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रिपोर्टर की डायरी

West UP के बाद अब East में भी ड्रोन की अफवाहें फैलीं, सरकार ऐक्शन में

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  • यूपी से कुशीनगर, सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़ के आसमान में चमकीली वस्तु दिखने के स्थानीय दावे।
  • योगी सरकार ने निर्देश जारी किए कि जो लोग अफवाह फैलाते पकड़े गए, उनके ऊपर NSA लगेगा।

(यूपी के इनपुट के साथ) नई दिल्ली|

पश्चिमी यूपी में थम चुकीं ड्रोन की अफवाहों के बाद अब पूर्वी यूपी में ऐसी अफवाहें उठने लगी हैं। पूर्वी यूपी के कम से कम 8 जिलों में ड्रोन जैसी कोई जैसी चमकीली वस्तु आसमान में देखने के दावे बीते दो दिनों में जोर पकड़ गए। सक्रिय होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।बता दें कि जुलाई-अगस्त महीनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ड्रोन उड़ाकर रेकी के बाद चोरी करने की अफवाहों से लोग परेशान थे और गर्मियों में भी सुरक्षा के चलते घर के भीतर सोए या चोरी की डर से नहीं सोए।

सरकार का बयान : ड्रोन से रेकी-चोरी की अफवाह पर ऐक्शन

बीते शुक्रवार को सीएम ने कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की, जिसके बाद यूपी सरकार के ऑफिशियल एक्स अकाउंट से इस बारे में बयान जारी किया गया, जो इस प्रकार है-

“सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बस्ती और प्रयागराज आदि जनपदों में ड्रोन के जरिए रेकी व चोरी की अफवाह फैल रही है। अफवाह फैलाने वालों की गिरफ्तारी हो और पुलिस लगातार गश्त करें। चौकीदारों की सक्रियता बढ़ाई जाए ताकि गलत सूचनाओं से जनता आतंकित न हो। सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं की रोकथाम के लिए कड़ी मॉनिटरिंग की जाए।” – UP सरकार

1- आजमगढ़ :15 दिन से अफवाह, डायल 112 को फोन कर रहे लोग
आजमगढ़ (धर्मेंद्र श्रीवास्तव) |  यहां पिछले 15 दिन से ज्यादा समय से लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें आसमान में उड़ते ड्रोन जैसा कुछ दिखा। कई इलाकों में लोगों ने ड्रोन जैसी वस्तु दिखने के बाद चोरी की आशंका के चलते रात भर जागकर गुजारने की बात कही। ऐसा ही बीते गुरुवार को निजामाबाद तहसील के मजबीठा गांव में हुआ। जब लोगों ने गुरुवार को आसमान में चमकती वस्तु देखने के दावे के बाद Dial 112 को फोन किया और मौके पर पुलिस पहुंची। हालांकि पुलिस को वहां ऐसा कुछ नहीं मिला। यहां लोग रातभर अफवाहों के डर से जागते रहे।
इसके अलावा, निजामाबाद थाना क्षेत्र के फरिहा गांव में भी ड्रोन की अफवाह फैली। लोगों ने स्थानीय सोशल मीडिया ग्रुपों पर वीडियो भी शेयर किए, हालांकि इन्हें वेरिफाई नहीं किया जा सका। इस मामले में निजामाबाद थाना प्रभारी ने कहा कि उनके पास ड्रोन या चोरी से जुड़ी कोई शिकायत नहीं आयी है। इससे पहले बूढनपुर तहसील के अतरौलिया कस्बा के आसमान में भी स्थानीय लोगों ने ड्रोन जैसी वस्तु देखने का दावा किया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करे।
एक ड्रोन और कई वीडियो जांच को भेजे स्थानीय पत्रकार राजीव चौहान ने बताया कि जिले में फैली अफवाह के बीच पुलिस प्रशासन को हाल में एक ड्रोन मिला था जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। साथ ही, स्थानीय स्तर पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो को भी जांच के लिए भेजा गया है।

