़ युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य है। 

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

चुनावी डायरी

बिहार : RJD के दो विधायकों के खिलाफ राबड़ी आवास पर नारे लगे, टिकट न देने की मांग उठी

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रावड़ी देवी के आवास पर राजद कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।
  • मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान का टिकट रद्द करने की मांग पर नारे लगे
  • मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के खिलाफ तीन दिन पहले हुआ था विरोध
नई दिल्ली |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले RJD में आंतरिक कलह ने जोर पकड़ लिया है। मंगलवार को राबड़ी देवी के आवास पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हंगामा मचाया और मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान का टिकट रद्द करने की मांग की। इससे पहले एक अन्य विधायक को लेकर नारेबाजी हो चुकी है। माना जा रहा है कि RJD के अंदर टिकट वितरण पर कलह महागठबंधन की रणनीति को कमजोर कर सकती है।
पहली बार जीतीं पर विकास की अनदेखी के आरोप
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ने नारे लगाए- “रेखा हटाओ, मसौढ़ी बचाओ!”  प्रदर्शनकारियों ने लालू प्रसाद को भी पोस्टर दिखाए, लेकिन लालू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रेखा पासवान एक दलित नेता हैं, जिन्होंने 2020 में मसौढ़ी विधानसभा सीट से 32,227 वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन भ्रष्टाचार और विकास की अनदेखी के आरोपों से घिरी हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि रेखा को दोबारा टिकट मिला तो पार्टी सीट हार जाएगी।
मखदूमपुर विधायक के खिलाफ भी हुई थी नारेबाजी
पार्टी कार्यकर्ताओं की अपने नेताओं से नाराजगी की यह पहली घटना नहीं। बीते चार अक्तूबर को मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के खिलाफ भी राबड़ी आवास पर ही जोरदार विरोध हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने विकास कार्यों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए टिकट न देने की चेतावनी दी।
नाराज रोहिणी को मनाने को मसौढ़ी विधायक को लाया गया था आगे
रेखा पासवान के बारे में एक गौर करने वाली बात यह है कि जब हाल में तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव के अगली सीट पर बैठने से बहन रोहिणी आचार्य नाराज हो गई थीं और परिवार के खिलाफ लगातार फेसबुक पोस्ट कर रही थीं, तब  विवाद शांत करने के लिए दो दलित नेताओं रेखा पासवान और शिवचंद्र राम (पूर्व मंत्री, रविदास समुदाय) और आगे बिठाया गया, जिसे रोहिणी ने सराहा था।
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रिपोर्टर की डायरी

योगी के मंत्री वाल्मीकि जयंती पर फतेहपुर आए, लिंचिंग पीड़ित दलित परिवार से नहीं मिले

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फतेहपुर में वाल्मीकि जयंती पर भाषण देते जलशक्ति मंत्री
फतेहपुर में वाल्मीकि जयंती पर भाषण देते जलशक्ति मंत्री (तस्वीर - Ramkesh Nishad FB पेज)

UP : वाल्मीकि जयंती पर योगी के मंत्री फतेहपुर आए पर लिंचिंग में मारे गए दलित के परिवार से नहीं मिले

  • जलशक्ति मंत्री रामकेश निषाद वाल्मीकि बस्ती पहुंचे, कार्यक्रम किया पर मृतक के घर नहीं गए।
  • मीडिया ने मंत्री से पूछा- मृतक के घर कोई बीजेपी नेता-मंत्री क्यों नहीं गए; मंत्री जी ने जवाब नहीं दिया।
  • कांग्रेस डेलीगेशन ने आज दलित परिवार से मुलाकात की, सपा सांसद भी मृतक के पिता से मिले।

 

फतेहपुर | संदीप केसरवानी

योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्री आज फतेहपुर जिला पहुंचे और वाल्मीकि जयंती के कार्यक्रम में भाग लिया। पर स्थानीय लोगों को इस बात पर हैरानी हुई कि मंत्री जी आयोजन स्थल से सिर्फ एक किलोमीटर दूर उस पिता से मिलने नहीं पहुंचे जो अपने बेटे की लिंचिंग के बाद सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है।

मृतक हरिओम वाल्मीकि के घर पर किसी भाजपा नेता या विधायक के न पहुंचने से जुड़ा सवाल जब इस संवाददाता ने किया तो मंत्री जी ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को पूरे देश के लिए मॉडल बताया और कहा कि “इस घटना या दुर्घटना की जांच की जा रही है।”

गौरतलब है कि आज (7 अक्तूबर) को योगी सरकार ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे राज्य में छुट्टी रखी है और दलित समुदाय के उत्थान में प्रमुख रहे महर्षि वाल्मीकि से जुड़े कार्यक्रम हुए हैं। फतेहपुर में भी वाल्मीकि समुदाय व स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेेने के लिए कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद पहुंचे थे।

ये आयोजन पीरनपुर के वाल्मीकि पार्क में हुआ जबकि उससे मुश्किल से एक किलोमीटर दूर के वाल्मीकि मोहल्ले पुरावली का पुरवा में मृतक हरिओम का घर है। वहां मृतक के पिता गंगादीन इसी आस में थे कि मंत्री जी उन्हें आकर न्याय दिलाने का विश्वास देंगे।

मृतक की बहन ने आज फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने भाई की हत्या में तुरंत न्याय दिलाने की मांग दोहराई।

 

