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रिपोर्टर की डायरी

बक्सर में अचानक चाणक्य विश्वविद्यालय की मांग क्यों?

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बक्सर (साभार - फेसबुक)
बक्सर रेलवे स्टेशन (साभार इंटरनेट)
  • पूर्व IRS व भाजपा के वरिष्ठ नेता बिनोद चौबे बोले- बक्सर में चाणक्य विश्वविद्यालय की हो स्थापना
  • कहा- 50 एकड़ जमीन देकर यूनिवर्सिटी बने जिसमें वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ाए जाएं।

पटना | मंगेश्वर कुमार 

बिहार के बक्सर जिले में चाणक्य विश्वविद्यालय की मांग सामने आई है। मांग उठाने वाले भाजपा पार्टी के प्रमुख नेता बिनोद चौबे हैं जो पूर्व में आईआरएस अफसर रह चुके हैं। चौबे ने शनिवार को पटना के गांधी मैदान स्थित IMA हॉल में प्रेस वार्ता करके यह मांग उठाई। गौरतलब है कि बक्सर का चाणक्य से कोई सीधा ऐतिहासिक संंबंध चौबे अपनी मांग के समर्थन में नहीं बता पाए।

बिनोद चौबे ने कहा कि बक्सर जिले को धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर वे दोबारा राज्यपाल और सरकार को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे। गौरतलब है कि वह बक्सर विधानसभा क्षेत्र से टिकट के भी दावेदार माने जा रहे हैं। NDA के सहयोगी हम ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है।

पटना में प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा नेता बिनोद चौबे।

पटना में प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा नेता बिनोद चौबे।

‘वेद-पुराण पढ़ाने के लिए 50 एकड़ जमीन दी जाए’

बक्सर में चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना पर बल देते हुए चौबे ने कहा कि इसके लिए कम से कम 50 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाए, जहाँ वेद, पुराण, उपनिषद, धर्मग्रंथ, खगोल शास्त्र और प्राचीन भाषाओं की शिक्षा दी जा सके। साथ ही इन विषयों पर शोध कार्य के लिए एक अनुसंधान संस्थान (Research Institute) की स्थापना भी आवश्यक है।

चाणक्य (फोटो- इंटरनेट)

चाणक्य (फोटो- इंटरनेट)

पहली बार उठी चाणक्य विवि की मांग

राज्य में इससे पहले कभी चाणक्य विश्वविद्यालय की मांग नहीं उठी है। इससे पहले न तो भाजपा और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल ने ऐसी मांग उठाई। इस मामले में विपक्षी दल कह रहे हैं कि आगामी चुनाव में बक्सर की जनता को भरमाने के लिए भाजपा नेता ने यह मांग उठाई है।

‘हम’ का साथ मिला 

बक्सर हमारी आस्था और संस्कृति का केंद्र है। यहाँ चाणक्य विश्वविद्यालय की स्थापना पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण होगी और युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा व शोध का अवसर देगी। हमारा दल चौबे जी की मांगों का समर्थन करता है।  – श्याम सुंदर शरण, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम (सेक्युलर)

सरकार ने बनवाया था चंद्रगुप्त मैनेजमेंट कॉलेज

हालांकि बिहार सरकार द्वारा पटना में चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना (CIMP) की वर्ष 2008 में स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य बिहार में उच्चस्तरीय मैनेजमेंट शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देना है। यह AICTE से मान्यता प्राप्त है और बिहार सरकार का स्वायत्त संस्थान है।

बक्सर में सनातन सम्मेलन कर चुके हैं चौबे

बीती 4 जुलाई को चौबे समेत अन्य भाजपा नेताओं ने बक्सर में सनातन महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। उनका कहना है कि इसमें बड़ी संख्या में समाज के “सभी वर्गों” की भागीदारी रही। तब उन्होंने पुजारियों के लिए मासिक भत्ता की मांग उठाई थी और कहा था कि बक्सर को काशी, प्रयागराज और अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए। चौबे के मुताबिक, इसके लेकर उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद को एक ज्ञापन भी सौंपा था।

बक्सर रेलवे स्टेशन (साभार इंटरनेट)

बक्सर रेलवे स्टेशन (साभार इंटरनेट)