2- दो दिन से चमकती वस्तु देखी जा रही, एक ड्रोन भी मिला 

कुशीनगर (मनोज कुमार यादव) | यहां आसमान में गोलाकार चमकीली वस्तु देखी गई है, जिसे वीडियो में देखा जा सकता है। स्थानीय रिपोर्टर मनोज का कहना है कि उन्होंने खुद हाटा नगर पंचायत क्षेत्र के सुकरौली के आसमान में ऐसी चमकीली वस्तु देखी। साथ ही, खड्डा क्षेत्र में पुलिस को ड्रोन भी लावारिस पड़ा मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। हालांकि यहां अभी ड्रोन से जोड़कर चोरी जैसी कोई अफवाह नहीं है। नवागत एसपी केशव कुमार ने कहा कि क्षेत्र में अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी।

बीते गुरुवार को हाटा तहसील के नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र में शाम सात बजे के बाद लाल-हरी चमकीली गोलाकार वस्तु आसमान में उड़ती देखी गई। फिर शुक्रवार को कस्या और हाटा के बीच हाईवे के आसपास के क्षेत्रों में चमकीली वस्तु उड़ती देखने के दावे लोगों ने किए। अब तक ऐसी खबरें नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया, पकडीहवा, मंशा छपरा, परसौनी, बरगहा और लक्ष्मीपुर गांवों के अलावा, अहिरौली थाना क्षेत्र के बरडीहा और महुवाखुर्द से भी आ चुकी हैं। इसके अलावा, हाटा नगर पंचायत क्षेत्र के सुकरौली के आसमान में भी लोगों ने चमकती हुई लाइट दिखने का दावा किया। हालांकि एसपी ने कहा कि लोगों को अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

3- सुल्तानपुर : ड्रोन के पीछे लाठी-डंडे लेकर लोग भागे

यहां की लम्भुआ नगर पंचायत के गांवों किछला नगर व परसरामपुर में लोगों ने शुक्रवार को जमीन से कुछ ऊंचाई पर ड्रोन जैसा कुछ उड़ते देखने का दावा किया और वीडियो भी बनाए। स्थानीय लोग ड्रोन के पीछे चोरों की आशंका से लाठी-डंडे लेकर भी दौड़ गए।

4- जौनपुर: कोतवाली इलाके में चमकीली वस्तु देखने का दावा 
बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के घनश्यामपुर, बटाऊवीर, शाहपुरसानी कुशहा, बडेरी गांवों में लोगों ने सात बजे के बाद से ड्रोन दिखने की शिकायतें कीं। अफवाह की जानकारियां आने के बाद एसपी ने मीडिया के जरिए कहा कि स्थानीय लोग Dial 112 पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी दर्ज करा सकते हैं। 
पश्चिमी यूपी में गिरफ्तारियों के बाद अफवाह थमी थी
जुलाई-अगस्त में पश्चिमी यूपी के बरेली, मुरादाबाद, आगरा मंडल के कई जिलों में ड्रोन की अफवाह जोरों से फैली थी, ग्रामीण व शहरी इलाकों में भी लोग दावे कर रहे थे कि आसमान में कुछ चमकीला उड़ता दिखा। साथ ही इसका इस्तेमाल चोरी की रेकी करने के लिए करने के दावे भी किए जा रहे थे, हालांकि ऐसी कोई चोरियां सामने नहीं आईं। फिर अलग-अलग जिलों में गिरफ्तारियां की गईं और अफवाह थमने लगी।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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रिपोर्टर की डायरी

