रिपोर्टर की डायरी
प्रीति किन्नर: गोपालगंज में समाज सेवा से बनीं लोकप्रिय, अब भोरे से लड़ेंगी विधायकी
- भोरे विधानसभा सीट से जनसुराज पार्टी ने प्रीति किन्नर को विधायकी का टिकट दिया है।
घोसी (गोपालगंज) | अनुज कुमार पांडे
सीतामढ़ी जिले से 22 साल पहले गोपालगंज आ गईं प्रीति किन्नर ने शायद ही कभी सोचा हो कि वे इतने वर्षों में इतना बड़ा जनाधार बना लेंगी कि जनसुराज पार्टी उन्हें इस जिले की घोसी विधानसभा सीट का टिकट दे देगी। प्रीति किन्नर 9 अक्तूबर को अचानक राष्ट्रीय पटल पर छा गईं क्योंकि उन्हें प्रशांत किशोर की पार्टी ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची में जगह दी और इस तरह ‘विकल्प की राजनीति’ का दावा किया।
जिले में सामाजिक व राजनीतिक तौर पर हाशिये का जीवन जी रहे किन्नरों के लिए प्रीति किन्नर न सिर्फ उनकी गुरू हैं, बल्कि एक प्रेरणा भी बन गई हैं। किन्नर कहते हैं कि उनकी गुरू के जीतने से उन्हें भी मुख्यधारा के जीवन व राजनीति में आने का प्रोत्साहन मिलेगा।
सामाजिक कामों से नाम बनाया, इलाके में लोकप्रिय
प्रीति किन्नर भी अपने चेलों की तरह बधाई और नाच-गाना करके अपना पेट पालती थीं। गोपालगंज आने के बाद उन्होंने अपनी पूंजी से जमीन खरीदकर मकान बनवाया। वे किन्नरों की गुरू बन गईं तो बधाई से मिलने वाले रूपयों का उपयोग समाज सेवा में करना शुरू कर दिया। लोग कहते हैं कि भले कोई क्रिकेट मैच हो या कोई भंडारा, प्रीति किन्नर ने क्षेत्र के हर कार्यक्रम में सहभागिता की। अब तक वे दो दर्जन से ज्यादा गरीब लड़कियों की शादी करवा चुकी हैं। सिर्फ आठवीं तक पढ़ी प्रीति किन्नर ने गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए भी आर्थिक मदद की है। स्थानीय लोगों ने भी उन्हें अपनाया, हाल में हुए एक सर्वे में वे स्थानीय स्तर पर काफी चर्चित व्यक्ति बनकर उभरीं जो उनकी विधायक दावेदारी का आधार बना।
टिकट मिलने के बाद खुशी जताते हुए उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा कि वे विधायक बनने के बाद घोसी में एक इंटर कॉलेज बनवाएंगी। उन्होंने कहा कि ‘न तो उनका कोई परिवार है और न बाल-बच्चा, घोसी की जनता ही उनका परिवार बनेगी।’
बता दें कि भोरे विधानसभा की सीट इस चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है।
स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री को टक्कर देंगी
भोरे विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प रहने वाला है। इस सीट से फिलहाल बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार विधायक हैं। उनके खिलाफ जनसुराज ने प्रीति किन्नर को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। यहां से सीपीआई के विधायक भी जोर अजमाएंगे जो पिछले चुनाव में कम अंतर से हार गए थे। गरीब और पिछड़े तबकों में प्रीति किन्नर की गहरी पकड़ मानी जाती है, जो चुनावी समीकरणों में बड़ा असर डाल सकती है।
चुनावी डायरी
बिहार : बेतिया सांसद से रंगदारी-’10 करोड़ दो वरना बेटे को मार देंगे’
- डॉ. संजय जायसवाल ने रंगदारी के खिलाफ केस दर्ज करवाया।
- जिला पुलिस ने 24 घंटों के अंदर एक आरोपी को पकड़ा।
बेतिया | मनोज कुमार
बिहार में आचार संहिता लगी हुई है फिर भी अपराधियों का साहस देखने लायक है। पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया सांसद डॉ. संजय जायसवाल का कहना है कि उनके पास 10 करोड़ की रंगदारी के लिए धमकी भरा फोनकॉल आया। फोन करने वाले ने कहा कि अगर रूपया नहीं मिला तो उनके बेटे डॉ. शिवम जायसवाल की हत्या कर देंगे।
चूंकि मामला सांसद का था तो जिला पुलिस ने एक SIT बनाकर तुरंत जांच शुरू कर दी और चौबीस घंटे के अंदर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि जिस युवक ने सांसद से रंगदारी के लिए फोन किया, उसने अपने भाई के फोन का इस्तेमाल किया, जिसकी तीन महीने पहले गुमशुदगी दर्ज करायी थी।
बता दें कि सांसद डॉ. संजय जायसवाल के 25 अक्तूबर को लिखित आवेदन दिया था कि उनके बेटे को जान से मारने की धमकी भरी फोन कॉल उन्हें 23 अक्टूबर को दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से आई। जिसमें उनसे 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी।
