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चुनावी डायरी

NDA में मांझी, उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब नीतीश कुमार नाराज, इमरजेंसी मीटिंग बुलाई

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  • 9 सीटों को लेकर नीतीश नाराज, उपेंद्र कुशवाहा ने ‘मन मुताबिक’ सीटें न मिलने की बात कही
  •  मांझी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें अहमियत छह सीटों की आंकी गई, इसका नुकसान होगा।

पटना | हमारे संवाददाता

NDA में सीट शेयरिंग का ऐलान हो चुका है, बावजूद इसके गठबंधन में खींचतान जारी है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 सीटों के बंटवारे से खासे नाराज बताए जा रहे हैं, इसको लेकर आज एक इमरजेंसी मीटिंग ली जा रही है। जदयू ने इन सीटों को लेकर बीजेपी से फिर विचार करने की मांग की है।

संभावना जताई जा रही है कि दोनों के बीच विवाद को शांत करने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (14 oct) खुद पटना आ सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।

सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने पहले ही जदयू के लिए 103 सीटें फाइनल की थीं, लेकिन NDA में बंटवारे के दौरान पार्टी को केवल 101 सीटें ही मिलीं। इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

सोनबरसा,राजगीर सीट को लेकर JDU-LJP (R) में टकराव

इस बीच सोनबरसा सीट का मामला सुर्खियों में है। यहां से जदयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है, जबकि इस सीट को पहले NDA की साझा लिस्ट में LJP (R) के खाते में बताया जा रहा था। नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ संदेश दिया कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है। रत्नेश सदा मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे।

जदयू के एक नेता ने बताया कि राजगीर सीट चिराग के खाते में जाने से भी नीतीश कुमार खफा है।

 

जदयू सांसद अजय मंडल ने मुख्यमंत्री को भेजा इस्तीफा

भागलपुर से जदयू सांसद अजय मंडल ने सीएम नीतीश को अपना इस्तीफा भेजा है। अजय मंडल ने अपने इस्तीफे में लिखा है, ‘विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में मेरी सलाह नहीं ली गई। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं। ‘2019 में जिन सीटों पर मैंने कैंडिडेट्स बताए थे, उनकी जीत हुई थी। आज जब पार्टी के कुछ लोग मेरे ही लोकसभा में टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और संगठन की अनदेखी कर रहे हैं, तब ये स्थिति दुखद है। मुझे आपसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा है, न ही मेरी राय सुनी जा रही है।

 

CM हाउस के बाहर धरने पर जदयू विधायक गोपाल मंडल

टिकट कटने की चर्चा के बीच JDU विधायक गोपाल मंडल समर्थकों के साथ सीएम हाउस के बाह धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि, ‘उनका टिकट काटने की साजिश हो रही है। सीएम हाउस में कुछ लोग बैठे हुए हैं जो उन्हें बेटिकट करना चाहते हैं।

 

पसंद की सीटें लोजपा को चली जाने से नाराज

बताया जाता है कि इनमें से कई सीटें पहले लोजपा (रामविलास) के खाते में दी गई थीं, जिससे जदयू असंतुष्ट है। नीतीश कुमार चाहते हैं कि जिन इलाकों से उनकी पार्टी परंपरागत रूप से मजबूत रही है, वहां से उम्मीदवार वही पार्टी उतारे।

इस विवाद के बाद जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा के आवास पर देर रात भाजपा और जदयू नेताओं की मैराथन बैठक हुई। खबर है कि नीतीश कुमार ने अपने नेताओं को भाजपा शीर्ष नेतृत्व से सीधे बातचीत करने का निर्देश दिया है।

 


 

उपेंद्र कुशवाहा ने ‘कम सीटों’ पर समर्थकों से माफी मांगी, लिखा- बादलों ने फिर साजिश की

NDA गठबंधन ने ‘राष्ट्रीय लोक मोर्चा’ (RML) पार्टी को छह सीटें दीं, जिसको लेकर RML चीफ उपेंद्र कुशवाहा लगातार नाराज चल रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की वजह से 13 oct को होने वाली NDA की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाल दिया गया। इस मामले को सुलझाने के लिए मंत्री नितिन नवीन के घर बीजेपी नेताओं ने बैठक भी की। 13 अक्तूबर को उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित एक ट्वीट में माफी मांगी कि ‘सीटों की संख्या समर्थकों के मन के मुताबिक’ नहीं मिल पाईं।

उपेंद्र कुशवाहा ने 13 oct को दो पोस्ट किए जो उनकी नाराजगी को दर्शाते हैं-

  • पहला ट्वीट : “आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की। अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की।”
  • दूसरा ट्वीट: “आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई। हम जानते हैं कि अन्दर की परिस्थितियों से अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक भी है। आपसे विनम्र आग्रह है कि आप गुस्सा को शांत होने दीजिए, फिर आप स्वयं महसूस करेंगे कि फैसला कितना उचित है या अनुचित। फिर कुछ आने वाला समय बताएगा। फिलहाल इतना ही।”