जब नीतीश कुमार दसवीं बार CM बने, उसी दिन नालंदा विवि ने पूरे किए 75 वर्ष

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By The image belongs to the Nava Nalanda Mahavihara and I have permission - https://www.youtube.com/watch?v=VKXzC6nb-34, Public Domain, Link
प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इस डीम्ड विश्वविद्यालय का स्थापना की थी।
  • नव नालंदा महाविहार (Deemed University) ने 21 सितंबर को स्थापना के 75 वर्ष पूरे किए
नालंदा | संजीव राज
जिस दिन नालंदा के राजगीर के बेटे नीतीश कुमार ने पटना में दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की शपथ ली, उसी दिन राजगीर से महज 12 किलोमीटर दूर नालंदा में एक और इतिहास बना। यह ऐतिहासिक बन है- नव नालंदा महाविहार (Deemed University) ने अपने 75 वर्ष पूरे किए
यह संयोग एक संदेश भी लाया।
एक तरफ बिहार की नई सरकार शपथ ले रही है जो बार-बार दावा करती है कि वे शिक्षा क्रांति लाएंगे।

दूसरी तरफ उसी बिहार का नालंदा खड़ा है जो 1600 साल पहले दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय था, जिसे ह्वेनसांग ने “ज्ञान का संयुक्त राष्ट्र” कहा था और जिसे आज फिर से जीवित किया जा रहा है।
प्रथम राष्ट्रपति ने रखी थी नींव 
20 नवंबर 1951 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने नव नालंदा महाविहार की नींव रखी थी। इसका एक ही उद्देश्य था कि 12वीं सदी में बख्तियार खिलजी द्वारा जलाए गए प्राचीन नालंदा को फिर से खड़ा किया जाए।  
75 साल पूरे होने के मौके पर पहुंचे केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

75 साल पूरे होने के मौके पर पहुंचे केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

AI से पांडुलिपियां होंगी डिजिटल
आज 75 साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने घोषणा की- 
“नव नालंदा महाविहार को ‘ज्ञान भारतम् मिशन’ का क्लस्टर सेंटर बनाया जा रहा है, प्राचीन पांडुलिपियों का AI से डिजिटलीकरण होगा।”
5वीं सदी में दुनिया के 10 हजार विद्यार्थी पढ़ते थे
एक समय यहां विदेशी विद्यार्थी पाली, बौद्ध दर्शन और तिब्बती अध्ययन पढ़ने आते हैं। वियतनाम के बौद्ध संघ ने इसे “United Nations of Wisdom” कहा। 5वीं सदी में 10,000 विद्यार्थी और 1,500 शिक्षक थे। कोरिया, चीन, तिब्बत, मध्य एशिया से लोग पढ़ने आते थे। आज फिर विदेशी छात्र भारत को “बौद्ध संस्कृति का राजदूत” बनकर लौट रहे हैं।
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चुनावी डायरी

दो सीटें जीतने के बाद भी NDA सरकार में सीमांचल को सीमित प्रतिनिधित्व, अररिया की जनता नाराज

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  • अररिया जिले को NDA सरकार के मंत्रीमंडल में कोई मंत्री नहीं मिला जबकि पहले हर सरकार यहां से मंत्री बनाती आई है।

फारबिसगंज(अररिया) |  मुबारक हुसैन
नई सरकार के गठन के साथ एनडीए समर्थकों में जहां उत्साह का माहौल है, वहीं अररिया जिले में निराशा गहराती दिख रही है। इसका कारण है कि जिले से किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, जबकि हर सरकार में अररिया से कैबिनेट मंत्री बनते आए हैं। इस बार पूर्णिया से विधायक लेशी सिंह को जरूर मंत्री बनाया गया है पर NDA मंत्रीमंडल में घटे सीमांचल के प्रतिनिधित्व से आम लोग नाराज हैं।

बीजेपी ने दो सीट जीतीं फिर भी उपेक्षित
अररिया जिले की कुल छह विधानसभा सीटों में से नरपतगंज और सिकटी में भाजपा ने जीत दर्ज की। खासकर सिकटी से लगातार हैट्रिक के साथ छठी बार विधानसभा पहुंचे वरिष्ठ भाजपा नेता विजय मंडल के मंत्री बनने की अटकलें तेज थीं। पिछली सरकार में उन्होंने बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में कार्य किया था और सीमांचल सहित कोसी अंचल के मुद्दों को मजबूती से उठाया था। ऐसे में माना जा रहा था कि अनुभव और लगातार जीत के आधार पर उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। लेकिन इस बार उन्हें भी बाहर रखा गया, जिससे जिले में मायूसी और राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