इस मामले में एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने 26 अक्तूबर को बताया कि रंगदारी मांगने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान कालीबाग थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी अशोक कुमार के रूप में हुई है।
एसपी का कहना है कि आरोपी ने शातिर तरीके से घटना को अंजाम दिया। हमने मोबाइल के मालिक को गिरफ्तार किया तो पता लगा कि उसके भाई ने एक और अभियुक्त के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था, उसे पुलिस ढूंढने के लिए छापामारी कर रही है।
चुनावी डायरी
बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज
- होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।
इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।
लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रिपोर्टर की डायरी
अब बरेली में 41 मकानों को अवैध बताया, बुलडोजर चलेगा
- पीड़ित लोग बोले- जिन्हें वोट दिया, वही घर उजाड़ रहे।
- मेयर बोले- निगम की जमीन की कार्रवाई नहीं रोक सकते।
- शाहबाद और डेलापीर के कब्जेदारों को एक सप्ताह की और मोहलत दी।
बरेली | मोनू पांडे
यूपी के बरेली में 41 मकानों को एक सप्ताह बाद बुलडोजर से ढहा दिया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि शाहबाद और डेलापीर में उनकी जमीनों पर कई साल से अवैध कब्जा है और इसे हटाने के लिए कब्जेदारों को 15 दिनों का समय दिया था जिसकी मियाद 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। हालांकि 25 अक्तूबर तक अधिकांश घर खाली नहीं हो सके तो नगर निगम ने एक सप्ताह की मोहलत दे दी है।
शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों पर चलेगा बुलडोजर
बरेली के शाहबाद मोहल्ले के 27 मकानों को नोटिस गया था, यहां 25 अक्टूबर को नगर निगम ने अवैध निर्माण ढहाने के निर्देश दिए थे, हालांकि लोगों को एक सप्ताह के अंदर खुद ही कब्जा खाली करने की मोहलत दी गई है। यहां रहने वाले लोगों का भी कहना है कि हम लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। यहां एक प्रधानमंत्री आवास भी बना है, उस पर भी बुलडोजर चलेगा। यहां रहने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने 26 सितंबर को हुई हिंसा में गिरफ्तार भी किया है।
डेलापीर तालाब किनारे 14 मकानों को अवैध बताया
नगर निगम ने डेलापीर तालाब के किनारे बसे 14 मकानों के अवैध बताते हुए 15 दिन पहले नोटिस भेजा था। हालांकि यहां के लोगों का कहना है कि वो लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं, जब हम लोग यहां रहने आए थे तब यहां घना जंगल था और बड़ा सा तालाब था।
उस वक्त यहां कोई मुफ्त में भी जगह नहीं लेना चाहता था। दिनदहाड़े लोगों को लूट लिया जाता था। धीरे-धीरे यहां कई कालोनियां बन गईं। अब यहां की जमीनें काफी महंगी हो गई हैं इसलिए नगर निगम अब हम लोगों को यहां से हटा रहा है।’
मजदूर वर्ग और दलित-ओबीसी परिवारों का इलाका
लोगों का कहना है कि हम सभी मजदूर वर्ग के हैं। सभी दलित और ओबीसी जाति के लोग हैं। रोज कमाने-खाने वाले हैं। 40-50 गज में सभी घर बने हुए हैं। यहां रहने वाले पुरुष रिक्शा चलाते हैं तो महिलाएं घरों में चौका-बर्तन करके पेट पालती हैं। हमने बहुत मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़कर अपने घरों में लाखों रुपये लगाए हैं। कुछ लोगों का जन्म यहीं हुआ तो कुछ महिलाओं की शादी यहीं होकर आई। शादी के 50 साल हो गए। बच्चे बड़े हो गए, उनकी भी शादी हो गई। कुछ लोगों की लड़कियां जवान हैं, शादी की उम्र है। लोगों का कहना है कि अब हम लड़कियों की शादी करेंगे या नई जगह मकान बनाएंगे? अब हम सब सड़क पर जाएंगे। हमारे पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है।
योगी से मिलने गए, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
लोगों का कहना है कि हम लोग गोरखपुर और लखनऊ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। यहां लोकल स्तर पर मंत्री डॉ. अरुण कुमार और मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास भी गए थे, लेकिन उन लोगों ने भी कोई मदद नहीं की। लोगों का कहना है कि मोदी हम सबको अपना परिवार कहते हैं, लेकिन अब अपने परिवार को ही उजाड़ रहे हैं। हम लोग गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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