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ट्रंप का गज़ा में ‘शासन’ करने का प्लान क्या शांति लाएगा?

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गज़ा में जारी नरसंहार के बीच एक स्थानीय बच्चा (फाइल फोटो, साभार इंटरनेट)
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘गज़ा शांति योजना’ बनाई है, जिसके तहत वे और पूर्व ब्रिटिश राष्ट्रपति टोनी ब्लेयर अस्थायी शासन चलाएंगे।

नई दिल्ली |

ट्रंप ने गज़ा शांति योजना बनाई है, जिसके तहत इस क्षेत्र के लिए उनकी अध्यक्षता में एक अस्थायी अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय बनाया जाएगा। साधारण शब्दों में कहें तो ट्रंप की अध्यक्षता वाला अंतरराष्ट्रीय शासन गज़ा में युद्ध समाप्त करके शांति स्थापना पर काम करेगा।

बीते 724 दिनों से इजरायल की क्रूरता झेल रहे इस क्षेत्र में शांति की ‘ट्रंप योजना’ पर इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू तैयार हो गए हैं। बीते सोमवार को वॉशिंगटन दौरे के दौरान उनकी ट्रंप से मुलाकात हुई और दोनों नेताओं ने इस योजना पर सहमति की घोषणा की।

पर सवाल उठता है कि क्या वाकई गज़ा में शांति आ सकेगी? बीते सोमवार को जब इस योजना को अमलाजामा पहनाया जा रहा था, तब तक गज़ा में आधिकारिक तौर पर 66 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी।

वॉशिंगटन में ट्रंप और नेतन्याहू (फाइन फोटो, इंटरनेट)

वॉशिंगटन में ट्रंप और नेतन्याहू (फाइन फोटो, इंटरनेट)

गौरतलब है कि ट्रंप पहले एक एआई वीडियो के जरिए गज़ा के पुर्ननिर्माण की महत्वाकांक्षा दुनिया के सामने रख चुके हैं, जिसमें बड़ी इमारते बनाने के लिए गज़ा के लोगों को उनकी जमीन से हटा दिए जाने की संभावित योजना बताई गई थी।

हमास राजी नहीं हुआ तो ‘काम खत्म’ कर देंगे – नेतन्याहू

ट्रंप और नेतन्याहू ने सोमवार को वॉशिंगटन में संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता की। इस दौरान नेतन्याहू ने हमास को चेताते हुए कहा कि “अगर उसने ट्रंप की शांति योजना को स्वीकार नहीं किया तो हम ‘काम खत्म’ (Job Finish) कर देंगे।”

मोदी ने ट्वीट करके गज़ा शांति योजना पर समर्थन जताया (screen grab - @narendramodi)

मोदी ने ट्वीट करके गज़ा शांति योजना पर समर्थन जताया (screen grab – @narendramodi)

भारत ने समर्थन किया, अरब देशों का साथ मिला

शांति समझौते को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके योजना का समर्थन किया है। दूसरी ओर, इस योजना पर अरब देशों (कतर, सऊदी, इंडोनेशिया, मिस्र, UAE, जॉर्डन) और फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) का समर्थन ट्रंप को हासिल हो चुका है।

ट्रंप की ‘गज़ा शांति योजना’ की मुख्य बातें जानिए 

  1. अंतरिम शासन: गज़ा इंटरनेशनल ट्रांजिशनल अथॉरिटी (GITA) का गठन, ट्रंप की अध्यक्षता में, जिसमें टोनी ब्लेयर प्रमुख होंगे।
  2. हथियारबंदी और बंधक रिहाई: तत्काल युद्धविराम, हमास द्वारा सभी इजरायली बंधकों की रिहाई।
  3. इजरायली वापसी: चरणबद्ध तरीके से इजरायली वापसी गज़ा से, लेकिन पूर्ण नियंत्रण बरकरार।
  4. हमास का विघटन: हमास का पूर्ण विघटन, हथियार डालना, और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का वादा करने वालों को क्षमादान।
  5. पुनर्निर्माण: युद्ध के बाद गज़ा का पुनर्निर्माण, जिसमें अंतरराष्ट्रीय फंडिंग (UN, Arab states) से बुनियादी ढांचा (पानी, बिजली, अस्पताल) सुधार।
  6. सुरक्षा बल: बहुपक्षीय शांति सेना तैनाती, हमास को हटाने के बाद।