एनडीए का कमजोर प्रदर्शन भी बनी वजह?
पिछले दो चुनावों की तुलना में इस बार जिले में एनडीए का प्रदर्शन कमजोर रहा है। फारबिसगंज और रानीगंज जैसी परंपरागत सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। दो दशक से अधिक समय तक इन दोनों सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा था। रानीगंज में जहां जदयू विजयी होती रही, वहीं फारबिसगंज भाजपा की सुरक्षित मानी जाने वाली सीट रही है। विश्लेषकों का कहना है कि छह में से सिर्फ दो सीटें जीत पाने की स्थिति एनडीए के लिए अनुकूल नहीं रही, जिसका असर मंत्री पद के चयन में दिखा है।

अररिया को मिलता रहा है प्रतिनिधित्व
स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चाहे राज्य में महागठबंधन सरकार रही हो या एनडीए की, अररिया को हमेशा मंत्री पद के स्तर पर प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। जिले के दिग्गज नेताओं जैसे सरयू मिश्रा, मोइदुर रहमान, अजीमुद्दीन, तस्लीमुद्दीन, सरफराज आलम, शाहनवाज आलम, शांति देवी और रामजी दास ऋषिदेव आदि ने पूर्व में मंत्री पद संभालकर जिले का प्रतिनिधित्व किया है। इसी क्रम को पिछले कार्यकाल में विजय कुमार मंडल ने आगे बढ़ाया पर इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।

सीमांचल की आवाज़ कमजोर होने की आशंका
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीमांचल क्षेत्र पहले से ही विकास के मामले में पिछड़ा माना जाता है। ऐसे में मंत्री पद जैसा प्रतिनिधित्व जिले की समस्याओं को सरकार तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाने का साधन रहा है। इस बार किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से आम लोगों में चिंता है कि जिले की आवाज राजधानी में कमजोर पड़ सकती है।

क्या कहते हैं पार्टी कार्यकर्ता
अररिया को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर NDA के घटक दलों के कार्यकर्ताओं का मानना है कि इससे राजनीतिक रूप से गलत संदेश जा सकता है। हालांकि कार्यकर्ता यह भी कह रहे हैं कि अगर 5 साल के कार्यकाल में NDA अपना कैबिनेट विस्तार करती है तो जरूर अररिया को मंत्री मिलेगा।


 

