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रिपोर्टर की डायरी

बिहार : कई जिलों में फोटो प्रदर्शनी लगाकर मोदी सरकार का हो रहा प्रचार

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लखीसराय में मोदी सरकार के 11 साल के चित्रण के लिए लगी प्रदर्शनी (तस्वीर - गोपाल प्रसाद आर्य)
लखीसराय में मोदी सरकार के 11 साल के चित्रण के लिए लगी प्रदर्शनी (तस्वीर - गोपाल प्रसाद आर्य)
  • मोदी के 11 साल पूरे होने को ‘विकसित भारत का अमृत काल’ नाम से कई जिले में फोटो प्रदर्शनी
  • तीन दिन व पांच दिन की फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, आम जनता के लिए फ्री एंट्री की व्यवस्था
नई दिल्ली |
बिहार में बीते तीन सप्ताह से कई जिले में तीन से पांच दिनों की फोटो प्रदर्शनियां लगाई जा रही हैं, जिसमें आम लोगों का प्रवेश फ्री है। प्रदर्शनी का मकसद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर उनके शासन की 11 प्रमुख उपलब्धियां तस्वीरों के जरिए लोगों तक पहुंचाना है।
रविवार को लखीसराय में ऐसी ही पांच दिनी फोटो प्रदर्शनी का समापन हुआ, बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे।
इस चित्र प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम को नाम दिया गया है – “विकसित भारत का अमृत काल: सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण”।
बिहार के हर जिले में स्थानीय जिला प्रशासन की इस आयोजन में भागीदारी है और इसे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) की ओर से आयोजित किया जा रहा है। 
कार्यक्रम 23 से 28 सितंबर तक चलेगा, जिसमें केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे PMAY, स्मार्ट सिटी, GST कमी, और J&K में Article 370 हटाने जैसे कार्यों को चित्रों से दर्शाया गया है।
हर जिले में चित्र प्रदर्शनी, आम लोगों की शिरकत 
राज्य के हर जिले में बीते सप्ताह या फिर सप्ताह ऐसी प्रदर्शनी आयोजित हुईं या जारी हैं। इन फोटो प्रदर्शियों में सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं, लखीसराय में कॉफी टेबल भी लगाई गई है। आकर्षक फोटो के चित्रण वाली इन प्रदर्शनियों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जुड़ रही है।
  • लखीसराय (गोपाल प्रसाद आर्य) : 23 से 28 सितंबर 2025 तक KR मैदान में लगी। DM मिथिलेश मिश्र और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने उद्घाटन किया। PMAY, स्मार्ट सिटी, GST कमी जैसे कार्यों का प्रदर्शन।
  • बिहारशरीफ: यहां यह फोटो प्रदर्शनी 30 अगस्त से 3 सितम्बर तक चली, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने उद्घाटन किया था। PMAY-G के 3.07 लाख पूर्ण घरों पर फोकस।
  • नवादा: 18 सितंबर को यहां तीन दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हुई, जिसमें केंद्रीय संचार ब्यूरो पटना के कार्यालय प्रमुख कुमार सौरभ मौजूद थे। एमएलसी अशोक यादव ने कहा कि नवादा-गया रेलवे लाइन दोहरीकरण और वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ ने इस क्षेत्र की प्रगति को नयी दिशा दी है

 

  • पटना: गांधी मैदान में CM नीतीश कुमार ने 21 मार्च 2025 को बिहार दिवस पर समान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो इस श्रृंखला का प्रारंभिक भाग था।

 