हमास के लिए ‘ट्रंप की योजना’ चुनौती

 ट्रंप ने हमास को इस योजना को ‘स्वीकारने’ के लिए तीन से चार दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि हमास अगर सहमत नहीं होता है तो दुखद अंत होगा। विश्लेषक इसे सीधी चेतावनी मान रहे हैं।
साथ ही, इस योजना को इस्लामी व अरब देशों की ओर से स्वीकार कर लिए जाने के बाद हमास के पास काफी कम विकल्प बचे हैं।
हमास पहले कह चुका है कि बिना फलस्तीनी राज्य के उसे कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
ट्रंप के दामाद ने पूर्व ब्रिटिश PM की मदद से बनाया प्लान 
ब्रिटेन के प्रसिद्ध पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर (1997-2007) इस गज़ा शांति योजना के प्रमुख योगदानकर्ता हैं। दरअसल, ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर ने ब्लेयर इंस्टीट्यूट से गज़ा पुनर्निर्माण का प्रस्ताव मांगा था।
टोनी ब्लेयर, पूर्व ब्रिटिश पीएम (साभार-इंटरनेट)

टोनी ब्लेयर, पूर्व ब्रिटिश पीएम (साभार-इंटरनेट)

ब्लेयर ने कहा, “यह गज़ा के लिए सबसे अच्छा मौका है। हमास को हटाकर अंतरिम प्रशासन स्थापित करना जरूरी है।”
पूर्व ब्रिटिश PM ब्लेटर भी अस्थायी शासन में हेड होंगे
ब्लेयर ने न सिर्फ गज़ा शांति योजना अपने संस्थान के तहत बनाई है, बल्कि इस योजना में ब्लेयर खुद ‘गज़ा इंटरनेशनल ट्रांजिशनल अथॉरिटी’ (GITA) के हेड होंगे, जो PA और हमास को साइडलाइन करेगा। जानकारों के मुताबिक, ऐसे में ब्लेयर की भूमिका में हितों का टकराव (conflict of interest) झलकटा है। 

ट्रंप ने गज़ा को कहा था ‘Trump City

गौरतलब है कि इस साल मार्च में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर AI-जेेनरेेटेड तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें गज़ा को “ट्रंप सिटी” के रूप में दिखाया गया। जिसमें लग्जरी होटल, गोल्फ कोर्स और ऊंची इमारतें दर्शायी गईं। इस तस्वीर ने विवाद खड़ा किया क्योंकि तस्वीरों में फिलिस्तीनी विस्थापन का संकेत था।

ट्रंप की ओर से साझा किए गए वीडियो में गज़ा में आनंद लेते नेतन्याहू ओर डोनाल्ड ट्रंप (AI video Screen shot via Truth social)

ट्रंप की ओर से साझा किए गए वीडियो में गज़ा में आनंद लेते नेतन्याहू ओर डोनाल्ड ट्रंप (AI video Screen shot via Truth social)

ट्रंप ने कहा था, “गज़ा को फिर से बनाना होगा, लेकिन पहले हमास को खत्म करना जरूरी।”

हमास ने इसे “जेनोसाइड प्लान” बताया।

 

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  1. Pingback: हमास ने सभी इजरायली बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई, ट्रंप ने गज़ा बमबारी रोकने को कहा - बोलते पन्ने

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हमास सभी इजरायली बंधक छोड़ने पर राज़ी, ट्रंप ने कहा- अब गज़ा बमबारी बंद हो