NDA सरकार के जिलावार कैबिनेट मंत्रियों की सूची

1. सहयोगी कोटा – संतोष सुमन – HAM – (गया)
2. सहयोगी कोटा – संजय पासवान – LJPR- (बेगूसराय)
3. सहयोगी कोटा – संजय सिंह – LJPR – ( वैशाली)
4. सहयोगी कोटा – दीपक प्रकाश – RLM – ( वैशाली )
5. भाजपा कोटा – रामकपाल यादव – BJP ( पटना)
6. भाजपा कोटा – संजय सिंह टाइगर – BJP ( आरा )
7. भाजपा कोटा – अरुण शंकर प्रसाद – BJP ( मधुबनी)
8. भाजपा कोटा – सुरेन्द्र मेहता – BJP, ( बेगूसराय)
9. भाजपा कोटा – नारायण प्रसाद – BJP ( पश्चिम चंपारण)
10. भाजपा कोटा – सम्राट चौधरी – डिप्टी सीएम ( मुंगेर )
11. भाजपा कोटा – विजय सिन्हा – डिप्टी सीएम – ( लखीसराय)
12. भाजपा कोटा – दिलीप जायसवाल – BJP ( किशनगंज )
13. भाजपा कोटा – मंगल पांडेय – BJP ( सीवान)
14. भाजपा कोटा – नितिन नवीन – BJP ( पटना)
15. भाजपा कोटा – रमा निपद – BJP ( मुजफ्फरपुर)
16. भाजपा कोटा – लखेंद्र पासवान – BJP ( वैशाली)
17. भाजपा कोटा – श्रेयसी सिंह – BJP ( जमुई )
18. भाजपा कोटा – प्रमोद कुमार चंद्रवंशी – BJP ( जहानाबाद)
19. JDU कोटा – नीतीश कुमार – मुख्यमंत्री ( नालंदा)
20. JDU कोटा – विजय कुमार चौधरी – JDU ( समस्तीपुर)
21. JDU कोटा – अशोक चौधरी – JDU (शेखपुरा)
22. JDU कोटा – विजेन्द्र यादव – JDU ( सुपौल)
23. JDU कोटा – श्रवण कुमार – JDU ( नालंदा)
24. JDU कोटा – जमा खान – JDU ( कैमूर)
25. JDU कोटा – लेशी सिंह – JDU ( पूर्णिया)
26. JDU कोटा – मदन सहनी – JDU ( दरभंगा)

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चुनावी डायरी

बिहार : नई सरकार की शपथ के दिन मौन व्रत पर बैठे प्रशांत किशोर

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गांधी प्रतिमा के सहयोगियों संग बैठे प्रशांत किशोर।
गांधी प्रतिमा के सहयोगियों संग बैठे प्रशांत किशोर।
  • 20 नवंबर सुबह 11:14 मिनट से मौन व्रत शुरू हुआ तो 21 नवंबर को सुबह 11:15 बजे तक चलेगा।

बेतिया (पश्चिमी चंपारण) |

बिहार में गुरुवार को नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इसी दिन को प्रशांत किशोर ने जनसुराज की चुनावी रणनीति की गड़बड़ियों से जुड़े प्रायश्चित के लिए चुना।

दो दिन पहले जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोेर ने मीडिया के सामने कहा था कि वे जनता तक अपने संदेश को ठीक ढंग से पहुंचा नहीं पाए, जिसके लिए वे प्रायश्चित स्वरूप एक दिन का मौत व्रत रखेंगे।

इसके तहत प्रशांत किशोर ने आज (20 नवंबर) सुबह सबा 11 बजे पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में मौन उपवास शुरू किया जो अगले दिन इसी समय तक चलेगा। अपने सहयोगियों के साथ वे गांधी प्रतिमा के पास बैठे मौत उपवास अकेले कर रहे हैं।

जनसुराज पार्टी ने एक्स पर प्रशांत किशोर की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा ‘गांधी आश्रम , भितिहरवा में एक दिन के मौन उपवास के साथ बिहार में बदलाव की नई शुरुआत।’

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी और उन्हें 3.34 प्रतिशत वोट मिला।

 

गांधी के आंदोलन के खिलाफ रहे हैं PK

गांधी के रास्ते पर चलते हुए मौन व्रत करके आत्मबल और आत्म चिंतन कर रहे प्रशांत किशोर कुछ मामलों में गांधीवादी विचारधारा से उलट राय रखते हैं। प्रशांत किशोर अक्सर अपने भाषणों में कहते रहे हैं कि वे महात्मा गांधी के आंदोलन करने के तरीकों का समर्थन नहीं करते।

वे कहते हैं कि दीर्घकालिक विकास और व्यवस्था में बदलाव के लिए आंदोलन आधारभूत तरीका नहीं है, बल्कि वे ऐसी चुनावी प्रक्रिया के समर्थक हैं जिसमें सही लोग चुनकर नेतृत्व करें।

उनका कहना है कि फ्रांस रेवोल्यूशन को छोड़कर इतिहास में किसी भी आंदोलन या क्रांति ने किसी भी देश में लंबे समय तक टिकने वाले विकास का रास्ता नहीं बनाया है।

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