रिपोर्टर की डायरी
थानेदार ने बहन को पीटा..ITBP में अफसर भाई ‘सिस्टम’ से हारा तो आत्महत्या कर ली

- आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट ने पंजाब में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
- सुसाइड नोट में लिखा- इतने बड़े पद पर हूं पर बहन को न्याय नहीं दिला सका।
- आरोपी इंस्पेक्टर राजीव रंजन को बांका पुलिस प्रशासन ने लाइन हाजिर किया है।
नाथनगर (भागलपुर) | हमारे संवाददाता
बीती 18 मई को भागलपुर की पुलिस एक शराब तस्कर को मात्र 20 लीटर शराब के लिए गिरफ्तार करने पहुंचती है, गुस्से में स्थानीय महिलाएं पुलिस पर पथराव करने लगती हैं। इस हिंसा में तीन पुलिस वाले घायल हुए, आरोप है कि कथित तौर पर पथराव करने वाली एक महिला को हिरासत में लेकर एक इंस्पेक्टर दुर्व्यवहार करता है, जो एक आईटीबीपी अधिकारी की बहन थी।
बीते शुक्रवार को उसी आईटीबीपी के अधिकारी (डिप्टी कमांडेंट) ने पंजाब में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। अधिकारी ने अपने पीछे हिन्दी व अंग्रेजी में दो सुसाइड नोट छोड़े, जिसमें लिखा है कि वह अपनी बहन के अपमान के खिलाफ दरोगा पर कार्रवाई कराने के लिए कई बड़े अफसरों के पास गया पर उसकी एक न सुनी गई।
आत्महत्या करने वाला असिस्टेंट कमांडेंट इस अपराधबोध में था कि इतने बड़े पद पर होकर भी वह अपनी बहन को न्याय नहीं दिला सका।

बिहार पुलिस।
अब संबंधित थानेदार के खिलाफ पंजाब के पटियाला में केस दर्ज किया गया है। मामले के आरोपी इंस्पेक्टर राजीव रंजन को बांका पुलिस प्रशासन ने लाइन हाजिर किया है, राजीव का कुछ दिन पहले ही बांका के पंजवारा पुलिस थाने में ट्रांसफर हुआ था।
ये घटना बिहार में शराबबंदी को लेकर होने वाली पुलिस कार्रवाइयों और पुलिस के दुर्व्यवहार के खिलाफ बड़े अफसरों की चुप्पी को दर्शाती है।
अपनी जान लेने वाले ITBP के असिस्टेंट कमांडेंट आयुष दीपक(46) भागलपुर के ही निवासी थे और उन्होंने अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए तमाम बड़े पुलिस अफसरों के गुहार लगाई थी। आखिरकार हताशा में उन्होंने मौत को चुना।
बता दें कि आरोपी राजीव रंजन अभी बांका के पंजवारा पुलिस थाना में पोस्टेड हैं। इस मामले में उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है।

प्रतीकात्मक फोटो
कमरे से सुसाइड नोट मिला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पटियाला पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने अपनी बहन के साथ हुई पुलिस मारपीट व दुर्व्यवहार जिक्र किया है। नोट के अनुसार, भागलपुर के ललमटिया थाना के तत्कालीन प्रभारी राजीव रंजन ने उनकी बहन को बालों से पकड़कर पीटा।
सुसाइड नोट में लिखा,
“इतने बड़े पद पर होते हुए भी अपनी बहन के मामले में कुछ नहीं कर पाया, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।”
केस दर्ज कर जांच में जुटी पटियाला पुलिस
स्थानीय मीडियो को पटियाला के जांच अधिकारी व थानाध्यक्ष गुरविंदर सिंह ने बताया कि “आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में आरोपी थाना प्रभारी राजीव रंजन (भागलपुर) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।”
पंजवारा थाने में है पोस्टिंग
भागलपुर जिले के ललमटिया थाना क्षेत्र के पासी टोला निवासी व आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट दीपक(46) ने शुक्रवार को आत्महत्या की। इस मामले में उनके साले के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया है।
दरवाजा तोड़कर निकाली डेड बॉडी
चंडीगढ़ सेक्टर-33 निवासी शिकायतकर्ता आकाश जैन ने बताया कि मेरी बहन खुशबू जैन की शादी रोहिणी आयुष दीपक से हुई थी। बहनोई की पोस्टिंग पटियाला में थी। ड्यूटी के दौरान वहीं रहते थे। 3 अक्टूबर सुबह बहन ने पति को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जिसके बाद बहन ने आईटीबीपी कर्मचारी विकास सिंह को फोन किया।
इसके बाद कर्मचारी विकास उसके जीजा आयुष दीपक के कमरे पर गया। कमरे का गेट बंद होने के चलते जब खिड़की से अंदर झांक कर देखा तो पंखे से उनकी डेड बॉडी लटकी थी। इसके बाद दरवाजा तोड़कर फंदे से डेड बॉडी को उतारकर बाहर निकाला गया। एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार लाल मटिया थाना के तत्कालीन प्रभारी राजीव रंजन को बताया है।