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गज़ा में जारी नरसंहार के बीच शांति वार्ता पर आंशिक सहमति उम्मीद जगाती है। पर ट्रंप की महात्वकांक्षा संदेह भी पैदा करती है।
गज़ा में जारी नरसंहार के बीच शांति वार्ता पर आंशिक सहमति उम्मीद जगाती है। पर ट्रंप की महात्वाकांक्षा से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आशंकाएं भी हैं। (तस्वीर इंटरनेट)
  • डोनाल्ड ट्रंप से गज़ा शांति प्रस्ताव पर आंशिक रूप से राजी हुआ हमास, शुक्रवार देर रात जारी किया बयान।
  • फलस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों को छोड़ने पर राजी हुआ, पर हथियार छोड़ने की शर्त नहीं मानी।
  • शांति प्रस्ताव की बाकी शर्तों पर बात करना चाहता है हमास, आज ट्रंप इस पर बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे।

 

नई दिल्ली |

ट्रंप ने गज़ा शांति योजना पर हमास को रविवार शाम तक का समय दिया था और अंतराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक शुक्रवार रात को हमास इस पर आंशिक रूप से राजी हो गया है।

इसकी प्रतिक्रिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करके इजरायल से गजा में तुरंत बमबारी रोकने को कहा है। ट्रंप ने हमास के बयान को शेयर किया और दावा किया कि वह गज़ा शांति के लिए तैयार है।

ट्रूथ सोशल पर ट्रंप ने पोस्ट डालकर हमास की सहमति का दावा किया।

ट्रूथ सोशल पर ट्रंप ने पोस्ट डालकर हमास की सहमति का दावा किया।

साथ ही हमास ने अपने बयान में कहा है कि “वह गज़ा पट्टी के प्रशासन को एक स्वतंत्र फलस्तीनी निकाय को सौंपने के लिए तैयार है, जो फलस्तीनी राष्ट्रीय सहमति पर आधारित होगा और अरब व इस्लामिक समर्थन से मजबूत होगा।”

ट्रंप की ओर से सोशल मीडिया पर डाला गया हमास का बयान (साभार ट्रूथ सोशल)

ट्रंप की ओर से सोशल मीडिया पर डाला गया हमास का बयान (साभार ट्रूथ सोशल)

इसके आठ घंटों के बाद शनिवार सुबह इजरायली मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि पीएन बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप शांति योजना के पहले चरण की तैयारी शुरू कर दी है।

4 अक्तूबर तक गज़ा में इजरायली हमलों के चलते आधिकारिक रूप से कुल 66,300 लोगों की मौत हो चुकी है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

हमास के इस कदम को मध्य-पूर्व में शांति की एक नई किरण के तौर पर देखा जा रहा है। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की लीडरशिप में गज़ा शांति के लिए हुई इस प्रगति का स्वागत ट्वीट करके किया है। दूसरी ओर, कतर व अन्य देशों ने भी इस कदम का स्वागत किया है।

पीएम मोदी का ट्वीट (screen grab - @narendramodi)

पीएम मोदी का ट्वीट (screen grab – @narendramodi)

 

हथियार छोड़ने को राजी नहीं, बाकी शर्तों पर मोलभाव करेगा हमास

कतर से संचालित मीडिया ‘अलज़जीरा’ के मुताबिक, हमास ने सभी इजरायली बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई है।

ब्रिटिश मीडिया ‘द गार्जियन’ के मुताबिक, हमास ने 20 बंधकों की रिहाई पर सहमति जतायी है जिसमें मृत बंधकों के शव वापस किए जाएंगे। पर शांति प्रस्ताव की उस शर्त पर हमास राजी नहीं हुआ जिसमें गजा से हटने और हथियार छोड़ने को कहा गया है।

हमास का आधिकारिक झंडा (फोटो इंटरनेट)

हमास का आधिकारिक झंडा (फोटो इंटरनेट)

साथ ही हमास ने शर्त रखी है कि बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल से बमबारी बंद की जाए और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई की गारंटी मिले।

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लाइव अपडेट

  • हमास ने 3 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि वह सभी जीवित और मृत इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है, जैसा कि ट्रंप के 20-सूत्री शांति प्रस्ताव में कहा गया ।
  • ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “इजरायल को गजा बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए ताकि बंधकों की सुरक्षित रिहाई हो सके। हम शांति के करीब हैं।”
  • इजरायली PM नेतन्याहू ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सैन्य कार्रवाई जारी है, जिससे तनाव बना हुआ है।
  • गजा से रिपोर्ट्स में कहा गया कि शुक्रवार को नागरिक इलाकों में बमबारी से 10 लोग मारे गए, UN ने मानवाधिकार उल्लंघन की चेतावनी दी।