  • समस्तीपुर : यहां के कल्याणपुर स्थि प्लस टू उच्च विद्यालय परिसर में 27 अगस्त को तीन दिवसीय प्रदर्शनी की शुरुआत हुई थी, यह बिहार के सबसे पहले जिले हैं जहां से इस प्रदर्शनी को शुरु किया गया था।
MIB के प्रादेशिक कार्यालय पटना ने इसे आयोजित किया, ताकि आम जनता तक उपलब्धियां पहुंचें।
प्रदर्शनी में मोदी सरकार की 11 उपलब्धियों का चित्रण 
  1. शहरी विकास: 200 ई-बस शुरू, स्मार्ट सिटी में 261 परियोजनाएं स्वीकृत (26 कार्यरत)।
  2. ग्रामीण विकास: PMAY-G के तहत 3.35 लाख यूनिट्स स्वीकृत, 3.07 लाख पूर्ण; 100% गांव ODF प्लस, 477 भूमिहीन परिवारों को 5-5 मरला जमीन।
  3. सड़क संपर्क: ₹61,528 करोड़ निवेश, यात्रा आसान।
  4. J&K में परिवर्तन: हवाई यात्रा दोगुनी, श्रीनगर रात सेवा, बारामुला-श्रीनगर-बनिहाल रेल विद्युतीकरण।
  5. OBC आरक्षण: 15 नई जातियां, 205 कानून रद्द, 130 सुधार।
  6. सिंचाई: झेलम नदी परियोजना फेज 1 (₹399 करोड़) पूर्ण, फेज 2 (₹1,623 करोड़) चल रहा।
  7. हाइड्रो प्रोजेक्ट: 3,014 MW क्षमता 2026 तक।
  8. स्वास्थ्य: 3,104 वेलनेस सेंटर, 270 औषधि केंद्र।
  9. अन्य: Article 370 हटाना, विक्रम साराभाई, DBT, Ayushman Bharat, 79वें स्वतंत्रता दिवस, VibraX सम्मेलन, PM विदेश यात्राएं।

डिप्टी सीएम बोले- ये है विकास की गाथा

लखीसराय में उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा, “प्रदर्शनी बिहार के विकास आयामों को चित्रों से दिखाती है।” DM मिश्र ने कहा, “11 वर्षों की उपलब्धियां आम जनता तक पहुंच रही हैं।” बिहारशरीफ में स्वास्थ्य मंत्री सुनील कुमार ने कहा, “योजना जागरूकता से लाभार्थी बढ़ेंगे।” नवादा DM ने कहा, “प्रदर्शनी उपयोगी है, जनता अवलोकन करे।” पटना में CM नीतीश ने बिहार दिवस पर कहा, “विकास का अमृत काल बिहार को मजबूत करेगा।”

अन्य राज्यों के चुनिंदा शहरों में प्रदर्शनी
 राष्ट्रीय स्तर पर इसे Sewa Parv 2025 के तहत देश के 75 शहरों में पेंटिंग वर्कशॉप और प्रदर्शनियां लगाकर मनाया जा रहा है। जैसे- बेंगलुरु में 24 सितंबर 2025 को NGMA में “Viksit Bharat ke Rang, Kala ke Sang” थीम पर वर्कशॉप। यूपी के गोरखपुर में 24 सितंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम। बारमेर (राजस्थान), रांची (झारखंड): 24 सितंबर को आर्ट वर्कशॉप। MyGov पोर्टल पर 75 शहरों में इवेंट्स के जरिए 5 करोड़ युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य है। 

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

रिपोर्टर की डायरी

बिहार के इस जिले में नरभक्षी बाघ का खौफ, लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे ग्रामीण

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बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण।
बाघ के खौफ से गांव में लाठी-डंडा लिए मौजूद ग्रामीण। (तस्वीर- टीम बोलते पन्ने)
  • वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन क्षेत्र में हमले कर रहा बाघ।
  • बीते 25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को नरभक्षी बाघ मारकर खा चुका है।
  • छह गांवों में लोग लाठी-डंडा लेकर अपने इलाकों की रखवाली कर रहे।

(गौनहा) बेतिया | मनोज कुमार

बीते 25 दिनों में एक नरभक्षी बाघ (Tiger) तीन स्थानीय ग्रामीणों की जान ले चुका है, जिससे बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में खौफ का माहौल है। ग्रामीणों ने इतना ज्यादा खौफ फैल गया है कि वे अपने गांव में लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं।