ललमटिया थाना परिसर (तस्वीर – टीम बोलते पन्ने)
20 लीटर शराब में गिरफ्तारी पर भड़की थी अफसर की बहन
ललमटिया पुलिस 18 मई 2025 को अवैध शराब की बरामदगी के लिए छापेमारी करने पासी टोला पहुंची थी। पुलिस ने एक तस्कर के घर से 20 लीटर देसी शराब बरामद की। तस्कर को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। विरोध में कई घरों से महिलाओं ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसमें तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।
पत्थरबाजी की सूचना पर डीएसपी 2 राकेश कुमार, नाथनगर इंस्पेक्टर राजीव रंजन सिंह, ललमटिया थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ पासी टोला पहुंचे और करीब दस महिला व पुरुषों को हिरासत में लिया था। जो महिलाएं विरोध कर रही थीं उनमें आयुष दीपक की बहन भी थी। नाथनगर पासी टोला में उसका ससुराल है। पुलिस ने उसे भी हिरासत में लिया था।
चुनावी डायरी
बिहार : चिराग की 30 सीटों की मांग, बोले- अभी बातचीत शुरूआती दौर में

- दिल्ली में आज बीजेपी से सीट बंटवारे पर बात हुई, जिसमें सहमति न बनने पर रात को पटना आए।
- चिराग पासवान के प्रशांत किशोर से गठबंधन की खबरें चलीं, NDA का एकजुटता का संदेश दोहराया।
- एनडीए कह रहा है कि सीट बंटवारे पर बातचीत फाइनल दौर में है, चिराग बोले- बातचीत अभी शुरू हुई है।
पटना |
बीजेपी ने दिल्ली में चिराग पासवान के साथ 45 मिनट लंबी बैठक की, जिसमें सीट बंटवारे पर सहमति बनने की जगह उल्टा यह निकलकर आया कि मांझी के बाद अब चिराग ने ज्यादा सीटों की डिमांड कर दी है। मीडिया में चिराग के नाराज होकर प्रशांत किशोर के साथ संभावित गठबंधन की भी खबरें चलीं, माना जा रहा है कि इस तरह चिराग पासवान NDA के अंदर अपनी मांग को और पुख्ता बनाने की कोशिश में हैं।
दिल्ली में बात न बनने के बाद अचानक मंगलवार रात को चिराग पासवान पटना लौटे हैं। यहां उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि “सभी तरह का डिस्कशन अभी प्राइमरी स्टेज पर है, फाइनल होने पर जानकारी दी जाएगी।”
चिराग- 30, मांझी- 15 सीटों पर अड़े
दिल्ली में चिराग पासवान के आवास पर सीट शेयरिंग को लेकर बैठक हुई। बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय चिराग को मनाने पहुंचे थे।
45 मिनट तक ये मीटिंग चली। सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान 30 सीट और जीतन राम मांझी 15 सीटों पर अड़े हैं।
जदयू में भी सीटों पर बैठक
इससे पहले पटना में नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं के साथ बैठक की। खबर है कि टिकट और उम्मीदवार को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ सीएम ने 45 मिनट चर्चा की है। जदयू अपने कोटे की सीटों और उम्मीदवारों पर मंथन जारी है।
मुख्यमंत्री आवास पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने कहा, ‘एनडीए पूरी मजबूती से खड़ा है और जल्द सीट शेयरिंग हो जाएगी।’
चुनावी डायरी
बिहार : RJD के दो विधायकों के खिलाफ राबड़ी आवास पर नारे लगे, टिकट न देने की मांग उठी

- मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान का टिकट रद्द करने की मांग पर नारे लगे
- मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार के खिलाफ तीन दिन पहले हुआ था विरोध
रिपोर्टर की डायरी
योगी के मंत्री वाल्मीकि जयंती पर फतेहपुर आए, लिंचिंग पीड़ित दलित परिवार से नहीं मिले

UP : वाल्मीकि जयंती पर योगी के मंत्री फतेहपुर आए पर लिंचिंग में मारे गए दलित के परिवार से नहीं मिले
- जलशक्ति मंत्री रामकेश निषाद वाल्मीकि बस्ती पहुंचे, कार्यक्रम किया पर मृतक के घर नहीं गए।
- मीडिया ने मंत्री से पूछा- मृतक के घर कोई बीजेपी नेता-मंत्री क्यों नहीं गए; मंत्री जी ने जवाब नहीं दिया।
- कांग्रेस डेलीगेशन ने आज दलित परिवार से मुलाकात की, सपा सांसद भी मृतक के पिता से मिले।
फतेहपुर | संदीप केसरवानी
योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्री आज फतेहपुर जिला पहुंचे और वाल्मीकि जयंती के कार्यक्रम में भाग लिया। पर स्थानीय लोगों को इस बात पर हैरानी हुई कि मंत्री जी आयोजन स्थल से सिर्फ एक किलोमीटर दूर उस पिता से मिलने नहीं पहुंचे जो अपने बेटे की लिंचिंग के बाद सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है।
मृतक हरिओम वाल्मीकि के घर पर किसी भाजपा नेता या विधायक के न पहुंचने से जुड़ा सवाल जब इस संवाददाता ने किया तो मंत्री जी ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को पूरे देश के लिए मॉडल बताया और कहा कि “इस घटना या दुर्घटना की जांच की जा रही है।”
गौरतलब है कि आज (7 अक्तूबर) को योगी सरकार ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे राज्य में छुट्टी रखी है और दलित समुदाय के उत्थान में प्रमुख रहे महर्षि वाल्मीकि से जुड़े कार्यक्रम हुए हैं। फतेहपुर में भी वाल्मीकि समुदाय व स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भाग लेेने के लिए कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद पहुंचे थे।
ये आयोजन पीरनपुर के वाल्मीकि पार्क में हुआ जबकि उससे मुश्किल से एक किलोमीटर दूर के वाल्मीकि मोहल्ले पुरावली का पुरवा में मृतक हरिओम का घर है। वहां मृतक के पिता गंगादीन इसी आस में थे कि मंत्री जी उन्हें आकर न्याय दिलाने का विश्वास देंगे।
मृतक की बहन ने आज फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने भाई की हत्या में तुरंत न्याय दिलाने की मांग दोहराई।
बुलडोजर ऐक्शन के सवाल पर बोले- जांच से तय होगा
मंत्री को स्थानीय मीडिया के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। योगी सरकार ‘बुलडोजर न्याय’ को लेकर पूरे देेश में सुर्खियां बटोरती है, ऐसे में मृतक के पिता व बहन ने भी आरोपियों के घरों पर बुलडोजर ऐक्शन की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। क्या इस हत्या के आरोपियों पर भी बुलडोजर ऐक्शन होगा? के सवाल पर मंत्री ने कहा- ‘ये जांच के बाद ये तय होगा। ‘
मंत्री ने सरकार की दलितों से जुड़ी योजनाएं बतायीं
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री रामकेश निषाद ने वाल्मीकि बस्ती में पहुंचकर प्रदेश सरकार की ओर से इस दिन के लिए घोषित की गई छुट्टी की जानकारी दी। फिर आरोप लगाया कि “पिछली सरकारें सिर्फ दलितों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती थीं।” उन्होंने बोला कि “सफाई कर्मचारियों का वेतन हमारी सरकार ने 8 हजार से वेतन बढ़ाकर 16 हजार कर दिया है।”
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