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इजरायल में फलस्तीन व इजरायल का झंडा पकड़े समर्थक (फोटो इंटरनेट)

इजरायल में फलस्तीन व इजरायल का झंडा पकड़े समर्थक (फोटो इंटरनेट)

Time line – कैसे राजी हुआ हमास 

  • 2 अक्तूबर : ट्रंप और नेतन्याहू ने अमेरिका में संयुक्त रूप से 20-सूत्री शांति प्रस्ताव पेश किया। जिसके तहर 72 घंटे में हमास को 20 बंधकों की रिहाई करनी है और जिसके बदले इजरायल  फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली करेगा।

 

  • 3 अक्तूबर: द गार्जियन के मुताबिक, हमास ने प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब दिया, लेकिन हथियार डालने और गजा शासन से हटने से इनकार किया।

 

  • 4 अक्तूबर: अलज़जीरा के मुताबिक, ट्रंप ने इजरायल पर दबाव बढ़ाया, लेकिन नेतन्याहू ने फलस्तीनी राज्य के खिलाफ रुख दोहराया, जिससे अनिश्चितता बनी रही ।

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वॉशिंगटन में ट्रंप और नेतन्याहू (फाइन फोटो, इंटरनेट)

वॉशिंगटन में ट्रंप और नेतन्याहू (फाइन फोटो, इंटरनेट)

आगे क्या : ट्रंप आज नेतन्याहू से बात करेंगे

शनिवार की शाम 3 बजे तक बजे ट्रंप और नेतन्याहू के बीच बातचीत की उम्मीद है, जिसका नतीजा यह तय करेगा कि शांति वार्ता पर वह आगे बढ़ेगा या नहीं।

बता दें कि पिछले नवंबर में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने गज़ा में युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गल्लांट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

इजरायल को अपने इस क्षेत्र पर युद्ध के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में नरसंहार के मामले का भी सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, मानवाधिकार उच्चायुक्त ने गजा में नागरिक हताहतों पर चिंता जताई और तत्काल युद्धविराम की मांग की है।  यूरोपीय संघ ने ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया, लेकिन इजरायल से संयम बरतने को कहा।

 

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क्या ट्रंप का शांति प्रस्ताव वाकई गज़ा में शांति लाएगा – इस मामले को विस्तार से समझने के लिए इस लिंक के जरिए पूरा विश्लेषण पढ़ें।

 

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पाक : भारत से गए ‘शरणार्थियों’ के आरक्षण के खिलाफ POK में हिंसक प्रदर्शन

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भारत-पाक सीमा पर तैनात सिक्योरिटी फोर्स (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारत-पाक सीमा पर तैनात सिक्योरिटी फोर्स (प्रतीकात्मक तस्वीर)
  • 1947 में भारत से पाकिस्तान गए शरणार्थियों की विधानसभा में 12 सीटों को कम करने की मांग
  • तीन दिन पहले शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हुआ, तीन पुलिसकर्मियों की मौत, 150 घायल
 नई दिल्ली |
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में स्थानीय लोगों ने भारत से पाकिस्तान गए शरणार्थियों की विधानसभा में 12 सीटों को कम करने की मांग को लेकर  शुरू हुआ, बुधवार को हिंसक हो गया।
इस दौरान 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हुए, जिसमें 8 की हालत गंभीर है।
UN मानवाधिकार कार्यालय और स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 अक्टूबर को चम्याती में झड़पों में 3 पुलिसकर्मियों की मौत और 150 से अधिक घायल हुए, जिसमें आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
रॉयटर्स के मुताबिक, यह आंदोलन शरणार्थियों के सीधे विरोध में नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक भागीदारी को लेकर स्थानीय असंतोष का परिणाम है।

पाकिस्तानी मीडिया हाउस ‘द डॉन’ के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने 1 अक्टूबर को टेलीविजन संबोधन में प्रदर्शनों पर चिंता जताई और शांति बहाल करने का आह्वान किया