ये हमले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धनना और मंगुराहा वन परिक्षेत्र के सटे गांवों में हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एक ही बाघ इंसानों पर हमले कर रहा है और नरभक्षी बन गया है। 12 सितंबर, 1 अक्तूबर और 3 अक्तूबर को एक-एक हत्या कर चुका है। अब तक दो पुरुष और एक महिला को मारकर खा जाने की घटनाएं हुई हैं। इससे इलाके के कैरी, खेखरिया, महायोगीन, बलबल, सोफा और विशुनपुरवा गांवों में डर का माहौल फैल गया। लोग आशंका जता रहे हैं कि बाघ अपने शिकार की तलाश में फिर गांव की ओर लौट सकता है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाघ न सिर्फ उनके मवेशियों पर लगातार हमले कर रहा है, बल्कि तीन गांव वालो को मार चुका है पर वन विभाग सोया हुआ है। अभी तक वह बाघ को ट्रेस नहीं कर पाया है। दूसरी ओर, DFO ने ग्रामीणों से कहा है कि बाघ को ट्रैक किया जा रहा है, ग्रामीण शाम या सुबह को जंगल के आसपास के खेतों में न जाएं।


 

25 दिनों में दो पुरुष और एक महिला को खा गया बाघ

3 oct – बीते तीन अक्तूबर की देर शाम को बाघ ने मटियरिया गांव के भजन मुसहर(40वर्षीय) को अपना निवाला बना लिया। मटियरिया गांव,  मंगुराहा वन क्षेत्र के गोबर्धना रेंज के पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में भैंस चराने गए थे। करीब शाम के पांच बजे भैंस चराकर वापस आते समय पंडयी नदी के पास बाघ भजन मुसहर को उठा ले गया, रात नौ बजे जाकर वन विभाग उनके शरीर का कुछ हिस्सा ढूंढ़ पाया।

1 oct- इससे दो दिन पहले किसुन महतो को बाघ ने अपना शिकार बनाया था, मंगुराहा वन क्षेत्र से सटे कैरी खेखरिया टोला गांव के पास हुआ। मृतक की पत्नी श्रीदेवी ने बताया कि वह अन्य चरवाहों के साथ दोपहर में मवेशी लेकर पंडयी नदी के पास गए थे, तभी बाघ उठाकर ले गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सूचना करने पर भी वन विभाग की टीम बहुत देर से पहुंची।

12 sep – इस इलाके में बाघ के इंसान हमले की यह पहली घटना थी जो गोवर्धन वन क्षेत्र के सोनबरसा गांव के पास हुई। उमछी देवी नामक महिला को बाघ गर्दन से पकड़कर नदी से 500 मीटर अंदर जंगल में ले गया, वे मवेशी चराने गई थीं। इस दौरान अन्य चरवाहे चीखते रहे, पर कोई बाघ की दहशत में जंगल की ओर नहीं जा पाया। बाद में महिला के पैर का एक हिस्सा मिला, जिससे उनकी शिनाख्त हुई।


 

4 मवेशियों को भी मार डाला, हडकंप 

ग्रामीणों का कहना है कि गोबर्धनना वन क्षेत्र के पास के गांवों ने एक बाघ लगातार हमले कर रहा है। अभी तक दो भैंस और दो बकरियों को भी मारकर खा चुका है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हुआ और जान का खतरा बना हुआ है।


 

बाघ ट्रैकिंग में लगे वनकर्मी, सतर्क रहने की अपील

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द बाघ का ट्रैकिंग कर लिया जाएगा। DFO के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कवर किया है कि  ग्रामीण शाम या सुबह के समय जंगल के आसपास स्थित अपने खेतों के पास न जाए, अगर जरूरत पड़े तो समूह बनाकर ही जाए।

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रिपोर्टर की डायरी

lynching : UP में दलित युवक के परिवार से जल्द मिलेंगे राहुल गांधी, आज कांग्रेस डेलीगेशन पहुंचा