 


 

‘हमारा महत्व कम आंका गया, खामियाजा भुगतना पड़ सकता है’ : जीतनराम मांझी

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) HAM के चीफ जीतनराम मांझी ने 12 अक्तूबर को सीटों के ऐलान के बाद PTI से कहा था कि छह सीटें देकर उनका महत्व कम आंका गया। हालांकि उन्होंने ट्वीट किया था कि वे ‘अंतिम सांस तक पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रहेंगे।’  इससे साफ हो गया कि भले वे 15 सीटों की मांग के बाद छह पर राजी हो गए पर खुश नहीं हैं।

‘आलाकमान ने जो तय किया…जो निर्णय किया वो निर्णय शिरोधार्य है लेकिन 6 सीट देकर उन्होंने हमारे महत्व को कम कर के आंका है। जिसका हो सकता है कि खामियाजा भुगतना पड़े हमारे एनडीए को।’ – जीतनराम मांझी

लगातार घटती गईं मांझी की सीटें – 2015 में 21 सीटों पर लड़ाया, तब जदयू NDA में नहीं थी। फिर 2020 में 07 सीटें ही मिलीं। इस बार 2025 विधानसभा चुनावों के लिए 06 सीटें ही दी गई हैं।

RML के बराबर खड़ा कर देने से नाराज– HAM के पास अभी चार विधायक और एक सांसद हैं और RML के पास एक भी विधायक नहीं है फिर भी दोनों दलों को NDA ने बराबर-बराबर 6-6 सीटें दी हैं। इसको लेकर HAM के कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी है कि उन्हें ‘छोटी पार्टी’ के साथ खड़ा कर दिया गया।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज

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लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
लखीसराय में अपने घर पर वोट डालतीं वरिष्ठ नागरिक मतदाता
  • होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।

लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य

बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।

इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में अपने घर पर वोट डालते वरिष्ठ नागरिक मतदाता

लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।

लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

 

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चुनावी मंच से अनाउंसर ने चिराग का नाम लिया, पीएम मोदी ने इशारा करके नीतीश कुमार को भिजवाया

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अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
अनाउंसर की ओर नीतीश कुमार को भाषण के लिए बुलाने का इशारा करते पीएम मोदी।
  • बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का पहला प्रचार दौरा।
  • समस्तीपुर में रैली के दौरान नीतीश कुमार को भाषण देने के लिए आगे किया।
  • चिराग पासवान के नाम का अनाउंसमेंट सबसे पहले हुआ पर फिर नहीं बुलाया।

 

समस्तीपुर | हमारे संवाददाता

पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (24 oct) को समस्तीपुर में NDA उम्मीदवार के प्रचार के लिए पहुंचे, इस दौरान पीएम मोदी ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को होने से बचा लिया। दरअसल दूधपुरा हवाई अड़्डा मैदान में हुई चुनावी जनसभा के दौरान अनाउंसर ने पीएम के भाषण से पहले सीएम नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को भाषण देने के लिए तरजीह दी।

भाषण देने के लिए चिराग पासवान के नाम की घोषणा के तुरंत मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बायीं ओर मौजूद सीएम नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए अनाउंसर को संकेत दिया कि उन्हें मंच पर बुलाया जाए।

इसके बाद अनाउंसर ने समझदारी दिखाते हुए न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को मंच पर बुलाया, उससे पहले ‘विकास पुरुष’ कहते हुए उनके जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। नीतीश कुमार ने मंच पर आकर दस मिनट का लिखा हुआ भाषण पढ़ा। और इसके बाद पीएम मोदी का 45 मिनट का भाषण हुआ।

 

चिराग को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया

हैरानी की बात यह रही कि चिराग पासवान को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके अब राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि बीजेपी के फेसबुक लाइव से इस हिस्से को काट दिया गया है। बीजेपी का लाइव वहां से शुरू होता है जब सीएम नीतीश को भाषण देने के लिए अनाउंसर आमंत्रित कर रहे हैं।

 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के मंच से नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को अगर आगे कर दिया गया होता, जैसा कि अनाउंस हो चुका था, तो ये स्थिति आगे जदयू और बीजेपी के बीच एक और क्लैश की वजह बन सकती थी, जिसे समय रहते पीएम मोदी ने बचा लिया। ये चुनावी जनसभा दूधपूरा ​​​​​​में NDA के प्रत्याशियों के समर्थन में की गई थी।

एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते चिराग पासवान।

चिराग पासवान। (फाइल फोटो)

चिराग को लेकर JDU की BJP से चल रही थी नाराजगी 

NDA  के दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के बाद जदयू, बीजेपी से नाराज हो गयी थी क्योंकि उसकी नौ सीटों को चिराग पासवान की लोजरा(रामविलास) को दे दिया गया था। तब राजनीतिक हलकों में खबरें थीं कि JDU की पारंपरिक सीटों पर लोजपा को आगे करके भाजपा उसे कमजोर करना चाहती है ताकि चुनाव के बाद JDU और नीतीश कुमार को साइडलाइन किया जा सके।

