Connect with us

आज के अखबार

SCO से फिर उभरा रूस-भारत-चीन का त्रिकोण!

Published

on

एआई जेनरेट फोटो, साभार- ग्रोक

नई दिल्ली |

चीन के बंदरगाह शहर तियानजिन में आयोजित किए गए शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन पर सभी भारतीय अखबारों ने सकारात्मक कवरेज करते हुए इसे भारत की सफलता के रूप में देखा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग व रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इंटरप्रेटरों के जरिए आपस में बात करते हुए ली गई तस्वीर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से लगाया है। तीनों नेताओं की प्रतीकात्मक एकजुटता को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लिए सीधे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

 

चीन में त्रिकोणीय ढांचे का पुनर्जनन – एक्सप्रेस, TOI

इसी संदर्भ में इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया ने हेडिंग लगाई हैं, जिसका अर्थ निकलता है कि तियानजिन में एक त्रिकोणीय ढांचे (रूस, भारत, चीन) का पुनर्जनन हो सकता है जिसने ट्रंप और उनकी नीतियों के लिए कड़ा संकेत भेजा। गौरतलब है कि 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव था, जिसने RIC (रूस, भारत, चीन) को निष्क्रिय कर दिया। लेकिन 2024 में कजान (रूस) में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद सीमा तनाव कम करने के लिए समझौते हुए।

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया

इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस

पहलगाम हमले की सामूहिक निंदा भारत की जीत – जागरण

अधिकांश प्रमुख अखबारों ने एससीओ के मंच से पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा को पहली हेडिंग बनाया है, इसे समिट में भारत की बड़ी सफलता के रूप में दर्शाया गया है। दैनिक जागरण ने हेडिंग लगाई- ‘भारत की जीत, एससीओ के मंच से पहलगाम हमले की निंदा।’ अखबारों ने इसे इसलिए अहम बताया क्योंकि मात्र दो महीने बीते हैं जब SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में पहलगाम हमले की निंदा करने को लेकर सहमति नहीं बनी थी, भारतीय विदेशमंत्री राजनाथ सिंह ने तब नाराजगी जताते हुए बैठक के साझा बयान पर दस्तखत नहीं किए थे और साझा बयान जारी नहीं हो सका था। एक्सप्रेस के शब्दों में कहे तो बदली वैश्विक परिस्थितियों ने इसे बदल दिया। न सिर्फ पाकिस्तान और चीन 22 अप्रैल के हमले की निंदा के लिए राजी हुआ, बल्कि साझा घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकी हमले के दोषियों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। 

दैनिक जागरण

दैनिक जागरण

घोषणापत्र में पाक में हुए हमले की भी निंदा हुई, जागरण ने नहीं छापा

द हिन्दू ने भी पहले पन्ने पर पहलगाम हमले की निंदा को ही हेडिंग बनाया और खबर में प्रमुखता से बताया है कि SCO ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस पर हुए बलूचिस्तान उग्रवादी संगठन के हमले की भी निंदा की है। यह महत्वपूर्ण जानकारी हिन्दी अखबार दैनिक जागरण ने अपनी कवरेज में नहीं दी जबकि उनकी प्रमुख खबर आतंकवाद पर आए एससीओ के साझा घोषणापत्र को लेकर ही है। 

मोदी ने आतंकवाद पर परोक्ष रूप से पाक को घेरा – HT

हिन्दुस्तान टाइम्स ने पहले पन्ने पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लिया है, जिसमें उन्होंने आतंकवाद पर दोहरा रवैया उठाने वाले देशों पर सवाल उठाया। विशेषज्ञों के मुताबिक, मोदी ने नाम लिए बिना पाक व चीन पर निशाना बनाया। अखबार ने पहलगाम पर निंदा करने की खबर को उतनी अहमियत नहीं दी और अंदर के पेज पर सेकेंड लीड बनाया। इसके अतिरिक्त सभी अखबारों ने मोदी व पुतिन की द्विपक्षीय बैठक को भी प्रमुखता से लिया। एचटी ने लिखा कि मोदी से यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए हाल में हुई पुतिन-ट्रंप वार्ता का समर्थन जताया और शांति प्रक्रिया में तेजी लाकर जल्द शांति स्थापित करने की बात पुतिन से कही।