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7 अक्तूबर को फतेहपुर में दलित युवक की हत्या के मामले पर जांच रिपोर्ट बनाने आया कांग्रेस का SC/ST डेलीगेशन
7 अक्तूबर को फतेहपुर में दलित युवक की हत्या के मामले पर जांच रिपोर्ट बनाने आया कांग्रेस का SC/ST डेलीगेशन (तस्वीर-टीम बोलते पन्ने)
  • कांग्रेस डेलीगेशन फतेहपुर में मृतक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिला
  • राहुल गांधी का नाम लेने पर हमलावरों ने दलित युवक की लिंचिंग की थी

फतेहपुर | संदीप केसरवानी

यूपी के फतेहपुर जिले तुरावली पुरवा में आज कांग्रेस का डेलीगेशन हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचा। कांग्रेस के SC/ST विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यहां पहुंचकर मीडिया से कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अभी विदेश यात्रा पर गए हुए हैं, वे जल्द लौटकर हरिओम के परिवार से मिलने आएंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने ये मामला संज्ञान में आने पर 4 अक्तूबर को मृतक के पिता से फोन पर बात की थी।

बता दें कि फतेहपुर से रायबरेली जाते समय ऊंचाहार में हरिओम वाल्मीकि को कुछ लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला (lynching) था, मरते समय युवक ने ‘राहुल गांधी’ का नाम लिया था, जिसके बाद उसे क्रूरता से मार डाला गया था।

कांग्रेस का यह डेलीगेशन मृतक के परिवार से मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करके कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगा। पार्टी प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

राहुल ने संयुक्त बयान जारी किया 

आज (7 अक्तूबर) को राहुल गांधी ने एक्स हैंडल से कांग्रेस अध्यक्ष व अपना हस्ताक्षर किया एक संयुक्त बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने दलित समुदाय के ऊपर हो रहे अत्याचारों को ‘संस्थागत’ हत्या कहा। गौरतलब है कि आज वाल्मीकि जयंती है और उत्तर प्रदेश सरकार ने आज अवकाश रखा है।

7 अक्तूबर को वाल्मीकि जयंती के मौके पर राहुल गांधी ने इस मामले पर संयुक्त बयान जारी किया ।

7 अक्तूबर को वाल्मीकि जयंती के मौके पर राहुल गांधी ने इस मामले पर संयुक्त बयान जारी किया ।

 

भाजपा शासित राज्यों में दलितों का उत्पीड़न हो रहा : गौतम

जिले में आए कांग्रेस के डेलीगेशन में SC/ST अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि देश के पांच राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां 72 प्रतिशत दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सबसे ज्यादा यूपी में जहां 26.02 प्रतिशत उत्पीड़न दलितों का हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पकड़े गए दोषियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सजा होनी चाहिए। इस डेलीगेशन में सांसद तनुज पुनिया, तेलंगाना के मिनिस्टर विवेक वेंकट स्वामी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खबरी शामिल थे।

 

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चुनावी डायरी

जीतन राम मांझी : NDA की दलित ताकत, पर सीट शेयर में बड़ी अड़चन

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भाजपा, जदयू के साथ गठबंधन वाले NDA में 'हम' पार्टी की अहमियत पर विश्लेषण। (तस्वीर - @jitanrmanjhi)
जीतनराम मांझी (तस्वीर - @NandiGuptaBJP)
  • बिहार चुनाव में NDA से 15 से 20 सीटें चाहते हैं HAM चीफ माझी

नई दिल्ली|

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान में जीतन राम मांझी का नाम सबसे ऊपर है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री मांझी ने 15 से 20 सीटों की मांग रखी है, लेकिन BJP-JDU गठबंधन उन्हें 3-7 सीटें देने पर अड़ा है। क्या मांझी NDA के लिए महादलित-दलित वोटों की ‘मजबूत कड़ी’ हैं या उनकी बढ़ती महत्वाकांक्षा के बीच गठबंधन बचाना ‘मजबूरी’ और चुनौती बन गया है? आइए जानते हैं इस विश्लेषण में..