बुलडोजर ऐक्शन के सवाल पर बोले- जांच से तय होगा

मंत्री को स्थानीय मीडिया के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। योगी सरकार ‘बुलडोजर न्याय’ को लेकर पूरे देेश में सुर्खियां बटोरती है, ऐसे में मृतक के पिता व बहन ने भी आरोपियों के घरों पर बुलडोजर ऐक्शन की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। क्या इस हत्या के आरोपियों पर भी बुलडोजर ऐक्शन होगा? के सवाल पर मंत्री ने कहा- ‘ये जांच के बाद ये तय होगा। ‘

 

मंत्री ने सरकार की दलितों से जुड़ी योजनाएं बतायीं

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद ने वाल्मीकि बस्ती में पहुंचकर प्रदेश सरकार की ओर से इस दिन के लिए घोषित की गई छुट्टी की जानकारी दी। फिर आरोप लगाया कि “पिछली सरकारें सिर्फ दलितों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती थीं।” उन्होंने बोला कि “सफाई कर्मचारियों का वेतन हमारी सरकार ने 8 हजार से वेतन बढ़ाकर 16 हजार कर दिया है।”

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रिपोर्टर की डायरी

बिहार के इस जिले में नरभक्षी बाघ का खौफ, लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे ग्रामीण

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बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण।
बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण। (तस्वीर- टीम बोलते पन्ने)
  • वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन क्षेत्र में हमले कर रहा बाघ।
  • बीते 25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को नरभक्षी बाघ मारकर खा चुका है।
  • छह गांवों में लोग लाठी-डंडा लेकर अपने इलाकों की रखवाली कर रहे।

(गौनहा) बेतिया | मनोज कुमार

बीते 25 दिनों में एक नरभक्षी बाघ (Tiger) तीन स्थानीय ग्रामीणों की जान ले चुका है, जिससे बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में खौफ का माहौल है। ग्रामीणों ने इतना ज्यादा खौफ फैल गया है कि वे अपने गांव में लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं।

ये हमले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन परिक्षेत्र के सटे गांवों में हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक ही बाघ इंसानों पर हमले कर रहा है और नरभक्षी बन गया है। 12 सितंबर, 1 अक्तूबर और 3 अक्तूबर को एक-एक हत्या कर चुका है। अब तक दो पुरुष और एक महिला को मारकर खा जाने की घटनाएं हुई हैं। इससे इलाके के कैरी, खेखरिया, महायोगीन, बलबल, सोफा और विशुनपुरवा गांवों में डर का माहौल फैल गया। लोग आशंका जता रहे हैं कि बाघ अपने शिकार की तलाश में फिर गांव की ओर लौट सकता है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाघ न सिर्फ उनके मवेशियों पर लगातार हमले कर रहा है, बल्कि तीन गांव वालो को मार चुका है पर वन विभाग सोया हुआ है। अभी तक वह बाघ को ट्रेस नहीं कर पाया है। दूसरी ओर, DFO ने ग्रामीणों से कहा है कि बाघ को ट्रैक किया जा रहा है, ग्रामीण शाम या सुबह को जंगल के आसपास के खेतों में न जाएं।


 

25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को खा गया बाघ

3 oct – बीते तीन अक्तूबर की देर शाम को बाघ ने मटियरिया गांव के भजन मुसहर(40वर्षीय) को अपना निवाला बना लिया। मटियरिया गांव,  मंगुराहा वन क्षेत्र के गोबर्धना रेंज के पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में भैंस चराने गए थे। करीब शाम के पांच बजे भैंस चराकर वापस आते समय पंडयी नदी के पास बाघ भजन मुसहर को उठा ले गया, रात नौ बजे जाकर वन विभाग उनके शरीर का कुछ हिस्सा ढूंढ़ पाया।

1 oct- इससे दो दिन पहले किसुन महतो को बाघ ने अपना शिकार बनाया था, मंगुराहा वन क्षेत्र से सटे कैरी खेखरिया टोला गांव के पास हुआ। मृतक की पत्नी श्रीदेवी ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में मवेशी लेकर पंडयी नदी के पास गए थे, तभी बाघ उठाकर ले गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सूचना करने पर भी वन विभाग की टीम बहुत देर से पहुंची।

12 sep – इस इलाके में बाघ के इंसान हमले की यह पहली घटना थी जो गोवर्धन वन क्षेत्र के सोनबरसा गांव के पास हुई। उमछी देवी नामक महिला को बाघ गर्दन से पकड़कर नदी से 500 मीटर अंदर जंगल में ले गया, वे मवेशी चराने गई थीं। इस दौरान अन्य चरवाहे चीखते रहे, पर कोई बाघ की दहशत में जंगल की ओर नहीं जा पाया। बाद में महिला के पैर का एक हिस्सा मिला, जिससे उनकी शिनाख्त हुई।


 

4 मवेशियों को भी मार डाला, हडकंप 

ग्रामीणों का कहना है कि गोबर्धनना वन क्षेत्र के पास के गांवों ने एक बाघ लगातार हमले कर रहा है। अभी तक दो भैंस और दो बकरियों को भी मारकर खा चुका है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हुआ और जान का खतरा बना हुआ है।


 

बाघ ट्रैकिंग में लगे वनकर्मी, सतर्क रहने की अपील

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द बाघ का ट्रैकिंग कर लिया जाएगा। DFO के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कवर किया है कि  ग्रामीण शाम या सुबह के समय जंगल के आसपास स्थित अपने खेतों के पास न जाए, अगर जरूरत पड़े तो समूह बनाकर ही जाए।

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