29 सितंबर को  ‘जम्मू कश्मीर पब्लिक एक्शन कमेटी’ (PAC) ने प्रदर्शन शुरू किया, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 1974 के POK संविधान के तहत शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को खत्म किया जाए।
बता दें कि ये सीटें भारत से 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान गए शरणार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं।

तीन दिनों के चल रहा था आंदोलन

POK में रह रहे शरणार्थियों ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिन पहले 29 सितंबर को आंदोलन शुरू किया था।

आंदोलन चला रहे ‘जम्मू कश्मीर पब्लिक एक्शन कमेटी’ (पीएसी) ने सरकार के सामने कई अहम मांगें रखी हैं।

जिसमें शरणार्थियों के लिए 12 विधानसभा सीटों का प्रावधान करने की मांग प्रमुख है। साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के विशेषाधिकार समाप्त करने की मांग रखी गई है।

इसके अलावा न्यायिक प्रणाली में सुधार की भी मांग है।

प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि उन्हें फ्री मेडिकल सुविधा मिले, कोटा सिस्टम खत्म किया जाए व निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान हो।

 

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अमेरिका : सरकार ने Shut-down की उल्टी गिनती क्यों शुरू की?

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व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर सबसे ऊपर लगी काउंट-डाउन क्लॉक (साभार -whitehouse.gov)
व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर सबसे ऊपर लगी काउंट-डाउन क्लॉक (साभार -whitehouse.gov)
  • सालाना बजट पास न हो पाने के बाद सभी गैर-जरूरी सेवाएं व दफ्तर आज बंद हो जाएंगे।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे डेमोक्रेट शटडाउन कहा है, व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक घड़ी लगाई।

नई दिल्ली |

अमेरिका सरकार भारतीय समयानुसार आज शाम साढ़े आठ बजे बंद हो जाएगी, यह शटडाउन प्रक्रिया के तहत होने जा रहा है।

अमेरिका के व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर शटडाउन को लेकर एक ‘काउंटडाउन क्लॉक’ (घटता हुआ समय दिखाती घड़ी) लगाया गया।

दरअसल अमेरिका में अगर सालाना बजट जारी न हो पाए तो सभी ग़ैर-जरूरी सेवाएं और दफ़्तर बंद हो जाते हैं, इसे शटडाउन कहा जाता है। जिसे सरकार की ओर से लागू किए जाने की उल्टी गिनती या काउंटडाउन (count down) कहते हैं।

गौर करने वाली यह भी है कि इस बात का ठीकरा विपक्षी दल डेमोक्रेट पर फोड़ते हुए आधिकारिक वेबसाइट पर इस शटडाउन को “डेमोक्रेट शटडाउन” लिखा गया है। साथ ही यह भी लिखा गया कि “लोग डेमोक्रेट्स से सहमत नहीं हैं।”

व्हाइट हाउस के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय ने भी ज्ञापन जारी करके पुष्टि की है कि सरकार मंगलवार मध्यरात्रि से बंद हो जाएगी। भारतीय समय के मुताबिक, ऐसा शाम साढ़े आठ बजे के आसपास होगा।

सरकार मंगलवार रात बंद होगी : व्हाइट हाउस 

व्हाइट हाउस के प्रबंधन एवं बजट कार्यालय ने भी ज्ञापन जारी कर पुष्टि की है कि सरकार मंगलवार मध्यरात्रि से बंद हो जाएगी। इस ज्ञापन पर निदेशक रसेल वॉट के हस्ताक्षर हैं।

शटडाउन का कारण विस्तार में समझिए 

सरकार को फंड उपलब्ध कराने के लिए डेमोक्रेट्स का प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट में खारिज हो गया। मतदान में यह बिल 47 के मुकाबले 53 से पास नहीं हो सका।

यह प्रस्ताव सरकार को शटडाउन से बचाने की कोशिश थी। लेकिन 100 सदस्यीय सदन में इसे आवश्यक 60 मतों का समर्थन नहीं मिला। इसके बाद रिपब्लिकन का फंडिंग बिल भी 55-45 से खारिज हो गया।

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