जीतनराम मांझी (तस्वीर - @NandiGuptaBJP)

जीतनराम मांझी (तस्वीर – @NandiGuptaBJP)

NDA में मांझी की ‘मजबूती’: दलित वोटों का मजबूत आधार

 हालिया बैठकों और बयानों से साफ है कि मांझी की मौजूदगी से NDA को जातीय समीकरण में मजबूती मिलती है। पर BJP के बार-बार मनाने पर भी वे अपनी मांग पर अड़े हैं, बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इसे उनकी ‘साफगोई’ कहा है। जातीय गणित की नजर से देखें तो मांझी NDA को कई सीटों पर मजबूती देते दिखते हैं-

  • महादलित-दलित वोट बैंक: बिहार में दलित (16%) और महादलित (मुसहर, डोम आदि) वोटरों पर मांझी की पकड़ मजबूत है। 2020 में HAM ने 7 सीटों पर 60% से ज्यादा स्ट्राइक रेट दिखाया, जो NDA की कुल 125 सीटों में योगदान देता है। चिराग पासवान (LJP) के साथ मिलकर वे पश्चिम चंपारण से गया तक दलित वोटों को एकजुट करते हैं।
  • नीतीश के पूरक: NDA का महादलित फोकस मांझी से मजबूत होता है। लोकसभा 2024 में NDA की 30/40 सीटों में मांझी का रोल सराहा गया।
  • केंद्रीय मंत्री के रूप में: MSME मंत्री के तौर पर वे केंद्र की रोजगार सृजन योजनाओं (जैसे PMEGP) को बिहार में लागू कर NDA की छवि चमकाते हैं।

NDA में मांझी की मजबूती –

 उदाहरण

जातीय समीकरण

महादलित (12%) वोटों पर पकड़; 2020 में 4/7 सीटें जीतीं।

रणनीतिक भूमिका

JDU-BJP के बीच दलित ब्रिज; चिराग के साथ मिलकर विपक्ष (RJD) को चुनौती।

परिवारिक प्रभाव

बेटाबहू के मंत्री/विधायक होने से स्थानीय स्तर पर मजबूती।

विवादास्पद अपील

गरीबी से सत्ता की कहानी दलित युवाओं को प्रेरित करती है।

 


जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

NDA के लिए ‘मजबूरी’: बढ़ती मांगें और बगावती तेवर

दूसरी तरफ, मांझी की महत्वाकांक्षा NDA के लिए सिरदर्द बनी हुई है:

  • सीटों की मांग: बिहार विधानसभा चुनाव में 15-20 (कभी 25-40) सीटें मांग रहे हैं, ताकि HAM को ECI मान्यता (6% वोट/6 सीटें) मिले। लेकिन BJP-JDU उन्हें 3-7 सीटें देने को तैयार हैं। धर्मेंद्र प्रधान की 5 अक्टूबर 2025 की मीटिंग में मांझी को ‘3 से ज्यादा पर नहीं’ कहा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांझी ने धमकी दी- “अगर 15-20 न मिलीं तो 100 सीटों पर अकेले लड़ेंगे।”
  • नाराजगी का इतिहास: 2015 में BJP ने नीतीश के सामने मांझी को ‘अपमानित’ होने दिया। अब अप्रत्यक्ष अपमान (वोटर लिस्ट न देना) से नाराज हैं। News18 में मांझी ने कहा, “हम रजिस्टर्ड हैं, लेकिन मान्यता नहीं—यह अपमान है।”
  • गठबंधन तनाव: NDA का फॉर्मूला लगभग तय है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- JDU को 102-108, BJP को 101से 107, LJP को 20से 22, HAM को 3से 7, RLM को 3से 5 सीटें देने का फॉर्मूला है। मांझी की मांग से JDU-BJP के बीच ‘100 सीटों की लड़ाई’ तेज हुई है। उपेंद्र कुशवाहा (RLM) ने भी 15 सीटों की मांग कर दी है जिससे NDA पर 35 सीटों को लेकर दवाब बढ़ गया है।
  • बगावत का जोखिम: अगर मांझी बगावत करें, तो दलित वोट बंट सकते हैं, जो महागठबंधन (RJD) को फायदा देगा। लेकिन NDA उन्हें ‘जरूरी बुराई’ मानता है—इग्नोर करने से वोट लॉस, मानने से सीट शेयरिंग बिगड़ेगी।