सवर्ण वोट को साधने की कोशिश में BJP

बक्सर जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं: ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर। ये सीटें मिलकर बक्सर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। बीते दो विधानसभा चुनावों से यहां सवर्ण वोटरों को साधकर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। जबकि इससे पहले 2010 में यह सीट भाजपा के पास थी। इस बार का चुनाव बीजेपी के लिए चुनौती और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।

जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत मतदाता बड़ी संख्या में हैं, जिसका दो बार से कांग्रेस को वोट मिला है। साथ ही, बक्सर में मुस्लिम और दलित वोटर भी हैं, जो पारंपरिक रूप से कांग्रेस या राजद की ओर झुकते हैं।

तथ्य जानें :

1- पुराणों में बक्सर का वर्णन; चौसा का युद्ध हुआ

जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यहां का चाणक्य से संबंध होने के कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं। बक्सर का प्राचीन महत्व ब्रम्ह पुराण और वारह पुराण जैसे प्राचीन महाकाव्यों में वर्णित है। मुगल काल के दौरान हुमायूं और शेर शाह के बीच हुई ऐतिहासिक चोसा के युद्ध (1539 ईसवी) के लिए बक्सर की जाना जाता है।

2- मगध क्षेत्र से है चाणक्य का संबंध  

पारंपरिक रूप से चाणक्य का जन्म तक्षशिला (आधुनिक पाकिस्तान, पंजाब) में माना जाता है, जहां वे अध्यापन और शोध करते थे। हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना है कि उनका जन्म बिहार के पास, संभवतः गया या नालंदा क्षेत्र में हुआ। “कौटिल्य अर्थशास्त्र” और बौद्ध ग्रंथों में उनके मूल को मगध (बिहार का प्राचीन नाम) से जोड़ा गया है।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

चुनावी डायरी

बिहार : RJD के दो विधायकों के खिलाफ राबड़ी आवास पर नारे लगे, टिकट न देने की मांग उठी

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रावड़ी देवी के आवास पर राजद कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।
  • मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान का टिकट रद्द करने की मांग पर नारे लगे
  • मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के खिलाफ तीन दिन पहले हुआ था विरोध
नई दिल्ली |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले RJD में आंतरिक कलह ने जोर पकड़ लिया है। मंगलवार को राबड़ी देवी के आवास पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हंगामा मचाया और मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान का टिकट रद्द करने की मांग की। इससे पहले एक अन्य विधायक को लेकर नारेबाजी हो चुकी है। माना जा रहा है कि RJD के अंदर टिकट वितरण पर कलह महागठबंधन की रणनीति को कमजोर कर सकती है।
पहली बार जीतीं पर विकास की अनदेखी के आरोप
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ने नारे लगाए- “रेखा हटाओ, मसौढ़ी बचाओ!”  प्रदर्शनकारियों ने लालू प्रसाद को भी पोस्टर दिखाए, लेकिन लालू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रेखा पासवान एक दलित नेता हैं, जिन्होंने 2020 में मसौढ़ी विधानसभा सीट से 32,227 वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन भ्रष्टाचार और विकास की अनदेखी के आरोपों से घिरी हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि रेखा को दोबारा टिकट मिला तो पार्टी सीट हार जाएगी।
मखदूमपुर विधायक के खिलाफ भी हुई थी नारेबाजी
पार्टी कार्यकर्ताओं की अपने नेताओं से नाराजगी की यह पहली घटना नहीं। बीते चार अक्तूबर को मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के खिलाफ भी राबड़ी आवास पर ही जोरदार विरोध हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने विकास कार्यों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए टिकट न देने की चेतावनी दी।
नाराज रोहिणी को मनाने को मसौढ़ी विधायक को लाया गया था आगे
रेखा पासवान के बारे में एक गौर करने वाली बात यह है कि जब हाल में तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव के अगली सीट पर बैठने से बहन रोहिणी आचार्य नाराज हो गई थीं और परिवार के खिलाफ लगातार फेसबुक पोस्ट कर रही थीं, तब  विवाद शांत करने के लिए दो दलित नेताओं रेखा पासवान और शिवचंद्र राम (पूर्व मंत्री, रविदास समुदाय) और आगे बिठाया गया, जिसे रोहिणी ने सराहा था।
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रिपोर्टर की डायरी