नीतीश कुमार

 CM चेहरे को लेकर अमित शाह के बयान ने नाराजगी बढ़ाई 

इसके सप्ताह भर बाद ही अमित शाह का एक बयान सामने आया, जिसने जदयू की नाराजगी और बढ़ा दी। टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था कि जीते हुए विधायक अपना सीएम चुन लेंगे। ये कहकर उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का बात टाल दी थी। इसके बाद चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का समर्थन किया था। फिर उनका एक और बयान सामने आया कि ‘वे भी बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं पर वे यह सब-कुछ तुरंत नहीं चाहते।’

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

जनसभा के दौरान पीएम मोदी।

पीएम ने नीतीश की तारीफ की, जनता को ‘जंगल राज’ याद दिलाया 

PM मोदी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार के दौरान हुए विकास को गिनाया। उन्होंने लोगों को अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने को कहा। फिर बोले- इस लाइट के सामने क्या किसी को लालटेन  की जरूरत है?  बता देें कि लालटेन RJD का चुनाव चिन्ह है।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

मंच से NDA की एकजुटता का संदेश दिया गया।

फिर वे बोले कि ‘कांग्रेस के शासन में मोबाइल बहुत महंगा था। विदेश से मंगवाना पड़ता था। उस वक्त मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ 2 फैक्ट्री थी, अब 200 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। NDA सरकार में डेटा भी सस्ता है। इस वजह से नौजवानों को कंटेंट क्रिएशन का नया मार्केट मिला है। आज बिहार में ये मोबाइल, ये प्रकाश हर कोई देख रहा है।’ अपने भाषण में उन्होंने 17 बार जंगलराज का जिक्र किया।

 

कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव भी गए

पीएम मोदी समस्तीपुर जिला में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक आवास कर्पूरीग्राम में माल्यार्पण करने पहुंचे, इसके बाद जनसभा को संबोधित किया। नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने-अपने भाषणों में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया। नीतीश कुमार ने पूरे समय लिखा हुआ भाषण पढ़ा। मोदी बोले कि कर्पूरी ठाकुर को NDA ने सम्मान दिया।

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चुनावी डायरी

बिहार में कांग्रेसी अपने ही नेता के खिलाफ ‘वोट चोर’ का नारा क्यों लगा रहे?

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पार्टी ऑफिस में धरना देते कांग्रेस कार्यकर्ता।
  • बिहार में कांग्रेस नेताओं की प्रदेश लीडरशिप के साथ नाराजगी बढ़ी।
  • एयरपोर्ट पर हंगामा, प्रेस कॉफ्रेंस के बाद अब पार्टी ऑफिस में धरना दे रहे।
  • बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रदेश प्रभारी पर टिकट बेचने का आरोप लगाया।

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार में कांग्रेसी अपनी ही प्रदेश लीडरशिप के खिलाफ ‘वोट चोर-बिहार छोड़’ का नारा लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान वोटर लिस्ट की जांच की SIR प्रक्रिया के खिलाफ वोट चोरी का नारा दिया था। गुरुवार को पटना में कांग्रेस पार्टी ऑफिस के अंदर धरना दे रहे नेताओं ने यही नारा राज्य के नेताओं के ऊपर लगाकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली।

23 अक्तूबर को कांग्रेस के नाराज नेताओं ने बिहार पार्टी हेडक्वार्टर सदाकत आश्रम में सामूहिक उपवास और धरना-प्रदर्शन किया। इससे पहले 15 अक्तूबर को टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता एयरपोर्ट पर अपने बिहार प्रभारी के खिलाफ प्रदर्शन और धक्का-मुक्की तक कर चुके हैं।

नाराजगी इतने पर भी नहीं रुकी, 18 अक्तूबर को नाराज कांग्रेसियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम व प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने विधानसभा टिकट मोटी रकम लेकर बेचे।

इस दौरान कांग्रेस रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष व प्रवक्ता आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

 

कांग्रेस प्रभारी को भाजपा का ‘स्लीपर सेल’ कहा

23 अक्तूबर को आनंद माधव समेत दर्जनभर नेताओं ने काली पट्टी बांधकर पार्टी ऑफिस में धरना दिया। इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद माधव ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू को बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ तक कह दिया।

उन्होंने कहा कि ‘कृष्णा अल्लावरू और उनकी टीम ने टिकट की खरीद फरोख्त की है। जब भारतीय जनता पार्टी का स्लीपर सेल यहां काम करेगा तो राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने बिना किसी पैरामीटर के एक दिन पहले उठाए लोगों को टिकट दे दिया।’

 

आरोपों पर क्या बोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष 

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि चुनावी वर्ष में टिकट बेचने के आरोप आम हैं, ये कार्यकर्ता पार्टी के अंदर धरना दे रहे हैं जो इनका हक है। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन अगर कोई गंभीर मामला सामने आता है, तो जांच जरूर होगी।

 

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