NDA के लिए मांझी की मजबूरी के पहलू

उदाहरण

सीट मांग का दबाव

20 मांगीं, 3-7 ऑफर; बगावत की धमकी।

पुराना अपमान

2015 में BJP-JDU नेछोड़ दिया‘; अब मान्यता की लड़ाई।

गठबंधन असंतुलन

JDU-BJP 200+ सीटें चाहते; छोटे दलों कोकुर्बानीदेनी पड़ रही।

विवादास्पद छवि

बयान गठबंधन को नुकसान पहुंचाते, लेकिन वोटरों को जोड़ते।

 


केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी

केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी

मजबूती ज्यादा, लेकिन मजबूरी नजरअंदाज नहीं

मांझी NDA के लिएमजबूतीज्यादा हैंउनके बिना दलित वोटों का 20-25% हिस्सा खिसक सकता है। लेकिन सीट बंटवारे की उनकी जिद गठबंधन कोमजबूरीमें डाल रही है, जहां BJP-JDU को छोटे दलों को मनाना पड़ रहा। 5 अक्टूबर की प्रधानमांझी बैठक में सहमति बनी, लेकिन अंतिम फॉर्मूला जूनजुलाई में तय होगा। अगर NDA 225+ सीटें जीतना चाहता है (जैसा मांझी दावा करते हैं), तो मांझी कोसम्मानजनकरखना जरूरी। वरना, बिहार का जातीय समीकरण फिर उलट सकता है। राजनीतिक पंडितों का मानना है: मांझीकरो या मरोके दौर में हैं, और NDA के लिए वेजरूरी सहयोगीसेसंभावित खतराबन सकते हैं।


 

मांझी की राजनीतिक यात्रा: बंधुआ मजदूरी से सत्ता तक 

जीतन राम मांझी बीते छह अक्तूबर को 81 बरस के हो गए। वे मुसहर समुदाय (महादलित) से आते हैं, जो बिहार के सबसे वंचित वर्गों में शुमार है। बचपन में बंधुआ मजदूरी करने वाले मांझी ने शिक्षा के बल पर 1966 में हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया और पोस्टल विभाग में नौकरी पाई।

जीतन राम माझी

जीतन राम माझी

1980 में कांग्रेस से राजनीति में कदम रखा, फिर RJD (लालू प्रसाद) और 2005 में JDU (नीतीश कुमार) से जुड़े। 2014 में लोकसभा चुनाव में JDU की करारी हार के बाद नीतीश ने इस्तीफा दिया और मांझी को मुख्यमंत्री बनाया—मकसद महादलित वोटों को साधना। लेकिन 9 महीने बाद (फरवरी 2015) विवादास्पद बयानों (जैसे डॉक्टरों के हाथ काटने की धमकी, चूहे खाने को जायज ठहराना) और नीतीश पर हमलों से JDU ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 18 विधायकों के साथ HAM बनाई।

2020 में NDA में वापसी हुई, जहां HAM को 7 सीटें मिलीं और 4 जीतीं। लोकसभा 2024 में गयासुर लोकसभा सीट जीतकर मांझी केंद्रीय मंत्री बने। उनके बेटे संतोष कुमार मांझी बिहार सरकार में मंत्री हैं, जबकि बहू दीपा मांझी इमामगंज से विधायक। यह पारिवारिक राजनीति NDA के लिए फायदेमंद रही, लेकिन मांझी के बयान (जैसे ताड़ी को ‘नेचुरल जूस’ कहना) अक्सर विवादों का सबब बने।

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