योगी के मंत्री वाल्मीकि जयंती पर फतेहपुर आए, लिंचिंग पीड़ित दलित परिवार से नहीं मिले

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फतेहपुर में वाल्मीकि जयंती पर भाषण देते जलशक्ति मंत्री
फतेहपुर में वाल्मीकि जयंती पर भाषण देते जलशक्ति मंत्री (तस्वीर - Ramkesh Nishad FB पेज)

UP : वाल्मीकि जयंती पर योगी के मंत्री फतेहपुर आए पर लिंचिंग में मारे गए दलित के परिवार से नहीं मिले

  • जलशक्ति मंत्री रामकेश निषाद वाल्मीकि बस्ती पहुंचे, कार्यक्रम किया पर मृतक के घर नहीं गए।
  • मीडिया ने मंत्री से पूछा- मृतक के घर कोई बीजेपी नेता-मंत्री क्यों नहीं गए; मंत्री जी ने जवाब नहीं दिया।
  • कांग्रेस डेलीगेशन ने आज दलित परिवार से मुलाकात की, सपा सांसद भी मृतक के पिता से मिले।

 

फतेहपुर | संदीप केसरवानी

योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्री आज फतेहपुर जिला पहुंचे और वाल्मीकि जयंती के कार्यक्रम में भाग लिया। पर स्थानीय लोगों को इस बात पर हैरानी हुई कि मंत्री जी आयोजन स्थल से सिर्फ एक किलोमीटर दूर उस पिता से मिलने नहीं पहुंचे जो अपने बेटे की लिंचिंग के बाद सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है।

मृतक हरिओम वाल्मीकि के घर पर किसी भाजपा नेता या विधायक के न पहुंचने से जुड़ा सवाल जब इस संवाददाता ने किया तो मंत्री जी ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को पूरे देश के लिए मॉडल बताया और कहा कि “इस घटना या दुर्घटना की जांच की जा रही है।”

गौरतलब है कि आज (7 अक्तूबर) को योगी सरकार ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे राज्य में छुट्टी रखी है और दलित समुदाय के उत्थान में प्रमुख रहे महर्षि वाल्मीकि से जुड़े कार्यक्रम हुए हैं। फतेहपुर में भी वाल्मीकि समुदाय व स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेेने के लिए कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद पहुंचे थे।

ये आयोजन पीरनपुर के वाल्मीकि पार्क में हुआ जबकि उससे मुश्किल से एक किलोमीटर दूर के वाल्मीकि मोहल्ले पुरावली का पुरवा में मृतक हरिओम का घर है। वहां मृतक के पिता गंगादीन इसी आस में थे कि मंत्री जी उन्हें आकर न्याय दिलाने का विश्वास देंगे।

मृतक की बहन ने आज फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने भाई की हत्या में तुरंत न्याय दिलाने की मांग दोहराई।

 

बुलडोजर ऐक्शन के सवाल पर बोले- जांच से तय होगा

मंत्री को स्थानीय मीडिया के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। योगी सरकार ‘बुलडोजर न्याय’ को लेकर पूरे देेश में सुर्खियां बटोरती है, ऐसे में मृतक के पिता व बहन ने भी आरोपियों के घरों पर बुलडोजर ऐक्शन की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। क्या इस हत्या के आरोपियों पर भी बुलडोजर ऐक्शन होगा? के सवाल पर मंत्री ने कहा- ‘ये जांच के बाद ये तय होगा। ‘

 

मंत्री ने सरकार की दलितों से जुड़ी योजनाएं बतायीं

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद ने वाल्मीकि बस्ती में पहुंचकर प्रदेश सरकार की ओर से इस दिन के लिए घोषित की गई छुट्टी की जानकारी दी। फिर आरोप लगाया कि “पिछली सरकारें सिर्फ दलितों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती थीं।” उन्होंने बोला कि “सफाई कर्मचारियों का वेतन हमारी सरकार ने 8 हजार से वेतन बढ़ाकर 16 हजार कर दिया है।”

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रिपोर्टर की डायरी

बिहार के इस जिले में नरभक्षी बाघ का खौफ, लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे ग्रामीण