SCO से बड़ी उम्मीद बांधना जल्दबाजी : संपादकीय

दैनिक जागरण ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत को चीन व अमेरिका दोनों से ही सावधान रहने की जरूरत है, एससीओ समिट में ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई जिससे यह माना जा सके कि वैश्विक समीकरण में कोई बड़ा परिवर्तन आएगा। अखबार ने लिखा है कि मोदी-जिनपिंग के बीच संबंधों में सुधार की बातें हुईं जो पहले भी होती रही है पर दोनों देशों के बीच अविश्वास की दीवार गिरने का नाम नहीं लेती। एचटी ने लिखा है एससीओ में भारत के साथ पाक में हुए आतंकी हमलों की भी निंदा की गई, भारत ने चीन के बेल्ट एवं रोड परियोजना के समर्थन से खुद को अलग करके अपने पुराने पक्ष को कायम रखा। अखबार कहता है कि ऐसे में यह सोचना अव्यवहारिक है कि इस मंच से कोई बड़े राजनयिक परिवर्तन आएंगे, पर इतना जरूर है कि ट्रंप के टैरिफ से जूझ रहे ईरान, चीन, रूस व भारत के बीच गहरा समन्वय स्थापित होगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि SCO शिखर सम्मेलन भारत के लिए रुस व चीन से संबंध सुधार में सफल साबित हो रहा है। शायद अमेरिका ने 50% टैरिफ लगाने की अपनी गलती को समझ लिया है, अमेरिकी दूतावास का रविवार को आया “मैत्रीपूर्ण” ट्वीट इसी दिशा में शायद एक नीतिगत सुधार का संकेत है। अखबार कहता है कि भारत को सुलह के इशारों के प्रति ग्रहणशील होना चाहिए लेकिन इसे दबाव में नहीं आना चाहिए।

 

आज के अखबार

अगले सप्ताह से वोटर लिस्ट की विशेष जांच, तमिलनाडु से शुरुआत क्यों?

Published

on

  • चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को SIR कराने की जानकारी दी।
  • कहा- तमिलनाडु समेत सभी चुनावी राज्यों में सबसे पहले SIR होगा।
  • पहले फेज में करीब 10 से 15 राज्य शामिल, आधिकारिक घोषणा जल्द।

नई दिल्ली |

देश के हर नागरिक को वोटर लिस्ट में अपने नाम को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक उसी तरह जैसे बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के दौरान किया गया। वोटर लिस्ट रिविजन की इस प्रक्रिया को SIR (Special intensive revision ) नाम से जाना जाता है जो अगले सप्ताह से तमिलनाडु में शुरू हो जाएगी।

चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि अगले सप्ताह से वह तमिलनाडु में Special intensive revision शुरू करेगी। साथ ही 2026 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया में सबसे पहले शामिल किया जाएगा।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के हवाले से हिन्दुस्तान अखबार ने लिखा है कि SIR के पहले चरण में 10 से 15 राज्यों में कराया जाएगा, जिसमें चुनाव वाले राज्य भी शामिल रहेंगे।

 

पांच राज्यों में होने हैं अगले साल चुनाव

आपको बता दें कि अगले साल देश के पांच राज्यों असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल व प. बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। यानी इन राज्यों में वोटर लिस्ट की जांच का काम सबसे पहले शुरू होगा।

जनसत्ता के मुताबिक, अगले सप्ताह में कभी भी इस प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।

दैनिक हिन्दुस्तान के मुताबिक, पहले चरण में उन राज्यों को SIR से बाहर रखा जाएगा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या प्रस्तावित हैं।

26 अक्तूबर के हिन्दी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से लिया है। दैनिक हिन्दुस्तान ने इस खबर को लीड स्टोरी बनाया है। जबकि जनसत्ता, दैनिक जागरण और अमर उजाला ने इसे पहले पन्ने पर छापा है।

 

20 साल के बाद होने जा रहा वोटर रिविजन

SIR की रूपरेखा तय करने के लिए चुनाव आयोग, राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है।

अधिकांश राज्यों में वोटर लिस्ट दुरुस्त करने का काम दो दशकों के बाद होने जा रहा है, कई राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया 2002-2008 के बीच हुई थी, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई SIR के लिए आखिरी वोटर लिस्ट रिविजन के वर्ष को ही कटऑफ ईयर माना जाएगा।

चुनाव आयोग के निर्देश पर अधिकांश राज्यों की आखिरी SIR लिस्ट की मैपिंग करके उसे राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित भी कर दिया गया है।

 

 

Continue Reading

आज के अखबार

ADGP और ASI का ‘सुसाइड’ : दोनों का Final नोट, सिर पर गोली और कोई Eye विटनेस नहीं

Published

on

हरियाणा IDGP की हत्या के सात दिन के बाद ASI ने हत्या कर ली।
हरियाणा IDGP की हत्या के सात दिन के बाद ASI ने हत्या कर ली।

नई दिल्ली |

हरियाणा पुलिस में ADGP वाई पूरन सिंह की मौत के मामले में DGP समेत आठ बड़े पुलिस अफसरों के ऊपर जातिगत प्रताड़ना के आरोपों में केस दर्ज हुआ है। इस मामले ने 14 अक्तूबर को नाटकीय मोड़ ले लिया क्योंकि एक ASI ने कथिततौर पर आत्महत्या कर ली और मरने से पहले रिकॉर्ड करके एक वीडियो पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला। इस वीडियो में ADGP वाई पूरन सिंह को करप्ट बताया गया और DGP को ईमानदार।

रोहतक पुलिस की साइबर सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार की अपने गांव में मृत मिलने की खबर मिली, जो ADGP वाई पूरन सिंह से जुड़े एक करप्शन केस की जांच में शामिल थे।