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बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण।
बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण। (तस्वीर- टीम बोलते पन्ने)
  • वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन क्षेत्र में हमले कर रहा बाघ।
  • बीते 25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को नरभक्षी बाघ मारकर खा चुका है।
  • छह गांवों में लोग लाठी-डंडा लेकर अपने इलाकों की रखवाली कर रहे।

(गौनहा) बेतिया | मनोज कुमार

बीते 25 दिनों में एक नरभक्षी बाघ (Tiger) तीन स्थानीय ग्रामीणों की जान ले चुका है, जिससे बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में खौफ का माहौल है। ग्रामीणों ने इतना ज्यादा खौफ फैल गया है कि वे अपने गांव में लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं।

ये हमले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन परिक्षेत्र के सटे गांवों में हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक ही बाघ इंसानों पर हमले कर रहा है और नरभक्षी बन गया है। 12 सितंबर, 1 अक्तूबर और 3 अक्तूबर को एक-एक हत्या कर चुका है। अब तक दो पुरुष और एक महिला को मारकर खा जाने की घटनाएं हुई हैं। इससे इलाके के कैरी, खेखरिया, महायोगीन, बलबल, सोफा और विशुनपुरवा गांवों में डर का माहौल फैल गया। लोग आशंका जता रहे हैं कि बाघ अपने शिकार की तलाश में फिर गांव की ओर लौट सकता है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाघ न सिर्फ उनके मवेशियों पर लगातार हमले कर रहा है, बल्कि तीन गांव वालो को मार चुका है पर वन विभाग सोया हुआ है। अभी तक वह बाघ को ट्रेस नहीं कर पाया है। दूसरी ओर, DFO ने ग्रामीणों से कहा है कि बाघ को ट्रैक किया जा रहा है, ग्रामीण शाम या सुबह को जंगल के आसपास के खेतों में न जाएं।


 

25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को खा गया बाघ

3 oct – बीते तीन अक्तूबर की देर शाम को बाघ ने मटियरिया गांव के भजन मुसहर(40वर्षीय) को अपना निवाला बना लिया। मटियरिया गांव,  मंगुराहा वन क्षेत्र के गोबर्धना रेंज के पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में भैंस चराने गए थे। करीब शाम के पांच बजे भैंस चराकर वापस आते समय पंडयी नदी के पास बाघ भजन मुसहर को उठा ले गया, रात नौ बजे जाकर वन विभाग उनके शरीर का कुछ हिस्सा ढूंढ़ पाया।

1 oct- इससे दो दिन पहले किसुन महतो को बाघ ने अपना शिकार बनाया था, मंगुराहा वन क्षेत्र से सटे कैरी खेखरिया टोला गांव के पास हुआ। मृतक की पत्नी श्रीदेवी ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में मवेशी लेकर पंडयी नदी के पास गए थे, तभी बाघ उठाकर ले गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सूचना करने पर भी वन विभाग की टीम बहुत देर से पहुंची।

12 sep – इस इलाके में बाघ के इंसान हमले की यह पहली घटना थी जो गोवर्धन वन क्षेत्र के सोनबरसा गांव के पास हुई। उमछी देवी नामक महिला को बाघ गर्दन से पकड़कर नदी से 500 मीटर अंदर जंगल में ले गया, वे मवेशी चराने गई थीं। इस दौरान अन्य चरवाहे चीखते रहे, पर कोई बाघ की दहशत में जंगल की ओर नहीं जा पाया। बाद में महिला के पैर का एक हिस्सा मिला, जिससे उनकी शिनाख्त हुई।


 

4 मवेशियों को भी मार डाला, हडकंप 

ग्रामीणों का कहना है कि गोबर्धनना वन क्षेत्र के पास के गांवों ने एक बाघ लगातार हमले कर रहा है। अभी तक दो भैंस और दो बकरियों को भी मारकर खा चुका है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हुआ और जान का खतरा बना हुआ है।


 

बाघ ट्रैकिंग में लगे वनकर्मी, सतर्क रहने की अपील

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द बाघ का ट्रैकिंग कर लिया जाएगा। DFO के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कवर किया है कि  ग्रामीण शाम या सुबह के समय जंगल के आसपास स्थित अपने खेतों के पास न जाए, अगर जरूरत पड़े तो समूह बनाकर ही जाए।

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