दोनों मौतों में समानता : Indian express 

इंडियन एक्सप्रेस ने 15 अक्तूबर की कवरेज में ADGP और ASI की मौत के तरीकों में समानता पाई है। अखबार ने लिखा है कि दोनों की मौत सिर में गोली लगने से हुई, दोनों ही मामले में कोई Eye witness नहीं था। साथ ही, दोनों के ही कथित सुसाइड नोट के ऊपर अंग्रेजी में ‘Final Note’ लिखा हुआ है। जबकि ADGP ने सुसाइड नोट अंग्रेजी में टाइप किया था,  ASI ने हाथ से हिन्दी में लिखा है।

इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस

ADGP के गनर की जांच में था शामिल

द हिन्दू के मुताबिक, ASI संदीप कुमार, उस टीम में शामिल था जिसने ADGP के गनर सुशील कुमार के ऊपर शराब व्यापारी से मनी एक्सटॉर्शन के आरोपों की जांच की थी। इस गनर की गिरफ्तारी के एक दिन बाद 7 अक्तूबर को ADGP पूरन की मौत हो गई थी, जिसे आत्महत्या बताया जा रहा है।

द हिन्दू

द हिन्दू

‘लोगों को जगाने के लिए सुसाइड’

टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि ASI ने मरने के पहले एक वीडियो बनाकर दावा किया कि “ADGP पूरन का सुसाइड जातिगत भेदभाव का नहीं था, उन्होंने परिवार के सामने शर्मिंदा होने से बचने के लिए आत्महत्या की।” साथ ही ASI के ‘फाइनल नोट’ में लिखा है कि “वह लोगों को जगाने के लिए भगत सिंह की तरह अपना बलिदान दे रहा है।”

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया

 

शव के पास ही वीडियो और फाइनल नोट मिलने का दावा

अखबार ने ये बात भी हाईलाइट की है कि रोहतक पुलिस के मुताबिक एएसआई संदीप का शव उन्हें रोहतक के एक गांव में उसके मामा के ट्यूबवेल रूम में मिला, वही पर उसका वीडियो और एक ‘फाइनल नोट’ मिला।

बता देेें कि ASI के ये आरोप, ADGP वाई पूरन सिंह के ‘फाइनल नोट’ के आरोपों से एकदम उलट हैं। ADGP पूरन ने DGP, SP समेत 8 अफसरों पर उनके साथ जातिवादी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे, हाल में FIR दर्ज करके हरियाणा सरकार ने DGP को छुट्टी पर भी भेज दिया है।

इस खबर को देश के सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर छापा है।

Continue Reading

आज के अखबार

हरियाणा ASI का सुसाइड, माओवादी सरेंडर और दिल्ली की खराब हवा को मिली प्रमुखता

Published

on

  • भारत के अधिकांंश अखबारों ने 15 अक्तूबर को अलग-अलग मुद्दों को प्रमुख खबर बनाया।

नई दिल्ली |

आज (15 oct) के अखबारों ने अलग-अलग मामलों को लीड स्टोरी बनाया, हालांकि सभी अखबारों ने हरियाणा में एक ASI के आत्महत्या करने के मामले को प्रमुखता से लगाया है। इसके अलावा, दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने, माओवादी पार्टी के पॉलिटिक ब्रेन कहे जाने वाले एक नक्सली के सरेंडर की खबर को अखबारों ने प्रमुखता से लिया। इस दिन के अधिकांश अखबारों ने अलग-अलग खबर लीड लगाई है।

 

हरियाणा में ADGP पूरण कुमार की आत्महत्या के बाद अब एक ASI ने गोली मार सुसाइड कर लिया और उन्होंने मरने से पहले एक वीडियो बनाकर ADGP को भ्रष्ट भी बताया। इस खबर को अमर उजाला ने पहली खबर बनाया है।

अमर उजाला 15 अक्तूबर

अमर उजाला 15 अक्तूबर

दैनिक भास्कर ने भी इसी खबर को लीड स्टोरी बनाया है।

दैनिक भास्कर

दैनिक भास्कर

टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इसी खबर को पहली खबर बनाया।

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया

दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा खराब, 14 अक्तूबर से GRAP के पहले चरण के प्रतिबंध लागू हुए। इस खबर को दैनिक हिन्दुस्तान ने पहली खबर बनाया है।

दैनिक हिन्दुस्तान

दैनिक हिन्दुस्तान 15 अक्तूबर

मंदिरों की दान धनराशि के दुरुपयोग से जुड़ा एक आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है, जिसको दैनिक जागरण ने पहली खबर बनाया।

दैनिक जागरण

दैनिक जागरण

शीर्ष माओवादी कमांडर भूपति ने 60 अन्य नक्सलियों के साथ महाराष्ट्र के गड़चिरौली में सरेंडर कर दिया। इस खबर को माओवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका और गृहमंत्रालय के लिए बड़ी सफलता बताते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने पहली खबर बनाया है।

इंडियन एक्सप्रेस

इंडियन एक्सप्रेस

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु शराब घोटाले में ED की जांच पर उठाए और पूछा कि जब राज्य सरकार जांच कर रही है, तो ED को हस्तक्षेप का क्या अधिकार है? सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया है, इस खबर को द हिन्दू ने पहली खबर बनाया।

द हिन्दू

द हिन्दू

 

Continue Reading
Advertisement

Categories

Trending